टेलरिंग बिजनेस कैसे शुरू करें? Tailoring Business Plan in Hindi.

Tailoring business की बात करें तो यह एक ऐसा पारम्परिक बिजनेस है जिसकी महत्वता बीतते वक्त के साथ बढती गई है । हालांकि एक तथ्य यह भी है की वर्तमान में लोगों का रुझान रेडीमेड गारमेंट की तरफ अधिक रहा है और वक्त की कमी के चलते वे रेडीमेड गारमेंट खरीदना ही पसंद करते हैं। लेकिन इन सबके बावजूद किसी भी स्थानीय मार्किट में एक या एक से अधिक टेलर की मौजूदगी यह दर्शाती है की भले ही लोगों का रुझान रेडीमेड गारमेंट की ओर हो।

लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो अपनी फिटिंग को लेकर काफी चिंतित रहते हैं और वे टेलर से ही अपने कपड़े सिलवाते हैं। इसके अलावा विभिन्न विशेष अवसरों के लिए भी लोग रेडीमेड गारमेंट की बजाय अपनी फिटिंग के कपड़े सिलवाना ही पसंद करते हैं। यद्यपि Tailoring Business करने वाला उद्यमी चाहे तो ग्राहकों की कपड़े सम्बन्धी आवश्यकताओं को देखते हुए ग्राहकों के आर्डर से पहले भी कपड़े सिलकर उन्हें बेच सकता है या फिर किसी रेडीमेड गारमेंट कंपनी से अनुबंध करके भी बिजनेस को जारी रख सकता है।

जैसा की हम सबको पता है की कपड़ा मनुष्य की नितांत आवश्यकताओं में से एक है। इसलिए मनुष्य किसी और चीज पर पैसा खर्च करे न करे लेकिन अपने पहनावे पर उसे खर्च करना ही पड़ता है। इसलिए कितना ही मुश्किल दौर क्यों न हो इस बिजनेस में मंदी आने की कम ही संभावना होती है। Tailoring Business के बारे में कहा तो यहाँ तक जाता है की इसमें इतना सामर्थ्य है की यह दो रूपये को दो सौ में बदल सकता है। इस बिजनेस की इन्हीं सब खूबियों को देखते हुए आज हम इसके बारे में विस्तृत तौर पर जानने का प्रयत्न कर रहे हैं।

Tailoring Business Plan in Hindi

टेलरिंग बिजनेस क्या है? (What is Tailoring Business)

टेलर या दर्जी से भला कौन वाकिफ न होगा क्योंकि वर्तमान में भी हर गली मोहल्ले में इनकी उपलब्धता देखी जा सकती है। 80 के दशक में जन्मे लोगों को अपनी बचपन की शादियाँ इत्यादि याद होंगी तो उनमें टेलर अर्थात दर्जी की उपस्थिति भी याद होगी। क्योंकि उस समय शादी में दर्जी को भी कपड़े सिलने के लिए बुलाया जाता था। Tailoring business को हम कपड़े सिलने का काम भी कह सकते हैं यह काम कोई स्वयं के घर से करता है तो कोई किसी स्थानीय मार्किट में दुकान किराये पर लेकर करता है।

इसमें उद्यमी को उसके ग्राहक सिर्फ कपड़ा दे जाते हैं जिसे टेलर को पेंट, शर्ट, कुर्ता, सलवार, सूट इत्यादि में परिवर्तित करके देना होता है और ग्राहकों से सिलाई के पैसे लेने होते हैं। इस बिजनेस में उद्यमी को फैशन एवं लोगों के पहनावे के मुताबिक स्वयं को अपडेट रखना होता है। क्योंकि समय समय पर लोगों के पहनावे की शैली में परिवर्तन होते रहते हैं। इसलिए जो टेलर लेटेस्ट फैशन के मुताबिक स्वयं को अप टू डेट रखता है उसके इस बिजनेस में सफल होने की संभावना अधिक है।

Tailoring business को प्रमुख तौर पर दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है।

1.सिलाई एवं वैकल्पिक बिजनेस

Tailoring business की यह श्रेणी सबसे सामान्य है जिसे अधिकतर पुरुष एवं महिलाएं अपने घर से शुरू करते हैं। इसमें टेलर को अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं एवं मांग के मुताबिक कपड़े सिलकर उन्हें देने होते हैं इसमें कपड़े टेलर को ग्राहक द्वारा ही प्रदान किये जाते हैं। टेलर को इन कपड़ों को पहनावे के कपड़ों में परिवर्तित कर ग्राहकों को देना होता है और बदले में एक निर्धारित शुल्क वसूलना होता है। अधिकतर लोग इस तरह के बिजनेस को गृह आधारित बिजनेस के तौर पर ही शुरू करते हैं और बीतते समय के साथ इसे विस्तृत करते हैं।

2.सिलाई एवं डिजाइनिंग बिजनेस

Tailoring business की इस श्रेणी में टेलर न केवल अपने ग्राहकों की पसंद के मुताबिक कपड़ों को सिलता है बल्कि यह काम करने के साथ साथ वह अपने ग्राहकों को कपड़ों के चयन और डिजाइनिंग में भी मदद करता है।या फिर स्वयं के द्वारा डिजाईन किये गए कपड़ों को सीधे अपने ग्राहकों को बेच सकता है।

इस तरह का यह बिजनेस एक बुटीक से भी आगे है जहाँ उद्यमी को कपड़ों के नए नए डिजाईन बनाने के लिए अपने स्वयं के क्रिएटिव आइडियाज का इस्तेमाल करना होता है। यद्यपि Tailoring business में उद्यमी के पास ऐसे ग्राहक भी आ सकते हैं जो टेलर को खुद के डिजाईन के मुताबिक कपड़ा सिलवाने के लिए कह सकते हैं।

टेलरिंग बिजनेस में संभावनाएं एवं लाभ:

80-90 के दशक में जहाँ Tailoring Business करने वाले उद्यमी को अपने ग्राहकों के लिए कुछ त्योहारों, जैसे दसहरा, दीवाली, होली, ईद इत्यादि का इंतजार करना होता था। क्योंकि यह एक ऐसा दौर था जब लोग त्योहारों या विभिन्न विशेष अवसरों शादी इत्यादि में ही नए कपड़े खरीदकर इन्हें सिलवाते थे। लेकिन वर्तमान में पहनावा किसी त्यौहार या विशेष अवसर का मोहताज नहीं रह गया है।

वर्तमान में लोग कभी भी कपड़े सिलवा सकते हैं। कहने का आशय यह है की वर्तमान में लोग वर्ष भर कपड़ों की खरीदारी कर उन्हें सिलवाते रहते हैं। इसलिए यदि उद्यमी में Tailoring Business के प्रति सही प्रतिभा एवं सही दृष्टिकोण है तो वह इसमें आगे बढ़ सकता है। इस व्यवसाय के कुछ प्रमुख लाभों की लिस्ट निम्नवत है।

  • इस व्यवसाय में उद्यमी अपने फैशन, स्टाइल एवं क्रिएटिविटी के आइडियाज के मुताबिक काम और डिलीवर कर सकता है । कहने का आशय यह है की इस व्यवसाय में उद्यमी अपने फैशन, क्रिएटिविटी एवं स्टाइल से सम्बंधित विचारों को अमली जामा पहनाने के लिए स्वतंत्र रहता है।
  • इस व्यवसाय में उद्यमी अपनी पसंद के मुताबिक पूर्ण रूप से व्यक्तिगत स्वतंत्रता के साथ काम कर सकता है।
  • Tailoring Business की शुरुआत में उद्यमी को किसी प्रकार का कोई स्टाफ नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं होती है। शुरूआती दौर में उद्यमी अकेले या फिर कुछ एक दो लोगों को काम पर रखकर भी इस तरह का यह बिजनेस आसानी से शुरू कर सकता है।
  • इस बिजनेस को बेहद कम लागत के साथ शुरू किया जा सकता है क्योंकि यदि आपको सिलाई आती है तो आपको इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए एक सिलाई मशीन और सिलाई सामग्री की आवश्यकता होती है। जिन्हें 10-12 हजार रुपयों में आसानी से ख़रीदा जा सकता है।
  • इस व्यवसाय में मार्जिन अन्य व्यवसायों की तुलना में अधिक है इसलिए उद्यमी इस तरह के व्यवसाय को करके अच्छी खासी कमाई कर सकता है।
  • इस बिजनेस को शुरू करने एवं इससे बाहर निकलने में कोई दिक्कत नहीं आती है इसलिए उद्यमी इस तरह के बिजनेस को कभी भी शुरू कर सकता है।
  • Tailoring Business के शुरूआती दौर में यह जरुरी नहीं होता है की आपको किसी स्थानीय मार्किट में दुकान लेकर ही इस बिजनेस को शुरू करना है। बल्कि इसकी शुरुआत उद्यमी घर से भी कर सकता है और बिजनेस बढ़ने के बाद कोई दुकान किराये पर ले सकता है।

टेलरिंग बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to Start Tailoring Business)

यद्यपि ऐसे पुरुष एवं महिलाएं जिन्हें सिलाई का काम आता है उनके लिए Tailoring Business शुरू करना कठिन काम बिलकुल भी नहीं है बशर्ते उन्हें जरुरत है उस क्षेत्र में पहने जाने वाले पहनावे को बनाना आना।

चूँकि इस बिजनेस को शुरू करने में लागत कम लगती है इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है की किसी भी व्यक्ति को यह बिजनेस बिना सोचे समझे या मार्किट विश्लेषण के बिना शुरू कर देना चाहिए। ध्यान रहे वर्तमान में सबसे बड़ी लागत समय है इसलिए जिसमें भी समय खर्च होता हो उस काम को सोच समझकर एवं मार्किट रिसर्च के बाद ही शुरू करना चाहिए।

1.मार्किट रिसर्च कीजिये

Tailoring Business शुरू करने से पहले उद्यमी को मार्किट में चल रहे फैशन एवं ट्रेंड के बारे में पता होना आवश्यक है इसलिए कौन सा ट्रेंड एवं फैशन चल रहा है का पता करने के लिए मार्किट रिसर्च बेहद जरुरी है। उद्यमी को केवल ट्रेंड एवं फैशन जानने के लिए ही मार्किट रिसर्च नहीं करना होता है बल्कि थोक एवं फूटकर की कीमतों का पता लगाने के लिए भी यह जरुरी है ।

इसके अलावा उद्यमी के काम में आने वाली सिलाई मशीन, ड्रेस मटेरियल इत्यादि की कीमत भी पता करनी चाहिए। मार्किट का सर्वे करने के बाद उद्यमी को ट्रेंड का पता तो चल जायेगा लेकिन इसे और पुख्ता करने के लिए उद्यमी अपने दोस्तों, सहयोगियों, परिवार के सदस्यों इत्यादि से कपड़ों के ट्रेंड के बारे में पता कर सकता है।और अधिक लोगों तक पहुँच बढ़ाने या और अधिक लोगों की राय लेने के लिए मित्रों के मित्रों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।    

2.प्रशिक्षण लीजिये (Get Training of Tailoring Business)

यद्यपि आप सिलाई में कितने भी पारंगत क्यों न हों लेकिन यदि आपको लेटेस्ट फैशन या पहनावे की जानकारी नहीं है तो आपकी पारंगता कमाई में तब्दील होने में समय ले सकती है। यह मत सोचिये की आपने अपनी बहिन के लिए एक सूट सलवार तैयार कर लिया तो आप Tailoring Business के लिए अधिकृत हो गए हैं।

बल्कि एक व्यवसायिक टेलर बनने के लिए व्यक्ति के पास सही तकनीक एवं सही कौशल का होना नितांत आवश्यक है। इसलिए इस तरह का बिजनेस शुरू करने से पहले उद्यमी चाहे तो डिजाइनिंग एवं स्टिचिंग में कोई व्यवसायिक कोर्स कर सकता है। इस पाठ्यक्रम में उद्यमी काम को रचनात्मकता एवं प्रोफेशनल तरीके से करना सीखता है। इसके अलावा उद्यमी चाहे तो ऑनलाइन वेबसाइट या यूट्यूब के माध्यम से भी डिजाइनिंग इत्यादि के बारे में सीख सकता है।       

3.मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट तैयार कीजिये

Tailoring Business शुरू करने के लिए उद्यमी को सुई से लेकर सिलाई मशीन तक बहुत सारे छोटे छोटे उपकरणों की आवश्यकता होती है। जो हैं तो बेहद छोटे लेकिन इस बिजनेस में उनकी उपयोगिता एवं महत्व बहुत बड़ा है इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह इस बिजनेस में उपयोग में लायी जाने वाली मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट पहले ही तैयार कर ले ताकि कोई छोटा बड़ा उपकरण रह न जाय।  

4.घर या किराये की दुकान

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में पहले भी बता चुके हैं की इस तरह के बिजनेस को शुरुआत में घर से भी आसानी से शुरू किया जा सकता है। इसलिए अब उद्यमी को यह निर्णय लेना होगा की वह सिलाई का काम घर से शुरू करना चाहता है या फिर स्थानीय बाजार में कोई दुकान किराये पर लेकर यह बिजनेस शुरू कर सकता है।

घर पर या किराये की दुकान को उद्यमी अपनी आवश्यकता के अनुरूप डिजाईन कर सकता है । ध्यान रहे किराये की दुकान लेते समय रेंट एग्रीमेंट बनाना न भूलें या आपके बिजनेस के पता प्रमाण के तौर पर कार्य करेगा । उद्यमी को अपनी दुकान के लिए टेबल, रैक, हेंगर, स्टोर रूम इत्यादि की आवश्यकता होती है ।  

5.आवश्यक मशीनरी उपकरण एवं कच्चा माल खरीदें

Tailoring Business में प्रयुक्त होने वाली मशीनरी की बात करें तो सिलाई मशीन इसके लिए बेहद जरुरी हो। बाजार में विभिन्न प्राइस रेंज 3 हजार से लेकर 2.5 लाख रूपये तक की सिलाई मशीन उपलब्ध हैं इनमें से अपनी आवश्यकता को देखते हुए उद्यमी को सही सिलाई मशीन का चुनाव करना होता है । एक व्यवसायिक सिलाई मशीन आटोमेटिक तकनीक के साथ लाखों रुपयों की हो सकती है।

लेकिन शुरूआती दौर में उद्यमी को किसी किफायती मशीन का ही चुनाव करना चाहिए। इसके अलावा उद्यमी को विभिन्न प्रकार की सुई, कैंची, विभिन्न रंगों के सिलाई धागे, बूक्रम, बटन इत्यादि खरीदने की आवश्यकता हो सकती है।      

6.प्राइस लिस्ट तैयार करें (Make Price List for Tailoring Business)

अब उद्यमी द्वारा अपने द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा या फिर बेचे जाने वाले उत्पाद की प्राइस लिस्ट तैयार करनी होगी। जैसे पेंट की सिलाई कितनी होगी, शर्ट की कितनी होगी या फिर पेंट शर्ट दोनों की सिलाई कितनी होगी । प्राइस लिस्ट उस स्थानीय बाजार में पहले से उपलब्ध टेलर के प्राइस को मद्देनज़र रखकर प्रतिस्पर्धात्मक तौर पर तैयार की जानी चाहिए ताकि अधिक से अधिक ग्राहकों को आकर्षित किया जा सके।  

7.मार्केटिंग रणनीति बनायें  

Tailoring Business भी एक ऐसा बिजनेस है जिसमें हर जगह बड़ी मजबूत प्रतिस्पर्धा है।  इसलिए जब आप किसी ऐसे बिजनेस में प्रवेश करते हैं जिसमें पहले से बड़ी तगड़ी प्रतिस्पर्धा है तो आपको अपने आपको अलग दिखाने के लिए काफी परिश्रम एवं मजबूत मार्केटिंग रणनीति की आवश्यकता होती है ।

वर्तमान में उद्यमी के पास अपने बिजनेस को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन प्रमोट करने के अनेकों मुफ्त एवं भुगतान किये जाने वाले प्लेटफोर्म उपलब्ध हैं । इसके अलावा उद्यमी अपने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए रेफेरल कार्यक्रम एवं पहली खरीदारी पर उन्हें कुछ अतिरिक्त लाभ ऑफर करके और अधिक ग्राहकों को आकर्षित कर सकता है।

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