चिकन कार्नर का बिजनेस कैसे शुरू करें। Chicken Corner Business Plan in Hindi.

कहीं ऐसा तो नहीं की आप चिकन कार्नर व्यापार (Chicken Corner Business) से अनभिज्ञ हैं? कहीं ऐसा तो नहीं आप इसका मतलब एक ऐसी दुकान से लगा रहे हैं जहाँ पर कच्चा चिकन मिलता है? यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तो चिकन कार्नर के बारे में आपकी यह राय गलत है ।  चिकन कार्नर की यदि हम बात करें तो यह एक प्रकार का होटल, ढाबा, या फिर एक स्टाल होता है। जहाँ पर आपको प्रमुख रूप से चिकन से बनाये जाने वाली डिशें जैसे बटर चिकन, कढ़ाई चिकन, मुघलाई चिकन, चिकन करी, चिल्ली चिकन, तंदूरी चिकन इत्यादि मिलता है।

हालांकि यहाँ पर आपको चिकन से बनने वाली सभी डिशें तो मिलती ही मिलती हैं, लेकिन पनीर और अन्य डिश जैसे दाल मक्खनी इत्यादि भी मिल जाती है। लेकिन इस तरह का बिजनेस करने वाले उद्यमी का मुख्य उद्देश्य अपने ग्राहकों को चिकन का इस्तेमाल करके बनायीं जाने वाली डिशों को बेचना है।

वर्तमान में शहरों में यहाँ तक की एक अर्धनगरीय क्षेत्र में भी इस तरह के व्यवसायों को सफलतापूर्वक चलता हुआ देखा जा सकता है। आजकल लोगों में छोटी छोटी बातों को भी सेलिब्रेट करने की प्रवृत्ति बढती जा रही है। लोगों को जब भी मौका मिल रहा है वे अपना तनाव दूर करने के लिए दोस्तों के साथ मदिरा पीना और नॉन वेज खाने से नहीं चुक रहे हैं। ऐसे में वर्तमान में शहरों में चिकन कार्नर की संख्या बढती जा रही है।

ऐसे में यदि आप एक ऐसा व्यवसाय शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, जिसे शुरू करके सफलतापूर्वक चलने पर आप एक सफल बिजनेसमैन के तौर पर अपने आपको स्थापित कर सकते हैं। तो आप खुद का चिकन कार्नर का व्यापार (Chicken Corner Business) शुरू करने पर विचार कर सकते हैं ।

chicken corner business
Image: Chicken Corner Kaise Khole?

चिकन कार्नर के चलने की क्या संभावना है?

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की वर्तमान में लोग अपने एन्जॉय करने के लिए बड़े पैमाने पर मदिरा का सेवन करना और उसके साथ नों वेज खाना पसंद करने लगे हैं । जब भी लोगों को मौका मिलता है वे अपने यार दोस्तों के साथ किसी ऐसे स्थान की खोज में निकल पड़ते है जहाँ पर उन्हें स्वादिष्ट नॉन वेज खाना मिल सके ।

वैसे तो एक चिकन कार्नर में लंच भी मिलता है लेकिन दोपहर की तुलना में यहाँ पर रात को ही लोगों की भीड़ देखी जा सकती है । शहरों में कुछ चिकन कार्नर तो ऐसे पसंद होते हैं की लोग अपने घरों को भी वहीँ से चिकन या मटन की डिश पैक करके ले जाते हैं।  

शहरों में लोगों की बढती डिस्पोजेबल आय और छोटी छोटी चीजों को सेलिब्रेट करने की प्रवृत्ति के कारण भी बाहर के नॉन वेज खाने की बिक्री में काफी वृद्धि देखी जा सकती है। आज का माहौल ऐसा है की यदि घर पर कोई मेहमान आ जाय और वह नॉन वेज खाने वाला हो, लेकिन उसे आप नॉन वेज नहीं खिलाएं तो हो सकता है वह आपसे नाराज हो जाए।

इसलिए किसी मेहमान के घर आने, यार दोस्तों के मिलने इत्यादि मौकों पर नॉन वेज तो लोगों ने खाना ही खाना है। वह भी घर का बना हुआ नहीं बाहर का बना हुआ, ऐसे में लोग चिकन कार्नर का रुख करते हैं क्योंकि यहाँ पर वे न सिर्फ नॉन वेज का बल्कि अपनी आवश्यकतानुसार अन्य डिश रोटी, चावल इत्यादि भी खा सकते हैं।

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चिकन कार्नर बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Chicken Corner Business in India):  

अब तक तो आप चिकन कार्नर के बारे में अच्छी तरह जान चुके हैं । यदि आपको इसके बारे में अभी भी शंशय है तो आपको साधारण भाषा में समझा दूं। की जब आप किसी बाज़ार से गुजर रहे होंगे या फिर आप बस इत्यादि से यात्रा कर रहे होंगे तो आपकी नज़र सीकों पर लटके पीले पीले चिकन पर जाती होगी।

आम तौर पर यह तंदूर के सामने लटके रहते हैं, क्योंकि चिकन की अधिकतर डिशें बनाने के लिए हाफ डाउन चिकन का इस्तेमाल किया जाता है । इसलिए इन्हें हल्दी, मिर्च, मैदा इत्यादि मसाला लगाकर तंदूर में हाफ डाउन करके ग्राहकों को डिस्प्ले करने के लिए सीक पर टांग कर रखा जाता है ।

तो आइये जानते हैं की कोई इच्छुक व्यक्ति खुद का चिकन कार्नर का बिजनेस कैसे शुरू कर सकता है ।

लोकेशन का चयन करें

चिकन कार्नर खोलने के लिए कौन सी लोकेशन उपयुक्त रहेगी ? यदि आप यह सोच रहे हैं तो आपको बता देना चाहेंगे की आप शहर के किसी भी कोने में अपना चिकन कार्नर खोल सकते हैं , लेकिन यदि यह शहर के मुख्य सड़क मार्ग पर होगी तो आपके ग्राहकों को आपके यहाँ तक पहुँचने में मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा ।

आम तौर पर एक चिकन कार्नर की दूरी मदिरा की दुकान से बहुत ज्यादा नहीं होनी चाहिए, क्योंकि अक्सर देखा गया है। क्योंकि अक्सर देखा गया है की जो लोग चिकन कार्नर में खाना खाने आते हैं वे अपने साथ मदिरा लेकर आए होते हैं, यदि कोई नहीं लाता है तो चिकन कार्नर के स्टाफ से पास की मदिरा की दुकान से मदिरा या बियर मँगाता ही मँगाता है ।

इसके अलावा उद्यमी को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा की उसके चिकन कार्नर में खाना खाने या फिर खाने को पाच करके ले जाने के लिए वही लोग आएँगे, जिनकी डिस्पोजेबल इनकम अधिक होगी। इसलिए एक ऐसा एरिया जहाँ पर अधिक आय वाले लोग रहते हैं वहाँ पर इस तरह के बिजनेस (Chicken Corner Business)  की चलने की संभावना अधिक होती है।   

स्टाल लगाकर या दुकान का निर्णय लें

लोकेशन का चयन करने के बाद उद्यमी को इस बात का निर्णय लेना होता है की उद्यमी चिकन कार्नर को स्टाल लगाकर शुरू करना चाहता है । या फिर एक प्रॉपर दुकान किराये पर लेकर शुरू करना चाहता है। क्योंकि वर्तमान में सड़क के किनारे स्टाल लगाकर भी कई व्यक्ति इस तरह का बिजनेस कर रहे हैं, लेकिन उनके स्टाल की जगह परमानेंट यानिकी रोज एक ही जगह पर होती है। वह इसलिए क्योंकि वहां पर उन्हें तंदूर इत्यादि जलाने की भी आवश्यकता होती है।

बिना तंदूर के इस तरह का बिजनेस शुरू कर पाना कठिन ही नहीं लगभग नामुमकिन है। क्योंकि चिकन से कई तरह की डिश बनाने के लिए हाफ डाउन या फिर पूरे भुने हुए चिकन की आवश्यकता होती है। यदि उद्यमी को किसी प्रसिद्ध जगह जहाँ पर उद्यमी को लग रहा है की वहाँ पर उसका यह बिजनेस अच्छा चलेगा। यदि वहां पर दुकान नहीं मिल रही है लेकिन स्टाल लगाने के लिए जगह मिल रही है तो फिर वह स्टाल लगाकर ही इस बिजनेस को शुरू कर सकता है।

नहीं तो इस तरह के बिजनेस को शुरू करने के लिए एक ईट सीमेंट से बनी पक्की दुकान को किराये पर लेना ही उचित माना जाता है।  

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जगह या दुकान का प्रबंध करें

अब यदि उद्यमी ने स्टाल लगाकर चिकन कार्नर खोलने का निर्णय लिया है तो इसके लिए उसे चयनित लोकेशन पर जगह का प्रबंध करना होगा। इस तरह का स्टाल लगाने के लिए उसे 100-150 स्क्वायर फीट जगह की आवश्यकता हो सकती है । क्योंकि इसी जगह में उसने अपनी रेहड़ी और स्टाल भी लगानी है, ग्राहकों के बैठने के लिए बेंच इत्यादि भी लगाने हैं।  और सबसे बड़ी चीज जो इस बिजनेस की रीढ़ है वह है तंदूर, वह भी उसने इसी जगह पर लगाना है।

वैसे बेहतर तो यही है की आप एक बड़ी सी दुकान किराये पर लें, जिसके अन्दर आप अपने ग्राहकों के बैठने का प्रबंध कर सकें, और बाहर अपना एक बड़ा सा काउंटर लगाकर ग्राहकों के आर्डर तैयार कर सकें। किसी प्रसिद्ध जगह पर किराया बहुत अधिक हो सकता है, लेकिन कमाई की संभावना भी उतनी ही अधिक होगी । इसलिए यदि आपके पास इस बिजनेस में निवेश करने के लिए पर्याप्त पैसे हैं, तो आपको अच्छी जगह पर किराया महंगा है करके उस दुकान को ड्राप नहीं करना चाहिए।  

जरुरी बर्तन, फर्नीचर इत्यादि खरीदें

हालांकि यदि आप खुद का चिकन कार्नर खोलने को लेकर इच्छुक हैं, तो आपको सबसे पहले यह पता करना चाहिए की जिस एरिया में आप इसे खोलना चाहते हैं कोई पहले से चल रहा चिकन कार्नर बेचने को तैयार तो नहीं है । आप ये मत सोचिये की यदि उस लोकेशन पर उसका चिकन कार्नर चलता तो भला वह उसे क्यों बेचता? व्यक्तिगत व्यक्ति के हिसाब से समस्याएँ और प्राथमिकतायें अलग अलग हो सकती हैं, इसलिए हो सकता है की उसके लिए पैसे कमाने से ज्यादा कुछ और महत्वपूर्ण हो।

पहले से चल रहा चिकन कार्नर लेने का फायदा यह होता है की आपको इसमें सीधे जाकर टेकओवर करना होता है। आपको बर्तन नहीं खरीदने, फर्नीचर नहीं खरीदना, स्टाफ नियुक्त नहीं करना, सिर्फ बिजनेस को टेकओवर करके उसकी नित्य प्रति की क्रियाओं में भागीदार बनकर आगे की रणनीति बनाई होती है ।

लेकिन यदि आपको ऐसा अवसर नहीं मिल रहा है तो स्वभाविक है की आपको अपने चिकन कार्नर के लिए कई सारे बर्तन खरीदने की आवश्यकता होगी। जिनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है ।

  • मसाले रखने के लिए डिब्बे
  • बड़े बड़े पतीले
  • डोंगे
  • कई तरह के नों स्टिकी
  • कई तरह के फ्राई पैन
  • करची, चम्मच
  • फ्रिज, डी फ्रिज
  • तंदूर
  • तंदूर के लिए लकड़ी या कोयला
  • थाली, प्लेट, कटोरी, गिलास, परात इत्यादि
  • तंदूर में इस्तेमाल में लाये जाने वाले लोहे की सीक
  • तंदूर में रोटी चिपकाने के लिए गद्दी
  • पानी रखने के लिए जग
  • नैपकिन होल्डर

इनके अलावा भी कई अन्य बर्तनों की आवश्यकता आपको होती है। लेकिन ग्राहकों को बिठाने के लिए कुर्सी टेबल इत्यादि फर्नीचर भी चाहिए होता है।  

  • कुर्सी
  • टेबल
  • टेबल क्लॉथ
  • एस्ट्रे
  • फूलदान
  • टेलीविजन

कई चिकन कार्नर तो ग्राहकों के बैठने के स्थान पर गर्मियों में एयर कंडीशन का भी इस्तेमाल करते हैं । इसलिए इस बिजनेस को शुरू करने में आने वाली मशीनरी, उपकरणों, बर्तनों, फर्नीचर इत्यादि की लिस्ट उद्यमी की बिजनेस योजना के हिसाब से अलग अलग हो सकती है।

जरुरी स्टाफ नियुक्त करें

एक चिकन कार्नर में आपको कम से कम छह कर्मचारियों की आवश्यकता हो सकती है। इसमें आपको कम से कम दो बन्दे तो सर्विस करने में यानिकी वैटर चाहिए होते हैं। एक तंदूर पर चाहिए होता है जो तंदूर से जुड़े आर्डर जैसे तंदूरी चिकन, चिल्ली चिकन, चिकन टिक्का, पनीर टिक्का, रोटी, नान, मिस्सी रोटी इत्यादि के आर्डर पूर्ण कर सके ।

और एक उस्ताद यानिकी शेफ आपको अन्य आइटम जैसे चिकन करी, चिकन मसाला, बटर चिकन, कढ़ाई चिकन, शाही पनीर, दाल मक्खनी इत्यादि बनवाने के लिए चाहिए होता है। इसके अलावा आपको कम से कम एक किचन हेल्पर जो जरुरत पड़ने पर दोनों उस्तादों की हेल्प कर सके चाहिए होता है । और एक बंदा आपको परमानेंट बर्तन धोने के लिए चाहिए होता है ।

इस तरह से देखें तो एक छोटे से छोटे सेटअप में भी आपको अपने चिकन कार्नर को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए कम से कम छह बन्दों की आवश्यकता होती है।

हालांकि यदि आप स्टाल लगाकर केवल पैकिंग का काम करके इस बिजनेस को शुरू कर रहे हैं तो फिर आप एक और बन्दे के साथ मिलकर इसे कर सकते हैं । लेकिन इस स्थिति में आप स्वयं एक शेफ होने चाहिए, जो चिकन की सभी डिश बनाना जानता हो।

चिकन कार्नर का मेनू निर्धारित करें

आपने अपने चिकन कार्नर के लिए जो मुख्य शेफ नियुक्त किया हुआ है उसको विश्वास में लेकर और उसके साथ बातचीत करके आप अपने चिकन कार्नर का मेनू निर्धारित कर सकते हैं। हालांकि आपको एक ऐसे शेफ की नियुक्ति करनी चाहिए जिसे चिकन के लगभग सभी डिशें बनानी आती हों। लेकिन चिकन के अलावा भी अन्य कौन कौन सी डिशें आप अपने मेनू में शामिल कर सकते हैं, इसकी राय अपने द्वारा नियुक्त किये गए उस्ताद से लें।

आप अपने चिकन कार्नर में कभी कभी हफ्ते में मटन के भी कोई आइटम अपने ग्राहकों को पेश कर सकते हैं। इसका जिक्र भी आप अपने मेनू में कर सकते हैं। आम तौर पर एक चिकन कार्नर द्वारा अपने मेनू में निम्न चीजों को शामिल किया जा सकता है।

नॉन वेज ड्राई

  • तंदूरी चिकन
  • अफगानी चिकन
  • चिकन पटियाला
  • चिकन मलाई टिक्का
  • टंगड़ी कबाब
  • चिकन टिक्का
  • फिश टिक्का
  • चिकन शीख कबाब
  • फिश शीख कबाब
  • चिकन फ्राई
  • चिकन लॉलीपॉप

नॉन वेज ग्रेवी

  • चिकन कोरमा
  • चिकन करी
  • चिकन चंगेजी
  • कढ़ाई चिकन
  • चिकन मसाला
  • बटर चिकन
  • हांडी चिकन
  • चिकन टिक्का मसाला
  • चिकन शाही कोरमा
  • चिकन बिरयानी

उपर्युक्त नॉन वेज आइटम के अलावा आप कई सारे वेज आइटम जैसे दाल मक्खनी, मिक्स वेज, दम आलू, पालक पनीर, कढ़ाई पनीर, शाही पनीर, हांडी पनीर, मलाई कोफ्ता, सोया चाप इत्यादि अपने मेनू में शामिल कर सकते हैं ।

मेनू के हिसाब से कच्चे माल का प्रबंध करें

ध्यान रहे की जिस भी आइटम को आप अपने मेनू में शामिल कर रहे हैं, उसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री आपके पास हमेशा विद्यमान होनी चाहिए। उदाहरण के लिए यदि आप पनीर से जुड़े हुए आइटम अपने मेनू में शामिल कर रहे हैं तो पनीर हमेशा आपके फ्रिज या डी फ्रिज में पड़ा होना चाहिए। क्योंकि जब आप अपने ग्राहक को अपना मेनू पकड़ा रहे होते हैं, तो ग्राहक आपसे यही उम्मीद रखता है की वह जो भी मेनू से पसंद करेगा, वह उसे मिल जाएगा। लेकिन जब वह मेनू के आइटम में कोई चीज आर्डर देने के लिए चयक करता है और उस समय आपका यह कहना की सर यह तो अभी नहीं मिल पाएगा, ग्राहक के मूड को बिगाड़ सकता है।

इसलिए अच्छा यही रहेगा की यदि आप किसी सामग्री को मेंटेन करने में असमर्थ हैं तो उसे अपने मेनू में शामिल न करें और यदि शामिल करते हैं तो ग्राहक को मेनू देने से पहले ही यह बता दें की उनमें से ऐसे कौन कौन से आइटम हैं जो अभी उपलब्ध नहीं हैं। या फिर इन सबसे बचने का अच्छा आईडिया तो यही है की जिन भी आइटम को आपने अपने मेनू में शामिल किया है उसको बनाने के लिए जो भी सामग्री चाहिए उसको अपने पास रखें।      

चिकन कार्नर की मार्केटिंग करें

एक बार जब आप किसी बढ़िया लोकेशन पर अपना चिकन कार्नर शुरू कर देते हैं। और यदि आप चाहे हैं की आप लोगों को अपने चिकन कार्नर के अन्दर बिठाकर मदिरा पान करवा सकें तो इसके लिए आपको आबकारी विभाग से लाइसेंस लेने की आवश्यकता होती है। जब आप यह दोनों काम कर लेते हैं तो मेरे ख्याल से फिर आपको अपने चिकन कार्नर व्यापार (Chicken Corner Business)  की मार्केटिंग करने की जरुरत नहीं पड़ती है।

क्योंकि अच्छी लोकेशन पर एक ऐसी जगह जहाँ पर पीने खाने का सब प्रबंध हो वहाँ पर लोगों की भीड़ न लगे, आज के ज़माने में यह कहना असम्भव है । लेकिन इस बिजनेस की असली मार्केटिंग तब होती है जब आपके मौजूदा ग्राहक आपके खाने की, सर्विस की तारीफ करते हैं । और अपने यार दोस्तों को हफ्ते में एक बार या कई बार जबरदस्ती आपके चिकन कार्नर में लाते हैं।   

चिकन कार्नर खोलने में कितना खर्चा आएगा

एक बड़ी दुकान किराये पर लेकर इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने में आने वाला खर्चा ₹5 लाख से ₹15 लाख तक कुछ भी हो सकता है। लेकिन एक ऐसा चिकन कार्नर जो पहले से चल रहा हो लेकिन अब उसका स्वामी उसे किसी कारणवश चलाने में असमर्थ हो, तो ऐसी स्थिति में आप इस तरह के बिजनेस को थोड़ा कम निवेश के साथ भी शुरू कर सकते हैं।

क्योंकि इसमें जो पहले से इसे चला रहा होता है वह आपसे केवल उसके सामान जो की अब पुराना हो चुका होता है का पैसा लेता है। बाकी किराया आपको जिसकी दुकान है उसे एक महीने बाद देना होता है, और सैलरी भी आपको कर्मचारियों को एक महीने बाद ही देनी होती है। इस तरह की स्थिति में आप इसे (Chicken Corner Business) को ₹3 लाख तक की शुरूआती लागत के साथ भी शुरू कर सकते हैं।  

चिकन कार्नर क्या है?

एक ऐसा भोजनालय जहाँ पर आपको चिकन से बनने वाली डिश जैसे बटर चिकन, कढ़ाई चिकन, तंदूरी चिकन, चिकन सीक कबाब इत्यादि के अलावा मटन और वेज डिश भी खाने को मिलती हैं, उसे चिकन कार्नर कह सकते हैं।

चिकन कार्नर कहाँ पर खोलना चाहिए ?

चिकन कार्नर आप किसी भी प्रसिद्ध मार्किट में या भीड़ भाड़ वाली जगह में खोल सकते हैं ।

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