ग्रामीण बिजनेस आइडियाज । Top 24 Village Business Ideas in Hindi (2023).

ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापारिक विचारों (Village Business Ideas) से हमारा आशय ऐसे व्यवसायों से है जिन्हें कमाई करने के लिए ग्रामीण इलाकों से भी शुरू किया जा सकता है । जी हाँ जैसा की हम सबको विदित है की शहरों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में काफी कम जनसँख्या होती है।

इसलिए यहाँ पर शहरों की तरह हर कोई बिजनेस नहीं किया जा सकता है । इसके अलावा यह भी एक तथ्य है की ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले अधिकतर लोगों की खर्च करने की क्षमता शहर में रह रहे लोगों से काफी कम होती है।

और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग केवल कुछ जरुरी चीजों या सेवाओं पर ही खर्च करना पसंद करते हैं, जिससे यहाँ बिजनेस के सीमित विकल्प मौजूद रहते हैं। यद्यपि इसमें कोई दो राय नहीं की ग्रामीण भारत में कृषि से समबन्धित अनेक बिजनेस किये जा सकते हैं। लेकिन उद्यमी को अपने उत्पाद को शहरों की तरफ ही सप्लाई करने की आवश्यकता होती है।

कहने का अभिप्राय यह है की कुछ बिजनेस ऐसे होते हैं। जिन्हें ग्रामीण इलाकों से ही ऑपरेट करना फायदेमंद होता है तो अनेकों बिजनेस ऐसे होते हैं जिन्हें केवल शहर में ही शुरू करना कमाई की दृष्टी से फायदेमंद होता है । इसलिए आज हम इस लेख में कुछ ऐसे Village Business की एक लिस्ट दे रहे हैं जिन्हें ग्रामीण इलाकों से शुरू करना भी फायदेमंद हो सकता है ।

गाँवों से जुड़े बिजनेस आईडिया पर बात करना इसलिए भी जरुरी हो जाता है क्योंकि अधिकतर नौजवानों को रोजी रोटी कमाने के लिए अपना गाँव, घर, संसार, परिवार सब कुछ छोड़कर शहर में नौकरी करने जाना पड़ता है।

लेकिन जब उन्हें मनपसंद नौकरी नहीं मिलती है तो मजबूरन कुछ न कुछ काम करना ही पड़ता है। इसी के चलते वे बार बार अपने गाँव को याद करते हैं और इन्टरनेट पर कुछ ऐसे व्यवसायों के बारे में सर्च करते हैं जिन्हें गांवों से भी आसानी से शुरू किया जा सके।

village business ideas in hindi
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1. आटा चक्की (Flour Mill a Lucrative Village Business in India)

ग्रामीण इलाकों में जहाँ पहले पनचक्की हुआ करती थी वहीँ वर्तमान यहाँ बिजली से या ईधन से चलने वाली आटा चक्की होती हैं। कहने का आशय यह है की आटा चक्की नामक इस बिजनेस को इसलिए ग्रामीण व्यापारों की श्रेणी में रखा जाता है।

क्योंकि अक्सर हम देखते हैं की गेहूं की पैदावार ग्रामीण इलाकों में ही अधिक होती है इसलिए यहाँ पर निवासित जनता बाजार का आटा खरीदने की बजाय। गेहूं को आटा चक्की में पिसाना पसंद करते हैं। इसलिए ग्रामीण इलाकों में कोई भी इच्छुक व्यक्ति आटा चक्की का बिजनेस शुरू कर सकता है इस बिजनेस की खास बात यह है की इसे बेहद कम खर्चे में आसानी से शुरू किया जा सकता है।

आटा चक्की व्यापार शुरू करने की पूरी जानकारी

2. हार्डवेयर की दुकान (Hardware Store)

इस सामग्री की आवश्यकता चाहे शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण हर जगह होती है इसलिए ऐसे लोग जिनके मन में अपने गाँव से ही बिजनेस करने का विचार आ रहा हो वे हार्डवेयर की दुकान खोलने का सोच सकते हैं।

चूँकि एक हार्डवेयर दुकान चलाने वाला उद्यमी कील, नट, बोल्ट, निर्माण सामग्री, बर्तन, पेन्ट, कृषि करने में इस्तेमाल में लाये जाने वाले उपकरण एवं औजार, सफाई में इस्तेमाल में लायी जाने वाली सामग्री, प्लंबिंग के काम में इस्तेमाल में लायी जाने वाली सामग्री एवं अन्य घरेलु इस्तेमाल में लायी जाने वाली सामग्री बेच रहा होता है। जिन उत्पादों की माँग शहर एवं गाँव दोनों क्षेत्रों में रहती है। इसलिए इस तरह का बिजनेस करके भी ग्रामीण इलाकों में कमाई संभव है।

हार्डवेयर स्टोर शुरू करने की सम्पूर्ण जानकारी.   

3. कपड़े की दुकान (Cloth shop)

कपड़ा मनुष्य की सबसे अहम् आवश्यकताओं में से एक है इसलिए ग्रामीण इलाकों में कपड़े की दुकान का बिजनेस भी किया जा सकता है। लेकिन यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की शहरी लोग अलग फैशन के तो गाँव के लोग अलग फैशन के कपड़े पहनते हैं। इसलिए उद्यमी को अपनी दुकान में वही कपड़े बेचने के लिए रखने चाहिए जो गाँव में पहने जाते हों।

कपड़े की दुकान के लिए कपड़ा खरीदने के लिए उद्यमी किसी सस्ती एवं प्रसिद्ध मार्किट का भ्रमण करके एक बार में खरीदारी कर सकता है। ध्यान रहे उद्यमी जितने सस्ते दामों में अच्छे कपड़े खरीद पाने में समर्थ हो पायेगा। उतना ही वह इस व्यवसाय से लाभ भी कमाएगा। 

रेडीमेड गारमेंट का व्यापार कैसे शुरू करें.   

4. दर्जी का काम (Tailoring can be a good Village Business)

दर्जी के काम की बात करें तो यह एक पारम्परिक बिजनेस की लिस्ट में शामिल है। लेकिन दर्जी यानिकी कपड़े सिलाई करने का काम केवल वही पुरुष या महिला कर सकते हैं जिन्हें कपड़े सिलाई का काम कुशलता से आता हो। Village Business की इस लिस्ट में शामिल दर्जी के काम को शुरू करने के लिए सिलाई का काम आना अत्यंत आवश्यक है।

यद्यपि वर्तमान में ग्रामीण इलाकों में भी लोग रेडीमेड गारमेंट पहनना एवं खरीदना पसंद करते हैं। लेकिन इसके बावजूद बहुत सारे लोग अपनी फिटिंग के प्रति चिंतित रहते हैं और इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में स्कूल की ड्रेस, शादी इत्यादि आयोजनों में दर्जी को भरपूर काम मिलने की संभावना होती है।

एक आंकड़े के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में भी पुरुषों की तुलना में महिलाओं को नए नए कपड़े सिलाने का शौक अधिक रहता है। इसलिए एक ऐसा दर्जी जिसे लेडीज एवं जेंट्स दोनों के कपड़े सिलने आते हों वह ग्रामीण इलाकों में भी इस बिजनेस को करके कमाई कर सकता है।

दर्जी का काम कैसे शुरू करें की पूरी जानकारी.       

5. आचार बनाने का बिजनेस (Pickle Making):

चूँकि ग्रामीण इलाकों में आचार बनाने में इस्तेमाल में लायी जाने वाली सामग्री आसानी से कम कीमतों में भी उपलब्ध हो जाती है। वह इसलिए क्योंकि आचार बनाने में लगने वाला पूरा का पूरा कच्चा माल कृषि पर आधारित है। अर्थात आपको आचार बनाने के लिए आम, आंवला, गाज़र, नींबू, हरी मिर्च इत्यादि की आवश्यकता होती है।

और इसके अलावा मसालों जैसे जीरा, लहसुन, अदरक, हल्दी, नमक, मिर्च इत्यादि सभी कुछ ग्रामीण इलाकों में आसानी से उपलब्ध हो जाता है । हालांकि इसको अपनाकर भी उद्यमी को अपने उत्पादों को शहरों की तरफ ही सप्लाई करना होगा।

आचार बनाने के व्यवसाय की पूरी जानकारी.   

6. चाय पकोड़ों की दुकान (Tea Shop a Traditional Village Business in India)

जैसा की हम सबको विदित है की ग्रामीण इलाकों की बात करें तो हर गाँव या तीन चार गांवों की मिलकर एक स्थानीय मार्किट होती है।जहाँ से उस इलाके में निवास करने वाले लोग अपनी दैनिक जीवन में इस्तेमाल में लायीं जाने वाली वस्तुओं को खरीदते हैं। ऐसे ही एक स्थानीय बाजार में चाय पकोड़ों का करोबार किया जा सकता है।

चूँकि चाय भारत का एक प्रमुख पेय है इसलिए यह सम्पूर्ण भारत में काफी बिकती है। यद्यपि उद्यमी चाहे तो चाय के साथ केवल पकोड़े ही नहीं, अपितु तरह तरह के बिस्कुट भी अपने ग्राहकों को बेच सकता है। चाय की दुकान शुरू करने की प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी इस लेख में दी गई है। आम तौर पर यह व्यवसाय ऐसी जगह जहाँ पर बसें रूकती हों, या ग्रामीण लोगों की आवाजाही अधिक होती हो, में शुरू करना लाभकारी हो सकता है ।  

7. स्टेशनरी की दुकान (Stationary shop)

इस व्यापार को भी गांवों की स्थानीय बाजार में ही अमल में लाना लाभकारी हो सकता है। या फिर किसी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी के नज़दीक भी इसे शुरू करना लाभकारी हो सकता है। हालांकि यह बिजनेस एक ऐसा व्यवसाय है जो एक बार जम गया तो इसमें कभी भी मंदी नहीं आती क्योंकि यह शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा हुआ बिजनेस है।

और मनुष्य खान, पान, रहन, सहन, पहनावे इत्यादि में कटौती कर सकता है लेकिन स्वास्थ्य एवं शिक्षा में कटौती चाहकर भी नहीं कर सकता। इसलिए यदि आप भी स्टेशनरी का बिजनेस शुरू करने के लिए गंभीर हैं तो इस पर लिखा हमारा यह लेख भी अवश्य पढ़ें।  

8. गांवों में ट्रेक्टर किराये पर देना (Tractor rental business)

जैसा की हम सब लोग अच्छी तरह से जानते हैं की ग्रामीण इलाकों में रहने वाली अधिकांश जनता का प्रमुख व्यवसाय कृषि होता है। जमीन भी कम या अधिक सभी के पास रहती है, लेकिन हर किसी के पास इतने पैसे नहीं होते की वह अपनी खेतों की जुताई के लिए ट्रेक्टर खरीद सके।

यद्यपि पहाड़ी क्षेत्रों के गांवों में ट्रेक्टर से जुताई करना लगभग असमभव सा है वह इसलिए क्योंकि एक तो यहाँ सड़कों की पहुँच खेतों तक नहीं होती। और यदि कहीं होती भी है तो खेत सीढ़ीदार होते हैं इसलिए एक खेत से दुसरे खेत में ट्रेक्टर ले जाना मुश्किल होता है।

लेकिन मैदानी ग्रामीण इलाकों में यह बेहद लाभकारी हो सकता है। उद्यमी ऐसे लोगों को अपने ग्राहक बना सकता है जिनके पास जमीन तो है लेकिन ट्रेक्टर नहीं है।

ट्रेक्टर किराये पर देने का व्यापार शुरू करने की पूरी प्रक्रिया.    

9. गुड़ बनाने का काम (Jaggery Making):

यह गुड़ बनाने का काम उन ग्रामीण इलाकों में शुरू किया जा सकता है जहाँ पर अधिकांशत: गन्ने की खेती होती है । क्योंकि गुड़ बनाने के लिए गन्ने के रस की आवश्यकता होती है हालांकि गुड़ अनार के जूस, ताड़ का रस इत्यादि से भी बनाया जाता है । लेकिन गन्ने के रस से निर्मित गुड़ अधिक प्रचलन में है इसलिए यदि आप भी ग्रामीण इलाके से यह बिजनेस शुरू करना चाहते हैं।

तो किसी ऐसे एरिया का चयन करे जहाँ गन्ने की खेती उचित मात्रा में की जाती है ताकि इस बिजनेस के लिए कच्चा माल उपयुक्त मात्रा एवं सस्ते दामों में मिल सके।

जहाँ तक गुड़ बनाने की विधि का सवाल है। भारत सरकार के विभिन्न उपक्रमों जैसे नेशनल स्माल इंडस्ट्रीज कारपोरेशन एवं खादी ग्रामोद्योग द्वारा अल्पकालीन कोर्स प्रदान किये जाते हैं। इनकी जानकारी उद्यमी अपने नजदीकी जिला उद्योग केंद्र से भी ले सकता है। गुड़ बनाने के बिजनेस की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

10. साबुन बनाने का काम (Soap Making)

साबुन बनाने के काम का प्रशिक्षण भी किसी सरकारी संस्थान जैसे NSIC या खादी ग्रामोद्योग केंद्र से लिया जा सकता है।इस बिजनेस को भी उद्यमी बिना कौशल प्राप्त किये शुरू नहीं कर सकता है। कहने का आशय यह है की इस बिजनेस को धरातल के पटल पर उतारने के लिए उद्यमी को साबुन बनाने का कौशल सीखने की आवश्यकता होती है।

साबुन बनाने का काम उद्यमी कुछ हफ़्तों का प्रशिक्षण लेकर आसानी से सीख सकता है । चूँकि साबुन शहरी एवं ग्रामीण दोनों इलाकों में इस्तेमाल में लाया जाता है इसलिए उद्यमी उत्पादित उत्पाद को गाँव में भी बेच सकता है। और बाकी बचे हुए उत्पादों को शहरों की ओर सप्लाई कर सकता है। साबुन बनाने के बिजनेस की की पूरी प्रक्रिया जानने के लिए इस लेख को पढ़ सकते हैं।     

11. डेयरी बिजनेस (Dairy Suitable Village Business in India)

चूँकि ग्रामीण इलाकों में पशु पालन भी प्रमुख तौर पर किया जाता है इसलिए गाय, भैंस इत्यादि दूध देने वाले पशुओं को मुख्य तौर पर इसका हिस्सा बनाया जाता है। इसलिए यदि आप कोई गाँव से व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं तो डेयरी बिजनेस भी उपयुक्त हो सकता है ।

इसमें उद्यमी को दुग्ध उत्पादक कृषकों से दुग्ध लेकर इसे आस पास इलाकों में निवासित जनता को सप्लाई करना होगा, और बाकी बचे हुए दूध से डेयरी में बेचे जाने वाले अन्य आइटम जैसे दही, पनीर, घी इत्यादि का निर्माण करना होगा।

12. बकरी एवं मुर्गी पालन (Poultry or goat farming):

Village Business की लिस्ट में पशुपालन एक आम बिजनेस है । बकरी पालन एवं मुर्गियों का पालन प्रमुख रूप से मीट मांस उत्पादन करने के लिए किया जाता है यद्यपि मनुष्य जंगली जानवरों का शिकार मीट मांस के लिए प्राचीनकाल से करता आ रहा है। लेकिन चूँकि वर्तमान में जंगली जानवरों की लगातार घटती जनसँख्या के कारण इसको सुरक्षित रखने के लिए कठोर नियम कानून बन गए हैं।

इसलिए अब मनुष्य मीट, मांस की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बकरी एवं मुर्गी पालन करता है। ग्रामीण इलाकों की बात करें तो किसान इस व्यवसाय को कृषि के साथ साथ एकल सहायक व्यवसाय के तौर पर भी करते हैं। ताकि इन्हें बेचकर उनकी कुछ आमदनी हो सके।    

13. केले की खेती (Banana farming)

भारत में केलों की मांग बारह महीने बनी रहती है हाँ यह भी एक तथ्य है की सर्दियों में थोड़ी केलों की मांग कम होती है लेकिन सर्दियों में केलों की मांग बिलकुल ही न हो ऐसा भी नहीं होता।

चूँकि सर्दियों में भी लोगों द्वारा व्रत एवं अनुष्ठान किये जाते हैं इसलिए केलों की मांग बनी रहती है। इसलिए यदि आपके पास ग्रामीण इलाकों में जमीन है या फिर आप पट्टे पर या लीज पर जमीन ले सकते हैं तो आप केले की खेती शुरू कर सकते हैं।   

14. फूलों की खेती (Flower Farming)

पुष्पों की खेती मैदानी एवं पहाड़ी ग्रामीण इलाकों दोनों में शुरू की जा सकती है जैसा की हम सबको विदित है की वर्तमान में हर ख़ुशी गम में फूलों का गुलदस्ता, माला इत्यादि भेंट करने का रिवाज बहुत ज्यादा प्रचलन में है। इसके अलावा शादी, सालगिरह, जन्मदिन इत्यादि शुभ अवसरों के लिए ढेर सारे फूलों की आवश्यकता होती है।

इसलिए यदि आप कम निवेश के साथ शुरू किया जा सकने वाला कोई बिजनेस ढूंढ रहे हैं तो आप फूलों की खेती का बिजनेस शुरू कर सकते हैं।

फ्लावर फार्मिंग बिजनेस कैसे शुरू करें.   

15. मोबाइल रिपेयरिंग शॉप(Mobile recharge & repairing):

मोबाइल की उपयोगिता मनुष्य जीवन में कितनी बढ़ गई है उसका प्रत्यक्ष उदाहरण हम हमारे घरों, आस पड़ोस में अच्छी तरह से देख भी सकते हैं और महसूस भी कर सकते हैं। और यदि आज के समय की हम बात करें तो एक घर में जितने वयस्क सदस्य हैं उनके पास उतने ही मोबाइल फ़ोन उपलब्ध हैं।

वह इसलिए क्योंकि मोबाइल फोन वर्तमान में मनुष्य जीवन का एक अहम् हिस्सा बन गया है। चूँकि ग्रामीण भारत में निवासित लोगों के पास भी मोबाइल फोन उपलब्ध हैं इसलिए वहां पर मोबाइल रिचार्ज एवं रिपेयरिंग का बिजनेस शुरू करना लाभकारी हो सकता है।

16. एलोवेरा की खेती (Aloevera Farming)

एलोवेरा को विभिन्न कॉस्मेटिक यानिकी सौन्दर्य उत्पादों एवं स्वास्थ्य उत्पादों के निर्माण में विभिन्न कम्पनियों द्वारा इस्तेमाल में लाया जा रहा है। यही कारण है की इसकी माँग लगातार बढती जा रही है अनेकों कम्पनियाँ जो एलोवेरा को विभिन्न औषधि एवं सौन्दर्य प्रसाधन बनाने में इस्तेमाल में लाती हैं उनके द्वारा तो किसानों के इस उत्पाद को खरीदने तक की गारंटी दी जाती है।

अर्थात इन कम्पनियों द्वारा एलोवेरा उत्पादक किसानों के साथ एग्रीमेंट या कॉन्ट्रैक्ट किये जाते हैं। इसलिए यह व्यवसाय जोखिम से बिलकुल मुक्त है उद्यमी चाहे तो एलोवेरा फार्मिंग शुरू करने से पहले ही किसी अच्छी कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट कर सकता है। ऐसा करके उद्यमी इस बात से मुक्त हो जाता है की वह अपने उत्पाद को बेचेगा कहाँ और उसका ध्यान सिर्फ उत्पादन बढाने में रहता है।     

17. फलों एवं सब्जी की दुकान (Fruit & vegetable business)

फलों एवं सब्जी की आवश्यकता तो अपने दैनिक जीवन में हर मनुष्य प्राणी को रहती है इसलिए यह जरुरी नहीं है की फल एवं सब्जियां सिर्फ शहर में ही बिकेंगी ।

बल्कि ग्रामीण इलाकों में निवासित जनता भी अच्छे खासे मात्रा में फल एवं सब्जियाँ खरीदती है। यह खरीदारी विभिन्न घटनाओं एवं आयोजनों पर और बढ़ जाती है। इसलिए यदि आप गाँव से कोई बिजनेस शुरू करने के लिए गंभीर हैं तो आप फलों एवं सब्जी की दुकान शुरू करके भी पैसे कमा सकते हैं।  

18. मीट मुर्गे की दुकान (Mutton shop)

ग्रामीण इलाकों में लोग चूँकि शारीरिक परिश्रम अधिक करते हैं इसलिए वे खाने पीने के काफी शौक़ीन भी रहते हैं और उनके शरीर को मीट, मुर्गे की जरुरत भी होती है। कहने का अभिप्राय यह है की ग्रामीण इलाकों में निवासित लोगों में एक बात आम है की भले ही वे पहनावे या अन्य शानो शौकत पर खर्च करें न करें मीट मुर्गे जैसे खान पान पर अवश्य खर्च करते हैं।

यही कारण है की ग्रामीण इलाकों में भी मीट मुर्गे की दुकान बहुत अच्छी चलती हैं। यदि आप भी कोई ग्रामीण इलाके से कम निवेश के साथ बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो यह बिजनेस कमाई की दृष्टी से काफी लाभकारी हो सकता है।

लेकिन इसमें उद्यमी को थोड़ा बहुत गंदगी एवं बदबू में भी रहने की आदत होनी चाहिए क्योंकि इस तरह की दुकानों में आप कितनी भी साफ़ सफाई रखें। लेकिन थोड़ी बहुत गंदगी एवं बदबू आ ही जाती है।    

19. नाई की दुकान (Hair Salon)

नाई की दुकान का विकल्प भी एक सर्वाइवल बिजनेस के तौर पर बेहद अच्छा हो सकता है। लेकिन इस तरह के बिजनेस को भी हर कोई शुरू नहीं कर सकता, क्योंकि इसे शुरू करने के लिए एक खास स्किल की आवश्यकता होती है। अर्थात जो भी व्यक्ति ग्रामीण इलाकों से यह बिजनेस करना चाहता है उसे लेटेस्ट स्टाइल के आधार पर बाल काटने एवं दाढ़ी बनाना अच्छी तरह आना चाहिए।

चूँकि ग्रामीण इलाकों में सीमित मात्रा में ही ग्राहक होते हैं इसलिए किसी व्यक्ति को नियुक्त करके यह काम करना नुकसानदायक हो सकता है।

ग्रामीण इलाकों से जुड़े अधिकतर बिजनेस ऐसे होते हैं। जिसके तहत किये जाने वाले काम को उद्यमी को स्वयं करना पड़ता है तभी वह लाभ कमाने की स्थिति में पहुँच पाता है । नाई की दुकान का बिजनेस भी ऐसा ही है की इसमें भी उद्यमी को स्वयं नाई बनकर ग्राहकों की दाढ़ी एवं बाल काटने होंगे।     

20. कॉमन सर्विस सेण्टर (CSC Evergreen Village Business)

भारत को डिजिटलाइज करने की दिशा में भारत सरकार द्वारा लोगों को कॉमन सर्विस सेण्टर खोलने के लिए प्रोत्साहित किया गया था। यही कारण है की आज भारत में लाखों कॉमन सर्विस सेण्टर कार्यरत हैं इनके माध्यम से लोग पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, बनवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। तो वहीँ भारत सरकार की अनेक योजनाओं के कार्ड जैसे आयुष्मान कार्ड इत्यादि भी बनवा सकते हैं।

कहने का आशय यह है की कॉमन सर्विस सेण्टर को सीधे सरकारी योजनाओं को लोगों को लाभ देने का दायित्व सरकार द्वारा दिया जाता रहा है। जिसके बदले कॉमन सर्विस सेण्टर लोगों से सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क वसूल कर सकते हैं। इसलिए यदि आप शिक्षित हैं और आपको बेसिक कंप्यूटर चलाने का ज्ञान है तो आप Village Business के तौर पर ग्रामीण इलाके में कॉमन सर्विस सेण्टर शुरू कर सकते हैं।     

21. फोटोकॉपी एवं लेमिनेशन (Photocopy)

फोटोकॉपी बुक बाइंडिंग एवं लेमिनेशन की आवश्यकता ग्रामीण इलाकों में भी होती है क्योंकि स्कूल पढने वाले बच्चे यहाँ भी होते हैं, लोगों को ब्लाक तहसील इत्यादि में काम यहाँ भी होते हैं।

यद्यपि इस तरह की यह दुकान यदि किसी बैंक, स्कूल, सरकारी दफ्तर इत्यादि के नज़दीक हो तो यह काफी फायदेमंद रहता है। यदि ऐसा नहीं है तो उद्यमी को स्थानीय लोगों की माँग का आकलन करने के बाद ही कुछ निर्णय लेना चाहिए।  

22. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ठीक करने का काम (Electronics repairing shop)

टेलीविजन की यदि हम बात करें तो वर्तमान में चाहे शहर हो या गाँव हर घर में टेलीविजन है इसलिए टेलीविजन ठीक करने का यह काम कहीं भी शुरू किया जा सकता है । लेकिन इसमें तथ्य यह है की इस बिजनेस को भी सिर्फ वही व्यक्ति शुरू कर सकता है जिसे टेलीविजन एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ठीक करने का काम आता हो।

यदि इस तरह का व्यापार शुरू करने के इच्छुक व्यक्ति को यह काम नहीं आता है, तो वह किसी ऐसी रिपेयरिंग शॉप में पहले कुछ महीने काम कर सकता है या फिर इससे जुड़ा हुआ कोई अल्पावधि का कोर्स पूर्ण कर सकता है। लेकिन ध्यान रहे यह Village Business idea सिर्फ उनके लिए है जिन्हें यह काम अच्छे से आता हो और उन्हें यह काम करने का अनुभव प्राप्त हो।  

23. राशन डीलर (Ration Dealer a must required Village Business)

यह भी ग्रामीण इलाकों में काफी लोकप्रिय है, क्योंकि खाद्य वितरक यानिकी राशन डीलर का बिजनेस ग्रामीण इलाकों में काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि अक्सर देखा गया है की ऐसे लोग जिनका राशन तो आता है लेकिन वे गाँव से बाहर रहने के कारण अपना राशन ले नहीं पाते हैं।

ऐसे राशन को सस्ते गल्ले की दुकान चलाने वाला राशन डीलर थोड़े उच्च दामों में ग्राहकों को बेच देते थे जिनसे उनकी अच्छी खासी कमाई हो जाती थी । लेकिन वर्तमान में राशन देने के लिए बायोमेट्रिक का इस्तेमाल होने लगा है।

इसके अलावा राशन डीलर अपनी दुकान में परचून का सामान भी रख लेते हैं जिससे लोग जब राशन लेने आते हैं तो वे चाय पत्ती, दालें, बिस्कुट इत्यादि घर में इस्तेमाल होने वाला सामान भी ले लेते हैं। लेकिन राशन डीलर का लाइसेंस एक निश्चित एरिया में एक को ही मिलता है इसलिए सर्वप्रथम उद्यमी को राज्य के खाद्य विभाग से इस बारे में जानकारी लेने की आवश्यकता होती है।

24. साप्ताहिक बाज़ारों में दुकान (Open shop in Weekly Market)

ग्रामीण इलाकों में इस Village Business idea को इसलिए तबज्जो दी जा सकती है , क्योंकि ग्रामीण इलाकों में देखा जाय तो ऐसी बड़ी मार्किट कम ही होती हैं, जहाँ पर उन्हें उचित दरों पर उनका दैनिक जीवन में इस्तेमाल में लाया जाने वाला सामान मिल सके। इसलिए वहां पर उपलब्ध स्थानी विक्रेता या फिर किसी बड़े बाजार से सम्बंधित विक्रेता ऐसे एरिया में एक साप्तहिक बाजार लगाने का निर्णय लेते हैं।

आम तौर पर देखा गया है की ग्रामीण इलाकों में इस तरह के साप्ताहिक बाज़ारों में काफी भीड़ देखने को मिलती है, इसलिए नियमित दुकानदारी से यहाँ पर अच्छी बिक्री होती है ।

लेकिन ध्यान रहे जहाँ पर साप्ताहिक बाजार का आयोजन किया जाता है यह आयोजन एक पंजीकृत लाइसेंसधारी ठेकेदार द्वारा किया जाता है इसलिए साप्ताहिक बाजार में अपना सामान बेचने वाले सभी दुकानदारों को दिन के आधार पर 100-200 रूपये उन्हें देने पड़ते हैं।

यह व्यापार महीने के तीसों दिन चल सकता है । वह इसलिए की माना सन्डे को भगतपुर में बाजार लगेगा, तो मंडे को उसी चार पांच किलोमीटर के रेडियस में कहीं और बाजार लगेगा, और मंगलवार को कहीं और तो बुधवार को कहीं और इस तरह से उद्यमी का बिजनेस हफ्ते के सातों दिन चलेगा। इसलिए ग्रामीण व्यापारिक विचारों में यह भी बेहद लाभकारी बिजनेस है।

प्रश्नोत्तर (FAQ on Village Business)

गाँव में कौन सा बिजनेस शुरू करना चाहिए?

गाँव में वह कोई सा भी Village Business शुरू किया जा सकता है जिसकी स्थानीय स्तर पर मांग हो। विनिर्माण क्षेत्र में गांव में बिजनेस शुरू करने के लिए स्थानीय मांग के अलावा कच्चे माल की उपलब्धता, परिवहन सुविधाएँ, स्थापित बाजार इत्यादि के बारे में भी अवश्य ध्यान देना चाहिए।

क्या कोई ऐसा बिजनेस भी है जिसे गाँव से घर बैठे भी शुरू किया जा सकता है?।

यदि आपके गाँव तक इन्टरनेट नेटवर्क की उपलब्धता, और आपके पास स्मार्टफ़ोन, कंप्यूटर, लैपटॉप इत्यादि कुछ है। तो ऐसे बहुत सारे बिजनेस या काम हैं, जिन्हें आप गाँव से भी घर बैठे शुरू कर सकते हैं। इनमें ब्लॉग्गिंग, फ्रीलांसर के तौर पर कार्य करना, यूट्यूब चैनल बनाना, विद्यार्थियों को ऑनलाइन कोचिंग देना बहुत सारे काम शामिल हैं।

आपने ग्रामीण व्यापारिक विचारों की लिस्ट में इन घर बैठे व्यापारों को शामिल क्यों नहीं किया है?

इसलिए क्योंकि इन व्यापारों के बारे में हम, ऑनलाइन व्यापारों की लिस्ट, कंप्यूटर व्यापारों की लिस्ट, इत्यादि में बात कर चुके हैं। यदि आप इनके बारे में जानना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट पर सर्च बटन का इस्तेमाल इन लेखों को खोजने के लिए कर सकते हैं।

ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी बिजनेस शुरू करने से पहले क्या करना चाहिए?

ग्रामीण क्षेत्रों में किये जाने वाले व्यापार को Village Business कहते हैं, और इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए, केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेकों योजनायें चलाई जाती हैं। इसलिए इच्छुक उद्यमी को सर्वप्रथम यह पता करने की कोशिश करनी चाहिए, की सरकार उस क्षेत्र विशेष में किस तरह के व्यवसायों को प्रमोट कर रही है। और किस तरह के कामों को करने के लिए सब्सिडाइज ऋण या अन्य सहायता उपलब्ध करा रही है।

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