उद्योग को सफल बनाकर सफलता को बरक़रार कैसे रखें।

हालांकि अक्सर देखा गया है की लोगों द्वारा प्राय: अपने उद्योग को सफल बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत की जाती है, लेकिन सभी मेहनत करने वालों को इस काम में सफलता नहीं मिलती है । क्योंकि अक्सर लोग अपनी क्षमता के बाहर कार्य करने से गुरेज नहीं करते जिसके कारण उनमे तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है और इसी कारण वे अपने बिज़नेस पर पूर्ण ध्यान नहीं दे पाते ।

व्यापार हो या मनुष्य जीवन का कोई अन्य क्षेत्र, अपनी क्षमता के अनुरूप कार्य का चयन एवं उसे सही तरीके से शुरू करना सफलता के लिए बेहद जरुरी होता है । और कभी कभी तो ऐसा भी होता है की उद्यमी कुछ समय के लिए अपने उद्योग को सफल बनाने में कामयाब भी हो जाता है परन्तु यह सफलता स्थायी एवं तीव्र गति से विकासशील बनी रहे और उद्यमी को कभी पीछे मुड़कर न देखना पड़े इसके लिए कुछ सावधानियों का अनुसरण उद्यमी को ताउम्र करना होता है ।

यदि हम सफलता के पीछे विद्वानों द्वारा कही गई बात का उल्लेख करें तो हम पाएंगे की अधिकतर विद्वान मानते हैं की ‘’सफलता पाना उतना कठिन नहीं है जितना उसे  सतत एवं स्थायी रूप से निरन्तर बनाए रखना है’’। जहाँ तक औद्योगिक क्षेत्र का सवाल है विद्वानों का यह उपर्युक्त कथन बिलकुल सटीक बैठता है, क्योंकि अक्सर हम देखते हैं की हर दशक में कोई एक उद्योगपति इस प्रकार की सफलताएँ प्राप्त करता है की देखने वाले दंग रह जाते हैं की उसने अपने उद्योग को सफल बनाया कैसे?

लेकिन आने वाले केवल दो तीन दशकों के अन्दर ही वह सफल उद्योग आम उद्योगों की श्रेणी में आ जाता है । लेकिन जहाँ उपर्युक्त उदाहरण अधिकतर तौर पर दिखाई देंगे वहीँ कुछ ऐसे उदाहरण भी हैं जो किसी एक क्षेत्र में दशकों से शीर्ष पर रहे हैं उदाहरणार्थ: टायलेट गुड्स के क्षेत्र में हिंदुस्तान लीवर एवं स्टील के क्षेत्र में टाटा का दशकों से अव्व्वल रहना ।

इन उद्योगों का अव्वल रहने के पीछे इनकी कार्य करने की शैली, निर्णय लेने की क्षमता इत्यादि है इसलिए जब तक ये उद्योग इसी तरह से कार्यान्वित रहेंगे तब तक ये निरंतर शीर्ष पर बने रह सकते हैं । इस लेख के माध्यम से आज हम उन्हीं तथ्यों का विश्लेषण करेंगे जिनको अपनाकर उद्योग को सफल बनाकर उसकी सफलता को बरक़रार रखने में मदद मिलती है ।

उद्योग को सफल कैसे बनायें

1. उद्योग को सफल बनाने हेतु सही उत्पादों का चयन करें (Choose Right Products):

यदि आप अपना उद्योग स्थापित करना चाहते हैं तो अपने अनुभव, ज्ञान, क्षमता, मांग, प्रतिस्पर्धा इत्यादि बातों को ध्यान में रखकर ही उत्पाद का चयन करें । और यदि आप पहले से उद्योग स्थपित कर चुके हैं लेकिन उसी इसकी में कुछ और वस्तुओं का उत्पादन करना चाहते हैं तब भी उद्योग को सफल बनाने में सही उत्पाद का अहम योगदान होता है । दुनिया में सैकड़ों प्रकार के उद्योग एवं उद्यम हैं और प्राय: ऐसा देखा गया है की एक एक उद्योग के अन्दर कई कई वस्तुओं का उत्पादन होता है ।

लेकिन यह भी देखा गया है की चाहे उद्योग कितना ही बड़ा क्यों न हो वह अपने वर्ग से जुड़ी सभी वस्तुओं का उत्पादन स्वयं नहीं करता है। इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह अपने उद्योग एवं उसके लिए उत्पादों के चयन करते समय स्थानीय क्षेत्र एवं बाज़ार के रुझानों का अनुसरण करे अर्थात अपने उद्योग को सफल बनाने के लिए उत्पादन हमेशा उत्पादन उस वस्तु से शुरू करे जिसकी माँ स्थानीय बाज़ार में ही बहुतायत तौर पर हो और वह स्थानी बाज़ार में ही आराम से बिक जाय ।

इसके अलावा अपने उद्योग को सफल बनाने की दृष्टी से उद्यमी को इस बात का भी ध्यान रखना होगा की उसकी इकाई द्वारा प्रयुक्त किया जाने वाला कच्चा माल भी नजदीकी क्षेत्र में भरपूर मात्रा में उपलब्ध हो । छोटे स्तर पर कार्य करते समय सबसे अच्छा तो यही रहेगा कि उद्यमी उस वस्तु का उत्पादन शुरू करें जिसे पहले से ही कुछ उद्यमी सफलतापूर्वक बना कर उसे बेचकर अपनी कमाई कर रहे हैं ।

कच्चामाल बहुत दूर से लाने पर या तैयार माल को बहुत अधिक दूर-दूर तक भेजने पर Working Capital कई गुना तक बढ़ सकता है । कृषि उत्पादों, फलों एवं डेयरी पर आधारित तथा श्रम की प्रधानता वाले उद्योग कस्बों एवं ग्रामों में अधिक लाभदायक सिद्ध होते हैं, वहीँ  इलेक्ट्रिकल्स एवं कास्मेटिक्स उद्योगों को ऐसे इलाकों में स्थापित करना आर्थिक रूप से हानिकारक हो सकता है ।

उपभोक्ता सामग्री से जुड़े सभी उद्योगों में उद्यमी की व्यापारिक दक्षता एवं उसकी खर्च करने की क्षमता का विशेष महत्व होता है, तो इंजीनियरिंग एवं उससे जुड़े  सहायक उद्योगों में मशीनों तथा तकनीकी दक्षता का । यहाँ पर यह स्पष्ट कर देना जरुरी है की प्रत्येक उद्योग की कुछ विशिष्टताएँ, विशेषताएँ, कमियाँ एवं सीमाएँ होती हैं ।

इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह पहले ठण्डे दिमाग से अपनी सभी क्षमताओं, वातावरण एवं जो उद्योग वह आरम्भ करने की सोच रहा हो के सभी पहलुओं का विश्लेषण करने के बाद ही  आगे की ओर कदम बढ़ाये तभी वह अपने उद्योग को सफल उद्योग में परिवर्तित कर पाने में सक्षम होगा ।

2. शुरुआत में अपने उद्योग की उत्पादन क्षमता कम रखें:

अधिकतर उद्यमी अपने उद्योग को सफल इसलिए नहीं बना पाते क्योंकि वह नया उद्योग शुरू  करते समय एक सबसे बड़ी त्रुटि कर बैठते हैं । वह त्रुटि अर्थात गलती यह है की वे शुरुआत में  में ही प्लाण्ट, मशीनों और ऑफिस-निर्माण पर पूँजी का एक बहुत बड़ा भाग खर्च कर देते हैं । और इसके बाद होता क्या है की वे एक दो महीनों के अन्दर ही बाज़ार में अपने उत्पाद की अधिकता कर देते हैं अर्थात चाहे उसकी मांग हो या न हो वे अपने उत्पाद को बाज़ार में पहुंचा देते हैं ।

इससे होता क्या है की उनके पास पहले जितनी पूंजी होती है वह खत्म हो जाती है और इसके बाद पूंजी के अभाव में उनका कार्य रुक जाता है । बाजार में न तो वे अपने उत्पाद भेज पाते हैं और न ही उन्हें पहले सप्लाई किए गए माल का पैसा ही मिल पाता है, बाज़ार में उत्पादों को फंसा देने पर उद्यमी को पैसे यदि मिलते भी है तो थोड़े थोड़े करके मिलते हैं जिनसे वह अपने उद्योग के लिए कुछ कर पाने में असफल रहता है ।

कंज्यूमर प्रोडक्ट्स से समबन्धित उद्योगों की जो सबसे बड़ी विशेषता होती है वह यह होती है की इस श्रेणी के उद्योगों में मशीनों एवं उपकरणों पर आने वाले खर्चे के बीस बाईस गुना अधिक खर्चा कच्चेमाल एवं पैकेजिंग सामग्री पर आता है ।

इसलिए उद्योग को सफल बनाने के लिए उद्यमी को चाहिए की वह कम से कम छह महीने के Working Capital को अपने पास सुरक्षित तौर पर लेके चले ताकि शुरुआती दौर में बिज़नेस से कमाई नहीं होने पर भी वह अपने उद्योग को सफल बनाने में सक्षम हो सके । और उद्यमी को बिज़नेस की सफलता के लिए इस बात का ध्यान रखना भी बेहद जरुरी है की चाहे उसका व्यवसाय कितना ही क्यों न बढ़ जाए लेकिन उत्पादन हमेशा क्षमता के अनुरूप ही होना चाहिए ।

3. उद्योग को सफल बनाने के लिए जरुरी है नवीनतम उत्पाद (Introduce New Products):

यह जरुरी नहीं है की जो वस्तु या उत्पाद आज बाज़ार में धड़ल्ले से बिक रहा है उसकी डिमांड भविष में भी वैसी ही रहेगी और लोग उसका उपयोग करते रहेंगे। क्योंकि बहुत सारे उत्पाद ऐसे होते हैं जिनकी डिमांड समय के अनुरूप बढती घटती रहती है । इसलिए उद्यमी को अपने उद्योग को सफल बनाने के लिए समय समय पर अपने उत्पाद में अपग्रेडेसन या नया उत्पाद निकालना होगा ।

ध्यान रहे शुरुआत में एक दो वस्तु से छोटे स्तर पर उत्पादन शुरू करने का यह अर्थ बिलकुल नहीं है की बिज़नेस की सफलता के लिए नए प्रयोग करने से हिचकना चाहिए । किसी भी उद्यमी के लिए अपने उद्योग को सफल बनाने हेतु धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाते रहना एवं समय के साथ-साथ उत्पादों की संख्या भी बढ़ाते रहना आवश्यक है । इसके अलावा  अधिकतम कमाई करने के लिए उद्यमी को समय के अनुरूप नए-नए उत्पाद भी निकालते रहना चाहिए ।

यदि उद्यमी अपने उत्पाद के गुणों में सुधार करना चाहता है या उसके रंग-रूप, -स्वाद-सुगन्ध इत्यादि में परिवर्तन करना चाहता है, तो उद्यमी को चाहिए की वह उस संसोधित उत्पाद के लिए एक अलग से ब्रांड नाम का चयन करे और ब्राण्डनेम से ही उस उत्पाद को बेचने की गलती कदापि न करे ।

क्योंकि उत्पाद का यह बदला हुआ स्वरूप इसके उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति पैदा कर सकता है और जिन उपभोक्ताओं द्वारा उद्यमी के उताप्द को लम्बे समय से उपयोग किया जा रहा है उन्हें यह बदला हुआ स्वरूप पसंद ही हो यह कहना मुश्किल है । इसलिए अपने उद्योग को सफल बनाने अर्थात अपने बिज़नेस की सफलता के लिए उद्यमी को चाहिए की वह जब भी अपने उत्पाद में कुछ परिवर्तन करे तो उसे नए ब्रांड नाम के साथ बाज़ार में उतारे और पुराने उत्पाद को भी पुराने स्वरूप में निकाले ।

4. गुणवत्ता से समझौता कभी न करें (Do not Compromise with Quality):

उद्यमी को एक बात का विशेष ध्यान रखना होगा की उसके उत्पाद की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं हो क्योंकि अक्सर होता क्या है की कोई भी व्यक्ति पहली बार किसी भी उत्पाद को दुकानदार के आग्रह पर या विज्ञापन देख कर खरीद लेता है, लेकिन दुबारा वह उस उत्पाद को तभी खरीदेगा जब उसे उसकी गुणवत्ता पसंद आएगी । यह केवल कहवत नहीं है की ‘’ अच्छा माल बिना किसी प्रचार के भी बिकता है’’ बल्कि यह सत्य है और यह न केवल बिकता है अपितु बाजारों में अच्छे माल की मांग लगातार बढती जाती है ।

अपने उद्योग को सफल बनाने के लिए उद्यमी को हर एक उत्पाद में बेहतर क्वालिटी देना अति आवश्यक है, सफलता और गुणवत्ता का बेहद गहरा रिश्ता होता है क्योंकि गुणवत्तायुक्त वस्तु की चर्चाएँ सभी करते हैं और इन्ही चर्चाओं के माध्यम से उद्यमी के उत्पाद का नि: शुल्क मार्केटिंग हो जाया करती है । चूँकि इस चर्चा में लोग अपने जानने वालों को वह उत्पाद विशेष ऑफर कर रहे होते हैं इसलिए इसके Conversion Rate बहुत ही हाई रहते हैं ।

जैसा की हम सब जानते हैं की ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की तुलना में नगरों, शहरों में रहने वाले लोगों की खर्च करने की क्षमता अधिक होती है इसलिए हर औद्यगिक इकाई को इन्हें ध्यान में रखकर ही उत्पादों की संरचना एवं गुणवत्ता का ध्यान रखना चाहिए ।

यह नगरों एवं शहरों में निवासित जन सुमदाय शिक्षित  एवं जागरूक होने के कारण गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखता है इसलिए इन्हें घटिया या दोषपूर्ण सामग्री नहीं बेचीं जा सकती । इसलिए उद्यमी को अपने उद्योग को सफल बनाने के लिए गुणवत्ता को लगातार बनाये रखना होगा ।

5. कच्चे माल की व्यापक एवं पूर्ण जानकारी:

जैसा की हम सब जानते हैं की किसी भी एक वस्तु के निर्माण में अनेक वस्तुओं का प्रयोग कच्चेमाल के रूप में होता है । कच्चे माल के तौर पर उपयोग में लायी जाने वाली अधिकतर वस्तुएं ऐसी होती हैं की किसी एक वस्तु के स्थान पर दूसरी वस्तु का प्रयोग आसानी से किया जा सकता है । और अक्सर यह भी देखा गया है की वही उद्यमी अधिकतर लाभ की कमाई करता है जो एक वस्तु के स्थान पर दूसरे वस्तु या रचका का उपयोग कच्चे माल के तौर पर करना बखूबी जानता है ।

क्योंकि एक वस्तु के निर्माण में लगने वाले विभिन्न कच्चे माल का यथासमय मिलना सम्बह्व नहीं होता है कभी किसी वस्तु की कमी हो सकती है तो कभी किसी और वस्तु की ऐसे में जिस उद्यमी को अन्य रचकों की भी जानकारी होगी वह अपने उद्योग को सफल बनाने की दृष्टी से उत्पादन चालू रख सकता है । इसके अलावा जिन्हें इन सबकी जानकारी नही होती है उन्हें कच्चे माल की उपलब्धि न होने पर या महँगी होने पर उत्पादन रोकना पड़ सकता है।

इसके अलावा कई बार तो कोई विशिष्ट रचक या रसायन इतना महँगा हो जाता है कि उसे उपयोग में लाना संभव नहीं हो पाता है । इस स्थिति का सफलतापूर्वक सामना वही उद्यमी कर सकता है जो एक रचक के स्थान पर दूसरे रचक का प्रयोग करने में समर्थ हो ।

ऐसा उद्यमी जो अन्य उद्यमियों से अपने उद्योग को सफल बनाने का अधिक महत्वकांक्षी हो को केवल चन्द फार्मूले और निर्माण प्रक्रिया की ही नहीं, अपितु  यह भी जानकारी होनी चाहिए कि उसके द्वारा बनाई जाने वाली वस्तु का निर्माण करते समय उसमें जो विभिन्न रचक मिलाए जा रहे हैं, उनमें से प्रत्येक वस्तु को क्यों मिलाया जाता रहा है, उस रचक की उपयोगिता क्या है? और उसे न मिलाने अथवा कम या अधिक मात्रा में मिलाने पर तैयार होने वाली वस्तु के गुणों पर क्या अच्छा या बुरा असर पड़ सकता है ।

6. सहायक रचकों का प्रयोग (Use Of Substitute):

अपने उद्योग को सफल बनाने के लिए जितना जरुरी उद्यमी के लिय गुणवत्ता बनाए रखना है उतना ही जरुरी समय समय पर सहायक रचकों का उपयोग करना है । जी हाँ सच्चाई यही है कि किसी भी उद्योग में वही संस्थान जीवित रह सकता है जो कच्चेमाल के रूप में किसी एक रचक या रसायन के स्थान पर दूसरे रचक को प्रयोग करने में पूर्ण रूप दक्ष यानिकी निपुण हो ।

ऐसा प्रायः ही होता है कि कभी बाजार में एक वस्तु की कीमत बहुत अधिक बढ़ जाती है तो कभी किसी दूसरी वस्तु की इन परिस्थितियों का सामना वही निर्माता सफलतापूर्वक कर पाता है जिसे विभिन्न रचकों के बारे में पूर्ण जानकारी होती है । उद्यमी को अपने उद्योग को सफल बनाने के लिए बाजार में उपलब्ध न हो पा रही वस्तु के स्थान पर दूसरी कौन-सी वस्तु प्रयोग की जा सकती है की भरपूर जानकारी होना अति आवश्यक है ।

एक उद्यमशील, दूरदर्शी और महत्वाकांक्षी निर्माता चन्द फार्मूलों की जानकारी प्राप्त करके या सफलतापूर्वक वस्तुओं का निर्माण करके संतुष्ट नहीं होता । बल्कि वह निरंतर इस खोज में लगे रहता है की उसकी इकाई द्वारा तैयार किये जा रहे विविध उत्पादों में रचकों के उत्पाद में परिवर्तना करके क्या वह कोई नई विशेषता, अधिक आकर्षक रंग रूप, स्वाद सुगंध इत्यादि उत्पन्न कर सकता है। नित्य नवीन खोज और सेम्पल के रूप में थोड़ा-थोड़ा माल बनाकर उसका परीक्षण करते रहना उद्योग को सफल बनाने का रहस्य है।

7. रंगों सुगंधों एवं रसायनों के प्रयोग की जानकारी:

वर्तमान में सिर्फ  साबुन, तेल और कास्मेटिक्स में ही कृत्रिम रंगों का उपयोग नहीं किया जा रहा है अपितु रेडीमेड खाद्य पदार्थों और फास्टफूड्स तक में कृत्रिम रंगों, रसायनों से निर्मित सुगन्ध मिश्रणों तथा स्वादवर्धक कृत्रिम रसायनों का उपयोग किया जा रहा है । इसलिए इस क्षेत्र में छोटे उद्यमी अक्सर यह गलती कर बैठते हैं की वे बाजार से अखाद्य रंग और तीक्ष्ण रसायनों से बनी सुगन्धे लेकर प्रयोग कर लेते हैं ।

हालांकि ये अखाद्य रंग और रासायनिक सुगन्ध मिश्रण बहुत सस्ते होते हैं, लेकिन उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर इनका घातक असर पड़ता है । खाद्य पदार्थों में अखाद्य रंगों का प्रयोग कानून की दृष्टि में भी एक भीषण अपराध है । यही स्थिति सड़न रोकने वाले विभिन्न रसायनों की है । इस रूप में प्रयोग किए जाने वाले अधिकांश रसायन अत्यन्त जहरीले होते हैं ।

यही कारण है कि सौन्दर्य प्रसाधनों, फास्टफूड्स, रेडीमेड खाद्य पदार्थ लिए कुछ खास रसायनों के प्रयोग की ही अनुमति सरकार ने दी हुई है । इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह अपने उद्योग को सफल बनाने के लिए अपने उत्पाद में सरकार द्वारा स्वीकृत रंग, सुगन्ध एवं रसायनों का ही प्रयोग करें ।

छोटे एवं गुमनाम उद्यमियों का जीवन भर छोटे रह जाने का सबसे बड़ा कारण इसी तरह की लापरवाही होती है ऐसी लापरवाही के कारण उद्यमी का न सिर्फ उद्योग बंद हो सकता है अपितु उसे कठोर कारावास की सजा भी हो सकती है ।

8. समय पर माल भेजना:

उद्यमी को अपने उद्योग को सफल बनाने की दृष्टी से हमेशा उन दुकानदारों, ग्राहकों, डिस्ट्रीब्यूटर, डीलर इत्यादि का आर्डर मिलने पर दिए गए टाइम फ्रेम के अंतर्गत माल की डिलीवरी देना जरुरी हो जाता है।

यदि उद्यमी किसी  कारणवश बाजार में अपने किसी एक या अधिक उत्पादों की सप्लाई नहीं कर पा रहा हो या आपूर्ति को निरन्तर बनाये रखने अक्षम हो रहा हो तो ग्राहकों को उद्यमी की इकाई से निर्मित उत्पाद नहीं मिल पाएंगे जिसके कारण वे दूसरे उद्यमियों के बनाये हुए उत्पाद को खरीदने के लिए विवश हो जायेंगे और हो सकता है ।

बार-बार का यह व्यवधान उन्हें उद्यमी के उत्पादों से दूर लेके चला जाय या ऐसा भी हो सकता है की पहली बार में ही उन्हें किसी और निर्माता का उत्पाद उद्यमी के उत्पाद से अच्छा लगे और फिर वह वापस ही न आयें । इसलिए उद्यमी को अपने उद्योग को सफल बनाने के लिए आपूर्ति की निरन्तरता को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है ।

9. उद्योग को सफल बनाने के लिए बाज़ार का अध्यन (Market Survey):

बड़े उद्यमी कहें या फिर बड़ी कंपनियां इनके पास ऑनलाइन ऑफलाइन बाज़ार सर्वेक्षण कराने हेतु अलग से बजट का प्रावधान किया गया होता है। इन कंपनियों में ऐसे लोगों को कार्य पर रखा जाता है जिनका कार्य उपभोक्ताओं से निरंतर संपर्क बनाने का होता है और अपने उत्पाद सम्बन्धी गुणों एवं खामियों को जानने का होता है ताकि वे उस उत्पाद में जरुरी बदलाव कर सके और अपने उद्योग को सफल ।

लेकिन एक छोटा उद्यमी ऐसा नहीं कर सकता यह सत्य है लेकिन वह उद्यमी अपने उन दुकानदारों से संपर्क स्थापित कर सकता है जो उसके उत्पाद को ग्राहकों को बेचते हैं क्योंकि अक्सर देखा गया है की उत्पाद के गुणों एवं खामियों को ग्राहक दुकानदार को अवश्य बताते हैं। इसलिए अपने उद्योग को सफल बनाने के लिए उद्यमी दुकानदारों से संपर्क करके अपने उत्पाद के बारे में जानकारियां एकत्र कर सकता है ।

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