Windshield Wiper Manufacturing Business in Hindi – भारत में भी आय बढ़ने के साथ लोगों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। और जैसे जैसे मनुष्य के जीवन स्तर में सुधार होता जाता है वह अपने जीवन को और अधिक भौतिक सुख, सुविधाओं से पूर्ण रखना चाहता है, ताकि उसका जीवन आसान और सरल हो सके । आधुनिक सुख सुविधाओं की बात करें तो इनमें गाड़ी का नाम घर के बाद शायद दुसरे नंबर पर आता है।
कहने का आशय यह है की जैसे जैसे लोगों की आमदनी में सुधार हो रहा है वैसे वैसे उनके जीवन स्तर में सुख सुविधाओं वाली चीजों का भी विस्तार हो रहा है। जहाँ पहले भारत में बहुत कम लोगों के पास अपनी कार हुआ करती थी, वर्तमान में एक औसतन शहर में भी लगभग हर घर में आपको उनकी पर्सनल कार मिल जाएगी ।
इसके अलावा पहले की तुलना में आज सड़कों का भी बड़े पैमाने पर विस्तार हो चुका है, आज भारत के अधिकतर गाँव प्रधानमंत्री सड़क योजना से जुड़ चुके हैं। इसके कारण आज ग्रामीण भारत में भी लोगों के पास अपनी कार देखी जा सकती है । वैसे तो कार के कई उपकरण होते हैं। लेकिन आज हम कार की एक ऐसी एक्सेसरीज के बारे में बात करने वाले हैं, जिसका इस्तेमाल नई और पुरानी कारों में ही नहीं बल्कि हर प्रकार के वाहन जिनमें आगे की विंडशील्ड होती है में होता है।
इसमें बसें, ट्रक, जीप, कार सभी कुछ शामिल हैं, जी हाँ यह विंडशील्ड वाइपर जिसका इस्तेमाल बारीश में, विंडशील्ड से बारीश की बूंदों को साफ़ करने और बर्फ को साफ़ करने एवं ओस इत्यादि को साफ़ करने के लिए किया जाता है।
विंड शील्ड वाइपर के इस्तेमाल और बाज़ार
विंड शील्ड वाइपर का इस्तेमाल गाड़ी के कांच या विंड शील्ड बारीश की बूंदों, ओस की बूंदों, बर्फ इत्यादि को हटाने के लिए किया जाता है । जब आप गाड़ी चला रहे होते हैं और रस्ते में बारीश हो जाती है तो इस स्थिति में बारीश की बूंदे लगातार गाड़ी की विंड शील्ड पर पड़ती हैं, जिससे शीशे के आगे कुछ भी नजर नहीं आता है। इस स्थिति में उन बारीश की बूंदों को हटाने के लिए विंड शील्ड वाइपर का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि गाड़ी को सुरक्षित ढंग से ड्राइव किया जा सके ।
भारत में जितनी भी गाड़ी बनती हैं उनमें विंडशील्ड का इस्तेमाल किया जाना क़ानूनी रूप से अनिवार्य है। क्योंकि यदि किसी गाड़ी में विंड शील्ड वाइपर नहीं होगा तो बारीश में दुर्घटना होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, इसलिए इसे क़ानूनी रूप से अनिवार्य कर दिया गया है ।
विंड शील्ड वाइपर के इनकी विशेषताओं के आधार पर कई प्रकार हो सकते हैं, गाड़ी में ये वाइपर इलेक्ट्रिक मोटर द्वारा स्वचालित होते हैं। अर्थात बारीश में आपको एक बटन दबाने की आवश्यकता होती है उसके बाद विंड शील्ड वाइपर अपने आप काम करने लग जाता है। एक विंड शील्ड वाइपर गाड़ी के सिर्फ आगे की तरफ ही नहीं लगा होता है बल्कि पीछे की तरफ भी लगा होता है ताकि ड्राइविंग के वक्त आगे और पीछे दोनों तरफ आसानी से नज़र जा सके ।
यदि आप विंड शील्ड वाइपर बनाने का यह बिजनेस शुरू करते हैं, तो इसमें आपके ग्राहकों के तौर पर वे ऑटोमोबाइल कंपनियाँ तो होंगी ही, जो गाड़ियों का निर्माण करती है। इसके अलावा वे मैकेनिक और ऑटो पार्ट्स के स्टोर भी होंगे जो गाड़ियों के पार्ट्स बेचने का काम करते हैं। क्योंकि विंडशील्ड वाइपर की आवश्यकता हर नए पुराने वाहन में अनिवार्य रूप से होती है।
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विंड शील्ड वाइपर बनाने की फैक्ट्री के लिए जगह
इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको किसी भीड़ भाड़ वाले एरिया में जगह या बिल्डिंग किराये पर लेने की आवश्यकता नहीं होती है। बल्कि उद्यमी चाहे तो शहर से दूर किसी सुनसान जगह पर गैर कृषि भूमि लीज पर ले सकता है या फिर कोई बनी बनाई बिल्डिंग किराये पर मिल रही तो उसे ले सकता है, क्योंकि ऐसा करने से कंस्ट्रक्शन और सिविल वर्क करने में आने वाली लागत बच जाएगी।
वैसे देखा जाय तो विंड शील्ड वाइपर कोई भारी भरकम वस्तु नहीं हैं जिन्हें स्टोर करने के लिए बहुत ज्यादा जगह की आवश्यकता होती हो। लेकिन इसके बावजूद भी उत्पादित माल को स्टोर करने के लिए अलग जगह, और कच्चे माल को स्टोर करने के लिए अलग जगह की आवश्यकता होती है।
इस तरह की फैक्ट्री में इस्तेमाल में लाई जाने वाली मशीनरी और उपकरणों को संचालित करने के लिए कम से कम 20 HP विद्युत् की आवश्यकता हो सकती है। जिसको मशीन इत्यादि तक सुरक्षित ढंग से पहुँचाने के लिए कई इलेक्ट्रिक पैनलों और उपकरणों का इस्तेमाल संभावित है। इसलिए फैक्ट्री परिसर में एक इलेक्ट्रिक रूम बनाने की भी आवश्यकता होती है।
जैसा की यह बात सब जानते हैं एक फैक्ट्री में कर्मचारियों की अटेंडेंस से लेकर कच्चे माल की उपलब्धता, आर्डर, गेट से बाहर गए उत्पादित माल की गणना, डिस्ट्रीब्यूटर इत्यादि का रिकॉर्ड रखने से लेकर कर्मचारियों की सैलरी, खर्चे कमाई इत्यादि का हिसाब रखने तक कई सारे कार्य करने होते हैं। इन सब कार्यों को निबटाने के लिए एक ऑफिस की भी आवश्यकता होती है।
कुल मिलाकर देखें तो इस बिजनेस (Windshield Wiper Manufacturing) शुरू करने के लिए लगभग 1500 वर्गफीट जगह की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन शुरूआती दौर में जमीन लीज पर या खरीदने और उसमें कंस्ट्रक्शन का काम कराने पर ही उद्यमी को लाखों रूपये खर्च करने की आवश्यकता हो सकती । इसलिए उद्यमी चाहे तो कोई बनी बनाई बिल्डिंग प्रति महीने ₹25000 तक के किराये पर इस काम को करने के लिए ले सकता है ।
विंड शील्ड वाइपर निर्माण के लिए जरुरी लाइसेंस
वैसे देखा जाय तो विंड शील्ड मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस शुरू करने के लिए कोई विशेष लाइसेंस और पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन इंडिया में खुद की फैक्ट्री शुरू करने के लिए जिन लाइसेंस और पंजीकरणों की आवश्यकता हो सकती है उनकी लिस्ट इस प्रकार से है ।
- बिजनेस रजिस्ट्रेशन (प्रोप्राइटरशिप, पार्टनरशिप, वन पर्सन कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि)
- बैंकिंग कार्यों के लिए (व्यवसाय के नाम से पैन कार्ड, बैंक में चालू खाता)
- टैक्स रजिस्ट्रेशन (जीएसटी रजिस्ट्रेशन)
- ट्रेड लाइसेंस (नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से)
- फैक्ट्री अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन
- वैसे तो यह इकाई किसी प्रकार का पोल्यूशन इत्यादि नहीं जनरेट करती फिर भी उद्यमी को पोल्यूशन और फायर विभाग से एनओ सी की जरुरत हो सकती है।
- उद्यम रजिस्ट्रेशन (एमएसएमई योजनाओं का फायदा लेने के लिए)
विंड शील्ड निर्माण के लिए आवश्यक कच्चा माल और मशीनरी
विंड शील्ड बनाने के लिए कई तरह की मशीनरी, उपकरणों और कच्चे माल का इस्तेमाल किया जाता है। इस बिजनेस को शुरू करने में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी और उपकरणों की लिस्ट और उनकी अनुमानित कीमतें कुछ इस प्रकार से हैं ।
- सेण्टर लेथ मशीन जिसकी कीमत लगभग ₹1.3 लाख हो सकती है।
- पॉवर प्रेस मशीन जिसकी कीमत लगभग ₹1 लाख हो सकती है।
- सिलेंडरीकल ग्राइंडिंग मशीन जिसकी कीमत लगभग ₹1.8 लाख हो सकती है।
- हाइड्रोलिक प्रेस ब्रेक मशीन जिसकी कीमत लगभग ₹2.7 लाख हो सकती है।
- गिलोटिन शीयरिंग मशीन जिसकी कीमत लगभग ₹2.8 लाख हो सकती है।
- मेटल कटिंग बैंड शॉ मशीन जिसकी कीमत लगभग ₹70000 हो सकती है।
- स्क्रॉल बेंडर मशीन जिसकी कीमत ₹30000 हो सकती है।
- पिलर ड्रिलिंग मशीन जिसकी कीमत लगभग ₹40000 हो सकती है।
- सामग्री को हैंडल करने सहित अन्य उपकरण जिनकी कीमतें लगभग ₹1.2 लाख हो सकती है।
अब यदि देखा जाय तो उद्यमी को मशीनरी, उपकरणों को खरीदने में लगभग ₹12.2 लाख का खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है। इस्तेमाल में लायी जाने वाली कच्चे माल की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।
- वाइपर ब्लेड
- गालवनाइज्ड स्टील
- पिवट सॉकेट
- स्प्रिंग स्टील शीट
- रबर स्ट्रिप
विंड शील्ड वाइपर निर्माण के लिए कर्मचारी
इस बिजनेस को शुरू करने के लिए इच्छुक उद्यमी को विभिन्न कर्मचारियों को काम पर रखने की जरुरत हो सकती है, इनमें से कुछ की लिस्ट इस प्रकार से है ।
- मशीन ऑपरेटर – 2
- कुशल/अकुशल श्रमिक – 3
- हेल्पर – 4
- मैनेजर/अकाउंटेंट – 1
- सेल्समेन – 2
विंड शील्ड वाइपर की निर्माण प्रक्रिया
यद्यपि यदि उद्यमी अपनी फैक्ट्री में अनुभवी मशीन ऑपरेटर की नियुक्ति कर रहा है तो उन्हें उपर्युक्त बताई गई मशीनरी और उपकरणों के माध्यम से विंड शील्ड वाइपर बनाने की कला पहले ही आती होगी। इसके अलावा कुछ मशीनरी और कच्चा माल प्रदान करने वाली कंपनियाँ भी इसकी फ्री ट्रेनिंग आयोजित कराती है।
- सबसे पहले आवश्यक साइज़ में कच्चे माल की कटिंग की जाती है ।
- उसके बाद पंचिंग और बेन्डिंग प्रक्रिया को पूर्ण कर दिया जाता है।
- इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद deburring प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है।
- और जब यह हो जाती है तो उसके phosphating की जाती है।
- इसके बाद कोटिंग और असेम्बली की प्रक्रिया को पूर्ण करके विंड शील्ड वाइपर का निर्माण किया जाता है।
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विंड शील्ड वाइपर निर्माण करने में लागत
एक ऐसी फैक्ट्री जिसमें दिन में लगभग 200 विंड शील्ड वाइपर निर्माण करने की योजना हो, और शुरूआती दौर में प्रोडक्शन क्षमता की 50% से इसकी शुरुआत की जा रही को शुरू करने में आने वाला अनुमानित खर्चा कुछ इस प्रकार से हो सकता है ।
लागत का विवरण | लागत रुपयों में |
मशीनरी उपकरण | ₹12.2 लाख |
२५००० प्रति महीने के हिसाब से तीन महीने का किराया | ₹75000 |
फर्नीचर और फिक्सिंग | ₹1.5 लाख |
कार्यकारी लागत (कच्चा माल, सैलरी इत्यादि ) | ₹5.5 लाख |
कुल लागत | ₹19.95 लाख |
विंड शील्ड वाइपर निर्माण बिजनेस से होने वाली कमाई
इसमें ध्यान देने वाली बात यह है की उद्यमी को प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए कीमतों की रणनीति बनानी होती है। इसमें कोई दो राय नहीं की अच्छी गुणवत्ता के प्रोडक्ट मार्किट में बिकते हैं, लेकिन उन्हें लोगों तक पहुँचाने और लोगों को उनका उपयोग करने के लिए आकर्षित करने के लिए मार्केटिंग पर बहुत ज्यादा खर्चा करने की आवश्यकता होती है।
इसलिए बेहतर यही होता है की उद्यमी अपने प्रॉफिट में थोड़ी कमी करके उसका सीधा फायदा अपने ग्राहकों को दे । इस हिसाब से भी देखें तो इस बिजनेस (Windshield Manufacturing Business) से भी उद्यमी एक साल में ₹5.8 लाख तक शुद्ध मुनाफा अर्जित कर सकता है ।
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