चाय पत्ती का बिजनेस कैसे शुरू करें? How to start Tea leaf business in India.

Tea Leaf Business से आशय चाय की पत्ती बेच कर अपनी कमाई करने से है | इंडिया में चाय एक बेहद प्रचलित पेय है इसलिए चाय सम्बन्धी व्यापारों से भी इंडिया में लाखों लोग जुड़े हुए हैं | चाय से जुड़े Business Ideas की बात करें, तो चाय के बागानों में चाय का उत्पादन करना, चाय का निर्माण करना,चाय की दुकान खोलकर कमाई करना, चाय पत्ती का बाहरी देशों की ओर निर्यात करना, ऑनलाइन चाय बेचने का काम करना इत्यादि सभी इनमें सम्मिलित हैं |

कहने का आशय यह है की चाय की खेती से लेकर, चाय पीने तक की सभी क्रियाएं अधिकतर तौर पर व्यवसाय से जुड़ी हुई क्रियाएं हैं | लेकिन आज हम अपने इस लेख के माध्यम से चाय सम्बन्धी सभी बिज़नेस पर बात न करके सिर्फ चाय पत्ती बिज़नेस पर लेख को केन्द्रित करने की कोशिश करेंगे | और जानेंगे की कैसे कोई व्यक्ति इस तरह का बिज़नेस बहुत कम निवेश के साथ शुरू कर सकता है |

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चाय पत्ती का बिज़नेस कैसे शुरू करें (How to start Tea leaf Business in Hindi):

इंडिया में शायद ऐसा कोई घर नहीं होगा जहाँ दिन में कम से कम एक बार भी चाय नहीं बनती हो अर्थात चाय पत्ती यानिकी Tea Leaf एक ऐसा उत्पाद है जिसे हर घर में कहीं कम तो कहीं ज्यादा उपयोग में अवश्य लाया जाता है | इसलिए किसी भी उद्यमी के लिए चाय पत्ती का बिजनेस शुरू करना लाभकारी हो सकता है तो आइये जानते हैं इस बिज़नेस को शुरू करने की स्टेप बाई स्टेप प्रक्रिया |

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1. चाय पत्ती का बिज़नेस मॉडल:

चाय पत्ती का बिज़नेस शुरू करने की चाह रखने वाले उद्यमी को चाहिए की वह सबसे पहले इस बिज़नेस के मॉडल का चुनाव करे अर्थात जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की चाय पत्ती बेचने के काम को अनेकों मॉडल जैसे ऑनलाइन, दुकान खोलकर खुली चाय पत्ती बेचना या फिर खुली चाय पत्ती को पैक करके अपने बिज़नेस के नाम से बेचकर भी शुरू किया जा सकता है |

इसलिए सर्वप्रथम व्यक्ति को उसके बिज़नेस मॉडल का चुनाव करना होगा | हालांकि हमारे द्वारा दी जाने वाली जानकारी खुली चाय पत्ती को पैक कर बेचने से समबन्धित जानकारी होगी |

2. लोकेशन का चुनाव (Select Location for Tea Leaf Business):

हालांकि बिज़नेस लोकेशन का चुनाव उद्यमी द्वारा चयन किये गए बिज़नेस मॉडल पर निर्भर करेगा | यदि इस बिजनेस को स्टार्ट करने वाले उद्यमी ने चाय पत्ती बेचने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म का चयन किया है तो वह इस बिज़नेस को अपने होम से भी शुरू कर सकता है |

खुली चाय पत्ती को पैकेजिंग करने के लिए भी वह घर के किसी कमरे का इस्तेमाल कर सकता है लेकिन यदि उद्यमी दुकान खोलकर यह व्यवसाय करने की सोच रहा हो तो उसे दुकान की लोकेशन किसी मार्केट में अर्थात भीड़ भाड़ इलाके में रखनी होगी | ऑनलाइन एवं पैकेजिंग से जुड़े कार्य के लिए भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए इस तरह के व्यापार को होम या बाहर स्पेस लेकर भी शुरू किया जा सकता है |

3. लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन:

यदि व्यक्ति चाय पत्ती की बहुत कम मात्रा अर्थात 100-200 किलो से इस बिज़नेस की शुरुआत करना चाहता है। तो उसे शुरूआती दौर में किसी प्रकार के लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन फिर भी उद्यमी को स्थानीय नियमों का निरीक्षण कर लेना चाहिए। 200 किलो चाय पत्ती खरीदकर एवं अपनी दुकान खोलकर यदि उद्यमी इन्हें खुली बेचता है, तो उसे अपने बिज़नेस को शॉप एंड एस्टाब्लिश्मेंट एक्ट के तहत रजिस्टर करना पड़ सकता है।

जब धीरे धीरे उद्यमी का बिज़नेस ग्रोथ करने लगे तो वह अपने बिज़नेस नाम से भी व्यापार शुरू कर सकता है। इसकें लिए उद्यमी को FSSAI License की भी आवश्यकता हो सकती है। FSSAI License के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया के बारे में जानने के लिए एफएसएसआई पर लिखा यह लेख अवश्य पढ़ें।

इस बिज़नेस मॉडल के अंतर्गत Tea Leaf Business  करने की चाह रखने वाले व्यक्ति को पैकेजिंग थैलियों में अपने बिज़नेस का नाम एवं FSSAI License No. प्रिंट करना होता है । जब उद्यमी का सालाना टर्नओवर बीस लाख कुछ राज्यों में दस लाख से अधिक हो जाता है तो ऐसे उद्यमी के लिए जीएसटी पंजीकरण कराना अनिवार्य हो जाता है। जीएसटी पंजीकरण करने का स्टेप बाई स्टेप प्रक्रिया

4. सप्लायर का चुनाव (Select Supplier for Tea Leaf Business):

उपयुक्त लाइसेंस एवं पंजीकरण के बाद उद्यमी अपना चाय पत्ती का बिज़नेस शुरू कर सकता है। इसलिए उद्यमी का अगला कदम एक अच्छे से सप्लायर का चुनाव करना होता है जो किफायती दरों में उसे माल उपलब्ध करा सके। अपने व्यवसाय के लिए सप्लायर का चुनाव करने हेतु उद्यमी इन्टरनेट वेबसाइट जैसे Justdial.com, Clickindia, Indiamart.com, tradeindia इत्यादि की मदद ले सकता है।

चाय पत्ती का बहुत अधिक आर्डर देने से पहले उद्यमी को सप्लायर से सैंपल अवश्य मंगा लेना चाहिए। और फाइनल डिलीवरी के वक्त चाय पत्ती की गुणवत्ता सैंपल से मेल न खाने पर उसे लौटाया जा सकता है। चूँकि शुरूआती दौर में उद्यमी का बिज़नेस स्थानीय लोगों की बदौलत चलेगा। इसलिए ध्यान रहे यदि चाय पत्ती की गुणवत्ता अच्छी नहीं होगी तो उद्यमी द्वारा बेची जाने वाली चाय पत्ती को दुबारा कोई नहीं लेगा। इसलिए शुरूआती दौर में कीमत के साथ साथ गुणवत्ता पर ध्यान देना भी बेहद जरुरी है।

5. अपने उत्पाद की मार्केटिंग करें :

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की चाय पत्ती एक ऐसा खाद्य है। जिसका उपयोग हर घर में चाय बनाने के लिए होता है, इसलिए यह कतई मैटर नहीं करता है की आप अपना बिज़नेस किस राज्य के किस शहर में शुरू कर रहे हैं। चाय पत्ती का बिज़नेस  यानिकी Tea Leaf Business शुरू कर चुके उद्यमी को चाहिए की वह अपने चाय पत्ती के व्यापार की मार्केटिंग शुरुआत में सिर्फ एक निश्चित क्षेत्र में ही करे ताकि इस कार्य को करने में उसका अधिक खर्चा न आये।

अपने उत्पाद को प्रसिद्ध बनाने के लिए उद्यमी चाहे तो कुछ फ्री स्कीम जैसे 100 ग्राम चाय के साथ एक चम्मच मुफ्त। 250 ग्राम के साथ एक डोंगा फ्री जैसी योजनाओं को कार्यान्वित कर सकता है। इससे व्यक्ति के उत्पाद की मार्केटिंग स्वयं उसके ग्राहकों द्वारा ही हो जाएगी।

कितनी होगी कमाई:

Tea Leaf Business में कमाई इस बात पर निर्भर करती है की जिस क्षेत्र को टारगेट करके उद्यमी यह बिज़नेस करना चाहता है। उस क्षेत्र के लोग किस प्रकार की चाय पसंद करते हैं। होल सेल हो चाहे रिटेल चाय की पत्तियों की कीमत उसकी गुणवत्ता पर निर्भर करती है। कहने का आशय यह है की यदि उद्यमी ने उच्च गुणवत्तायुक्त चाय पत्ती खरीदी । तो हो सकता है की वह उस चाय पत्ती को अपने ग्राहकों को उनकी अपेक्षा के मुताबिक कीमत पर न दे पाय।

इसके विपरीत यदि उद्यमी ने निम्न गुणवत्तायुक्त चाय पत्ती खरीदी तो किसी भी ग्राहक के दुबारा आने की संभावना समाप्त हो जायेगी। इसलिए उद्यमी को ग्राहकों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए निम्न गुणवत्तायुक्त एवं उच्च गुणवत्तायुक्त चाय खरीद लेनी चाहिये। और दोनों को मिलाकर अपना उत्पाद तैयार करना चाहिए ताकि वह कीमत एवं गुणवत्ता में ग्राहकों की अपेक्षाओं में खरा उतरे।

उदाहरणार्थ: माना Tea Leaf Business start कर रहा उद्यमी सप्लायर से 50 किलो 100 रूपये किलो वाली चाय पत्ती एवं 50 किलो 180 रूपये किलो वाली चाय पत्ती मंगाता है। तो इस स्थिति में उसे प्रत्येक दो किलो चाय पत्ती 280 की पड़ती है। यानिकी एक किलो 140 की अब उद्यमी बाजार में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए 165 रूपये प्रति किलो भी इसे बेचता है, तो 100 किलो चाय पत्ती पर उसे 2500 की कमाई अर्थात लाभ होता है।

ध्यान रहे दिए गए आंकड़े केवल उदाहरण मात्र के लिए हैं। वास्तविक आंकडें समय, स्थिति, बाज़ार की स्थिति इत्यादि के आधार पर अंतरित हो सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion) : भारत में चाय एक बेहद प्रचलित पेय है, और इसकी भारतीय संस्कृति में बहुत बड़ा महत्व है । क्योंकि घर में आए मेहमान को यहाँ सबसे पहले चाय पानी ही पूछा जाता है । इसलिए Chai Patti Ka Business कर रहे उद्यमी को इसकी मार्केटिंग की चिंता बिलकुल नहीं करनी चाहिए । यदि एक अच्छी रणनीति बनाकर इस बिजनेस को शुरू किया जाय, तो यह बहुत फायदेमंद हो सकता है ।  

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