टेलीविज़न चैनल कैसे शुरू करें । How to Start Own TV Channel in India.

अक्सर लोगों के मन में यह सवाल हिचकोले ले रहा होता है की वे अपना TV Channel कैसे खोल सकते हैं । इसलिए आज हम हमारे इस लेख के मध्यम से भारतवर्ष में अपना TV Channel चाहे वह कोई News Channel हो या मनोरंजन चैनल कैसे खोला जा सकता है । के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं । वर्तमान में भारतवर्ष के लगभग हर घर में चाहे वह ग्रामीण भारत हो या शहरी में टेलीविज़न है इसलिए टेलीविज़न देखने वालों की संख्या में बीते कुछ वर्षों में तीव्र वृद्धि हुई है ।

वर्तमान में केबल टीवी और डिजिटल सेटेलाईट टेलीविज़न सिग्नल डिलीवर करने के प्रमुख रस्ते हैं । हालांकि समय व्यतीत होने के साथ साथ प्रसारण की दुनियां में भी परिवर्तन होते रहे हैं जहाँ पहले लोग एंटेना, डिश, केबल इत्यादि के माध्यम से सिग्नल प्राप्त करते थे । वर्तमान में डिजिटल सेटेलाईट टेलीविज़न प्रणाली में सेट टॉप बॉक्स का उपयोग होता है । इससे पहले की हम TV Channel शुरू करने की प्रक्रिया के बारे में वार्तलाप करें आइये जानते हैं की टेलीविजन चैनल कहते किसे हैं ।

TV channel kaise shuru kare

टेलीविज़न चैनल क्या है (What Is TV Channel In Hindi):

एक TV Channel को आप एक प्रसारण आवृत्ति कह सकते हैं या फिर इसे एक ऐसी आभासी संख्या कह सकते हैं जिस पर एक टेलीविज़न स्टेशन बना हुआ हो । कहने का तात्पर्य यह है की एक टीवी चैनल एक भौतिक या आभासी चैनल है जिस पर एक टेलीविजन स्टेशन या टेलीविजन नेटवर्क वितरित किया जाता है ।

यह एक ऐसा नेटवर्क होता है जिस पर अलग अलग टेलीविज़न कार्यक्रम श्रोताओं को देखने को मिलते हैं । दुनियाभर की बात करें तो यहाँ अनेकों TV Channel विद्यमान हैं जिनमे से कुछ चैनल सरकारों द्वारा संचालित होते हैं लेकिन अधिकतर तौर पर सभी चैनल निजी अर्थात प्राइवेट होते हैं । यही कारण है की अक्सर इंडिया में उद्यमी बनने की ओर अग्रसित लोग यह जानने की कोशिश करते हैं की वे अपने खुद का TV Channel कैसे खोल सकते हैं ।

टेलीविज़न चैनल की आवश्यकता (Requirement of TV Channel ):

ध्यान रहे कोई भी बिज़नेस तभी चलता है जब लोगों को उसकी आवश्यकता हो इसलिए लोगों को TV Channel की आवश्यकता को समझने से पहले हमें TV को समझना होगा और इसे समझने के लिए हमें प्रसारण को समझना होगा । सार्वजनिक प्रसारण के सबसे पुराने या प्रारम्भिक प्रारूप की बात करें तो वह रेडियो था । टेलीविज़न के अविष्कार एवं इनके प्रसारण से पहले केवल रेडियो ही समाचार और मनोरंजन प्रसारित करने का माध्यम था । यही कारण था की टेलीविज़न नेटवर्क भी इनकी प्रारम्भिक अवस्था में अधिकतर रेडियो चैनल ही थे ।

दूरदर्शन, भारत के पहले और सबसे पुराने प्रसारण नेटवर्क ने ऑल इंडिया रेडियो के माध्यम से एक रेडियो स्टेशन के रूप में देश भर में अपनी सेवाएं शुरू की थी । यहाँ पर हमारा उपर्युक्त इतिहास बताने का मकसद सिर्फ इतना है की टेलीविज़न की आवश्यकता लोगों को प्राचीनकाल से ही रही है । लेकिन जहाँ पहले रडियो चैनल के माध्यम से प्रसारण हुआ करते थे वर्तमान में टेलीविज़न व्यापक संचार का एक बेहद बड़ा रूप बनकर सामने आया है ।

टेलीविज़न एवं इन्टरनेट वर्तमान में संचार के दो बेहद प्रमुख एवं सबसे बड़े साधन हैं । हालांकि समाचार पत्रों की भूमिका भी इसमें अग्रणी है । समय के साथ साथ जैसे जैसे टेलीविज़न उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि होती रही वैसे वैसे लोग टेलीविज़न एवं इसके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के बारे में जागरूक बनते रहे हैं | यही कारण है की वर्तमान में लोग इस बात का निर्णय करते हैं की वे टेलीविज़न पर क्या देखेंगे, उसके लिए कितना भुगतान करेंगे, कब देखेंगे इत्यादि ।

और इसलिए एक श्रेणी में आने वाली विभिन्न TV Channel भिन्न भिन्न प्रोग्राम अपने ग्राहकों को दिखाने की कोशिश करते हैं । TV Channel का हमारे समाज पर बेहद गहरा प्रभाव पड़ा है लोगों के घरों में टेलीविज़न होने के कारण उनमे जागरूकता बढ़ी है और वे चीजों को और बेहतर तरीके से जानने लगे हैं । क्योंकि लोग मनोरंजन के साथ साथ इनसे समाचार एवं जानकारी लेने का भी कार्य करते हैं ।

इन्हीं संचार माध्यमों से लोगों में समाज में व्यापत बीमारीयों के प्रति जागरूकता आई है जिससे उन्हें इन बीमारीयों से उबरने में मदद मिलती है । बहुत सारे लोग ऐसे भी है जिन्हें टेलीविज़न के माध्यम से अपने टैलेंट को लोगों तक पहुँचाने का अवसर प्राप्त हुआ है और उन्हें दुनिया में एक नई पहचान मिली है ।

वर्तमान में बहुत सारे चैनलों में टैलेंट शोज होते हैं जो टैलेंटेड लोगों को अवसर प्रदान करते हैं । इसके अलावा टीवी के अनेकों नुकसान भी है जिसे कुछ बच्चे टेलीविज़न के इतने दीवाने हो जाते हैं की उनका अन्य कामों जैसे पढाई, खेल इत्यादि में भी मन नहीं लगता लेकिन इसके बावजूद भी समाज, देश, विदेश सभी को TV Channel एवं टेलीविज़न की नितांत आवश्यकता है ।

खुद का टेलीविज़न चैनल कैसे शुरू करें? (How to Start TV Channel In India in Hindi):

हालांकि भारत में वर्तमान परिदृश्य में TV Channel शुरू करना पहले से कठिन इसलिए हो गया है, क्योंकि वर्ष 2014 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस उपलक्ष्य में कठोर दिशानिर्देश जारी किये हैं । जहाँ पहले कोई भी गैर जिम्मेदार या गैर गंभीर व्यक्ति भी अपना TV Channel खोल सकता था वर्तमान में कोई गैर गंभीर व्यक्ति अपना चैनल नहीं खोल पायेगा क्योंकि इन्हें रोकने के लिए ही वर्ष 2014 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी किये थे ।

पूर्व में आवश्यक चीजें और आवश्यक पूँजी:

TV Channel शुरू करने के इच्छुक लोगों या सामान्य जनमानस के अंतर्मन में भी यह प्रश्न आना स्वभाविक है की एक TV Channel शुरू करने में कितना खर्चा आता होगा । तो अपने आदरणीय पाठकगणों को हम बता देना चाहेंगे की एक टीवी चैनल सिर्फ वही कंपनी खोल सकती है जिसकी नेट वर्थ कम से कम पांच करोड़ रूपये हो । इसके अलावा News Channel के लिए यह सीमा भिन्न है News Channel खोलने के लिए कंपनी का नेट वर्थ कम से कम बीस करोड़ रूपये होना चाहिए ।

उपर्युक्त मानकों पर खरी उतरने वाली कंपनियां TV Channel License के लिए आवेदन कर सकती है लेकिन उन्हें लाइसेंस प्राप्त करने के एक साल के अन्दर अन्दर टीवी चैनल शुरू करना अनिवार्य होगा ।

यह एक साल का समय कंपनी को इसलिए दिया जाता है क्योंकि उसे संवादाताओं, एडिटर, स्टूडियो, मार्केटिंग टीम इत्यादि की स्थापना करनी होती है । TV Channel Start कर रहे उद्यमी को बिज़नेस को चालू रखने के लिए उचित नकद प्रवाह की भी व्यवस्था करनी होगी । इसमें उद्यमी प्रारम्भ के कुछ महीने या वर्षों में आने वाले खर्चे को ध्यान में रख सकता है । उद्यमी चाहे तो एक प्रभावी बिज़नेस प्लान तैयार करके बिज़नेस में आने वाले खर्चे से लेकर उसके लक्ष्य तक निर्धारित कर सकता है ।

टीवी चैनल के कमाई के स्रोत:

एक बार जा उद्यमी को TV Channel खोलने में आने वाले खर्चे का पता लग जाता है और वह उसकी व्यवस्था करके अपने बिज़नेस को शुरू कर देता है । अर्थात कहने का अभिप्राय यह है की जब TV Channel पूर्ण रूप से संचालित हो जाता है तो अब उद्यमी को अपने टीवी चैनल से कमाई करने के बारे में सोचना चाहिए । यद्यपि एक टीवी चैनल से पैसे कमाने के कई तरीके होते हैं लेकिन जो सबसे प्रभावी एवं अच्छा तरीका है वह है विज्ञापन से होने वाली कमाई ।

इसमें उद्यमी विज्ञापन स्पॉट बेचकर अपनी कमाई अर्थात धन अर्जित कर सकता है । TV Channel से कमाई करने का दूसरा तरीका प्रायोजित कार्यक्रमों के माध्यम से पैसे कमाने का भी है इसमें कोई एक विशेष कंपनी उस चैनल पर दिखाए जाने वाले कुछ सामग्री या फिर पूरी सामग्री को स्पोंसर कर रही होती है ।

डीटीएच की इस नई प्रणाली में सब्सक्रिप्शन भी पैसे कमाई करने की एक तकनीक है । यद्यपि यह शुल्क ऑपरेटर को चैनल द्वारा भुगतान किये गए कैरिज शुल्क पर लागू होता है । रॉयल्टी शुल्क के माध्यम से भी TV Channel की कमाई हो रही होती है । इसलिए उद्यमी को कमाई करने के सभी संभावित रास्तों पर विचार अवश्य करना चाहिए ।

टीवी चैनल के लिए कार्यक्रम एवं सामग्री का निर्माण:  

TV Channel Start कर रहे उद्यमी ने यदि सभी कार्य पूर्ण कर लिए हों तो अब उसको अपने टीवी चैनल के लिए कार्यक्रम या सामग्री का निर्माण करना होता है जो वह अपने दर्शकों को दिखा सके । सामग्री का निर्माण करने के लिए उद्यमी को निम्नलिखित कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है ।

  • उद्यमी को इस बात का निर्णय लेना होगा की वह किस तरह का TV Channel शुरू करना चाह रहा है और उसे शो में दिखने वाले शो एवं उनके प्रकार की भी लिस्ट तैयार करनी होगी ।
  • स्टूडियो की व्यवस्था करें किसी भी TV Channel को स्टूडियो की नितांत आवश्यकता होती है । और यदि उद्यमी News Channel शुरू करना चाहता है तो एक स्टूडियो ऐसा भी होना चाहिए जहाँ से समाचारों का प्रसारण हो । हालांकि उद्यमी चाहे तो स्टूडियो का निर्माण खुद भी कर सकते हैं लेकिन बिज़नेस के आरम्भिक अवस्था में स्टूडियो किराये पर लेना समझदारी होगी ।
  • TV Channel चलाना किसी एक आदमी के बस की बात नहीं है इसके लिए एक पूरी टीम की आवश्यकता होती है इसलिए अब उद्यमी का अगला कदम टीवी चैनल के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति का होना चाहिए । उद्यमी को मार्केटिंग कर्मचारी, शो दिखाने वाले कर्मचारी, फाइनेंस के अलावा क्लेरिकल स्टाफ एवं निम्न स्तर के स्टाफ की भी आवश्यकता होगी ।
  • खुद के शो शूट करें या अन्य चैनल से डाउनलिंक शो शूट करें । हालांकि स्वयं के शो को शूटिंग करना चैनल के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है । इसमें कमाई एवं प्रायोजित कम्पनियाँ मिलने की अधिक संभावनाएं होती हैं । यद्यपि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए दिशानिर्देशों के अनुरूप उद्यमी अपने TV Channel पर किसी विदेशी चैनल को डाउनलिंक भी कर सकता है ।

भारत में टीवी चैनल लाइसेंस लेने की प्रक्रिया (How to Get License for  TV Channel in India in Hindi):

भारत में TV Channel शुरू करने की प्रक्रिया चैनल के प्रकार के आधार पर अलग अलग हो सकती है लेकिन प्रमुख विधि एक सी ही रहती है । भारत में TV Channel Register करने की स्टेप बाई स्टेप विधि का उल्लेख हम नीचे कर रहे हैं । यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है जिसमे बहुत सारी सोच एवं तैयारी की आवश्यकता होती है ।

  • TV Channel की स्थापना के लिए Uplink Hub की आवश्यकता होती है और यह लाइसेंसिंग का एक चरण है इसमें चैनल खोलने के इच्छुक उद्यमी या कंपनी द्वारा सम्बंधित अथॉरिटी को चैनल शुरू करने के पीछे अपने एजेंडे को बताना होता है । इसके बाद उद्यमी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ मिलकर काम करना होता है ।
  • भारत में TV Channel Uplinking की स्वीकृति या परमिशन मिल जाने के बाद उद्यमी प्रसारण के ऐसे क्षेत्र में एक वैधानिक खिलाड़ी बन जाता है जो भारत से अपने चैनल को विश्व भर के दर्शकों को दिखाने के लिए अपलिंक करना चाहते हैं । ऐसा करने के लिए उद्यमी को सम्बंधित मंत्रालय में आवेदन करना होता है और जब उद्यमी को एफिडेविट प्राप्त हो जाता है तो उसके बाद उसके फॉर्म को सिक्यूरिटी क्लेअरेंस और सेटेलाईट इस्तेमाल के क्लेअरेंस के लिए भेज दिया जाता है । सभी जरुरी क्लेअरेंस के बाद TV Channel खोलने वाली कंपनी को अपलिंक की स्वीकृति दे दी जाती है । उसके बाद उद्यमी इस फैसिलिटी का इस्तेमाल कर सकता है ।
  • यदि उद्यमी एक News Channel Start करना चाहता है तो उसका अपलिंकिंग का लाइसेंस लेने की प्रक्रिया थोड़ी अलग हो सकती है । हालांकि इसमें भी उपर्युक्त बताई गई प्रक्रिया के माध्यम से ही गुजरना पड़ता है लेकिन इसमें क्लेअरेंस के बाद एक एनओसी की भी आवश्यकता होती है । इसके बाद उद्यमी को अपने News Channel के परिचालन और रखरखाव सुविधा को बनाए रखने के लिए वायरलेस योजना आयोग से संपर्क करना होगा । अंत में फर्म को स्पेक्ट्रम के उपयोग के लिए डब्ल्यूपीसी द्वारा निर्धारित लाइसेंस शुल्क और रॉयल्टी का भुगतान भी करना होगा ।
  • इन सबके बावजूद TV Channel के शेयरहोल्डिंग पैटर्न और कंटेंट स्वीकृति के लिए अनेकों प्रकार के फॉर्म जमा करने की आवश्यकता हो सकती है ।

इस विषय पर और अधिक जानकारी के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अधिकारिक वेबसाइट पर विजिट किया जा सकता है ।

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