ड्राई फ्रूट बेचने का व्यापार कैसे शुरू करें? How to start Dry Fruit Business.

त्योहारों में Dry Fruit Business से अच्छी खासी कमाई की जा सकती है लेकिन त्योहारों के अलावा साधारण दिनों में भी इनकी बिक्री होती है क्योंकि स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने वाले लोग इनका एक निश्चित मात्रा में सेवन नित्य करते हैं | वर्तमान जीवन में Dry Fruit नामक इन खाद्य पदार्थों की कितनी आवश्यकता एवं महत्वता है इस बात से शायद कोई भी अनभिज्ञ नहीं है |

हालांकि इंडिया में अभी भी ड्राई फ्रूट को नियमित तौर पर कुछ संभ्रांत परिवारों जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी होती है उन्हीं के द्वारा ख़रीदा जाता है और खुशी के मौकों एवं त्योहारों पर आर्थिक रूप से वर्गीकृत हर वर्ग द्वारा इन्हें ख़रीदा जाता है | यही कारण है की आज भी छोटे नगरों एवं ग्रामीण इलाकों में Dry Fruit Business करने वाला उद्यमी अपने दुकान के माध्यम से केवल ड्राई फ्रूट न बेचकर परचून का सामान भी बेच रहा होता है |

यह सच्चाई है की यदि उद्यमी ने थोक के भाव पर ड्राई फ्रूट खरीदकर फिर इन्हें रिटेल में बेचा तो उसकी अच्छी खासी कमाई होने के आसार हैं लेकिन यह पूरी तरह से बिज़नेस लोकेशन पर निर्भर करता है की उद्यमी केवल Dry fruit Business करे या उसके साथ कुछ अन्य भी | कहने का आशय यह है की यदि वहां पर रह रहे लोगों की आदतें आर्थिक स्थिति नियमित ड्राई फ्रूट खरीदने की न हो तो उद्यमी उस लोकेशन पर इस व्यापार को केवल सहायक व्यापार के तौर पर भी शुरू कर सकता है |

dry fruit business

ड्राई फ्रूट बेचने का व्यापार क्या है (What is dry fruit business in Hindi):  

ड्राई फ्रूट की लिस्ट में अनेकों आइटम जैसे काजू, छुआरा, अखरोट, पिस्ता, मुन्नका, बादाम, मूंगफली, चिरौंजी इत्यादि शामिल हैं | ये सभी कृषि उत्पादित आइटम हैं और स्वास्थ्य की बढ़ोत्तरी में सहायक होते हैं | चूँकि वर्तमान में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति बेहद सचेत दिखाई पड़ते हैं इसलिए जो लोग इनका खर्चा वहन कर सकते हैं वे नियमित तौर पर नित्य इनका सेवन करते हैं |

और जो इनका नियमित तौर पर खर्चा वहन नहीं कर सकते वे भी कभी कभी किसी खुशी के मौके पर या त्यौहार में इन्हें जरुर खरीदते हैं | इन्हीं सब आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए जब किसी व्यक्ति द्वारा ड्राई फ्रूट बेचने का काम किया जाता है तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह बिज़नेस Dry Fruit Business कहलाता है |

ड्राई फ्रूट का व्यापार कैसे शुरू करें (How to start Dry Fruit Business in India in Hindi):

Dry fruit Business शुरू करने से पहले उद्यमी को अनेकों बातों का ध्यान रखना पड़ता है तो आइये जानते हैं ऐसे कौन कौन से कदम हैं जो इस व्यापार को शुरू करने के लिए उद्यमी को उठाने पड़ सकते हैं |

1. बिज़नेस लोकेशन का चुनाव:

Dry Fruit Business शुरू करने की ओर उद्यमी का सबसे पहला कदम अपने व्यापार के लिए लोकेशन का चुनाव करने का होना चाहिए | इसमें उद्यमी को उस लोकेशन पर उपलब्ध लोगों की ड्राई फ्रूट को खरीदने की आदतों का पता लगाना चाहिए और साथ में यह भी पता लगाना चाहिए की क्या उस लोकेशन पर पहले से कोई ड्राई फ्रूट बेचने का काम कर रहा है की नहीं |

यदि कर रहा है तो क्या उसका व्यापार अच्छा चल रहा है इसके लिए उद्यमी खुद जाकर उस दुकानदार से बात कर सकता है जो पहले से यह बिज़नेस कर रहा हो या फिर ईधर उधर से भी जानकारी एकत्रित की जा सकती है | कहने का अभिप्राय यह है की उद्यमी को उस लोकेशन पर अपने उत्पाद के बिकने की संभावना एवं प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखकर ही बिज़नेस लोकेशन का चुनाव करना चाहिए |

2. चयनित लोकेशन पर दुकान का प्रबंध:

अब यदि सभी बातों को ध्यान में रखकर उद्यमी ने अपने Dry Fruit Business के लिए लोकेशन का चुनाव कर लिया हो तो अब उद्यमी को उस चयनित लोकेशन पर एक दुकान का प्रबंध करना होगा | यदि उस चयनित लोकेशन पर उद्यमी की अपनी दुकान है तो इस व्यापार से उद्यमी को होने वाला लाभ एवं कमाई बढ़ जायेंगी |

लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो उद्यमी को उस लोकेशन पर दुकान किराये पर लेनी होगी | दुकान किराये पर लेकर उद्यमी को उसमें फर्नीचर का काम भी कराना पड़ सकता है ताकि वह बिक्री योग्य सामान को अपनी सुविधानुसार रख सके | और ग्राहक को सामान देने में अधिक समय न लगे |

3. लाइसेंस एवं पंजीकरण:

हालांकि शुरूआती दौर पर यदि उद्यमी छोटे स्तर पर Dry Fruit Business करता है तो उसे स्थानीय प्राधिकरण से लाइसेंस के अलावा अन्य किसी प्रकार के लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं होती है | लेकिन यदि उद्यमी के बिज़नेस का सालाना टर्नओवर कुछ राज्यों में दस लाख एवं कुछ राज्यों में बीस लाख से अधिक है तो उद्यमी को जीएसटी रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होती है जिस प्रक्रिया को ऑनलाइन अंजाम दिया जा सकता है | किन किन के लिए जरुरी है जीएसटी रजिस्ट्रेशन जानने के लिए यह पढ़ें |

इसके अलावा यदि उद्यमी अपने उत्पाद यानिकी ड्राई फ्रूट को अमेज़न पैंट्री, बिग बास्केट इत्यादि प्लेटफार्म के माध्यम से ऑनलाइन भी बेचना चाहता है तो उद्यमी को शुरुआत में ही Voluntary जीएसटी रजिस्ट्रेशन करा लेना चाहिए |  किराये की दुकान लेते वक्त रेंट एग्रीमेंट अवश्य बना लें क्योंकि इसे पता प्रमाण पत्र के तौर पर पेश किया जा सकता है | इसके अलावा यदि उद्यमी Dry Fruits को पैकेजिंग करके अपने ब्रांड नाम से बेचना चाह रहा हो तो उसे एफएसएसआई लाइसेंस की भी आवश्यकता होती है |

4. दुकान में माल भरें:

अब यदि उद्यमी ने Dry Fruit Business शुरू करने की ओर उपर्युक्त सभी कदम उठा लिए हों तो अब उद्यमी का अगला कदम अपनी दुकान में ड्राई फ्रूट अथवा माल भरने का होना चाहिए इसके लिए उद्यमी को होलसेल मार्केट से माल की खरीदारी करनी चाहिए |

जिससे उसे माल सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सके, और उद्यमी लोगों की खरीदारी की आदतों, इन वस्तुओं पर खर्च करने की क्षमता एवं प्रतिस्पर्धा को देखते हुए अपने बिक्री मूल्य निर्धारित कर सके | ड्राई फ्रूट होल सेल बिक्रेता की जानकारी इंडिया मार्ट, ट्रेडइंडिया जैसी वेबसाइट में आसानी से मिल जाएगी |

अनुमानित खर्चा एवं कमाई:

Dry Fruit Business को 4-6 लाख के निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है हालांकि इस बिज़नेस में जितना अधिक निवेश किया जाय कमाई होने की भी उतनी ही अधिक संभावना होती है | लेकिन 4-6 लाख के निवेश के साथ शुरू करने पर इस व्यापार से एक अच्छी लोकेशन पर महीने में 30-42 हज़ार की कमाई हो सकती है |

जहाँ तक Dry Fruit Business में मार्जिन का सवाल है एक विश्वसनीय आंकड़े के मुताबिक इस व्यापार में 100 रूपये की बिक्री पर 15-25 रूपये तक का मार्जिन हो सकता है | इसलिए यदि प्रतिदिन उद्यमी की 5000-7000 भी बिक्री होती है तो प्रति सैकड़े बीस रूपये मार्जिन मानकर उसकी प्रतिदिन की कमाई 1000-1400 रूपये होती है |

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