बिजनेस में सफलता कैसे पाएँ । व्यापार में सफल होने के मूल मंत्र ।

जैसा की हम सबको विदित है की बिजनेस में सफलता पाने का कोई तंत्र मन्त्र नहीं हो सकता लेकिन इस सच्चाई को जानते हुए भी बहुत सारे नए उद्यमी इन टोटकों उपायों के चंगुल में फंसकर अपना और नुकसान कर बैठते हैं।

सफलता के बारे में अक्सर कहा जाता है इसका कोई शोर्ट कट नहीं होता और यह किसी तंत्र, मन्त्र, टोटकों, उपाय की मोहताज नहीं होती है बल्कि योजनाबद्ध तरीके से कड़ी मेहनत करने वाले उद्यमियों को बिजनेस में सफलता मिलती है। सच्चाई सब जानते हैं लेकिन फिर भी लोग इन्टरनेट पर बिजनेस में सफल होने के उपाय एवं बिजनेस में सफल कैसे हों इत्यादि विषयों पर सर्च करते रहते हैं।

ऐसे ही व्यक्तियों या उद्यमियों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आज हम कुछ Business Success Tips देने की कोशिश कर रहे हैं। कहने का अभिप्राय यह है की आज का हमारा यह लेख बिजनेस में सफलता कैसे पायें? विषय से जुड़ा हुआ है इसलिए आइये जानते हैं की बिजनेस में सफल कैसे हो सकते हैं।

बिजनेस में सफलता कैसे पाएँ

अपनी दिशा तय करें

बिजनेस में सफलता का स्वाद चखने के लिए कड़ी मेहनत एवं जज्बे की आवश्यकता होती है और उद्यमी को इस ओर अपनी दिशा खुद ही तय करनी होती है। कहने का आशय यह है की उद्यमी को अपनी दिशा का चयन अपने ज्ञान, जानकारी, अनुभव, रूचि के मुताबिक तय करना चाहिए न की लोगों की देखा देखी ऐसा करना चाहिए।

वह अपने आपको किस दिशा में आगे बढ़ाना चाहता है उद्यमी को इसकी उचित योजना बनानी आवश्यक है। बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो किसी भी बिजनेस की बहुत कम जानकारी होने के बावजूद उसे शुरू कर देते हैं यह भी नहीं जानते की उस काम को करने में किस प्रकार के कौशल एवं जानकारी की आवश्यकता हो सकती है।

यही कारण है की ऐसे उद्यम कुछ समय बाद असफल हो जाते हैं इसलिए उद्यमी को सबसे पहले यह तय करने की आवश्यकता होती है की वह किस दिशा में काम करना चाहता है और उसके बाद ही उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।       

अपनी जिम्मेदारी ग्रहण करें

कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बिजनेस तो शुरू कर देते हैं लेकिन चूँकि वे खुद की मर्जी के मालिक होते हैं और एक बॉस के तौर पर अपने आपको स्थापित कर चुके होते हैं। इसलिए वे हर काम के लिए अपने कर्मचारियों पर निर्भर होना शुरू कर देते हैं।

यहाँ तक की वे इसी के चलते अपनी जिम्मेदारियों से भी पल्ला झाड़ने की कोशिश करने लगते हैं और जो दायित्व एक उद्यमी के नाते उनका होता है वे उस काम को भी कर्मचारियों पर छोड़ना शुरू कर देते हैं।

जिसका प्रणाम बिजनेस के लिए प्रतिकूल साबित हो सकता है इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह अपने दायित्व एवं जिम्मेदारियों को समझे और उन्हें ख़ुशी ख़ुशी ग्रहण करके उनका निर्वहन करे।     

मानसिक तौर पर तैयार रहें

अक्सर हम आम बातचीत में भी सुनते रहते हैं की जैसी जिसकी सोच होगी वह उसी के अनुसार ही प्रतिक्रियाएं करेगा। इसलिए यदि सही मानसिक सोच के साथ सफलता पाना थोड़ा आसान हो जाता है। मानसिक दृष्टिकोण से आशय उद्यमी चीजों के बारे में कैसे सोचता है से है।

यहाँ पर कुछ बातों का उल्लेख कर रहे हैं जो उद्यमी के मानसिक दृष्टिकोण को सही रखने में मददगार साबित हो सकती हैं।

  • उद्यमी को आशावादी होना चाहिए क्योंकि निराश होने से सोच नकारात्मक हो जाती है।
  • बड़ी एवं महान चीजों की अपेक्षा करनी चाहिए और जिस रस्ते पर उद्यमी चल रहा है उस रस्ते पर बड़े उत्साह से चलना अति आवश्यक है।
  • त्याग वाली मानसिकता रखे और ध्यान रखे की जितना आप देंगे उससे कहीं ज्यादा आपको वापस मिलेगा।
  • अपने आत्मविश्वास को मुश्किल से मुश्किल समय में भी बरकरार रखें और जो भी आप हासिल करना चाहते हैं उसे हासिल करने का प्रयत्न करते रहें।
  • अपने मन में नकारात्मक विचारों को आने से रोकें और अपने विश्वास को कम मत करें।
  • अपने काम को आनंददायक एवं मजेदार बनायें ताकि इसे करने में आपको आनंद की अनुभूति हो।         

अपने आप को जानें

अक्सर लोग अपने काम, कैरियर, बिजनेस इत्यादि के बारे में अंजान रहते हैं और वे इस बात का अनुमान लगाने में भी असफल होते हैं की कौन सा काम उन्हें ज्यादा ख़ुशी दे पायेगा। इसी के चलते लोग ऐसे ऐसे काम एवं बिजनेस अपने लिए चुन लेते हैं जिनमें उन्हें बाद में लगता है की उन्हें वह काम खुश नहीं रख पा रहा है और वे उस तरह का काम करने में आनंद नहीं ले पा रहे हैं।

बहुत सारे लोग अपने कैरियर एवं काम के लिए दशकों वर्ष समर्पित कर देते हैं लेकिन उन्हें अंत में यही समझ आता है की जो वे कर रहे हैं वह उनके लिए अनुकूल नहीं है। इसलिए कोई भी बिजनेस शुरू करने से पहले अपने ज्ञान, अनुभव, रूचि इत्यादि को जानना बेहद आवश्यक है।

इसके अलावा कुछ लोग होते हैं जो सिर्फ पैसे कमाने के लिए काम करते हैं कुछ लोग होते हैं जो पैसा, ख़ुशी, अपने पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति के लिए काम करते हैं उद्यमी को खुद यह तय करना होगा की उसकी प्राथमिकतायें क्या हैं।  

भीड़ से हटकर कुछ करने का जज्बा

बिजनेस करने वाले उद्यमी में अपने आईडिया को अपनाने एवं उसका उपयोग करने का अदम्य साहस होना अति आवश्यक है। क्योंकि अक्सर देखा गया है की बहुत सारे उद्यमी जो बिजनेस कर रहे होते हैं उनके मन में अपने व्यापार को बढाने, प्रोत्साहित करने सम्बन्धी अनेकों आईडिया आते हैं।

लेकिन वे किसी अंजान डर के कारण उन आईडिया को अपनाने से डरते हैं कभी कभी इस प्रकार का यह डर भी बिजनेस की असफलता का कारण बन जाता है। इसलिए यदि उद्यमी बिजनेस में सफल होना चाहता हो तो उसे भीड़ से कुछ हटकर करने का जज्बा भी होना चाहिए। 

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गलतियों से सीखें

गलतियाँ करना मनुष्य की फितरत में होता है इसलिए गलतियाँ किसी से भी हो सकती हैं और इसलिए कोई भी गलती जो पहली बार की जाए कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन एक ही गलती को बार बार दोहराना घोर लापरवाही एवं अज्ञानता का परिचायक है।

इसलिए यदि उद्यमी चाहता है की उसका बिजनेस सफल हो तो उसे होने वाली गलतियों से सीखने की आदत डालनी होगी न की उन्हें दोहराने की।  क्योंकि गलतियों से सीखने की आदत उद्यमी के बुरे वक्त को भी सही वक्त में बदल सकती है इसमें कोई दो राय नहीं है।    

पैसे के प्रति सही रवैया रखें

आपने देखा होगा बहुत सारे उद्यम ऐसे होते हैं जो बढ़िया चलते हैं और कमाई भी अच्छी करते हैं लेकिन बिजनेस के मालिक का पैसे के प्रति सही रवैया नहीं होने के कारण ऐसे उद्यम भी या तो घाटे में चल रहे होते हैं या फिर डूब जाते हैं।

और दूसरी तरफ ऐसे भी उद्यमी होते हैं जो सिर्फ पैसे को ही महत्व देते हैं वे ये भूल जाते हैं की पैसे एक साधन मात्र है न की कोई अंत पैसों को अधिक महत्व देने के कारण उद्यमी कई बार ऐसे निर्णय भी ले लेता है जो ग्राहकों के हितों को नुकसान पहुंचा सकता है।  

जिसके कारण उद्यमी का उद्यम बदनाम हो सकता है इसलिए उद्यमी को पैसे के पार्टी संतुलित एवं सही रवैया रखने की आवश्यकता होती है। 

बड़ा सोचें

उद्यमी को हमेशा बड़ा लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उसी को हासिल करने के बारे में सोचना चाहिए उसी ओर प्रयास भी करना चाहिए। हमें ऐसे कई उदाहरण मिल जायेंगे लोगों ने शुरू तो बेहद छोटे से किया लेकिन सोच बड़ी रखने के कारण वे बड़े तक पहुँचने में सफल भी हुए।

इसलिए जिन्होंने बड़ा सोचा है उन्होंने उसमें सफलता भी पायी है इसलिए यहाँ पर यह कहने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए की उद्यमी जितना बड़ा सोचेगा वह उतना ही अधिक प्राप्त कर पाने में भी सफल हो पायेगा।

जो आप चाहते हैं उससे कम प्राप्त होने पर चैन की सांस मत लें और उसमें किसी भी प्रकार का समझौता भी न करें। इसलिए बड़ा सोचें और अधिक प्राप्त करें।

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डर को निकाल दें

हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं की बिजनेस करना जोखिम उठाने का दूसरा नाम है लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है की उद्यमी हर समय जोखिम के डर के साए में रहे। गलतियाँ करने का डर, जोखिम का डर उद्यमी को निष्क्रिय बना सकता है जिससे उत्पादकता में, निर्णय लेने की क्षमता में कमी आती है।

और डर के कारण हो सकता है की उद्यमी के दिमाग में कोई रचनात्मक विचार भी प्रवेश न कर पाए। जो लोग अस्वीकार के डर से कम मांगते हैं ध्यान रहे उन्हें मिलता भी कम ही है।

जब व्यक्ति के मन में आलोचना का डर आ जाता है तो या डर उसे औरों के साथ बोलने एवं अपने विचारों को साझा करने से रोकता है और असफलता का डर लोगों को कोशिश करने से रोकता है। सफलता के लिए डर को छोड़कर अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना अति आवश्यक है।       

स्मार्ट लक्ष्य निर्धारित करें

ध्यान रहे हर किसी के पास उसके सपनों की एक भरी पूरी लिस्ट होगी लेकिन सपनों को पूरा करना इतना सहज नहीं होता है। सपनों को पूरा करने के लिए संरचना एवं अनुशाशन की विशेष आवश्यकता होती है। इसलिए अपने स्मार्ट लक्ष्य निर्धारित करना भी सफलता की ओर एक आवश्यक कदम है।

उद्यमी को ऐसे लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए जिन्हें हासिल करना उसके लिए संभव एवं व्यवहार्यपूर्ण हो। इसके लिए उद्यमी को हर रोज अपने जीवन में किसी न किसी चीज को बेहतर बनाने का प्रयास करना चाहिए। चीजों को लिखें मात्रात्मक बनायें लक्ष्य निर्धारित करें बेहतर बनाने का प्रयास करें।      

वास्तविक मूल्य बनायें

उद्यमी को चाहिए की वह ऐसे उत्पाद या सेवाओं का बिजनेस करे जो वास्तव में लोगों के लिए मूल्य प्रदर्शित करते हों अर्थात वास्तव में मनुष्य को जिनकी आवश्यकता हो। यह काम उद्यमी अपने जूनून, कौशल, प्रतिछेदन पर ध्यान केन्द्रित करके कर सकता है।

यानिकी उद्यमी जिस चीज के बारे में भावुक है, कुशल है और दुनिया को उसकी जरुरत है ऐसे उत्पाद या सेवाएं वास्तविक मूल्य बनाने में मदद करती हैं। यदि आप उस उत्पाद या सेवा की उपयोगिता दुनिया के लिए तय नहीं कर पा रहे हैं तो सबसे पहले यही जानने की कोशिश करें की आपके जीवन में उस उत्पाद या सेवा का क्या योगदान एवं उपयोगिता हो सकती है।  

बिजनेस पर फोकस करें

उद्यमी को एक बात याद रख लेनी चाहिए की दुनिया बहुत बड़ी है और मानव जीवन उसकी तुलना में बहुत छोटा इसलिए कोई भी मनुष्य अपने जीवन में सब कुछ न ही सीख सकता है और न ही कर सकता है।

इसलिए उद्यमी को सही चीजों पर फोकस करने की आवश्यकता होती है ताकि वह कम समय में अपने बिजनेस को अधिक सफल बना सके।  

कभी हार न मानें       

एक आंकड़े के मुताबिक अधिकतर व्यवसाय इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि उन्हें चलाने वाले उद्यमी वक्त से पहले ही हार मान जाते हैं और कठिन समय को झेल नहीं पाते हैं।

जैसा की हम सबको विदित है की बिजनेस में अनिश्चितताएँ बहुत अधिक होती हैं इसलिए यहाँ पर हमेशा एक जैसा ही समय नहीं रहता है बल्कि कठिन एवं अच्छा समय एक दुसरे के पूरक हैं।

इसलिए यदि आप अपने लक्ष्य निर्धारित कर चुके हैं तो कितना भी कठिन समय क्यों न आ जाय कभी भी हार न मानें।   

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