भारत से सर्वाधिक निर्यात होने वाले उत्पादों की लिस्ट.

हर व्यक्ति जो भारत में इम्पोर्ट एक्सपोर्ट बिजनेस करना चाहता है उसे यह ज्ञात होना अति आवश्यक है की भारत में ऐसे कौन कौन से उत्पाद हैं जिनका भारत सर्वाधिक निर्यात एवं आयात करता है । हालांकि इस लेख में हम केवल सर्वाधिक निर्यात किये जाने वाले उत्पादों की बात करने वाले हैं । इसलिए यह उन लोगों या उद्यमियों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है जो भारतीय बाज़ार में स्वयं का इम्पोर्ट एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू करना चाहते हैं।

जैसा की हम सबको विदित है की भारत की सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की एक मजबूत एवं बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रयत्नशील है। जो यह इंगित करता है की आने वाले समय में भारत में अनगिनत स्टार्टअप होंगे । और इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कम्पनियाँ भी धीरे धीरे मजबूत रूप से विकसित होंगी।

विशेष तौर पर इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रोद्योगिकी एवं सेवाओं के क्षेत्र में काफी सुधार देखने के आसार लगाये जा सकते हैं। यद्यपि भारत में इम्पोर्ट एक्सपोर्ट बिजनेस शुरू करने एवं उसे सफलतापूर्वक चलाने में उद्यमी को अनेकों चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। और जो इन चुनौतियों से निबट पाने में सफल हो जाता है वह इस बिजनेस से भारी प्रॉफिट अर्जित कर सकता है। तो आइये जानते हैं की भारत से सर्वाधिक निर्यात होने वाले उत्पादों में क्या क्या शामिल है ।

top exported products from India

1 रीफाइंड पेट्रोलियम:

यह तो सर्वविदित है की रिफाइनिंग पेट्रोलियम उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिसमें प्राइवेट सेक्टर की कुल क्षमता का लगभग 38% हिस्सा है। एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2018 में भारत ने $46.8 बिलियन रिफाइंड पेट्रोलियम का निर्यात किया था।

चूँकि भारत ने रिफाइनरियों के निवेश पर ध्यान केन्द्रित किया है जिसका नतीजा यह हुआ की शुद्ध कच्चे तेल का आयातक होने के बावजूद भारत पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यातक देश बन गया है। ESSAR, Reliance Industries Limited इत्यादि कम्पनियाँ अंतराष्ट्रीय बाज़ारों विशेष तौर पर सिंगापूर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात एवं नीदरलैंड में इंजन गैसोलीन, नाप्था एवं डीजल का निर्यात करती हैं। हालांकि सरकार की कोशिश कोई भी उत्पाद विदेशों में बेचने से पहले देश में उसकी आपूर्ति करने की होती है।

2 खनिज ईधन:

चूँकि भारत खनिजों में समृद्ध है इसलिए भारत से भी खनिजों का निर्यात किया जाता रहा है। दुनिया में अनेकों प्रकार के खनिजों का बड़ी मात्रा में दोहन किया जाता है। भारत खनिजों के उत्पादन में विश्व में उच्च रैंकिंग की स्थिति में है। यहाँ विशेष रूप से कोयला एवं भूरा कोयला का बड़ी मात्रा में उत्पादन किया जाता है।

एक विश्वसनीय आंकड़े के मुताबिक वर्तमान में भारत 40 प्रकार के ईधन खनिज, 10 प्रकार के धातु खनिजों सहित कुल 87 प्रकार के खनिजों का शोषण एवं प्रसंस्करण करता है। और भारत लगभग $30.79 बिलियन मूल्य के खनिजों का निर्यात करता है। लौह अयस्क भारत से निर्यात किया जाने वाला एक प्रमुख खनिज है।

3 रत्न एवं कीमती पत्थर:

रत्नों एवं गहनों के उत्पादन, उपभोग एवं निर्यात करने में भारत दुनिया के देशों में से एक अग्रणी राष्ट्र है। विदेशी मुद्रा संग्रहण एवं नौकरी सुरक्षा की भूमिका के चलते यह उद्योग देश में एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रत्नों एवं गहनों का भारत से सर्वाधिक निर्यात U.A.E, USA, रूस, सिंगापुर, हांगकांग, लैटिन अमेरिका और चीन जैसे देशों में होता है। अकेले अमेरिका, हांगकांग और यूएई में कुल निर्यात का 75% निर्यात होता है। एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2016-17 में $35.51 बिलियन निर्यात किया गया।

4 मशीनरी एवं यांत्रिक उपकरण: 

वर्तमान में भारत ट्रेक्टर मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का सबसे बड़ा देश है जी हाँ यहाँ ट्रेक्टर बनाने वाली 13 से अधिक कम्पनियाँ विद्यमान हैं जो सिर्फ घरेलू माँग की ही आपूर्ति नहीं करती हैं। बल्कि विदेशों की ओर भी ट्रेक्टर बनाकर निर्यात करती हैं। एक आंकड़े के मुताबिक अकेला भारत सम्पूर्ण वैश्विक ट्रेक्टर उत्पादन का एक तिहाई प्रदान करता है।

वर्ष 2006-2007 में 25-45 हॉर्स पॉवर क्षमता के लगभग 263146 ट्रेक्टर बेचे गए जबकि 2017-18 में यह आंकड़ा 6 लाख को पार कर गया। भारत द्वारा निर्मित ट्रेक्टर अफ्रीका, मध्य पूर्व, एशिया, दक्षिण अमेरिका इत्यादि कई देशों में निर्यात किये जाते हैं। इसके अलावा देश से सभी प्रकार के डीजल इंजन, इलेक्ट्रिक मोटर्स एवं कृषि मशीनों एवं उपकरणों का भी निर्यात किया जाता है।

5 जैविक रसायन:

देश में शहरीकरण बढ़ रहा है औरत लोगों की डिस्पोजेबल इनकम में भी वृद्धि हो रही है इसलिए हमें कृषि से और अधिक उत्पादन करने की आवश्यकता है। क्योंकि कृषि योग्य जमीन घटती जा रही है। यदि हमें कृषि योग्य जमीन बनाये रखनी है और मिटटी एवं पर्यावरण को नुकसान पहुँचायें बिना अधिक उत्पादन करना है।

तो हमें ऐसे जैविक रसायनों का उत्पादन करना होगा जो मानव एवं पर्यावरण दोनों के अनुकूल हों। यही सब कारणों से आज भारत में जैविक रासायनिक उद्योग विकसित हो रहे हैं । वर्तमान में अच्छे जैविक रसायनों की देश एवं विदेशों में बड़ी माँग है। इन उत्पादों का भारत से अमेरिका, चाइना, इंडोनेशिया, मलेशिया, ब्राजील इत्यादि देशों की तरफ निर्यात होता है।

6 दवा एवं दवा से सम्बंधित उत्पाद:

भारत से दवाएं एवं अन्य चिकित्सा उत्पाद चाइना एवं अन्य एशियाई देशों में निर्यात किये जाते हैं। एक आंकड़े के मुताबिक भारतीय दवा बाजार मूल्य एवं आकार पूरे विश्व में चौदहवें स्थान पर है। वर्तमान में भारतीय फार्मास्यूटिकल्स उत्पाद दुनिया के 200 से अधिक देशों में निर्यात किये जाते हैं। इनमें मुख्य रूप से अमेरिका, जर्मनी, रूस, यूनाइटेड किंगडम और चीन के बाजार हैं।

7 विद्युत् मशीनरी एवं उपकरण

भारत डीजल जनरेटर के लिए सुप्रसिद्ध है यह विभिन्न क्षेत्रों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा, मोटर वाहन बिजली, स्वचालन, बिजली के भंडारण, रेल  इत्यादि में विद्युत् मशीनरी एवं उपकरणों को निर्यात करता है। चूँकि पिछले दशक से टेक्नोलॉजी इत्यादि में काफी सुधार हुआ है इसलिए भारत में निर्मित विद्युत् मशीनरी एवं उपकरणों की माँग अमेरिका, यूरोपीय संघ इत्यादि विकसित देशों में भी है।

8 लोहा एवं स्टील

भारत से धातु का निर्यात प्रति वर्ष 10% बढ़ने के आसार लगाये जा सकते हैं भारत में कुल एशियाई देशों में उत्पादित स्टील का 8% उत्पादन है। इसलिए आसार लगाये जा रहे हैं की घरेलू खपत को पूरा करने के लिए इस्पात उत्पादन में वृद्धि करने की आवश्यकता है। यद्यपि ऐसे लौह अयस्क की माँग जिसका इस्तेमाल स्टील के उत्पादन के लिए किया जाता है उसकी वृद्धि उसी गति से होना कठिन है। लेकिन बहुत सारे देश ऐसे हैं जो भारत से लोहा एवं स्टील का निर्यात करना पसंद करते हैं।

9 कपास 

कपास की बात करें तो यह एक पारम्परिक निर्यातित उत्पाद है अर्थात इसका निर्यात भारत बहुत पहले से करता आ रहा है। चूँकि भारत में कपास की अच्छी पैदावार होती है इसके अलावा प्रतिस्पर्धी उत्पादन लागत, उत्पादन के लिए एकीकृत सुविधाएँ, वॉल्यूम में लचीलापन इत्यादि कारणों से भारत का कपास उद्योग दुनियाँ में खड़ा है। प्रत्येक वर्ष भारत दुनिया के कुल कपास मार्किट का 25% कपास एवं इससे जुड़े उत्पादों की वैश्विक बाज़ार में आपूर्ति करता है। भारत कपास एवं इससे जुड़े उत्पादों का निर्यात लगभग 166 देशों तक करता है और इससे उसे लगभग 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आमदनी होती है।

10 कपड़े

कपड़े एवं गारमेंट्स भारत द्वारा निर्यात किये जाने वाले प्रमुख उत्पादों में से एक है और आसार लगाये जा रहे हैं की ये लम्बे समय तक बने भी रहेंगे। वर्तमान में भारतीय कपड़ा उत्पादक एवं निर्यातक दुनिया के अन्य खुदरा व्यापारियों को, प्रतिस्पर्धी कीमत, विश्वस्तरीय गुणवत्ता के साथ कपड़ा प्रदान करने में सक्षम हैं। भारत में विभिन्न प्रकार के कपड़ा उत्पादन में बहुत सारे विनिर्माणकर्ता लगे हुए हैं।तमिलनाडू राज्य के तिरुपुर में लगभग 1500 से अधिक कम्पनियाँ विभिन्न प्रकार के वस्त्रों के उत्पादन में संग्लिप्त हैं।

11 समुद्री भोजन

एशियाई क्षेत्र में भारत सबसे बड़े समुद्री खाद्य आपूर्तिकर्ताओं में से एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। एक आंकड़े के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में भारत ने लगभग 1.38 मिलियन टन समुद्री खाद्य उत्पादों का निर्यात किया जिसका कुल मूल्य लगभग 7.08 बिलियन अमरीकी डॉलर आँका गया। हाल के वर्षों में इस उद्योग को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारको जैसे वैश्विक वित्तिय संकट, यूरोप का सार्वजनिक ऋण संकट, मध्य पूर्व एवं उत्तरी अफ्रीका के उतार चढ़ाव के बावजूद भारतीय समुद्री खाद्य उद्योग ने अभूतपूर्व मुकाम हासिल किया है और वर्तमान में यह समुद्री खाद्य निर्यातक के क्षेत्र में एक प्रमुख देश बन गया है।

12 मीट माँस  

वैसे आम तौर पर देखा जाय तो भारत माँस एवं माँस से उत्पादित उत्पादों का निर्यात अपने पड़ोसी देशों में करता है। भारत दुनिया में माँस उत्पादन एवं निर्यात में पाँचवा सबसे बड़ा देश है यहाँ दुनिया के कुल माँस उत्पादन का लगभग 6.9% उत्पादन किया जाता है। एक आंकड़े के मुताबिक पिछले साल भारत में लगभग 4.50 मिलियन टन माँस का उत्पादन हुआ था।

चूँकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और पशु पालन एवं मुर्गी पालन इत्यादि गतिविधियाँ कृषि से ही जुड़ी होती हैं। यद्यपि भारत में राजनैतिक एवं सामजिक कारणों से बीफ का उत्पादन एवं निर्यात काफी घट गया था । भारत में दुनिया के कुल भैंस के मीट के उत्पादन का लगभग 20% उत्पादन किया जाता है।

13 विभिन्न केमिकल उत्पाद

रसायनों के उत्पादन में भारत का पूरे एशिया में तीसरा तो विश्व में छठा स्थान है जिसका अभिप्राय यह है की भारत पूरी दुनिया में रासायनिक उत्पादन में छठा सबसे बड़ा देश है। इसमें सभी प्रकार के केमिकल कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, बायोटेक्नोलॉजी इत्यादि शामिल हैं। भारतीय केमिकल एवं पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री से जुड़े 80000 से अधिक उत्पाद है जिनका उत्पादन भारत में किया जाता है। इन उत्पादों में से कई उत्पाद मध्य पूर्व देशों एवं कोरिया, जापान, सिंगापूर, यूरोप, अमेरिका एवं चाइना में भी निर्यात किये जाते हैं।

14 चाय कॉफ़ी:

चाय कॉफ़ी भी भारत से निर्यात की जाने वाली एक पारम्परिक उत्पाद है इसलिए एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2016-17 में कॉफ़ी फसल का निर्यात 5.5 मिलियन टन से अधिक था और इसने कॉफ़ी बीन्स एवं इंस्टेंट कॉफ़ी के निर्यात को बढ़ावा दिया। भारत की ग्रीन कॉफ़ी को इटली, जर्मनी और रूस की ओर प्रमुख तौर पर निर्यात किया जाता है जबकि इंस्टेंट कॉफ़ी को तुर्की और पोलैंड के बाज़ारों में भेजा जाता है। भारत में चाय उत्पादन में दार्जिलिंग, असम और नीलगिरि / कोनूर क्षेत्र प्रमुख रूप से शामिल हैं।

इनके अलावा अन्य क्षेत्र भी हैं जहाँ चाय का उत्पादन किया जाता है उनमें डूआर्स, सिक्किम, तराई, हिमाचल प्रदेश (कांगड़ा और मंडी सहित) और त्रावणकोर / केरल भी शामिल हैं।  दार्जीलिंग की ब्लैक टी प्रसिद्ध है तो वहीँ असम की प्रिय स्वाद वाली चाय प्रसिद्ध है। छोटे और नए निर्यातकों के लिए चाय , कॉफ़ी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

15 मसाले:

मसालों की बात करें भारतीय मसाले एक ऐसा उत्पाद है जिनकी विदेशी बाजारों में सर्वाधिक माँग रहती है। एक आंकड़े के मुताबिक भारत प्रतिवर्ष लगभग 8.5 लाख टन मसालों का निर्यात करता है जिनका मूल्य लगभग 162.38 बिलियन अमेरिकी डॉलर होता है। भारत से सर्वाधिक निर्यात होने वाले मसालों में मिर्च, जीरा एवं हल्दी प्रमुख हैं। चूँकि यूरोपीय देशों में भारतीय मसलों की सर्वाधिक माँग है इसलिए भारतीय लोगों के लिए यह एक आकर्षक निर्यात व्यापार हो सकता है।

16 चावल

भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है और वर्ष 2017 में भारत ने कुल वैश्विक चावल व्यापार में 25% की हिस्सेदारी की थी। जिसका कुल मूल्य लगभग 7.73 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2017 में भारत का शुद्ध चावल निर्यात 12.7 मिलियन टन तक पहुँच गया था। और बासमती चावल का निर्यात लगभग 4 मिलियन टन तक पहुँच गया था जिसमें से लगभग 80% से अधिक बासमती चावलों का निर्यात खाड़ी देशों एवं ईरान में भेजा गया।

17 गहने एवं आभूषण:

भारत का गहना उद्योग या आभूषण उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था में एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । यह देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7% की भुमका निभाता है।

जबकि यह 14% कमोडिटी निर्यात के लिए भी जिम्मेदार है। और इस उद्योग से लगभग 5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है। एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2019 के अप्रैल में सोने के गहनों या आभूषणों का निर्यात 908.98 मिलियन अमेरिकी डॉलर था जो पिछले वर्ष के समान अवधि से 11% अधिक था। चाँदी के निर्यात में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई और पिछले साल से चांदी का निर्यात 170% तक बढ़ गया।

उपर्युक्त उत्पादों के अलावा भारत से निर्यात किये जा सकने वाले उत्पादों में हीरे, वाहनों के पार्ट एवं उपकरण, फ़ोन एवं इनके उपकरण, फुटवियर, रबर, लिनन, हेंडीक्राफ्ट आइटम, रेशम, परफ्यूम आयल, काजू इत्यादि शामिल हैं।   

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