शेयर इश्यू के प्रकार | Various types of share issue in Hindi.

शेयर बाजार से पैसा कमाई करने की चाह रखने वालों को इससे समबन्धित जरुरी जानकारी होना अति आवश्यक होता है | इसलिए आज हम हमारे कमाई टिप्स की इस उपश्रेणी में शेयर इश्यू के प्रकार की बात करेंगे, ताकि शेयर मार्केट से कमाई करने की चाह रखने वाले व्यक्ति उचित जानकारी पाकर अपनी सूझ बूझ से शेयर मार्केट में निवेश करने में सक्षम हो सकें |

हालांकि शेयर इश्यू के प्रकार के अलावा भी शेयर मार्केट में ऐसी ऐसी शब्दावली मौजूद है जिसे समझना किसी भी निवेशक अर्थात शेयर बाजार से पैसा कमाई करने की चाह रखने वाले व्यक्ति के लिए आवश्यक होता है | इसलिए हम इस श्रेणी के अंतर्गत समय समय पर इन पर जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश करते रहेंगे | लेकिन प्राइमरी मार्केट अर्थात प्राथमिक बाजार की यदि हम बात करें तो इसमें सामान्यतया मुख्य रूप से हर निवेशक को चार प्रकार के शेयर इश्यू से मुखातिब होना पड़ता है जिनका वर्णन हम निम्नवत करेंगे |

शेयर इश्यू के प्रकार Types-of-share-issue

1. इनिशियल पब्लिक ऑफर (आई. पी. ओ.):

प्राथमिक बाज़ार में शेयर इश्यू के प्रकार में पहला प्रकार जब किसी अनलिस्टेड कंपनी द्वारा नए शेयर जारी करने के उद्देश्य से पूँजी बाजार में प्रस्ताव लाया जाता है | कहने का आशय यह है की जब किसी कंपनी द्वारा अपने शेयर को पहली बार आम जनता के लिए बाज़ार में प्रस्तुत करने का प्रस्ताव लाया जाता है तो इस प्रकार के इस प्रस्ताव को इनिशियल पब्लिक ऑफर (आई. पी. ओ.) कहा जाता है |

Initial Public Offer  की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उस कंपनी को शेयर मार्केट में सेबी द्वारा सूचीबद्ध कर दिया जाता है | साधारण शब्दों में यदि IPO  को समझने की कोशिश करें तो कहा जा सकता है की किसी कंपनी द्वारा धन उगाही के लिए प्राइमरी मार्केट में आम जनता के लिए जो आरम्भिक प्रस्ताव लाया जाता है उसे इनिशियल पब्लिक ऑफर कहते हैं |

इनिशियल पब्लिक ऑफर जारी करने के तरीके :

कोई भी कंपनी दो तरीकों से इनिशियल पब्लिक ऑफर जारी करती है जिनका वर्णन निम्नवत है |

1. बुक बिल्डिंग रूट (Book Building Root):

IPO जारी करने के इस तरीके में कंपनी अपने नए शेयरों के लिए एक प्राइस बैंड तय करती है | और निवेशक अपनी इच्छानुसार ही उस प्राइस बंद की लिमिट में ही आवेदन करते हैं | बुक बिल्डिंग रूट में इस प्राइस बैंड की सबसे उपरी एवं निचली कीमत में अधिक से अधिक अंतर बीस प्रतिशत तक का हो सकता है | बुक बिल्डिंग रूट में बुक बिल्डिंग की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही शेयर की कीमत तय की जाती है |

2. फिक्स्ड प्राइस रूट (Fixed Price Root):

IPO जारी करने के इस दूसरे तरीके में कंपनी द्वारा अपने शेयर की एक निश्चित कीमत प्रस्तुत किये जाने का प्रावधान है | इसमें निवेशकों को पहले से कंपनी के शेयर की कीमत का पता होता है | इसमें दोनों तरह के निवेशक चाहे वे संस्थागत हों, या रिटेल दोनों आवेदन कर सकते हैं |

2. पब्लिक इश्यू (Public Issue) :

प्राथमिक बाजार में शेयर इश्यू के प्रकार में दूसरा प्रकार पब्लिक इश्यू है | जब कोई पहले से लिस्टेड कंपनी प्राइमरी मार्केट में शेयरों के नए इश्यू लाना चाहती हो | या फिर अपने स्वामित्व में से कुछ हिस्सा पब्लिक के लिए प्रस्तुत करना चाहती हो तो इस शेयर इश्यू को पब्लिक इश्यू कहा जाता है | जहाँ तक इसकी कार्यशैली का सवाल है इसकी कार्यशैली भी IPO की तरह ही होती है |

3. राईट इश्यू (Right Issue) :

शेयर इश्यू के प्रकार में तीसरा प्रकार राईट इश्यू है, सामान्यतया जब कोई लिस्टेड कंपनी अपने शेयर होल्डरों को प्राथमिकता देते हुए नए इश्यू जारी करती है तो इन्हें राईट इश्यू कहा जाता है | इन राईट इश्यू को जारी करते वक्त कंपनी अपने शेयर होल्डरों को उनकी शेयरों के संख्या के अनुरूप नए शेयर खरीदने का प्रस्ताव रखती है | यह जरुरी नहीं है की हर शेयर होल्डर को कंपनी के इस प्रस्ताव को मानना ही पड़ेगा शेयर होल्डर चाहें इसे स्वीकार कर सकते हैं और चाहें तो अस्वीकार भी कर सकते हैं |

कंपनी के शेयर होल्डर कंपनी के इस प्रस्ताव के लिए किसी अन्य शेयर होल्डर को भी अधिकृत कर सकते हैं | शेयर इश्यू के प्रकार राईट इश्यू के दौरान कंपनी के शेयरों की बाजार कीमतों में परिवर्तन आ सकता है |

इसलिए राईट इश्यू जारी होने से पहले शेयर की कीमत Cum Right Price कहलाती है एवं Right Issue के तहत आवंटित होने के बाद शेयरों की यह कीमत Ex Right Price कहलाती है | राईट इश्यू का शेयर बाजार द्वारा आकलन दर्शाने के लिए cum right price एवं Ex Right Price में अंतर किया जाता है | आइये नीचे हम Cum Right एवं ex right के बारे में थोड़ा बहुत और जानने की कोशिश करते हैं |

Cum Right: शेयर इश्यू के प्रकार राईट इश्यू को लाने से पहले कंपनी द्वारा इसको लाये जाने की घोषणा की जाती है, घोषणा से लेकर राईट इश्यू लाये जाने तक के समय में उस कंपनी के शेयर Cum Right Share बन जाते हैं | यद्यपि Cum Right Share की कीमतें थोड़ी अधिक होती हैं चूँकि कंपनी द्वारा एक निश्चित तारीख की घोषणा की जाती है इसलिए इस तारीख से पहले के शेयर धारकों को Right Issue का अधिकार होता है |

Ex Right: किसी कंपनी द्वारा राईट इश्यू जारी करने के बाद शेयरों की कीमत से राईट का हिस्सा निकाल जाता है और उसी समय मार्केट में शेयर की स्थिति EX Right कहलाती है |

4. प्रीफरेंशियल इश्यू (Preferential Issue):

शेयर इश्यू के प्रकार में चौथा प्रकार प्रीफरेंशियल इश्यू है जब कोई लिस्टेड कंपनी अपने कुछ चुनिन्दा निवेशकों के लिए शेयर अर्थात इक्विटी का इश्यू जारी करती है, जिसमे शेयर की तय की गई कीमत का उस समय के बाजार मूल्य से कोई सम्बन्ध नहीं होता है इस प्रकार के शेयर इश्यू को Preferential Issue कहते हैं |

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