टाई बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें | मशीनरी उपकरणों सहित जानकारी |

टाई के बारे में आप सभी अवश्य जानते होंगे हालंकि टाई विभिन्न प्रकार की होती है यहाँ पर हम जिस टाई का जिक्र कर रहे हैं उसे शर्ट के बाहर गर्दन पर पहना जाता है अर्थात हम यहाँ पर नैक टाई बनाने के व्यवसाय की बात कर रहे हैं | चूँकि गर्दन की तरफ पहने जाने वाली वस्तुओं में नैक टाई एक प्रमुख वस्तु है, इसलिए ऐसे लोग जो टाई बनाकर अपनी कमाई करने की सोच रहे हैं |

उन्हें यह लेख पढ़कर इस व्यवसाय को शुरू करने में प्रयुक्त होने वाली मशीनरी एवं उपकरणों की जानकारी के अलावा बाजार में इस वस्तु की बिकने की संभावनाओं की जानकारी भी प्राप्त हो पायेगी | नेकटाई की बात करें तो यह बाज़ार में अनेकों रंगों में देखने को मिलती हैं जिन्हें लोग कमीज के रंग के आधार पर चयन करके पहनते हैं | विभिन्न रंगों के अलावा टाईयां विभिन्न डिजाइन, पैटर्न, और लिनेन के साथ भी बाज़ारों में उपलब्ध रहती हैं |

टाई को फैशन की एक वस्तु के रूप में भी देखा जा सकता है और अधिकतर तौर पर बिक्री प्रतिनिधियों (sales representatives) द्वारा इनका उपयोग देखने को मिलता है | कहने का अभिप्राय यह है की टाई बनाने वाले व्यक्ति को यह बात जान लेनी चाहिए की टाई का उपयोग केवल बिक्री प्रतिनिधियों द्वारा ही नहीं किया जाता बल्कि डॉक्टर, इंजिनियर, कम्पनी एग्जीक्यूटिव, अधिकारी, होटल कर्मचारियों एवं स्कूल में पढने वाले विद्यार्थियों द्वारा भी बड़े पैमाने पर किया जाता है |

इसलिए आज हम हमारे इस लेख टाई बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें? में यह जानने का ध्येय रखते हैं की कैसे कोई व्यक्ति बेहद कम निवेश के साथ टाई बनाने का यह व्यापार शुरू कर सकता है | चूँकि इस तरह के उत्पाद का उत्पादन करने के लिए भारी भरकम निवेश की आवश्यकता नहीं होती है और टाई बनाने की प्रक्रिया बेहद सरल होने के कारण कोई भी व्यक्ति जिसे टेलरिंग का ज्ञान हो इस तरह का बिज़नेस अर्थात टाई बनाने का व्यवसाय शुरू कर सकता है |

टाई बनाने का व्यापार tie-making-business

नेकटाई क्या है :

नेकटाई को सामान्य तौर पर टाई भी कहा जा सकता है यह आकृति में एक लम्बे कपड़े के टुकड़े की आकृति का होता है | इसे गले में कमीज के कॉलर के नीचे से गर्दन से नीचे की तरफ लटकाया जाता है | नेकटाई अनेकों रूपों जैसे बो टाई, बोलो टाई, अस्कोट टाई, जिपर टाई इत्यादि में विद्यमान है |

हालांकि सामान्य तौर पर टाईयां बिना नाप की होती हैं लेकिन बहुत सारी स्थितियों में इन्हें लम्बी आकृति का बनाया जाता है | बहुत सारी संस्कृतियों में टाई का उपयोग नियमित रूप से स्कूल, कॉलेज, कार्यालय इत्यादि स्थानों पर जाने के लिए किया जाता रहा है वैसे देखा जाय तो पुरुषों द्वारा टाई का उपयोग अधिक किया जाता है लेकिन कुछ महिलाएं भी इन्हें नियमित रूप से पहनती हैं |

टाई बिक्री के बाज़ार में अवसर:  

वर्तमान में बाजार में फैशन से जुड़े कपड़ों की मांग सर्वाधिक है यह इसलिए है क्योंकि जहाँ फैशन से जुड़े वस्त्रों का उपयोग सिर्फ एक वर्ग विशेष करता था वर्तमान में इनका उपयोग आर्थिक रूप से वर्गीकृत हर वर्ग के लोगों द्वारा किया जाने लगा है और टाई भी फैशन वस्त्रों की लिस्ट में एक मत्वपूर्ण वस्तु है | एक आंकड़े के मुताबिक भारत में टाई बनाने के व्यवसाय से अभी बहुत ही कम इकाइयाँ जुड़ी हुई है जिसकी वजह से बाज़ारों में मांग एवं आपूर्ति में गैप देखने को मिलता है |

यही कारण है की विभिन्न मार्केट सेगमेंट से टाई की अपनी मार्केट डिमांड हमेशा विद्यमान रहती है | इसलिए यह भी कहा जा सकता है की टाई की मांग जनसँख्या बढ़ने के साथ, लोगों का अपने पहनावे के प्रति सजग होने के साथ बढती जाती है |

टाई बनाने के व्यवसाय के साथ यदि व्यक्ति चाहे तो और अधिक कमाई करने के लिए रुमाल, स्कार्फ, साड़ी फाल इत्यादि का भी उत्पादन कर सकता है | रुमाल, स्कार्फ, साड़ी फाल इत्यादि का उपयोग भी नियमित रूप से समाज के हर वर्ग द्वारा किया जाता है इसलिए बाजार में इनकी मांग भी हमेशा विद्यमान रहती है |

टाई बनाने के लिए आवश्यक मशीनरी, उपकरण एवं कच्चा माल :

टाई बनाने का व्यवसाय बेहद कम निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है और यदि व्यक्ति खुद ही एक टेलर हो तो शुरूआती दौर में वह किसी अन्य टेलर को वेतन देने में आने वाले खर्चे से भी बच सकता है | इन सब बातों के बावजूद टाई बनाने का व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को जिन जिन मशीनरी उपकरणों की आवश्यकता हो सकती है उनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है |

  • कपड़ा काटने की मशीन (Cloth Cutting Machine)
  • विद्युत् से चलने वाली सिंगल नीडल लॉक सिलाई मशीन (Power operated single needle lock sewing machine)
  • इलेक्ट्रिक आयरन (Electric Iron)
  • कटिंग करने वाली मेज (Cutting Table)
  • वर्कशॉप आइटम (Workshop Items)

टाई बनाने के व्यवसाय में उपयोग में लाये जाने वाले कुछ प्रमुख कच्चे माल की लिस्ट निम्नवत है |

  • विभिन्न कलर, शेड और डिजाईन का सिंथेटिक कपड़ा
  • विभिन्न रंग एवं लेबल के सिलाई के धागे
  • पैकेजिंग सामग्री

आवश्यक लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन:

जहाँ तक शुरूआती दौर में टाई बनाने के व्यवसाय के लिए लाइसेंस एवं पंजीकरण का सवाल है उद्यमी क्षेत्र विशेष के स्थानीय प्राधिकरण से इसकी इजाजत लेकर व्यवसाय शुरू कर सकता है | लेकिन यदि उद्यमी बाजार में अपना ब्रांड स्थापित कर बिज़नेस करना चाहता है तो उसे सबसे पहले अपने बिज़नेस को विभिन्न बिज़नेस entities में से किसी एक का चयन करके रजिस्ट्रार ऑफ़ कम्पनीज के साथ अपना बिज़नेस रजिस्टर कर सकता है | उसके बाद स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकता है |

और अपने उद्योग को लघु उद्योग के तौर पर रजिस्टर करने के लिए उद्योग आधार में ऑनलाइन रजिस्टर कर सकता है | उसके बाद अपने बिज़नेस को वर्तमान कर प्रणाली के अंतर्गत रजिस्टर कर सकता है | अपनी कंपनी के ब्रांड को ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के माध्यम से सुरक्षित रख सकता है |

टाई बनाने की प्रक्रिया (Tie Making Process in Hindi):

टाई बनाने के व्यवसाय में टाई बनाने की प्रक्रिया बेहद सरल है इस प्रक्रिया में सर्वप्रथम उचित गुणवत्तायुक्त कपड़े को कटिंग टेबल पर कटिंग के लिए बिछा दिया जाता है | इसके बाद कपड़े के लेयर के ऊपर ले मार्क लगाया जाता है ताकि कटिंग करते समय किसी प्रकार की कोई त्रुटि न हो |  कपड़े के लेयर के ऊपर मार्क लगा लेने के बाद इसे बिना किसी तोड़ मरोड़ के उसी के अनुसार काट लिया जाता है |

कटिंग कर लेने के बाद कटिंग किये हुए इस कपड़े को टेबल से बाहर निकाल लिया जाता है और इसे सिलने हेतु कुशल टेलरों की तरफ भेजा जाता है | सिलाई पूर्ण हो जाने के बाद टाई बनाने की प्रक्रिया में अगली प्रक्रिया टाई के ऊपर आयरन करने का होता है जो टाई को एक शेप देने में मददगार साबित होती है | आयरन करने के बाद टाई का निरीक्षण किया जाता है की कहीं उसमे कोई कमी तो नहीं है और कमी नहीं मिलने पर इस उत्पाद को पैकेजिंग के लिए आगे भेज दिया जाता है | जिसके बाद टाई को बाजार में बेचने के लिए भेज दिया जाता है |

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