म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

जानकारी के अभाव में म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय अक्सर लोग छोटी लेकिन अहम बातों का ध्यान रखना भूल जाते हैं | व्यापार के नियम के मुताबिक यह मान लिया जाता है कि खरीदार हमेशा सावधान रहता है | अर्थात कुछ भी खरीदते समय यह मान लिया जाता है कि खरीदार  ने सभी बातें जानने के बाद ही किसी वस्तु या सेवा को ख़रीदा है ।

इसीलिये कहा जाता है कि हमेशा खरीदार को सावधान रहना चाहिए । कोई भी व्यक्ति जब म्यूचुअल फण्डों में अपनी कमाई में से अपनी बचत की पूंजी निवेशित करने का विचार बना रहा होता है या यूँ कहें की किसी भी व्यक्ति को म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय कुछ बिन्दुओं पर जानकारी अवश्य एकत्र कर लेनी चाहिए,  और उसके बाद ही कोई निर्णय लेना चाहिए ।

म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय ध्यान देने योग्य बातें

म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय ध्यान में रखी जाने वाली बातें:

म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय निवेशक को निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए |

  • म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय निवेशक को इस बात का ध्यान रखना होता है की जिस म्यूचुअल फण्ड को क्रय करने में वह रुचि ले रहा है, उसकी आयु (Age of Fund) कितनी है । जो फण्ड अभी हाल में ही स्थापित हुए हैं, उनकी चमक दमक अच्छी हो सकती है लेकिन इस मामले में लम्बे अनुभव वाले अर्थात पुराने म्यूचुअल फण्ड अच्छे सिद्ध होते हैं । म्यूचुअल फण्ड की उम्र का पता सेबी के साथ हुये पंजीकरण से लगाया जा सकता है ।
  • म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय निवेशक को फण्ड के आकार (Size of Fund) का भी पता लगा लेना चाहिए । ऊपरी नजरिये से माना जाता है कि बड़े म्यूचुअल फण्ड अच्छे होते हैं । लेकिन बहुत बड़े आकार के म्यूचुअल फण्ड में से भी हिस्सा खरीदना अच्छा नहीं माना जाता है । क्योंकि आकार बड़ा होने के कारण फण्ड मैनेजरों के हाथ से नियंत्रण फिसलता रहता है ।
  • इसलिए फण्ड मैनेजर छोटी-छोटी बातों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं । जिससे निवेशक की म्यूचुअल फण्ड से अपेक्षित कमाई पर विराम लग सकता है | बड़े आकार के म्यूचुअल फण्ड तो इसलिये अपना तामझाम बनाये रखने में सफल हो जाते हैं क्योंकि उन्हें बड़े आकार से होने वाली बचतें प्राप्त हो जाती हैं । बड़े आकार के म्यूचुअल फण्ड तुलनात्मक रूप से अधिक लाभ नहीं कमा पाते । इसलिए इस प्रकार की स्थिति से म्यूचुअल फण्ड को नहीं वरन निवेशकों को ही हानि होती है ।

म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय फण्ड मैनेजर के बारे में ध्यान देने योग्य बातें

  • म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय फण्ड मैनेजर के बारे में यह देखना चाहिए कि फण्ड मैनेजर
  • का कार्यकाल कितना लम्बा है ? साधारणतया ऐसे फण्ड मैनेजर जिन्हें लगभग 10 वर्ष तक का अनुभव हो, के द्वारा संचालित फण्डों पर विश्वास किया जा सकता है ।
  • फण्ड मैनेजर की निवेश शैली का आकलन कीजिये अर्थात क्या उसकी Investment Style अन्य फण्ड मैनेजरों से अलग है |
  • अगर फण्ड मैनेजर ऐसा हो जिसने अपने कार्यकाल में शेयर बाजार में तेजी और मन्दी दोनों देखी हों तो ऐसे मैनेजर का अनुभव कमाई की दृष्टी से अच्छा माना जाता है |
  • म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय निवेशक को यह बात अपने जेहन में अच्छी तरह बैठा लेनी चाहिए की “फण्ड मैनेजर निवेशक के निवेश पर लाभ-हानि के लिये व्यक्तिगत तौर से जिम्मेदार नहीं है । वह निवेशक की कमाई कराने की बेहतर कोशिश करता है । लेकिन शत् प्रतिशत लाभ की गारन्टी नहीं दे सकता है ।

म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय ध्यान रखने योग्य अन्य बातें

  1. Fund Family के सम्बन्ध में भी आवश्यक जानकारियाँ एकत्र कर लेनी चाहिए । Fund Family के सम्बन्ध में जानकारी सम्बन्धित फण्ड की वेबसाईट से मिल जाती है । जिस फण्ड परिवार की अन्य स्कीमें लाभ दायक तरीके से चल रही हैं वह फण्ड अन्यों की तुलना में बेहतर माना जाता है ।
  2. म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय निवेशक को फण्ड का Turnover देखना भी जरुरी होता है । जिस म्यूचुअल फण्ड का टर्नओवर बहुत ज्यादा है अर्थात 100 प्रतिशत से लेकर 200 प्रतिशत तक है । इसका अभिप्राय यह है कि फण्ड मैनेजर पूरा का पूरा फण्ड वर्ष में कई बार बेच देता है । फण्ड मैनेजर के लिये यह स्थिति ठीक हो सकती है लेकिन लम्बे समय के निवेशकों के लिये यह स्थिति अच्छी नहीं है । इसलिए ऐसे फण्डों से दूर रहना ही अच्छा रहता है ।
  3. निवेशक के लिए फण्ड की Asset Allocation रणनीति का भी अध्ययन करना जरुरी हो जाता है । किसी फण्ड की Asset Allocation की नीति जितनी मजबूत, लेकिन लचकदार होगी, उस फण्ड में तुलनात्मक रूप से जोखिम उतना ही कम होता है ।
  4. म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय फण्ड की Exit दर भी देखनी चाहिए कि वार्षिक रूप से फण्ड से कितने निवेशक बाहर जा रहे हैं । अर्थात फण्ड की यूनिटों की Redemption की गति कैसी है ? यदि बहुत लोग फण्ड को छोड़ रहे हैं । तो इसका अर्थ है कि फण्ड में कोई अन्दरूनी कमी है |
  5. बाजार मूल्य पर यूनिट खरीदने के बजाए यदि नयी यूनिटों का आफर खुला हुआ हो तो, नये आफर में यूनिट खरीदने को प्राथमिकता देनी चाहिए । क्योंकि नई यूनिटें अंकित मूल्य (Face Value) पर मिल जाती हैं जबकि पुरानी यूनिटें बाजार मूल्य पर अर्थात NAV पर मिलती हैं ।
  6. म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय ध्यान रहे यदि म्यूचुअल फण्ड पुराना है तो पिछले कई वर्षों की NAV देखनी चाहिए । क्या NAV लगातार बढ़ रहा है? या घट रहा है यह भी देखना चाहिए । क्योंकि इससे निर्णय लेने में सुविधा होती है । लेकिन यदि NAV में काफी उतार चढ़ाव रहते हैं । तो इसका मतलब है कि जोखिम की मात्रा अधिक है ।
  7. म्यूचुअल फण्ड का Investment Object क्या है? जानना भी जरुरी होता है क्या म्यूचुअल फण्ड का Object आपके निवेश उद्देश्य से मेल खाता है ? यदि दोनों का उद्देश्य एक ही है तो अच्छी बात होगी । क्योंकि जो आप चाहेंगे, वही म्यूचुअल फण्ड चाहेगा । इसलिए निवेशक की निवेश की राह आसान हो जाएगी ।
  8. म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय निवेशक को Hot Fund के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि कोई भी फण्ड या स्कीम हर समय हाट नहीं रहती है । अतः निवेशक को फण्ड पर या यूनिट विशेष पर ध्यान देने की बजाय अपने पोर्टफोलियो पर ध्यान देना चाहिए । क्योंकि निवेशक का उद्देश्य लाभ की कमाई करना है और लाभ कमाई करने में निवेशक की पोर्टफोलियो सहायता करेगा ।
  9. निवेशक को म्यूचुअल फण्ड से प्राप्त होने वाली सम्भावित रिटर्न की गणना करनी चाहिए । और यह देखना चाहिए की भविष्य में उसे क्या लाभ मिलेगा? क्या मिलने वाली दर बढ़ी हुई मॅहगाई की दर से मेल खाएगी? क्योंकि यदि कमाई की दर मंहगाई की दर से कम है तो निवेश से कोई लाभ नहीं होगा ।
  10. निवेशक को चाहिए की निवेश के समय आने वाले खर्चे पर भी नजर डाले । कुछ म्यूचुअल फण्ड सीधे तौर पर बहुत कम खर्चे घोषित करते हैं लेकिन लेनदेन शुल्क, प्रशासनिक शुल्क, हस्तान्तरण शुल्क आदि के नाम पर काफी खर्च करा देते हैं | ध्यान रहे खर्च जितने अधिक होंगे लाभ से होने वाली कमाई उतनी कम हो जाएगी |
  11. म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय ध्यान रहे की यदि म्यूचुअल फण्ड लाभांश वाले हैं तो पिछले कई वर्षों के लाभांश का इतिहास देखना चाहिए | लाभांश की दर का रुख बढ़ोत्तरी की ओर रहा है या स्थिर रहा है? स्थिर दर के लाभांश वाले म्यूचुअल फण्ड कमाई की दृष्टी से अच्छे माने जाते हैं ।
  12. निवेशक को अलग अलग म्यूचुअल फण्डों से प्राप्त होने वाली सेवाओं का भी तुलनात्मक अध्ययन कर लेना चाहिए तथा यदि इन सेवाओं के लिये भुगतान करना है तो सेवा की तुलना में भुगतान की जाने वाली राशि का स्तर क्या है ? सेवा केन्द्र कहाँ पर स्थित हैं? क्या सेवा केन्द्रों पर व्यक्तिगत उपस्थित आवश्यक है या कम्यूनिकेशन के साधनों के माध्यम से सेवायें प्राप्त होंगी । इत्यादि का विश्लेषण कर लेना चाहिए |
  13. म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय निवेशक यदि बन्द अन्त वाले या Tax Benefits वाले म्यूचुअल फण्ड खरीदता है तो उसे Lock in Period को भी देख लेना चाहिए । कहीं लाक्ड पीरियड में निवेशक को अपनी निवेशित धनराशि की आवश्यकता तो नहीं पड़ने वाली है । आम तौर पर व्यापारी वर्ग के लिये इस प्रकार के म्यूचुअल फण्ड उपयुक्त नहीं माने जाते हैं ।
  14. जिन म्यूचुअल फण्डों में उत्तराधिकारियों के नामांकन की सुविधा होती है वे अच्छे माने जाते हैं । क्योंकि जिन म्यूचुअल फण्डों में नामांकन की सुविधा नहीं होती उनमें निवेशक की अचानक मृत्यु से निवेशित धनराशि फंस जाती है । म्यूचुअल फण्डों से प्राप्त लाभों में आयकर भी देना होता है । हर व्यक्ति यही कोशिश करता है कि वह कम से कम इनकम टैक्स का भुगतान करे । अतः देख लेना चाहिए कि आयकर की दृष्टि से कौन सा म्यूचुअल फण्ड अच्छा रहेगा ।
  15. ध्यान रहे म्यूचुअल फण्ड जारी करते समय कम्पनियां प्रास्पेक्टस जारी करती हैं । इस प्रास्पेक्टस में कम्पनियां सभी बातों की घोषणा करती हैं । अतः निवेशक को प्रास्पेक्टस को ध्यान पूर्वक पढ़कर ही निवेश का निर्णय लेना चाहिए ।
  16. म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय इस बात में भी अन्तर कर लेना चाहिये कि निवेश, प्रतिभूतियों का व्यापार करने के लिये किया जा रहा है या लम्बे समय के लिये प्रतिभूतियां सुरक्षित रखने के लिए । क्योंकि इस निर्णय से प्रतिभूतियों या म्यूचुअल फण्डों का चयन प्रभावित होता है ।
  17. निवेशक को ध्यान देना होगा की जोखिम की बातें फण्ड आफर में बारीक अक्षरों में लिखी रहती हैं । अतः म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय बारीक अक्षरों की महत्वता को नजरन्दाज नहीं करना चाहिये ।
  18. म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय सलाह के चक्कर नहीं पड़ना चाहिए । कहने का आशय यह है की जो काम निवेशक खुद कर सकता है उस सेवा के लिये भुगतान करना कहाँ तक जायज है ।
  19. ध्यान रहे सुपर स्टार म्यूचुअल फण्डों की ओर जी नहीं ललचाना चाहिए क्योंकि वहाँ पहले से ही भीड़ होती है । और कहा जाता है की भीड़ लाभ नहीं कमाती है ।
  20. निवेशक को यदि अच्छी कमाई करनी है तो उसे Short Term Investment को भूलना होगा । निवेशक इन तीन नीतियों का अनुसरण कर सकता है | खरीदो और Hold करो, खरीदो और Watch करो एवं खरीदो और भूल जाओ । म्यूचुअल फण्ड खरीदते समय खरीदो और भूल जाओ की निति का अनुसरण करने पर लाभ कमाई करने की संभावना अधिक होती है | क्योंकि म्यूचुअल फण्ड लगाया हुआ निवेश जब याद आयेगा तब निवेशक का निवेश कई गुना बढ़ चुका होगा ।

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