सोयाबीन का तेल बनाने का बिजनेस | Soya bean Oil Making Business in Hindi.

Soya Bean Oil यानिकी सोयाबीन के तेल के बारे में शायद आप सभी जानते होंगे क्योंकि वर्तमान में सरसों तेल के अलावा रिफाइंड तेल का भी इस्तेमाल खाने के तेलों में ज्यादातर तौर पर किया जाता है | कहने का आशय यह है की Soya Bean Oil प्रमुख खाद्य तेलों में से एक है यह एक वनस्पति तेल है |  यद्यपि सोयाबीन के तेल को सोयाबीन के बीजों से बनाया जाता है इसलिए यह उद्योग भी कृषि आधारित उद्योग है | चूँकि इंडिया एक कृषि प्रधान देश है और सोयाबीन की फसल यहाँ उपयुक्त मात्रा में होती है |

इसलिए अक्सर लोग यह जानने का प्रयास करते हैं की क्या वे सोया बीन के तेल बनाने का व्यापार शुरू कर सकते हैं ?| आज हम इस लेख के माध्यम से यही जानने का प्रयत्न करेंगे की यदि कोई व्यक्ति Soya Bean making Business शुरू करना चाहता है तो उसे संभवत: किन किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ सकता है | इससे पहले की हम इसके बारे में आगे विस्तृत तौर पर वार्तालाप करें आइये जानते हैं सोयाबीन का तेल बनाने का व्यापार है क्या?

Soya bean oil making business

सोयाबीन का तेल बनाने का व्यापार क्या है (What is Soya bean Oil Making Business in Hindi):

सोयाबीन एक कृषि उत्पादित फसल है जिसके उत्पादन में भारतवर्ष का अग्रणी स्थान है | इस फसल से केवल तेल ही नहीं बनता है बल्कि सोया मिल्क, सोया चंक इत्यादि इसके प्रचलित उत्पाद हैं | वर्तमान में खाने में सरसों एवं सोयाबीन के तेल का इस्तेमाल बहुतायत मात्रा में किया जाता है | यही कारण है की यह उत्पाद लोगों को बिज़नेस करके कमाई करने का मौका देता है |

अपनी कमाई करने के उद्देश्य हेतु जब किसी व्यक्ति द्वारा व्यवसायिक तौर पर Soya Bean Oil बनाने का काम किया जाता है तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह व्यापार सोयाबीन का तेल बनाने का व्यापार या Soya bean oil making business कहलाता है |

फैक्ट्री के लिए लोकेशन चयन करने में ध्यान देने योग्य बातें?

शुरूआती दौर में Soya Bean oil making व्यापार शुरू करने के लिए लोकेशन का बेहद अहम महत्व होता है क्योंकि इस समय उद्यमी के पास उद्यम में पैसा लगाने के लिए सिमित पैसा होता है | इसलिए यदि उद्यमी किसी ऐसी जगह अपनी फैक्ट्री लगाने की कोशिश करता है जहाँ सोयाबीन की पैदावार होती ही नहीं तो उसे कच्चा माल के परिवहन में ज्यादा खर्च करने पड़ सकते हैं |

जिससे उसकी लागत बढ़ सकती है और उसका बनाया हुआ Soya Bean Oil अन्य की तुलना में महंगा हो सकता है | जिसके कारण उसके उत्पाद को बाजार में बिकने में काफी दिक्कतें आ सकती हैं | इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह किसी ऐसी लोकेशन पर फैक्ट्री स्थापित करने की सोचे जहाँ से उसे कच्चा माल आसानी से मिल जाय और उसे ट्रांसपोर्टेशन पर अधिक व्यय न करना पड़े | अन्यथा इस बिज़नेस से अधिक कमाई करने में उद्यमी नाकाम हो सकता है |

वैश्विक स्तर पर सोयाबीन का उत्पादन:

यद्यपि सोयाबीन के उत्पादन में भारत का अग्रणी स्थान है क्योंकि एशिया में भारत सोयाबीन के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है | वैश्विक स्तर पर सोयाबीन के उत्पादन की बात करें तो उरुग्वे, बोलीविया, यूक्रेन, कनाडा एवं चीन इत्यादि देश भी सोयाबीन उत्पादन में अग्रणी स्थान पर हैं |

हमारे देश भारतवर्ष के राज्यों जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं गुजरात में सोयाबीन की फसल अन्य राज्यों की तुलना में अधिक होती है | इसलिए कहा जा सकता है की Soya Bean Making के लिए उद्यमी को घरेलू तौर पर कच्चे माल की उपलब्धता आसानी से हो जाएगी |

सोयाबीन के तेल की बिक्री की संभावना (Market Potential of Soya Bean Oil ):

हालांकि इस तरह का यह सोयाबीन तेल उद्यमी द्वारा तेल रिफाइनरी को बेचा जाता है जो इसे खाद्य उपयोग में लाने के लिए रिफाइन करते हैं जिसे Soya bean Refined oil के नाम से भी जाना जाता है | कहने का अभिप्राय यह है की यदि उद्यमी चाहे तो Soya Bean Oil Making Plant के साथ रिफाइनरी प्लांट भी स्थापित कर सकता है उसके बाद इस तेल को खाद्य तेल में परिवर्तित करके इसे मार्केट में बेचकर अपनी कमाई कर सकता है लेकिन इसके लिए उद्यमी को बिज़नेस में अच्छे खासे निवेश करने की आवश्यकता होती है | 

भारतवर्ष में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में सोयाबीन का उत्पादन बहुतायत मात्रा में होता है इसलिए इस क्षेत्र में Soya Bean Oil रिफाइनरी की संख्या अधिक हैं | जो solvent extracted Soya bean oil  को खरीदते हैं | यह खाद्य तेल पूरे विश्व में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक उपभोग में लाया जाता है | इसलिए Soya Bean Oil की रिफाइनरी को हमेशा आवश्यकता रहती है | यदि उद्यमी ने खुद की रिफाइनरी स्थापित की हो तो वह अपने फैक्ट्री से उत्पादित Soya bean Refined Oil को सीधे बाजार में बेचकर कमाई कर सकता है |

लाइसेंस एवं पंजीकरण (Required License and registration for Soya Bean Oil Production):

Soya bean oil manufacturing business को शुरू करने के लिए उद्यमी को अनेकों लाइसेंस एवं पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है | लेकिन लाइसेंस एवं पंजीकरण कराने से पहले उद्यमी को यह निर्णय लेना होगा की वह केवल Soya Bean Oil का उत्पादन करके इसे रिफाइनरी को बेचकर कमाई करना चाहता है या फिर खुद की रिफाइनरी स्थापित करके खाद्य तेल बाजार में बेचना चाहता है |

क्योंकि जब बात खाद्य तेल की आती है तो इसके लिए एफएसएसआई लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है | संभवत: उद्यमी को अपने Soya bean Oil making Business के लिए निम्नलिखित लाइसेंस एवं पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है |

  • उद्यमी को अपने बिज़नेस को रजिस्ट्रार ऑफ़ कम्पनीज में रजिस्टर करना पड़ सकता है | आइये जानते हैं खुद की कंपनी कैसे खोली जा सकती है?
  • उसके बाद उद्यमी चाहे तो उद्योग आधार में पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है |
  • स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय से एनओसी की आवश्यकता हो सकती है |
  • कमर्शियल बिजली, पानी के लिए आवेदन करने की आवश्यकता होती है |
  • फैक्ट्री अधिनियम के तहत फैक्ट्री लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है |
  • एफएसएसआई लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है |
  • जीएसटी पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है |

 Soya Bean Oil Making Business के लिए आवश्यक मशीनरी एवं उपकरण:

फैक्ट्री के जिस एरिया एवं मशीनरी से सोयाबीन के बीजों से तेल निकालने का काम किया जाता है उसे Solvent extraction plant कहते हैं | हालांकि प्लांट की क्षमता के आधार पर मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट अंतरित हो सकती है | लेकिन एक 50 TPD क्षमता वाले प्लांट में इस्तेमाल में लाये जाने वाले मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है |

  • एलीवेटर
  • सीड क्लीनर
  • एस्पिरेशन सिस्टम
  • क्रैकर
  • कुकर
  • फ्लैकर
  • रोल ग्राइंडिंग अटैचमेंट
  • हाइड्रोलिक सिस्टम
  • कन्वेयर
  • रोटरी एयर लॉक
  • फीड बीन
  • माइक्रो लेवल इंडीकेटर्स
  • एक्सट्रैक्टर
  • राइजिंग हॉपर
  • डिस्चार्ज बिन
  • बल्क फ्लो कन्वेयर
  • टोस्टर
  • डस्ट कैचर
  • कंडेंसर
  • सीलिंग डिवाइस
  • वपौर कूलर
  • होल्डिंग टैंक
  • वाटर साल्वेंट सेपेरटर
  • प्री हीटर
  • आयल स्ट्रिपिंग कॉलम
  • ड्रायर
  • वेक्यूम उपकरण
  • हीट एक्सचेंजर

कच्चे माल की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है |

  • सोयाबीन के बीज
  • Hexane
  • अन्य केमिकल
  • पैकेजिंग मटेरियल

सोयाबीन तेल निर्माण प्रक्रिया (Manufacturing Process):

व्यवसायिक तौर पर सोयाबीन तेल का निर्माण करने की दो विधियाँ हैं एक विधि जिसे Pressing Method और दूसरी विधि को Solvent Extraction Method कहा जाता है | यहाँ पर हम दूसरी विधि से Soya Bean oil Manufacturing का वर्णन कर रहे हैं | इस विधि में सबसे पहले सोयाबीन के बीजों को अच्छी तरह साफ़ कर लिया जाता है | उसके बाद उनका बाहरी आवरण निकाला जाता है |

यह इसलिए जरुरी होता है क्योंकि इसे साथ रखने पर सोयाबीन तेल कम निकलता है क्योंकि उसका बाहरी आवरण या छिलका तेल को सोख सकता है | इसलिए सोयाबीन को तोड़कर इनका छिलका निकाल दिया जाता है | उसके बाद छिलके एवं सोयाबीन को अलग अलग किया जाता है | इसके अलावा यदि उद्यमी को लगता है की सोयाबीन के बीजों में कुछ लोहे या धातु के छोटे छोटे टुकड़े हैं तो इन्हें अलग करने के लिए वह चुम्बक अर्थात मेग्नेट का इस्तेमाल कर सकता है |

सोयाबीन से तेल निकालने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सोयाबीन को 75°C तक गरम किया जाता है | और तेल निकालने के लिए सोयाबीन को फलैक्स में काटा जाता है उसके बाद Soya Bean Oil making Process में उन्हें percolation extractor में रखा जाता है | उसके बाद उन्हें किसी विलायक आम तौर पर Hexane में डुबाया जाता है |

तेल निकालने की प्रक्रिया में काउंटरफ्लो का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह उच्चतम उत्पादन करने में मददगार होता है | हेक्सेन को हटाने के बाद तेल निकाले हुए फलैक्स में केवल 1% तेल की मात्रा रह जाती है जिसे पशुधन के भोजन के उपयोग में या फिर प्रोटीन युक्त अन्य उत्पाद बनाने के उपयोग में लाया जाता है |

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