Stone Crusher Manufacturing. स्टोन क्रेशर उद्योग की जानकारी।

Stone Crusher को मेटल जेली के नाम से भी जाना जाता है यह मार्केट में अनेकों साइज़ जैसे 35mm, 20mm, 12mm इत्यादि में उपलब्ध रहता है । Stone Crusher का उपयोग सड़कों के निर्माण में, पुलों के निर्माण में, औद्योगिक भवनों के निर्माण में, आवासीय भवनों के निर्माण में और अन्य सीमेंट से जुड़े उत्पादों जैसे पीएससी पोल, पूर्व मोल्ड स्लैब, फ्रेम और बीम इत्यादि के निर्माण में किया जाता है।

इसलिए इस तरह की इकाई को कहीं से भी शुरू करके अच्छी खासी कमाई की जा सकती है। यही कारण है की आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से Stone Crusher Plant सम्बन्धी कुछ आवश्यक जानकारी देने का प्रयत्न करेंगे। इससे पहले की हम इस बिज़नेस को शुरू करने में सहायक विभिन्न बातों पर प्रकाश डालें आइये जानते हैं की यह बिज़नेस होता क्या है।

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Stone Crusher बनाने का बिज़नेस क्या है

Stone Crusher एक ऐसी सामग्री है जिसका उपयोग लगभग हर प्रकार के कंस्ट्रक्शन चाहे वह सड़क हो, पुल हो या फिर बिल्डिंग निर्माण में किया जाता है । इसका निर्माण ग्रेनाइट एवं चूना पत्थरों को कच्चे माल के तौर पर उपयोग में लाकर किया जाता है।इसलिए ऐसा क्षेत्र जहाँ इस प्रकार के पत्थरों की अधिकता हो में Stone Crusher Plant लगाया जा सकता है।

कहने का अभिप्राय यह है की कंस्ट्रक्शन की आवश्यकता को ध्यान में रखकर जब किसी उद्यमी द्वारा Crushed Stone निर्माण कार्य किया जाता है तो उसे Stone Crusher बनाने का बिज़नेस कहा जाता है।

उत्पाद एवं इसके अनुप्रयोग:

स्टोन क्रशिंग उद्योग देश में एक बेहद महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र है, Stone Crusher का इस्तेमाल विभिन्न निर्माण गतिविधियों में कच्चे माल के तौर पर किया जाता है। इनमे सड़कों, पुलों, इमारतों एवं नहरों का निर्माण प्रमुख है। पिछले दस वर्षों से कंस्ट्रक्शन सेक्टर में लगातार तेजी से वृद्धि देखी गई है यह प्रति वर्ष 7-8% की दर से वृद्धि कर रही है । घरों का निर्माण एवं अन्य कंस्ट्रक्शन की गतिविधियों के चलते इससे जुड़े 40 से अधिक उद्योगों में वृद्धि देखी गई है जिनमे Stone Crushing भी एक है।

इन सबके अलावा सड़कों, फ्लाईओवर, बाई पास इत्यादि के निर्माण के लिए crushed stone की देश में लगातार आवश्यकता है। देश में ऐसी कई परियोजनाएं है जो प्रगति पर हैं और कुछ जल्दी ही शुरू होने वाली हैं जिसके कारण देश में इस उत्पाद की अच्छी खासी माँग रहने के आसार लगाये जा सकते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक आने वाले बीस वर्षों की अनुमानित आवश्यकता को पूरा करने के लिए हर साल लगभग पांच लाख घर बनाने की आवश्यकता हो सकती है।

भारत में बहुत सारे क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ भूकंप आता रहता है इसलिए लोगों के पुनर्वास के लिए पुनर्निर्माण प्रक्रिया जारी रहती है। भूकंप से केवल आवासीय भूमि ही प्रभावित नहीं होती बल्कि सड़कें, पुल, नहरें, व्यवसायिक बिल्डिंग सभी कुछ प्रभावित हो सकता है । इसलिए इनके पुनर्निर्माण में Stone Crusher का अधिकाधिक उपयोग होता है।

उपरोक्त तथ्यों एवं आंकड़ों से स्पष्ट है की यह एक ऐसा बिज़नेस है जिसमें निवेश करने से कमाई सुनिश्चित हो सकती है। इस व्यवसाय को करने के लिए देश में श्रमिक एवं कच्चा माल आसानी से उपलब्ध है लेकिन यदि उद्यमी मशीनरी को बाहर देशों से आयात करता है तो उस पर इम्पोर्ट ड्यूटी भी कम है।

औद्योगिक चलन :

वर्तमान में अधिकतर माइनिंग क्रशिंग एवं बालू बनाने वाले इकाइयों द्वारा चुना पत्थर अपशिष्ट का उत्पादन किया जाता है। यह न केवल पर्यावरण को प्रदूषित करता है बल्कि कच्चे माल को भी कचरे में परिवर्तित करता है। इसलिए इस व्यवसाय में इस समस्या का उचित समाधान खोजना अति आवश्यक है। नतीजे बताते हैं की चूना पत्थर को कंक्रीट में मिक्स करने पर यह कंक्रीट के ढांचे में सुधार लाता है यह कम तापमान में कंक्रीट की एंटी सलफेट अटैक क्षमता में वृद्धि करता है।

वर्तमान में कंक्रीट में चूना पत्थर को बाइंडर के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है और यह कंक्रीट उद्योग में एक डेवलपमेंट ट्रेंड बन गया है। व्यवसायिक कंक्रीट मिश्रण इकाई आम तौर पर 325 Mesh चूना पत्थर पाउडर का इस्तेमाल करते हैं इसमें चलनी की दर 85% के लगभग है।

उत्पाद की बिकने की संभावना:

देश में Stone Crusher Business औद्यागिक क्षेत्र का एक बेहद महत्वपूर्ण उद्योग है इस बिज़नेस में उद्यमी विभिन्न आकार के Crushed Stone उत्पादित कर रहा होता है । Stone Crusher को विभिन्न कंस्ट्रक्शन गतिविधियों जैसे सड़कों का निर्माण, हाईवे का निर्माण, पुलों का निर्माण, बिल्डिंग एवं नहरों के निर्माण में कच्चे माल के तौर पर उपयोग में लाया जाता है। एक आंकड़े के मुताबिक भारत में लगभग 12000 Stone Crusher इकाइयाँ विद्यमान हैं।

चूँकि देश के विकास के लिए सड़कों, हाईवे, पुल, नहरों इत्यादि का निर्माण बेहद जरुरी होता है इसलिए भविष्य में इन इकाइयों की संख्या में और वृद्धि होने के आसार हैं। भारत में स्टोन क्रशिंग इंडस्ट्री का वार्षिक कारोबार 5000 करोड़ रूपये का है इसलिए यह आर्थिक रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इस क्षेत्र में खनन, क्रशिंग प्लांट, क्रशिंग उत्पादों के ट्रांसपोर्टेशन इत्यादि जैसी गतिविधियों में प्रत्यक्ष तौर पर 5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

इन गतिविधियों में शामिल अधिकतर कर्मचारी ग्रामीण एवं आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों से हैं जहाँ रोजगार के अवसर बेहद सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं इसलिए ग्रामीण इलाकों में इस तरह का यह क्षेत्र अधिक सामाजिक महत्व रखता है। इस तरह का यह क्षेत्र अशिक्षित गरीब अकुशल ग्रामीण लोगों के लिए कमाई का एक मुख्य स्रोत है।

Stone Crusher Business के लिए बाजार का दायरा स्थानीय बाजार में उद्योग एवं निर्माण क्षेत्रों की बढती मांग के कारण उत्साहजनक पाया जा सकता है। इस क्षेत्र के लक्ष्यित बाजार में प्रवेश पाना बेहद आसान है इसके अलावा Stone Crusher की मांग एवं सप्लाई में थोड़ा बहुत गैप भी देखने को मिलता है इसलिए कहा जा सकता है की आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र और वृद्धि करेगा।

प्रमोटर की आवश्यक योग्यता:   

यद्यपि Stone Crusher business कोई भी वह व्यक्ति कर सकता है जो इसमें आवश्यक निवेश करने के लिए तैयार हो। लेकिन यदि उद्यमी किसी भी विषय के साथ स्नातक हो तो बेहतर होता है। इसके अलावा यदि उद्यमी को केमिकल प्रोसेसिंग की जानकारी हो तो यह उसके बिज़नेस के काम आ सकता है। इसके अलावा उद्यमी का बिल्डिंग एवं कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री के साथ संपर्क भी उसके बिज़नेस को प्रोत्साहित करने में सहायक होता है।

आवश्यक सरकारी स्वीकृतियाँ एवं लाइसेंस:

Stone Crusher Plant स्थापित करने के लिए उद्यमी को कौन कौन सी सरकारी स्वीकृतियाँ एवं लाइसेंस की आवश्यकता होगी यह तो स्थानीय नियमों के आधार पर अलग अलग हो सकता है। लेकिन कुछ प्रमुख लाइसेंस एवं पंजीकरण की लिस्ट इस प्रकार से है ।

  • Stone Crusher नामक यह व्यापार श्रम प्रधान व्यापार है इसलिए उद्यमी को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के कार्यालय में जाकर श्रमिकों की सुरक्षा इत्यादि को लेकर अनेकों औपचारिकताएं करनी पड़ सकती हैं।
  • स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका से लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है।
  • फैक्ट्री अधिनियम के तहत Stone Crusher Business को पंजीकृत करना पड़ सकता है।
  • उद्यमी को SMPV Rules, MSIHC Rules इत्यादि का अनुसरण करना पड़ सकता है।
  • टैक्स अर्थात जीएसटी रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है।
  • यदि लागू हो तो उद्यमी को पीएफ, ईएसआई इत्यादि पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है।      

आवश्यक मशीनरी उपकरण एवं कच्चा माल:

Stone Crusher के उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे माल के तौर पर विभिन्न प्रकार के ग्रेनाईट पत्थर के बोल्डरों का इस्तेमाल किया जाता है। चूँकि इसमें मूल कच्चा माल बोल्डर होता है जिसे चट्टानों से भी प्राप्त किया जा सकता है। Crushed Stone के निर्माण के लिए हार्ड लाइम और ग्रेनाइट स्टोन का इस्तेमाल कच्चे माल के तौर पर किया जाता है।

कच्चा माल या कच्चा पत्थर सीधे खदान के मालिक से ख़रीदा जा सकता है या खुद की खदान पट्टे पर लेनी पड़ सकती है। अपने प्रोजेक्ट को आर्थिक रूप से स्थिर बनाने के लिए उद्यमी को चाहिए की वह खुद की खदान पट्टे पर ले। जहाँ तक Stone Crusher Plant में प्रयुक्त होने वाले मशीनरी एवं उपकरणों की बात है उनकी लिस्ट निम्नवत है।

  • Jaw crusher 400X225mm 25HP
  • Jaw crusher 350×150 mm 25HP
  • Rotary screens for 35 mm
  • Belt conveyor with 15 HP motor
  • Pollution control cyclonic dust
  • Office furniture
  • Stores Almirah
  • Computer & Printer

निर्माण प्रक्रिया (Manufacturing Process):

ऐसे क्षेत्र जहाँ ग्रेनाइट पत्थर के बोल्डरों की अधिकता हो में उद्यमी अपना Stone Crusher Plant स्थापित कर सकता है। इसके अलावा ग्रेनाइट इंडस्ट्री का वेस्ट भी इस तरह के उद्योगों में इस्तेमाल हो सकता है। विभिन्न प्रकार के ग्रेनाइट पत्थर को Jaw Crusher में छोटा करने के लिए डाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया में इच्छित आउटपुट के हिसाब से कच्चे माल को एक या दो Jaw Crusher में डाला जा सकता है। उसके बाद साइज़ ग्रैड के लिए इन Crushed Stone को रोटरी स्क्रीन से पास कराया जाता है।

सामग्री को बेल्ट कन्वेयर के माध्यम से संचालन के विभिन्न स्थानों पर भेजा जाता है  Stone Crusher Plant में मुख्य तौर पर हैमर क्रेशर, स्क्रीन एवं कन्वेयर मशीनरी के तौर पर इस्तेमाल में लाये जाते हैं। इस प्रक्रिया में हैमर क्रेशर का उपयोग Stone Crusher को ग्राहक की मांग के अनुरूप आकार देने के लिए किया जाता है।

हैमर क्रेशर में पत्थर को क्रश किया जाता है उसके बाद क्रश पत्थर को विभिन्न प्रकार के सेपेरटर द्वारा अलग अलग आकारों में अलग अलग किया जाता है। उसके बाद कन्वेयर की मदद से Stone Crusher को ट्रकों में ट्रांसपोर्ट करने के लिए भेज दिया जाता है।

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