स्टैंड अप इंडिया योजना के उद्देश्य, नियम। Stand up India Scheme in Hindi.

Stand up India Scheme in Hindi : इस योजना की बात करें तो यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला उद्यमियों को उद्यमिता की ओर प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक ऋण योजना है । इस योजना के तहत प्रत्येक बैंक की शाखा द्वारा कम से कम एक अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमी को नई परियोजना को स्थापित करने के लिए रूपये 10 लाख से एक करोड़ रूपये तक ऋण देने का प्रावधान किया गया है।

कहने का अभिप्राय यह है की इस योजना के तहत बैंक की प्रत्येक शाखा का किसी अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला उद्यमी को ऋण प्रदान किया जाना बेहद जरुरी है। इसलिए ऐसे लोग जो सम्बंधित श्रेणी से हों एवं महिलाएं अपना उद्यम स्थापित करने के लिए इस योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं।

चूँकि हम हमारे इस ब्लॉग में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने की ओर सैकड़ों लेख व्यापार पर लिख चुके हैं। लेकिन व्यापार के लिए ऋण प्राप्त करने सम्बन्धी अभी बहुत कम लेख हमने लिखे हैं। इसलिए आज हम भारत सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के बारे में विस्तृत तौर पर जानने की कोशिश करेंगे।

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स्टैंड अप इंडिया के उद्देश्य (Objective of Stand up India):

इस योजना का उद्देश्य देश में उपलब्ध प्रत्येक बैंक शाखा द्वारा कम से कम एक अनुसूचित जाति या जनजाति से जुड़े उद्यमी और एक महिला उद्यमी को नई परियोजना को स्थापित करने के लिए 10 लाख रूपये से लेकर 1 करोड़ रूपये तक का बैंक ऋण प्रदान करना है। इस तरह के ये उद्यम किसी भी क्षेत्र अर्थात मैन्युफैक्चरिंग या सर्विस सेक्टर से समबन्धित हो सकते हैं।

यदि उद्यम व्यक्तिगत तौर पर न होकर कंपनी है तो इस स्थिति में कम से कम 51% शेयरधारिता एवं नियंत्रक हिस्सेदारी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति या किसी महिला उद्यमी के पास होनी आवश्यक है। कुल मिलाकर देखें तो Stand Up India का मुख्य उद्देश्य एससी/एसटी एवं महिला उद्यमियों को उनके उद्यम के लिए ऋण उपलब्ध कराना है।

स्टैंड अप इंडिया के लिए पात्रता (Eligibility Criteria):

इस योजना का लाभ प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा कुछ पात्रता सम्बन्धी नियम तय किये गए हैं । ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की लक्ष्यित श्रेणियों को ही इसका लाभ मिले। इसलिए इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्रता सम्बन्धी नियम कुछ इस प्रकार से हैं।

  • अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला उद्यमी जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक हो इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं।
  • ध्यान रहे Stand up India Loan Scheme के तहत ऋण केवल नई परियोजनाओं के लिए उपलब्ध होगा। कहने का आशय यह है की लाभार्थी द्वारा विनिर्माण क्षेत्र या सेवा क्षेत्र में पहली बार उद्यम लगाना ही नई परियोजना की श्रेणी में आएगी।
  • यदि उद्यम किसी व्यक्तिगत व्यक्ति से सम्बंधित न होकर किसी कंपनी से है तो इस स्थिति में कम से कम 51% शेयरधारिता या नियंत्रक हिस्सेदारी किसी अनुसूचित जाति/जनजाति या महिला उद्यमी के पास होनी आवश्यक है।
  • लाभार्थी या उधारकर्ता किसी बैंक का डिफाल्टर न हो।   

स्टैंड अप इंडिया से लोन लेने के नियम(Loan related rules ):

हालांकि योजना सम्बन्धी प्रमुख बातों का वर्णन उपर्युक्त वाक्यों में कर चुके हैं लेकिन अभी भी इस योजना के तहत मिलने वाले ऋण सम्बन्धी बहुत सारी बातें हैं जिनका वर्णन हम निम्नवत कर रहे हैं।

  • इस योजना के तहत सहायता के तौर पर 10 लाख रूपये से एक करोड़ रूपये तक मिश्रित ऋण अर्थात सावधि ऋण एवं कार्यशील पूँजी सहित दिए जाने का प्रावधान है।
  • यह ऋण अनुसूचित जाति/जनजाति महिला उद्यमी को नए उद्यम की स्थापना के लिए प्रदान किया जायेगा।  
  • कुल परियोजना लागत का 75% तक ऋण दिए जाने का प्रावधान है इसमें सावधि ऋण एवं कार्यशील पूँजी दोनों सम्मिलित है। यदि लाभार्थी का अंशदान किन्हीं अन्य योजनाओं के संमिलन से 25% से अधिक हो जाता है। तो इस स्थिति में प्रोजेक्ट में आने वाली लागत का 75% कवर करने में अपेक्षित लोन सम्बन्धी नियम लागू नहीं होगा।
  • जहाँ तक ब्याज दर का सवाल है बैंक द्वारा इस श्रेणी के लिए निर्धारित सबसे कम ब्याज दर लागू होगी। जो बेस रेट +3% + टेन्योर प्रीमियम से अधिक नहीं होगा।
  • जहाँ तक सिक्यूरिटी का सवाल है यह बैंकों के निर्णय के अनुसार हो सकती है। जो प्राथमिक सिक्यूरिटी के अतिरिक्त, कोलैटरल सिक्यूरिटी या क्रेडिट गारंटी फण्ड स्कीम के तहत गारंटी इत्यादि कुछ भी हो सकती है।
  • इसके तहत लिया जाने वाला ऋण अधिक से अधिक 18 महीने के अधिस्थगन अवधि के साथ सात वर्षों में चुकता किया जा सकता है।
  • दस लाख रूपये तक की कार्यशील पूँजी के आहरण के लिए इसे ओवरड्राफ्ट के तौर पर जारी किया जायेगा और उधारकर्ता की सहायता के लिए उसे रुपे डेबिट कार्ड भी प्रदान किया जायेगा। लेकिन दस लाख रूपये से अधिक कार्यशील पूँजी कैश क्रेडिट लिमिट के तहत जारी किये जाने का प्रावधान है।
  • इस योजना के तहत 25% मार्जिन राशि का प्रावधान किया गया है जिसे पात्र उम्मीदवारों को केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी की गई योजनाओ के रूपांतरण के माध्यम से उपलब्ध कराया जा सकता है। यद्यपि इस तरह की योजनाओं को सब्सिडी के तौर पर स्वीकार्य किया जा सकता है या फिर मार्जिन राशि की आवश्यकता के लिए भी स्वीकार किया जा सकता है। इन सभी मामलों में उधारकर्ता को पूरी परियोजना लागत का कम से कम 10% स्वयं के अंश के तौर पर लगाना होगा ।

पात्र व्यक्ति Stand up India Loan Scheme का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए उन्हें इस अधिकारिक पेज पर विजिट करना होगा।

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