खोलना चाहते हैं खुद की गैस एजेंसी, तो अपनाएँ ये आसान कदम |

LPG Gas Agency Kaise Khole : जब लोगों के अंतर्मन में किसी व्यापार से खुद की कमाई करने का ख्याल आता है तो इन्हीं ख्यालों में खुद की गैस एजेंसी खोलने का विचार भी शामिल होता है | उद्यमिता एवं व्यापार में रूचि रखने वाले लोग इन्टरनेट पर अक्सर गैस एजेंसी से सम्बंधित अनेकों जानकारी ढूँढने की कोशिश करते हैं |

उन्हीं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आज हम इस लेख के माध्यम से यह जानने की कोशिश करते हैं की भारत में गैस एजेंसी लेने की क्या प्रक्रिया है और इस प्रकार का यह बिज़नेस करने में या गैस एजेंसी लेने में लगभग कितना खर्चा आ सकता है | कहने का आशय यह है की उनकी इसी आवश्यकता को ध्यान में रखकर आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से इंडिया में गैस एजेंसी लेने की सम्पूर्ण प्रक्रिया के बारे में बात करेंगे |

यद्यपि यह बिज़नेस भी मनुष्य की अत्यंत आवश्यकताओं से जुड़ा हुआ बिज़नेस है इसलिए व्यक्ति के लिए गैस एजेंसी खोलना कठिन हो सकता है लेकिन इससे कमाई करना उतना कठिन नहीं है |

गैस की कीमत, सब्सिडी इत्यादि सबके लिए समान होती है लेकिन इस व्यापार में ग्राहक को गैस एजेंसी द्वारा दी जाने वाली सर्विस सबसे ज्यादा आकर्षित करती है | कहने का आशय यह है की जिस एजेंसी की डिलीवरी सर्विस फ़ास्ट होगी उसको अधिक ग्राहक मिलने की संभावना होती है | वर्तमान में इंडिया में तीन सरकारी कंपिनयों इन्डेन, भारत एवं एचपी की पहुंच ही ग्रामीण भारत तक है | शहरों में अनेक निजी कम्पनियाँ भी कार्यशील हैं |

गैस एजेंसी

गैस एजेंसी क्या होती है ?

LPG Gas Agency Kya hai : घरों में खाना तो हर घर में बनता है जहाँ पहले ग्रामीण भारत में लकड़ियों को ईधन के तौर पर उपयोग में लाया जाता था | वर्तमान में लकड़ियों के धुएं से होने वाले नुकसानों से सरकार ने विभिन्न विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को जाग्रत करने का काम किया है | और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लोगों को गैस कनेक्शन लेने के प्रोत्साहित किया | यही कारण है की वर्तमान में ग्रामीण भारत में भी लोगों द्वारा LPG Gas का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए किया जाता है |

साधारणतया जो इकाई या संस्था लोगों के घर तक LPG Gas पहुँचाने का काम करती है उसे गैस एजेंसी कहा जाता है | कहने का आशय यह है की जिस व्यक्ति/संस्था को किसी विशेष पेट्रोलियम कंपनी ने एक विशेष एरिया में गैस वितरक के तौर पर नियुक्त किया हो, उसके कार्यालय अर्थात जहाँ से वह ऑपरेट करता है को गैस एजेंसी कहा जाता है | सामान्य बोलचाल की भाषा में LPG Gas distributor के ऑफिस को Gas Agency कहा जाता है |

गैस एजेंसी कैसे शुरू करें (How to start Gas Agency in Hindi):

LPG Gas Agency Kaise Shur Kare : इंडिया में खुद की गैस एजेंसी शुरू करना कोई आसान काम बिलकुल नहीं है इस तरह के बिज़नेस को शुरू करने में एक तो अच्छे खासे निवेश की आवश्यकता होती है | दूसरा इंडिया में LPG Gas की डिस्ट्रीब्युटरशिप लेने की प्रक्रिया बेहद जटिल होती है | फिर भी हम इस लेख के माध्यम से जानने की कोशिश करेंगे की कैसे कोई इच्छुक एवं समर्थ व्यक्ति अपनी गैस एजेंसी शुरू कर सकता है |

सामान्यतया जब किसी पेट्रोलियम कंपनी द्वारा किसी क्षेत्र विशेष में अपनी गैस एजेंसी खोलने की योजना बनायीं जाती है तो पेट्रोलियम कंपनियां जैसे इन्डेन, भारत, एचपी इत्यादि द्वारा उस क्षेत्र विशेष के प्रसिद्ध अखबार, रेडियो चैनल एवं अपनी वेबसाइट में उस सम्बन्ध में विज्ञापन प्रकाशित किया जाता है जिसमे सभी शर्तें, नियम, पात्रता मापदंड उल्लेखित होते हैं |

इसलिए ऐसे लोग जो अपनी गैस एजेंसी खोलने के इच्छुक हों वे उपर्युक्त दी गई तीनों कंपनियों (इन्डेन, भारत, एचपी) पर नज़र रखने के लिए एलपीजी वितरक चयन नामक इस वेबसाइट पर जा सकते हैं |

एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के प्रकार:

गैस एजेंसी खोलने के इच्छुक व्यक्ति को यह जानना बेहद जरुरी है की एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के कितने प्रकार होते हैं | मुख्य तौर पर इन्हें चार भागों में विभाजित किया गया है जिनका संक्षिप्त वर्णन कुछ इस प्रकार से है |

1. शहरी वितरक (Shehari Vitrak):

इस प्रकार की डिस्ट्रीब्यूटरशिप के अंतर्गत वितरक द्वारा केवल शहरी क्षेत्र में ही एलपीजी की सर्विस दी जाती है | और इस तरह के वितरक द्वारा एलपीजी गैस की डिलीवरी एक विशेष नगर पालिका की सीमा के अंतर्गत ही की जाती है |

2. रुर्बन वितरक (Rurban Vitrak):

रुर्बन नामक शब्द रूरल जिसका अर्थ ग्रामीण एवं अर्बन जिसका अर्थ शहर होता है से मिलकर बना है | इसमें वितरक शहरी क्षेत्र में मौजूद होता है लेकिन वह अपनी सर्विस ग्रामीण क्षेत्रों को भी प्रोवाइड करता है | आमतौर पर इस श्रेणी के वितरक नगरपालिका सीमा से 15 किलोमीटर के अंतर्गत आने वाले सभी गांवो तक अपनी सर्विस मुहैया कराते हैं | एवं सम्बंधित तेल मार्केटिंग कंपनी द्वारा निर्दिष्ट किये हुए क्षेत्र को भी कवर करते हैं |

3. ग्रामीण वितरक:

ग्रामीण क्षेत्र में स्थित एलपीजी वितरक को ग्रामीण वितरक कहा जाता है और इस वितरक का काम एक विशेष निर्दिष्ट ग्रामीण क्षेत्र में एलपीजी ग्राहकों को अपनी सेवा प्रदान करने का होता है | साधारण तौर पर इस श्रेणी के वितरक भी अपने स्थान की सीमा से 15 किलोमीटर के भीतर अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं | लेकिन कभी कभी इनके द्वारा दी जाने वाली सेवा का दायरा ज्यादा भी हो सकता है |

4. दुर्गम क्षेत्रीय वितरक :

इस श्रेणी के अंतर्गत ऐसे एलपीजी वितरक आते हैं जो कठिन एवं किसी विशेष क्षेत्र जैसे पहाडी क्षेत्र, जंगली क्षेत्र, आदिवासी क्षेत्र, दुर्लभ आबादी क्षेत्र, द्वीप, डिस्टर्ब एरिया, वामपंथी अतिवाद से प्रभावित क्षेत्र इत्यादि में अपनी सेवाएँ एलपीजी ग्राहकों को प्रदान करते हैं | कहने का आशय यह है की उपर्युक्त बताये गए क्षेत्रों में एलपीजी की सर्विस देने वाले वितरक को दुर्गम क्षेत्रीय वितरक कहा जाएगा |

गैस एजेंसी लेने के लिए पात्रता मापदंड:

  • आवेदनकर्ता भारत का नागरिक एवं भारत का निवासी हो |
  • किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कम से कम दसवीं तक की शिक्षा या उसके समकक्ष पास किया हो | स्वतंत्रता सेनानी की श्रेणी से सम्बन्ध रखने वाले व्यक्तियों के लिए शैक्षिक योग्यता के मानदंड में छूट है |
  • विज्ञापन जारी की गई तिथि तक आवेदनकर्ता की उम्र 21 साल से कम और 60 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए |
  • स्वतंत्रता सेनानी श्रेणी के लिए किसी प्रकार की उम्र की सीमा निर्धारित नहीं है |
  • आवेदनकर्ता किसी आयल मार्केटिंग कंपनी में कार्यरत कर्मचारी के परिवार का सदस्य नहीं होना चाहिए |
  • एक से अधिक डीलरशिप/वितरक मानदंडों को पूरा करना चाहिए |
  • मिलावट या कदाचार के मामलों के चलते जिनका समझौता आयल मार्केटिंग कंपनियों ने समाप्त कर दिया है उनमे से कोई भी नहीं होना चाहिए |
  • आवेदनकर्ता के पास एलपीजी सिलिंडर को स्टोरेज करने हेतु गोदाम बनाने के लिए अपनी जमीन या पहले से तैयार एक गोदाम होना चाहिए |

LPG Gas Agency हेतु बुनियादी सुविधाएँ:

  • एलपीजी वितरक यानिकी गैस एजेंसी लेने वाले उद्यमी को भंडारण के लिए पेट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) के विस्फोटक विभाग के मुख्य नियंत्रक द्वारा विधिवत स्वीकृत और लाइसेंस प्राप्त स्टोरेज गोदाम की आवश्यकता होगी । इस गोदाम में अलग अलग वितरकों के लिए अलग अलग मात्रा में एलपीजी गैस भंडारित करने का प्रावधान किया गया है |
  • शहरी और रुर्बन वितरक 8000 किलो एलपीजी सिलिंडर में भंडारित कर सकते हैं |
  • ग्रामीण वितरक 5000 किलो एलपीजी सिलिंडर में भंडारित कर सकते हैं |
  • दुर्गम क्षेत्रीय वितरक 3000 किलो एलपीजी सिलिंडर में भंडारित कर सकते हैं |
  • आवेदक के पास गोदाम स्थापित करने के लिए एक प्लाट होना चाहिए जिसकी लम्बाई चौड़ाई अलग अलग वितरकों के आधार पर अलग अलग हो सकती है |
  • शहरी और रुर्बन वितरक के लिए आवेदन करने वाले आवेदक के पास 25 मीटर x 30 मीटर (उसी राज्य में प्रस्तावित स्थान की नगरपालिका / शहर / गांव सीमा से 15 किमी के भीतर) यह प्लाट होना चाहिए |
  • ग्रामीण वितरक के पास 21 मीटर x 26 मीटर (विज्ञापित स्थान से 15 किमी के भीतर) यह प्लाट होना चाहिए |
  • दुर्गम क्षेत्रीय वितरक के पास 15 मीटर x 16 मीटर (विज्ञापित स्थान के अनुसार गांव सीमा के गांव / समूह के भीतर) यह प्लाट होना चाहिए |
  • गोदाम के निर्माण के लिए जो भूमि चाहिए होती है वह लाइव ओवरहेड पावर ट्रांसमिशन या टेलीफोन लाइनों से मुक्त होनी चाहिए । प्लाट से कोई नहर, नाला इत्यादि नहीं गुजरना चाहिए |
  • एलपीजी गोदाम के लिए प्रस्तावित भूमि में वाहनों की पहुँच आसानी से होनी चाहिए |
  • विज्ञापित वाले स्थान पर गैस एजेंसी खोलने वाले उद्यमी को एक शोरूम या अपना कार्यालय भी बनाना होगा |
  • गोदाम एवं शोरूम के अलावा एलपीजी गैस डिलीवर करने के लिए उद्यमी को एक या एक से अधिक वाहनों की भी आवश्यकता होती है |

नॉन रिफंडेबल आवेदन शुल्क :

एलपीजी का वितरक बनने या गैस एजेंसी लेने के लिए इच्छुक एवं पात्र व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान आवेदनकर्ता को नॉन रिफंडेबल आवेदन शुल्क का भुगतान करना होता है यह अलग अलग श्रेणियों एवं वितरकों के आधार पर अलग अलग हो सकता है | जिसका विवरण इस प्रकार से है |

वितरकों के प्रकार Fee for General Fee for OBCFee For SC/ST
शहरी और रुर्बन वितरक 1000050003000
ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रीय वितरक 800040002500

एलपीजी गैस एजेंसी लेने के लिए आवेदन कैसे करें :

LPG Gas Agency Ke Liye Apply Kaise Kare : देश की तीन बड़ी आयल मार्केटिंग कंपनीयों (इन्डेन, भारत, एचपी) की एलपीजी गैस एजेंसी हेतु आवेदन केवल एक ऑनलाइन प्लेटफार्म जिसे एलपीजी वितरक चयन  कहा जाता है के  माध्यम से किया जा सकता है | कहने का आशय यह है की सबसे पहले इच्छुक एवं पात्र उम्मीदवार को उपर्युक्त ऑनलाइन पोर्टल पर जाना होगा | उसके बाद इस पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करना होगा, रजिस्टर होने के बाद व्यक्ति अपने Credential का इस्तेमाल करके इस पोर्टल पर कभी भी लॉग इन कर सकता है |

लॉग इन करने के बाद इच्छुक एवं पात्र व्यक्ति को विज्ञापन का चुनाव करना होता है | उसके बाद लोकेशन का चुनाव करना होता है और इन सबके बाद आवेदन फॉर्म भरके ऑनलाइन सबमिट करना होता है और अंत में अपनी श्रेणी के अनुसार फीस भरकर उसका ऑनलाइन भुगतान करना होता है |

आवेदन फॉर्म एवं आवेदन शुल्क जमा होने के बाद आवेदनकर्ता की ईमेल आईडी पर जमा आवेदन की प्रति पीडीएफ फॉर्मेट में भेज दी जाती है | गैस एजेंसी खोलने का इच्छुक व्यक्ति इस पीडीएफ प्रति को सेव करके रख सकता है | पात्र आवेदनकर्ताओं में से वितरक का चुनाव ड्रा प्रक्रिया द्वारा किया जाता है इसलिए आयल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा ड्रा के बाद ही चुने हुए वितरकों को आगे की कार्यवाही के लिए आमंत्रित किया जाता है |

आवेदन करते समय ध्यान देने योग्य बातें:

इच्छुक एवं पात्र व्यक्ति जो एलपीजी का वितरक बनना चाहता हो या गैस एजेंसी खोलना चाहता हो को ऑनलाइन आवेदन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए |

  • आवेदन फॉर्म सबमिट होने से पहले एडिट किया जा सकता है लेकिन एक बार सबमिट हो जाने के बाद इसे एडिट नहीं किया जा सकता |
  • ऑनलाइन आवेदन करने के दौरान इच्छुक एवं पात्र व्यक्ति को अपनी फोटो एवं हस्ताक्षर की स्कैन कॉपी अपलोड करनी पड़ सकती है इसलिए इन्हें पहले ही तैयार रख लेना चाहिए |
  • ऑनलाइन प्रक्रिया में जनरेट हुई एप्लीकेशन फॉर्म की हार्ड कॉपी को कहीं भी सबमिट करने की आवश्यकता नहीं होती है |
  • आवेदनकर्ता आधा भरे गए आवेदन फॉर्म को सेव कर सकता है लेकिन इस फॉर्म को अंतिम तिथि से पहले सबमिट करना होता है |
  • LPG Gas Agency खोलने के लिए एक आवेदनकर्ता एक राज्य में अलग अलग लोकेशन के लिए आवेदन कर सकता है लेकिन इसके लिए उसे हर एक लोकेशन के लिए अलग अलग आवेदन फॉर्म भरकर अप्लाई करना होगा |
  • एक गैस एजेंसी खोलने के लिए उद्यमी को 15 से 17 लाख रूपये, एक गोदाम एवं कार्यालय के लिए एक दुकान की आवश्यकता हो सकती है | इसलिए किसी समर्थ व्यक्ति को ही इसके लिए आवेदन करना चाहिए | और वह इसलिए भी क्योंकि इस प्रक्रिया में दिया जाने वाला आवेदन शुल्क नॉन रिफंडेबल होता है |

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