36+ कम लागत के बेस्ट मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस आइडियाज।

व्यवसायों को आम तौर पर विनिर्माण क्षेत्र और सेवा क्षेत्र में बाँटा गया है। Manufacturing Business यानिकी ऐसे व्यवसाय जिनमें उद्यमी किसी वस्तु का उत्पादन कर रहा होता है। मनुष्य की आवश्यकताएं अनंत हैं, इसलिए मनुष्य द्वारा इस्तेमाल में लायी जाने वाली वस्तुओं की भी गणना कठिन है ।

लेकिन कुछ ऐसी वस्तुएँ होती हैं, जिनका इस्तेमाल हम हमारे दैनिक जीवन में करते रहते हैं। और इनकी माँग बाज़ारों में हमेशा विद्यमान रहती है। यदि आप भी खुद का कोई मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र से जुड़ा बिजनेस शुरू करने के बारे में विचार कर रहे हैं। लेकिन आपके पास निवेश करने के लिए बहुत ज्यादा पैसे नहीं हैं।

तो हम यहाँ पर कुछ ऐसे विनिर्माण बिजनेस के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्हें कम या औसतन निवेश के साथ भी आसानी से शुरू किया जा सकता है।

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मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस क्या है (What is manufacturing business)

एक ऐसी इकाई जहाँ पर कच्चे माल, इसके भागों एवं अवयवों से एक प्रोडक्ट तैयार किया जाता है उसे मैन्युफैक्चरिंग यूनिट कहा जाता है । कहने का आशय यह है की जब कोई व्यवसायी कच्चे माल और इसके अवयवों का इस्तेमाल करके किसी प्रोडक्ट का विनिर्माण करता है, तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह व्यवसाय ही मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस कहलाता है।

इस तरह की इकाइयों में उत्पादन के लिए मशीनों, रोबोटों, कंप्यूटरों और मनुष्यों का इस्तेमाल किया जाता है, कार्य को और अधिक सरल, आटोमेटिक और उत्पादों को एक वर्कस्टेशन से दुसरे वर्कस्टेशन तक पहुँचाने के लिए असेंबली लाइन का भी इस्तेमाल किया जाता है।

विनिर्माण क्षेत्र में बिजनेस करने वाली इकाइयाँ अपने प्रोडक्ट को सीधे अंतिम उपभोक्ता को भी बेच सकती हैं। लेकिन आम तौर पर वे प्रोडक्ट को अंतिम उपभोक्ता तक पहुँचाने और वितरण प्रणाली को अच्छे ढंग से संचालित करने के लिए ऑथोराइज्ड डिस्ट्रीब्यूटर और डीलर का चयन करते हैं।  

low cost manufacturing business ideas in hindi
Image: Best Manufacturing Business Ideas in Hindi

मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन के प्रकार (Types of Manufacturing production in hindi)

विनिर्माण क्षेत्र में प्रोडक्शन को तीन भागों में मेक टू स्टॉक (MTS), मेक टू आर्डर (MTO) और मेक टू असेम्बल (MTA) में विभाजित किया जा सकता है।   

1. मेक टू स्टॉक (MTS)

इस प्रणाली के तहत विनिर्माणकर्ता द्वारा जिस प्रोडक्ट का वह उत्पादन कर रहा होता है, उसकी बिक्री का पुराना डाटा का विश्लेषण करना होता है। क्योंकि इस विनिर्माण इकाई में उत्पादों का निर्माण स्टोर या स्टॉक करने के लिए किया जाता है।

वह इसलिए ताकि मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से बाज़ार यानिकी छूट न पाएँ । कहने का आशय यह है की चाहे किसी ग्राहक से आर्डर हो या न हो, लेकिन इन उत्पादों का लगातार उत्पादन करके इन्हें स्टोर या स्टॉक में रख लिया जाता है। और आर्डर मिलने पर इसी स्टॉक से उसकी पूर्ति की जाती है।

इस मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन प्रणाली का सबदे बड़ा दोष यह है की यदि विनिर्माण इकाई ने बहुत आधिक स्टॉक का निर्माण कर लिया, तो बाज़ार की स्थिति बदलने पर उसे अपने प्रोडक्ट को नुकसान में भी बेचना पड़ सकता है। और अगर उसने उत्पाद का प्रोडक्शन नहीं किया तो उसके हाथ से एक बहुत बड़ा बाज़ार खिसक सकता है।

2. मेक टू आर्डर (MTO)

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है इस प्रणाली के तहत विनिर्माण करने वाली यूनिट तब उत्पादों का प्रोडक्शन शुरू करती हैं, जब उनके पास किसी ग्राहक से आर्डर प्राप्त होता है। कहने का आशय यह है की इस प्रोडक्शन सिस्टम के तहत यूनिट तब तक इंतजार करती है, जब तक उसको कोई आर्डर प्राप्त नहीं हो जाते। इस सिस्टम में इन्वेंटरी प्रबंधन और बाज़ार की स्थिति के हिसाब से प्रबंधन करना बेहद आसान हो जाता है।

लेकिन इस सिस्टम का भी दोष यह है की इसमें ग्राहकों को उनके आर्डर प्राप्त करने के लिए इंतजार करने की आवश्यकता होती है, और यदि मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस करने वाले उद्यमी को लगातार आर्डर नहीं मिले तो उसका कारखाना नुकसान में जा सकता है।

3. मेक टू असेम्बल (MTA)   

इस तरह की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में ऐसे उत्पादों का उत्पादन किया जाता है, जिन्हें ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार कस्टमाइज किया जा सकता है। विनिर्माण करने वाली यूनिट के पास इस उत्पाद के मूल अवयव एकदम तैयार यानिकी स्टॉक में रहते हैं। लेकिन कारखाना ग्राहकों की माँग के अनुसार इन्हें आर्डर मिलने के बाद असेम्बल करता है। इसलिए इस प्रणाली को MTS और MTO का मिश्रित रूप भी कहा जा सकता है।

इसमें भी विनिर्माण इकाई को इस बात का ध्यान रखना पड़ता है की यदि वह बहुत अधिक उत्पादों का उत्पादन करेगी, तो बाज़ार में माँग से अधिक मात्रा होने के कारण इनको नुकसान में बेचना पड़ सकता है। और अगर उत्पादन कम कर दिया तो बहुत सारे ग्राहक कहीं और चले जाएँगे जिससे विनिर्माण करने वाली यूनिट को नुकसान उठाना पड़ेगा ।

कम पूँजी से शुरू किये जाने वाले मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस

आम तौर पर यह माना जाता है की सेवा क्षेत्र से जुड़े बिजनेस की तुलना में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र से जुड़े बिजनेस को शुरू करने में ज्यादा लागत आती है । जो की एक तथ्य भी है, लेकिन कुछ ऐसे Manufacturing Business भी हैं जिन्हें आप तुलनात्मक रूप से कम पूँजी के साथ भी शुरू कर सकते हैं। ऐसे बिजनेस की लिस्ट में निम्न व्यवसाय शामिल हैं।         

1. अगरबत्ती और धूप बत्ती मैन्युफैक्चरिंग

हमारा देश भारत विभिन्न धर्मों, सम्प्रदायों, पंथों को मानने वाला देश है। कहने का आशय यह है की यहाँ पर अनेकों धर्मों को मानने वाले लोग हैं। जो प्रतिदिन अपने आराध्य देवी देवताओं का सुमिरन करने के लिए पूजा पाठ एवं धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

ऐसे में हो सकता है की अलग अलग धर्मों में पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठान करने की पद्यति अलग अलग हो। लेकिन एक चीज जो लगभग सभी धर्मों को मानने वाले पूजा पाठ या धार्मिक अनुष्ठान करते समय इस्तेमाल में लाते हैं, वह है अगरबत्ती और धूपबत्ती।

इसलिए यदि आप कोई कम पूँजी में शुरू होने वाला विनिर्माण बिजनेस करने की सोच रहे हैं तो अगरबत्ती बनाने का बिजनेस और धूपबत्ती बनाने का व्यापार आपके लिए एक बेहद लाभकारी व्यापार साबित हो सकता है। क्योंकि यह वर्ष के बारह महीने चलने वाला बिजनेस तो है ही साथ में कभी खत्म होने वाला व्यापार नहीं है।     

2. साबुन बनाना (Soap Manufacturing Business)

वैसे देखा जाय तो वर्तमान में बाज़ारों में अनेकों प्रकार के साबुन जैसे कपड़े धोने वाले साबुन, बर्तन धोने वाले साबुन, नहाने वाले साबुन या किसी विशेष प्रकार के त्वचा के रोगों को दूर करने वाले साबुन विद्यमान हैं ।

इसलिए आप चाहें तो सभी प्रकार के साबुन बनाने का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, लेकिन इसमें प्रोजेक्ट कास्ट कुछ हद तक बहुत अधिक हो जाएगी। लेकिन यदि आप कम पूँजी में साबुन बनाने का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो आप कपड़े धोने वाले साबुन बनाना शुरू कर सकते हैं।

वर्तमान में लोग पहले के मुकाबले अधिक स्वच्छता से रहना पसंद करने लगे हैं, इसलिए जहाँ पहले अधिकतर घरों में हफ्ते में कपड़े धुला करते थे। आज के दौर में हर घर में हर रोज कपड़े धुलते हैं, और इन्हें धोने के लिए कपड़े धोने वाले साबुन की आवश्यकता होती है। इसलिए इस तरह का यह बिजनेस भी आपकी जिन्दगी बदलने वाला साबित हो सकता है।      

3. मोमबत्ती बनाने का व्यापार

आज के दौर में पारम्परिक मोमबत्तियों जिन्हें पहले बिजली जाने पर घरों में उजाला करने के इस्तेमाल में लाया जाता था, का स्थान फैंसी मोमबत्तियों ने ले लिया है। जिन्हें लोग विभिन्न अवसरों पर अपने घरों में जलाना पसंद करते हैं। इसके अलावा कहीं कुछ अशुभ होने पर और मनमुताबिक बात न होने पर लोग अपना विरोध प्रकट करने के लिए भी कैंडल मार्च करते हैं। इसलिए यह व्यापार पहले की तरह बहुत ज्यादा डिमांड वाला तो नहीं रहा गया है।

लेकिन आज भी विभिन्न अवसरों जैसे कैंडल मार्च, दीवाली, जन्मदिन, सालगिरह, विवाह समारोह इत्यादि अवसरों पर कैंडल की डिमांड की जाती है। आप जिस परिवेश में रहते हैं वहाँ पर मोमबत्तियों की कितनी डिमांड रहती है इस आधार पर भी आप मोमबत्ती बिजनेस शुरू करने का या नहीं करने का निर्णय ले सकते हैं।       

4. चप्पल बनाना (Slipper Manufacturing)

पहले का दौर अलग था जब ग्रामीण भारत में अधिकतर लोग बिना जूतों चप्पल के ही खेतों में काम करने के लिए निकल जाया करते थे। मनुष्य की बदलती प्राथमिकताओं के साथ उसके जीवा जीने की पद्यति में भी तीव्र गति से बदलाव हो रहा है। वर्तमान में लोग घर के अन्दर अलग चप्पल पहनते हैं, तो घर के बाहर पहनने वाली चप्पल अलग होती हैं। वह इसलिए की चप्पल के जरिये बाहर की मिटटी या धूल घर के अन्दर न जाये।

यही कारण है की यदि एक घर में चार सदस्य हैं, तो उस घर में चप्पलों के जोड़े चार से कही अधिक होंगे। और चप्पलों की माँग बाजार में हमेशा रहती भी है और आगे भी ऐसी ही रहने वाली भी है। इस कम पूँजी के विनिर्माण बिजनेस को भी इच्छुक उद्यमी बेहद कम पूँजी के साथ शुरू कर सकता है।

क्योंकि वर्तमान में चप्पल बनाने की बेहद छोटी छोटी मशीन आ गई हैं, जिन्हें खरीदकर कोई भी व्यक्ति आसानी से खुद का चप्पल बनाने का व्यवसाय शुरू कर सकता है।        

5. कॉटन बड बनाना (Cotton bud Manufacturing)

कॉटन बड का इस्तेमाल आम तौर पर कानों की सफाई के लिए किया जाता है, इसलिए दुनिया का हर एक घर इसका संभावित ग्राहक है । आपने भी अक्सर ध्यान दिया होगा की नहाते वक्त कानों में पानी जाना एक आम बात है, जिसे कान के अन्दर काफी डिस्टर्बेंस हो जाती है। यही कारण है की अक्सर लोगों को नहाने के बाद कॉटन बड से कान साफ़ करने की आदत होती है।

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए इच्छुक उद्यमी को बहुत अधिक पूँजी लगाने की आवश्यकता नहीं होती है। और इस व्यवसाय को शुरू करने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल भी उचित दरों पर लगभग देश के हर क्षेत्र में आसानी से उपलब्ध है। इसलिए कोई भी इच्छुक व्यक्ति कॉटन बड बनाने का व्यापार कहीं से भी आसानी से शुरू कर सकता है।     

6. मोजे या जुराब बनाने का काम

मोज़े या जुराब के बारे में शायद ही किसी को कुछ अधिक समझाने की आवश्यकता है, क्योंकि यह एक आम सामग्री हर किसी व्यक्ति बच्चे से लेकर बूढ़े तक इस्तेमाल में लायी जाती है। सर्दियों में जहाँ लोग सर्दी से बचने के लिए अपने घरों के अंदर भी मोज़े पहनकर रहते हैं।

वहीँ गर्मियों में केवल जूते पहनने से पहले जूतों के अन्दर ही मोज़े पहने जाते हैं। इस तरह का यह व्यापार शुरू करने के लिए भी सिलाई मशीन इत्यादि आसानी से उपलब्ध हैं। इसलिए मोज़े या जुराब बनाने का बिजनेस भी कम पूँजी के साथ शुरू किया जा सकता है।      

7. मास्क बनाना (Mask Manufacturing)

आज मास्क की कितनी डिमांड है यह बात किसी से छुपी नहीं है, आज भले ही मास्क की माँग कोरोना नामक इस महामारी के कारण उत्पन्न हुई हो। लेकिन आने वाले कुछ वर्षों तक यह माँग ऐसी ही बनी रहेगी।

ध्यान देने वाली बात यह भी है की लोग केवल महामारी से बचने के लिए मास्क नहीं पहनते। बल्कि महानगरों में वायु प्रदूषण इतना बढ़ गया है की लोग प्रदूषण से बचने के लिए भी मास्क पहनने लगे हैं। इसलिए मास्क बनाने के व्यवसाय को भी विनिर्माण बिजनेस के तौर पर आसानी से शुरू किया जा सकता है।      

8. मिटटी के बर्तन (Pot Manufacturing Business).

एक समय था जब लोगों के पास धातु के बर्तन नहीं होते थे, तो लोग मिटटी एवं लकड़ी के बर्तनों से ही अपने सारे नियमित काम निबटाते थे। लेकिन उस काल में मिटटी के बर्तनों को इस्तेमाल में लाना उनकी मजबूरी थी, क्योंकि उनके पास और चॉइस नहीं थी। आज के दौर में मनुष्य के पास इस संदर्भ में अनेकों चॉइस विद्यमान हैं, और वर्तमान में ज्यादातर धातु के बर्तन ही चलन में हैं।

लेकिन मिटटी के बर्तनों को इस्तेमाल में लाने के अनेकों स्वास्थ्य फायदे तो हैं ही, साथ ही ये तुलनात्मक रूप से धातु के बर्तनों से काफी सस्ते भी होते हैं। और आज इनकी डिजाईन और खूबसूरती देखकर शायद ही कोई बता पाएगा, की ये मिटटी के बर्तन हैं। ऐसे में कम निवेश के विनिर्माण बिजनेस के तौर पर मिटटी के बर्तन बनाने का व्यवसाय भी कमाई का अच्छा स्रोत हो सकता है।        

9. कोयर पेपर बनाने का व्यवसाय  

सबसे पहले आपको यह बता दूँ की कोयर पेपर से नोटबुक के कवर, डायरी के कवर, कैलेन्डर इत्यादि सामग्री बनाई जाती है । इसलिए यह एक बिजनेस टू बिजनेस (B2B) व्यापार हो सकता है। यह तो हम सबको पता है की कागज़ का निर्माण पेड़ों की लुगदी से किया जाता है, जिसके लिए पेड़ों को काटा जाता है।

लेकिन यह एक ऐसा व्यापार है जो कहीं न कहीं पर्यावरण के अनुकूल है। क्योंकि कोयर पेपर बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको पेड़ों की लुगदी की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि नारियल की जटा और खराब कागज़ से भी कोयर पेपर का निर्माण किया जा सकता है।   

10. प्लाईवुड बनाना (Plywood Manufacturing)

वर्तमान में प्लाईवुड की माँग बड़ी तीव्र गति से बढ़ रही है, वह इसलिए की लगभग हर फर्नीचर चाहे वे दरवाजे हों, बेड हो, दराजें हों, काउंटर हो, टेबल हो लगभग सभी का निर्माण प्लाईवुड से ही किया जाता है।

ऐसे में यदि आप प्लाईवुड बनाने का बिजनेस शुरू करते हैं, तो यह आपके लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। स्माल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस के तौर पर करने के लिए शुरूआती दौर में आप कम श्रमिकों के साथ शुरू कर सकते हैं।   

11. फोम के गद्दे बनाने का काम  

आज भी शादी में दुल्हन पक्ष की तरफ से दुल्हे पक्ष को फर्नीचर जैसे टेबल, कुर्सी, बेड, बेड शीट, गद्दे इत्यादि देने का रिवाज है। चूँकि वर्तमान में निर्मित बेड चाहे वे सिंगल बेड हों या फिर डबल उनमें साधारण गद्दे इस्तेमाल में नहीं लाये जाते हैं। इसलिए उपयोगकर्ता की पहली पसंद फोम के गद्दे ही होते हैं।

यदि आप कोई लाभकारी विनिर्माण बिजनेस शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं तो आप फोम के गद्दे बनाने का बिजनेस शुरू करने के बारे में विचार कर सकते हैं।    

12. सर्दियों में चिक्की और गज़क बनाने का काम

हालांकि यह बिजनेस मौसमी है, यानिकी इसे आप वर्ष के बारह महीने चालू नहीं रख सकते, लेकिन यकीन मानिए सर्दियों में चिक्की और गज़क बनाने का बिजनेस इनके सीजन में ही अच्छी खासी कमाई करवाने में समर्थ है।

यह वर्ष के चार महीने में ही आपकी अच्छी कमाई करा सकता है, बशर्ते आपके द्वारा बनाई गई चिक्की और गज्ज़क लोगों को पसंद आनी चाहिए। सर्दियों में लोग चिक्की और गज़क खरीदना बहुत पसंद करते हैं, और अपने नाते रिश्तेदारों को गिफ्ट के तौर पर भी प्रदान करते हैं।   

13. हैण्ड सैनीटाईजर बनाने का व्यापार

कोरोना नामक महामारी ने लोगों की जीवनशैली को पूरी तरह बदल के रख दिया है, अब लोगों को स्वच्छता एवं साफ़ सफाई से रहने का महत्व समझ में आने लगा है।

यही कारण है की हैण्ड सैनीटाईजर जैसे उत्पादों की मांग में तीव्र वृद्धि देखी गई है। चूँकि यह महामारी मानव जीवन का हिस्सा बन गई है और डॉक्टरों एवं चिकित्सकों की राय है की मनुष्य को इस महामारी के साथ ही अपना जीवन यापन करना होगा। ऐसे में हैण्ड सैनीटाईजर की माँग भी बाजार में बने रहने की उम्मीद है। इसलिए हैण्ड सैनीटाईजर बनाने के बिजनेस को भी हमने इस लिस्ट में शामिल किया है।

14. लैगिंग बनाना (Legging manufacturing)

वर्तमान में लड़कियों के बीच निचले वस्त्र के तौर पर लैगिंग बहुत ज्यादा लोकप्रिय है, और यदि आप स्वयं टेलर हैं, तो आपके लिए इसे बनाना बहुत ज्यादा जटिल नहीं है। यद्यपि बदलते फैशन के हिसाब से लेडिज और जेंट्स दोनों की वस्त्र सम्बन्धी आवश्यकताएं लगातार बदलती रहती हैं।

लेकिन लैगिंग बनाने के व्यापार को हमने कम पूँजी के विनिर्माण व्यवसायों की लिस्ट में इसलिए शामिल किया है। क्योंकि एक तो इस तरह के बिजनेस को शुरू करने में काफी कम पूँजी की आवश्यकता होती है । दूसरा वर्तमान में यह बेहद लोकप्रिय वस्त्रों में से एक है।     

15. स्कूल की यूनिफार्म बनाने का काम

ध्यान रहे स्कूल की यूनिफार्म बनाने का बिजनेस आप तब शुरू कर सकते हैं, जब आपने कई स्कूलों या शुरुआत में एक दो स्कूलों के साथ टाई अप किया हो।

कहने का आशय यह है की इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले उन स्कूलों के साथ टाई अप करना होगा जिनकी यूनिफार्म आप बनाना चाहते हैं। वह इसलिए क्योंकि किस स्कूल की यूनिफार्म कैसी होगी, यह स्कूल का प्रबंधन तय करता है ।   

16. नोटबुक बनाना (Notebook Manufacturing)

नोटबुक बनाने का बिजनेस भी छोटे विनिर्माण बिजनेस के तौर पर आसानी से इसलिए शुरू किया जा सकता है। क्योंकि नोटबुक बनाने की प्रक्रिया बेहद आसान होती है, और कुछ छोटी छोटी मशीनों के इस्तेमाल के कारण इसे शुरू करने के लिए बहुत अधिक पूँजी की भी आवश्यकता नहीं होती है।

इसलिए कोई भी इच्छुक उद्यमी इस तरह के व्यापार को आसानी से शुरू कर सकता है। जहाँ तक नोटबुक बेचने का सवाल है उद्यमी उस क्षेत्र में स्थित स्टेशनरी की दुकानों से संपर्क कर सकता है।      

17. पोहा बनाने का बिजनेस

पोहा बनाने के व्यवसाय की बात करें तो इसे स्माल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस के रूप में इसलिए आसानी से शुरू किया जा सकता है। क्योंकि पोहा बनाने की मशीन की कीमत लाखों रूपये में न होकर मात्र कुछ हज़ार रूपये होती है, हालांकि मशीन की क्षमता के मुताबिक मशीन की कीमत अलग अलग हो सकती है। लेकिन शुरूआती दौर में कम उत्पादन क्षमता वाली मशीन से भी बढ़िया काम चलाया जा सकता है।

इसके अलावा इस बिजनेस में इस्तेमाल में लाया जाने वाला प्रमुख कच्चा माल धान होता है। और चूँकि भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसलिए धान की उपलब्धता लगभग हर जगह आसानी से मौजूद है।     

18. लिपस्टिक बनाने का व्यापार

महिलाओं को संजने संवरने का मानो जूनून होता है, और महिलाओं के संजने सँवरने की सामग्री में लिपस्टिक का अहम् भूमिका है। लिपस्टिक का इस्तेमाल महिलाओं द्वारा अपने होंठों को संजाने के लिए किया जाता है, और वर्तमान में देखा गया है की कपड़ों के कॉम्बिनेशन के आधार पर ही महिलाएँ लिपस्टिक के रंग का भी चुनाव करती हैं।

ऐसे में एक महिला के पास एक नहीं बल्कि कई रंग की लिपस्टिक एक ही समय मौजूद होती हैं। इसलिए लिपस्टिक बनाने का व्यापार भी लाभकारी विनिर्माण बिजनेस की लिस्ट में शामिल है।     

19. बिंदी बनाना (Bindi Manufacturing business)

महिलाओं के साजों श्रंगार के सामान में बिंदी भी एक आम सामग्री है । एक घर में तो छोड़िये केवल एक ही महिला के पास अनेकों रंग, डिजाईन, प्रकार की बिंदी आपको देखने को मिल जाएगी। बिंदी को खरीदने वाले ग्राहकों की हिंदुस्तान के किसी भी कोने में कोई कमी नहीं है।

चूँकि बिंदी बनाने के बिजनेस में भी बेहद सस्ती एवं छोटी मशीनें इस्तेमाल में लायी जाती हैं। इसलिए इस व्यवसाय को भी कम पूँजी के विनिर्माण बिजनेस के तौर पर आसानी से किया जा सकता है।    

20. पेन्सिल बनाने का व्यापार

स्टेशनरी आइटम में पेन्सिल सबसे अधिक इस्तेमाल में लायी जाने वाली एक आम आइटम है। वर्तमान में देखा गया है की स्कूलों में चौथी, पांचवीं कक्षाओं तक केवल पेन्सिल से लिखने की ही इजाजत दी जाती है, वह इसलिए क्योंकि पेन्सिल के लिखे हुए को इरेजर की मदद से आसानी से मिटाया जा सकता है।

इसके अलावा ड्राइंग बनाने, किसी भी प्रकार की कलाकृति को कागज़ में उतारने के लिए पेन्सिल का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए पेन्सिल बनाने का बिजनेस भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है।     

21. नूडल्स बनाना (Noodles Manufacturing)

लोगों का जीवन अपने जिन्दगी के लक्ष्यों को प्राप्त करने में इतना व्यस्त है की शहरों में तो इस भाग दौड़ में लोगों को अपने लिए खाना बनाने तक का समय नहीं मिल पाता। ऐसे में ये लोग रेडी टू इट फ़ूड की तरफ जल्दी आकर्षित हो जाते हैं।

इन रेडी टू इट फ़ूड की तरफ आकर्षित होने का नतीजा ही है की वर्तमान में बाज़ारों में तरह तरह के नूडल्स बड़े पैमाने पर बिक रहे हैं। और समय व्यतीत होने के साथ इनकी माँग लगातार बढती जा रही है। नूडल्स बनाने का व्यापार भी बेहद कम पूँजी के साथ शुरू किया जा सकने वाला बिजनेस है।       

22. बेसन बनाना (Gram Flour Manufacturing Business)  

पकौड़ों का इतिहास काफी पुराना है, यही कारण है की आज भी गली, मोहल्लों, स्थानीय बाज़ारों में पकौड़ों की बिक्री बहुत अधिक होती है । बेसन का इस्तेमाल केवल पकौड़े बनाने के लिए नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार की डिश और मिठाई इत्यादि बनाने के लिए भी किया जाता है। यही कारण है की बेसन की माँग वर्ष के बारह महीने बाज़ारों में बनी रहती है। इसलिए इस तरह का विनिर्माण बिजनेस शुरू करना जोखिम की दृष्टी से भी अधिक सुरक्षित है।

दूसरी बात यह है की बेसन बनाने के बिजनेस को उद्यमी चाहे तो 60हजार रूपये से एक लाख रूपये तक के निवेश के साथ आसानी से शुरू कर सकता है। क्योंकि इसमें उसी तरह की मशीन की आवश्यकता होती है जो वर्तमान में आटा चक्की शुरू करने के लिए होती है। कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाने वाला चना भी सभी स्थानीय बाज़ारों में उचित दरों पर आसानी से उपलब्ध है।       

23. लेडीज गाउन और नाईटी बनाने का बिजनेस

महिलाएँ घर में होती हैं तो उन्हें घर के अनेकों काम करने होते हैं, इसलिए वे घर में लेडिज गाउन पहनना पसंद करती हैं। ताकि उन्हें घर का कोई भी कार्य करने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। इसके अलावा वर्तमान में अधिकतर महिलाएँ सोते वक्त नाईटी पहनना भी पसंद करती हैं । इसलिए लेडीज गाउन और नाईटी बनाने का बिजनेस भी किसी भी प्रकार से घाटे का बिजनेस नहीं है ।  बशर्ते गाउन और नाइटी गुणवत्तायुक्त एवं आकर्षक डिजाईन वाली होनी चाहिए।

इसलिए यदि आपने फैशन डिजाइनिंग में कोई कोर्स किया हो या कपड़े एवं उनके डिजाईन की आपको अच्छी जानकारी हो, तो आपके लिए इस बिजनेस को शुरू करना अत्यंत लाभकारी हो सकता है।    

24. इंसुलेशन टेप बनाने का व्यापार

आम तौर पर काला इंसुलेशन टेप का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कारणों से किया जाता है, हालांकि टेप का रंग कुछ भी हो सकता है लेकिन इसे इंसुलेशन टेप कहा जाता है। और बिजली फिटिंग या बिजली की तारों में इनका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है।

इंसुलेशन टेप बनाने की प्रक्रिया भी बहुत ज्यादा जटिल नहीं होती है, और इसे बनाने में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी भी बहुत अधिक महंगी न होने के कारण इसने भी स्माल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस की लिस्ट में स्थान प्राप्त किया है।    

25. लिफाफा बनाने का काम (Envelops making)

कागज़ के लिफाफों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर सरकारी, निजी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में किया जाता है। इसके अलावा व्यक्तिगत व्यक्ति भी निजी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कभी कभी इसका इस्तेमाल करते हैं।

इसलिए कागज़ के लिफाफों का इस्तेमाल कार्यालयों में होने के साथ साथ घरों में भी देखने को मिलता है। लिफाफे बनाने का बिजनेस शुरू करने वाला उद्यमी चाहे तो बाजार में उपलब्ध माँग के अनुसार विभिन्न आकार प्रकार के लिफाफे बना सकता है । इस बिजनेस को शुरू करने के लिए भी बहुत भारी भरकम मशीनों की जरुरत नहीं होती है, इसलिए इसे भी बेहद कम पूँजी निवेश करके शुरू किया जा सकता है।    

26. पेपर कप प्लेट बनाने का बिजनेस

वर्तमान में प्लास्टिक कप प्लेट का स्थान पेपर कप प्लेट ने ले लिया है। वह इसलिए क्योंकि प्लास्टिक को पर्यावरण को नुकसानदेह माना गया है, इसलिए बहुत सारे राज्यों में प्लास्टिक के कप प्लेट बनाने और बिक्री दोनों पर रोक है।

भले ही प्लास्टिक के कप प्लेट बाज़ारों से गायब हो गए हों, या चोरी छिपे कहीं मिल भी रहे हों, लेकिन मनुष्य की यह आवश्यकता तो समाप्त नहीं हुई है इसलिए वर्तमान में लोग पेपर कप प्लेट खरीदना पसंद कर रहे हैं।

पेपर कप प्लेट बिजनेस पर्यावरण एवं हमारे परिवेश को किसी तरह का नुकसान इसलिए नहीं पहुँचाता क्योंकि यह मिटटी में नष्ट होकर मिटटी बन जाता है। इसलिए इस तरह का बिजनेस शुरू करके आप न केवल अपना बल्कि समाज का भी भला कर रहे होते हैं।      

27. जूट के बैग बनाने का बिजनेस

यद्यपि जहाँ पहले बाज़ारों में प्लास्टिक के थैलों की भरमार रहती थी, लेकिन उनके द्वारा पर्यावरण को हो रहे नुकसान से बचने के लिए सरकार ने इनके निर्माण और बिक्री पर रोक लगा दी। तो आजकल बाज़ारों में विभिन्न प्रकार के पेपर बैग और जूट से निर्मित बैग दिखने लगे हैं। हालांकि पेपर बैग की तुलना में जूट के बैग अधिक मजबूत और कीमती होते हैं । यही कारण है की लोग इनका इस्तेमाल फैशन के तौर पर भी करते हैं।

जूट के बैग बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को बहुत अधिक पूँजी खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती है। बल्कि कम पूँजी के विनिर्माण व्यवसाय के तौर पर इस तरह का व्यापार शुरू करके उसे धीरे धीरे भी बढाया जा सकता है

28. कपूर की गोलियाँ बनाने का व्यवसाय

आज के मनुष्य की जीवनशैली में स्वच्छता एक प्रमुख मुद्दा है, आज के लोग पहले के लोगों से अधिक शिक्षित एवं जागरूक हैं, इसलिए उन्हें अपने जीवन में स्वच्छता की भूमिका का महत्व पता है। कपूर की गोलियों का इस्तेमाल लोग रेशमी एवं ऊनी कपड़ों में और अनाज को कीटों से बचाने के लिए काफी पहले से करते आये हैं।

लेकिन वर्तमान में इनका इस्तेमाल बाथरूम की दुर्गन्ध इत्यादि को दूर करने के लिए भी किया जाता है। इसलिए कपूर की गोलियों की माँग भी बाजार में हमेशा रहती है।

कपूर की गोलियाँ बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को जिस मशीनरी और कच्चे माल की आवश्यकता होती है उन्हें मात्र कुछ लाख रुपयों में आसानी से ख़रीदा जा सकता है। इसलिए यह बिजनेस भी काफी प्रचलित है।      

29. दोना पत्तल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस

प्लास्टिक पर लगे प्रतिबंध ने दोना पत्तल बनाने के बिजनेस के लिए भी नए द्वार खोल दिए हैं। आज जब लोग हर छोटी बड़ी ख़ुशी को सेलिब्रेट करना सीख गए हैं, तो ऐसे में हर अवसर पर घर के बर्तनों का इस्तेमाल संभव नहीं है।

यही कारण है की लोग पहले से दोना पत्तल इत्यादि खरीदकर घर में रखते हैं,इसके अलावा विभिन्न खान पान की रेहड़ी, पटरियों पर भी इनका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में आप चाहें तो इस छोटे बिजनेस को शुरू कर सकते हैं ।  

30. डायरी कवर, फोटो एल्बम और बटुआ बनाने का काम  

भले ही आपको लगता हो किस इस डिजिटल दुनिया में डायरी कवर और फोटो एल्बम का क्या काम। लेकिन सच्चाई यह है की आज भी बड़े बड़े प्रोफेशनल अपने पास डायरी रखना पसंद करते हैं, ताकि जरुरत पड़ने पर वे उनमें जरुरी नोटस लिख सकें। जहाँ तक फोटो एल्बम की बात है आज भी हर घर में एक से अधिक फोटो एल्बम देखने को मिल जाएगी।

क्योंकि लोग अपनी स्मृतियों को फोटो एल्बम का इस्तेमाल करके फोटो के माध्यम से संजोना चाहते हैं । बटुआ तो आप जानते ही हैं हर व्यक्ति के लिए कितना उपयोगी होता है ।

यह बिजनेस छोटी छोटी मशीनों का इस्तेमाल करके शुरू किया जा सकता है, यही कारण है की डायरी कवर, फोटो एल्बम और बटुआ बनाने का बिजनेस शुरू करने में अधिक खर्चा संभावित नहीं है। 

31. टूथपिक बनाने का बिजनेस

सोचिये आप किसी होटल या ढाबे से खाना खाके बाहर निकले ही थे की आपको आपके दांत में खाना फँसने का एहसास हुआ। और आप वापस उस होटल या ढाबे के काउंटर पर गए लेकिन उनके पास टूथपिक थे नहीं। इसके बाद शायद ही आप उस होटल या ढाबे पर दुबारा खाना खाने जाएँगे।

वह इसलिए क्योंकि टूथपिक होटल, ढाबों, चाट स्टालों, फ़ूड स्टालों में इस्तेमाल में लायी जाने वाली एक आम आइटम है। इसलिए टूथपिक बनाने का बिजनेस शुरू करना भी किसी भी उद्यमी के लिए उसके जीवन को बदलने वाला निर्णय हो सकता है।

अब चूँकि इसको शुरू करने में नाम मात्र की मशीनरी की आवश्यकता होती है, इसलिए इसे बहुत ही कम पूँजी लगाकर शुरू करने में कोई कठिनाई नहीं होगी ।    

32. नेल कटर बनाना (Nail cutter manufacturing)

नेल कटर को भी आप एक सफाई उपकरण कह सकते हैं, जी हाँ यदि आपके नाख़ून लम्बे होंगे तो उनमें गंदगी आसानी से घर कर सकती है। लेकिन वर्तमान में कुछ लोग फैशन के चलते भी अपने नाखूनों को लम्बा रखते हैं लेकिन वे उनकी सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं । दूसरा यह है की वे वे लोग होते हैं जो चम्मच से खाना पसंद करते हैं।

लेकिन सच्चाई यह है की भारत में एक बहुत बड़ी आबादी आज भी अपने हाथ से ही खाना पसंद करती है। इसलिए उनके नाखूनों का छोटा रहना और स्वच्छ रहना अत्यंत आवश्यक है। आज हर घर में आपको एक या एक से अधिक नेल कटर देखने को मिल जाएँगे, इसलिए विनिर्माण बिजनेस के तौर पर नेल कटर बनाने का बिजनेस भी शुरू किया जा सकता है।     

33. कपड़े के बैग बनाने का बिजनेस

आप चाहे यकीन करें न करें लेकिन सच्चाई यह है की जब से प्लास्टिक की थैलियों का निर्माण और बिक्री बंद हुई है। तब से बाज़ारों में कपड़े के बैग का बोलबाला है, प्लास्टिक की थैलियाँ भले ही बंद हो गई हों, लेकिन ग्राहकों की आदतें आज भी वहीँ हैं।

यही कारण है की व्यापारियों दुकानदारों को कपड़े के बैग खरीदने की आवश्यकता होती है। कपड़े के बैग बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए भी अधिक कीमती या भारी भरकम मशीनों की आवश्यकता नहीं होती है, इसलिए इसे भी स्माल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस के तौर पर किया जा सकता है।  

34. मेहँदी बनाना (Mehndi Manufacturing)

मेहँदी बनाने का बिजनेस इसलिए इस लिस्ट में शामिल है क्योंकि मेहँदी बनाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाने वाला कच्चा माल मेहँदी के पत्ते और कुछ हर्ब्स हैं , जिन्हें उचित दामों में आसानी से ख़रीदा जा सकता है। लेकिन वर्तमान में मेहँदी के उपयोग बढ़ गए हैं और यही कारण है की आज मेहँदी केवल एक रंग की नहीं रह गई है, बल्कि यह अनेकों रंगों में बाजार में आने लगी है ।

हालांकि विभिन्न अवसरों पर हाथों में रचाई जाने वाली मेहँदी का रंग आज भी एक जैसा ही है, लेकिन जब बात बालों पर लगाने वाली मेहँदी की आती है, तो यह बाजार में अनेकों रंग विशेष तौर पर काली और लाल में उपलब्ध है ।

35. कपड़ों के बटन बनाने का काम

हमारा देश भारत जनसँख्या की दृष्टी से दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा देश है जिसकी लगभग सवा सौ अरब जनसँख्या है। और इसमें कोई दो राय नहीं की इन सबको पहनने के लिए कपड़े तो चाहिए ही चाहिए, कपड़ों का जिक्र इसलिए करना जरुरी है क्योंकि यहाँ पर हम कपड़ों के बटन बनाने के बिजनेस के बारे में ही बात कर रहे हैं। इस तरह के बिजनेस में उद्यमी के ग्राहक के तौर पर कपड़े सिलने वाले दर्जी, कपड़े बनाने वाली कम्पनियाँ, बुटीक इत्यादि रहने वाले हैं।

36. झाड़ू बनाने का Small Manufacturing Business

झाड़ू बनाने का बिजनेस आपके लिए बेहद लाभकारी बिजनेस हो सकता है यदि जहाँ पर आप इसे शुरू करना चाहते हैं, उस क्षेत्र में इसके लिए कच्चा माल विशेष तौर पर वह घास जिससे झाड़ू बनाया जाता है आसानी से और उचित दामों में मिल जाय तो। झाड़ू तो हर घर, ऑफिस फैक्ट्री, संस्थान, प्रतिस्ठान में चाहिए होता है, इसलिए इसे बेचने में आपको बहुत अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।

लेकिन यह छोटा विनिर्माण बिजनेस आईडिया (Manufacturing Business Idea) ऐसे एरिया या क्षेत्र में शुरू किया जाना आवश्यक है, जहाँ पर झाड़ू बनाने की घास आसानी से कम दामों में मिल सके।

FAQ (सवाल जवाब)

  1. मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस क्या होता है?

    आम तौर पर बिजनेस को दो भागों सेवा क्षेत्र और विनिर्माण क्षेत्र में विभाजित किया गया है। जिस व्यवसाय में आपको किसी वस्तु का निर्माण करना होता है उसे मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस कह सकते हैं। 

  2. क्या घर से भी मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस शुरू किया जा सकता है?

    कुछ ऐसे विनिर्माण बिजनेस जिनको शुरू करने में बेहद छोटे उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें घर से भी होम बेस्ड बिजनेस के तौर पर शुरू किया जा सकता है।

इस लिस्ट (Best Manufacturing Business India in Hindi) में हमने 36 से ऐसे विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े बिजनेस के बारे में बताया है, जिन्हें इच्छुक उद्यमी कम लागत से भी शुरू कर सकता है। आशा करता हूँ की ऐसे लोग जो खुद का विनिर्माण क्षेत्र में कोई कम लागत वाला बिजनेस शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, उनके लिए यह विनिर्माण बिजनेस से जुड़ी लिस्ट काफी उपयोगी साबित होगी । धन्यवाद