गुलाब जल बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? प्रक्रिया, मशीनरी, लागत, कमाई।

गुलाब के फूल के बारे में तो आप सभी अच्छी तरह जानते होंगे । लेकिन क्या आप गुलाब जल बनाने (Gulab Jal Making) बिजनेस के बारे में भी जानते हैं। आपने भी कई बार अपने घर में गुलाब जल का इस्तेमाल कई तरह के उबटन और सुन्दरता सामग्रियों को बनाने में किया होगा।

यही नहीं गुलाब जल का इस्तेमाल कई तरह के कॉस्मेटिक उत्पादों को बनाने में भी किया जाता है। इसलिए अंतिम उपभोक्ता द्वारा तो इसका इस्तेमाल किया ही जाता है, साथ में कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स बनाने वाली बिजनेस इकाइयों द्वारा भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

गुलाब जल गुलाब की पंखुड़ियों को पानी में भिगोकर बनाया गया एक बेहद सुगन्धित पानी होता है। इसके अलावा परफ्यूम बनाने के लिए गुलाब के तेल का भी इस्तेमाल किया जाता है। गुलाब का तेल बनाने की प्रक्रिया में गुलाब जल इस प्रक्रिया का उप – उत्पाद होता है। यानिकी एक ऐसी इकाई जहाँ पर गुलाब के तेल का निर्माण किया जाता है, उसमें गुलाब जल का निर्माण होना स्वभाविक है।

इस जल का इस्तेमाल कई तरह के धार्मिक अनुष्ठानों और व्यंजनों में भी किया जाता है। यही कारण है की गुलाब जल की माँग बाज़ारों में हमेशा विद्यमान रहती है।

Gulab jal making
Image : Gulab Jal Banane Ka Business

गुलाब जल के बिकने की संभावना

एक आंकड़े के मुताबिक दुनिया का गुलाब जल का व्यापार 6.93% CAGR की दर से आगे बढ़ रहा है । इसलिए अग्रिम तीन वर्षों तक यह मार्किट 510.13 मिलियन अमेरिकी डॉलर होने की संभावना जताई जा रही है। चूँकि गुलाब जल त्वचा को कई तरह के लाभ प्रदान करता है, खास तौर पर यह त्वचा के पीएच संतुलन को बनाये रखने और त्वचा से अतिरिक्त तेल को कम करने में मदद करता है।

गुलाब जल में एंटी इन्फ्लेमेंट्री गुण होने के कारण यह त्वचा में लाल चकतों को कम करने में भी सहायक होता है, यही कारण है की यह त्वचा के विभिन्न रोगों मुहाँसे, एग्जिमा और सूजन से छुटकारा दिलाने में भी सहायक हो सकता है। इसका इस्तेमाल क्लीनजर के तौर पर भी किया जाता है।

इस तरह के जल का इस्तेमाल पेय पदार्थों से लेकर, सौंदर्य प्रसाधनों, व्यक्तिगत देखभाल और औषधीय इस्तेमाल के तौर पर भी किया जाता है। जब से कॉस्मेटिक उत्पादों को बनाने और परफ्यूम बनाने में गुलाब जल का इस्तेमाल किया जाने लगा है तब से इसकी बाज़ारों में माँग और अधिक बढ़ गई है।

इसके अलावा अनुमान लगाया जा रहा है की गुलाब जल का इस्तेमाल कई तरह की मिठाई, कन्फेक्शनरी आइटम, आइसक्रीम और बेकरी उत्पादों में होने के कारण भविष्य में इसकी माँग और अधिक बढ़ सकती है।

गुलाब जल बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to start Gulab Jal Making Business in India):

गुलाब जल का निर्माण गुलाब की पंखुड़ियों को पानी में भिगोकर किया जाता है । लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की आप बस इतनी सी ही प्रक्रिया करके इस जल को तैयार कर लेंगे। इसलिए इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए भी इच्छुक उद्यमी को वह सारी प्रक्रियाएं पूर्ण करनी होती हैं, जो किसी अन्य बिजनेस को करने के लिए करनी पड़ती हैं।

तो आइये जानते हैं की कोई इच्छुक उद्यमी खुद का गुलाब जल बनाने का बिजनेस कैसे शुरू कर सकता है।

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बिजनेस प्लान तैयार करें

वैसे तो किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले उसकी योजना तैयार करना बहुत जरुरी होता है। लेकिन अक्सर देखा गया है की भारत में छोटे मोटे काम धंधों को शुरू करने के लिए उद्यमी किसी प्रकार का कोई बिजनेस प्लान तैयार नहीं करते हैं। और शायद एक बड़ा कारण यह है भी है की उन्हें एक साल के अन्दर अन्दर ही अपने बिजनेस पर ताला लगाना पड़ता है।

एक प्रभावी और व्यवहारिक बिजनेस प्लान न सिर्फ आपके बिजनेस के लिए बाज़ार में उपलब्ध अवसरों या संभावनाओं से आपको अवगत कराता है, बल्कि चुनौतियों से भी अवगत कराता है। और इसके माध्यम से ही आप जान पाते हैं, की आपके बिजनेस को शुरू करने में अनुमानित लागत क्या होगी। और अगले कुछ वर्षों तक उसकी अनुमानित क्या होगी।

इतना ही नहीं यह एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें आप अपने गुलाब जल बिजनेस के लक्ष्यों को भी निर्धारित कर सकते हैं, और उन निर्धारित लक्ष्यों तक कैसे पहुँचा जाएगा उसकी भी पूरी प्लानिंग लिखित रूप से कर सकते हैं । इसलिए अपना गुलाब जल बनाने का व्यापार शुरू करने के लिए सबसे पहले उद्यमी को एक व्यापारिक योजना तैयार करने की आवश्यकता होती है।        

वित्त का प्रबंध करें

बिजनेस को कोई कोई भी उद्यमी तभी मूर्त रूप दे पाएगा, जब वह उसमें आने वाली लागत का प्रबंध कर पाएगा। कहने का आशय यह है की बिजनेस चाहे कितना भी छोटा क्यों न हो, उसको शुरू करने के लिए कुछ न कुछ निवेश की आवश्यकता होती ही है । अब चूँकि उद्यमी द्वारा व्यापार की योजना तैयार कर ली गई होगी तो इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आप उसे वित्त का प्रबंध करना होगा।

सबसे पहले उद्यमी को चाहिए की वह अपनी बचत के पैसों से ही वित्त का प्रबंध करे, लेकिन यदि उद्यमी के पास बिजनेस में आने वाली लागत के बराबर पैसे उपलब्ध नहीं हैं, तो फिर उसे वित्त का प्रबंध करने के लिए कर्जा लेने की आवश्यकता होगी ।

उद्यमी दो तरह के कर्जे ले सकता है पहला है अपने जानकारों, मित्रों, पारिवारिक सदस्यों से बिना ब्याज वाला अनौपचारिक ऋण। आम तौर पर देखा गया है की नाते रिश्तेदार, पारिवारिक सदस्य इत्यादि किसी काम के लिए आपको बिना ब्याज के भी कुछ समय के लिए ऋण प्रदान कर देते हैं। ऐसे में उद्यमी को लिए गए ऋण पर ब्याज देने की जरुरत नहीं होती है।

दूसरा उद्यमी चाहे तो बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से औपचारिक लोन के लिए आवेदन कर सकता है। इसके अलावा क्राउड फंडिंग, एंजेल इन्वेस्टर, वेंचर कैपिटलिस्ट इत्यादि के माध्यम से भी बिजनेस के लिए फण्ड एकत्रित किया जा सकता है।        

जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करें

गुलाब जल बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए भी आपको भंडार गृह जिसमें कच्चा माल के लिए अलग और उत्पादित माल के लिए अलग भंडार गृह की आवश्यकता होती है। मशीनों को चलाने के लिए ज्यादा विद्युत् की आवश्यकता होती है, यही कारण है की फैक्ट्री परिसर में इलेक्ट्रिक पैनल और अन्य उपकरणों के लिए अलग से रूम की भी जरुरत होती है। इतना ही नहीं विनिर्माण एरिया और ऑफिस के लिए भी जगह चाहिए होती है।

इस प्रकार से देखें तो इस बिजनेस (Gulab Jal making) के लिए लगभग 1300 वर्गफीट जगह की आवश्यकता हो सकती है । जिसका प्रति महिना किराया ₹25000 हो सकता है।             

गुलाब जल बिजनेस के लिए जरुरी लाइसेंस

इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए उद्यमी को कई तरह के लाइसेंस और पंजीकरणों की आवश्यकता हो सकती है ।

  • व्यापार पंजीकरण के तौर पर उद्यमी अपने व्यापार को प्रोप्राइटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी एवं अन्य वैधानिक बिजनेस एंटिटी में से किसी एक के तहत रजिस्टर कर सकता है ।
  • व्यवसाय के नाम से पैन कार्ड बनाएँ और बैंक में चालू खाता खोलें।
  • इनवॉइस, बिल इत्यादि जनरेट करने के लिए और टैक्स सम्बन्धी कार्यों को निष्पादित करने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराएँ।
  • लोकल अथॉरिटी से ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करें।
  • फैक्ट्री अधिनियम के तहत अपने बिजनेस को रजिस्टर कराएँ।
  • एमएसएमई की योजनाओं का फायदा लेने के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
  • यदि गुलाब जला का उत्पादन पेय पदार्थों या खाने में इस्तेमाल के लिए किया जा रहा है तो एफएसएसएआई लाइसेंस की भी आवश्यकता होगी ।
  • यदि कॉस्मेटिक उपयोग के लिए उत्पादन हो रहा है तो ड्रग और कॉस्मेटिक एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है ।
  • यदि उद्यमी खुद का ब्रांड स्थापित करके अपने ब्रांड नाम के तहत गुलाब जल बेचना चाहता है, तो उसे ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन करने की भी आवश्यकता होगी।

कच्चा माल और मशीनरी खरीदें

गुलाब जल बनाने के लिए मशीनरी के तौर पर प्रमुख रूप से इलेक्ट्रिक डिस्टिलेशन मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। बाकी जो दो अन्य मशीन इस्तेमाल में लायी जाती हैं, उनका मुख्य काम गुलाब जल को बोतल में भरने का और लेबल और पैक करने का होता है। कुल मिलाकर ये सभी मशीनें भारत में आसानी से उपलब्ध हैं।

  • इलेक्ट्रिक डिस्टिलेशन मशीन जिसका इस्तेमाल गुलाब जल बनाने के लिए किया जाता है ।
  • आटोमेटिक फिलिंग मशीन इस मशीन का इस्तेमाल गुलाब जल को बोतल में भरने और उसे बंद करने के लिए किया जाता है।
  • आटोमेटिक लेबलिंग मशीन इसका इस्तेमाल बोतल पर लेबलिंग करने के लिए किया जाता है।  

गुलाब जल का आटोमेटिक संयंत्र लगाने के लिए उद्यमी को लगभग ₹16 लाख रूपये तो केवल मशीनरी और उपकरणों पर खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए इस्तेमाल में लाये जाने वाले कच्चे माल की लिस्ट निम्नवत है ।

  • गुलाब की पंखुडियां जो 270 से 300 रूपये किलो मिलती हैं।
  • डीमिनरलाइज्ड वाटर जिसकी कीमत 10-15 रूपये लीटर हो सकती है।
  • पैकेजिंग सामग्री

कर्मचारियों की नियुक्ति करें

किसी भी बिजनेस के लिए श्रम शक्ति की आवश्यकता होती है, वह भी खास तौर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़े बिजनेस के लिए तो श्रम शक्ति की आवश्यकता होती ही होती है। ऐसे में उद्यमी को अपने संयंत्र को अच्छे से संचालित करने के लिए निम्नलिखित कर्मचारियों की आवश्यकता हो सकती है।

  • मशीन ऑपरेटर – 2
  • हेल्पर        – 4
  • कुशल/अकुशल श्रमिक  – 3
  • अकाउंटेंट कम एडमिन  – 1
  • सुपरवाईजर          – 1
  • सिक्यूरिटी गार्ड      – 1

उद्यमी को इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए कम से कम 12 कर्मचारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है ।

गुलाब जल बनाना शुरू करें

अब जब उद्यमी द्वारा गुलाब जल बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर दी गई हैं, तो अब उसे अपने संयंत्र में ट्रायल प्रोडक्शन शुरू कर देना चाहिए। लेख में बताई गई मशीनरी और कच्चे माल से गुलाब जल बनाने की प्रक्रिया काफी सरल है, लेकिन फिर भी हम यहं पर इसका संक्षिप्त विवरण दे रहे हैं।

  • सबसे पहले कच्चे माल के तौर पर गुलाब की पंखुड़ियाँ और डीएम वाटर मार्किट से खरीद लिया जाता है।
  • उसके बाद गुलाब की पंखुड़ियों की सफाई की जाती है।
  • इसके बाद डिस्टिलेशन प्रक्रिया शुरू होती है, जिसमें गुलाब की पंखुड़ियों में उपलब्ध तेल को अलग किया जाता है, और फिर गुलाब की पंखुड़ियों को पानी के साथ कंडेंस्ड किया जाता है।
  • डिस्टिलेशन प्रक्रिया में इलेक्ट्रिक डिस्टिलेशन इकाई का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें इलेक्ट्रिक भट्टी, हीटिंग टैंक, कुलिंग टैंक इत्यादि लगे हुए होते हैं।
  • जब यह प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है तो उसके बाद गुलाब जल को बोतल में भरने का काम किया जाता है और लेबलिंग के लिए आटोमेटिक लेबलिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।   

गुलाब जल बनाने का बिजनेस में आने वाली लागत

इस बिजनेस को शुरू करने में आने वाली लागत का ब्यौरा कुछ इस प्रकार से है ।

खर्चे का विवरण खर्चा भारतीय रुपयों में
मशीनरी और उपकरणों को खरीदने में आने वाला खर्चा₹16 लाख
तीन महीने का किराया₹75000
फर्नीचर एंड फिक्सिंग खर्चा₹1.2 लाख
सैलरी, कच्चा माल एवं अन्य कार्यकारी लागत₹3.5 लाख
कुल लागत₹21.45 लाख

गुलाब जल बनाने के बिजनेस से कमाई

गुलाब जल के कई इस्तेमाल होते हैं इसे एक तरफ जहाँ उद्यमी अंतिम उपभोक्ता को बेच रहा होता है। दूसरी तरफ इसके औद्यौगिक इस्तेमाल भी बड़े पैमाने पर होते हैं। 

इसलिए इस उत्पाद को बेचना किसी भी उद्यमी के लिए कोई चुनौती तो नहीं है, लेकिन प्रतिस्पर्धा इतनी है की शुरूआती दौर में अपनी शाख बनाने के लिए उद्यमी को अपना प्रॉफिट घटाकर अपने प्रोडक्ट पर सीधी छूट अपने ग्राहकों को देनी होगी । इस स्थिति में भी उद्यमी इस बिजनेस (Gulab Jal Making Business) से ₹3.5 लाख तक का शुद्ध मुनाफा प्रति वर्ष कमा सकता है।

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