एल्युमीनियम पार्टीशन का बिजनेस कैसे शुरू करें।

यदि आप इस बिजनेस (Aluminum Partition Business ) के बारे में नहीं जानते हैं। तो आप किसी हॉस्पिटल में चले जाइये, किसी छोटे ऑफिस में चले जाइये या किसी मोबाइल इत्यादि की दुकान में चले जाइये। वर्तमान में आपको वहां पर एल्युमीनियम की पार्टीशन लगी हुई मिल जायगी। आम तौर पर लोग इसे शीशा लगा हुआ दरवाजे के तौर पर भी जानते हैं। यह इसलिए लगाई जाती है क्योंकि एक तो यह देखने में सुन्दर लगती है, दूसरी आपकी दुकान के अन्दर धुल, एवं अन्य कीड़े मकोड़ों, मच्छर इत्यादि को आने से भी रोकती हैं।

लोग इन्हें अक्सर छोटे ऑफिस, मोबाइल नाई इत्यादि की दुकानों कुल मिलाकर देखे तो वर्तमान मरे जनरल स्टोर को छोड़कर लगभग सभी तरह की दुकानों में आपको यह पार्टीशन लगी हुई मिल जाएगी। कहीं कहीं पर तो ऐसे जनरल स्टोर जिनका डबल साइड ओपन होता है उन पर एक तरफ इस तरह की यह पार्टीशन देखने को मिल जाती है।

इसके अलावा एक ऐसा डॉक्टर जो स्वयं का क्लिनिक खोलना चाहता है, लेकिन वह एक लम्बा हाल किराये पर ले लेता है। अब उसे इसमें रिसेप्शन भी बनाना है, एक केबिन भी बनाना है और एक मरीज के लेटने के लिए एक छोटा सा रूम भी बनाना है। तो वह इसमें कोई ईट और सीमेंट से कंस्ट्रक्शन नहीं कराएगा, बल्कि वह किसी एल्युमीनियम पार्टीशन का काम करने वाले को ढूंढेगा और वहां पर पार्टीशन कराकर अपने क्लिनिक को तैयार करेगा।

वर्तमान में ऐसे ही पार्टीशन की आवश्यकता छोटे बड़े निजी एवं सरकारी कार्यालयों को भी हो रही है। ऐसे में यदि आप अच्छी कमाई वाला बिजनेस शुरू करने के बारे में देख रहे हैं । तो आप एल्युमीनियम पार्टीशन बनाने के बिजनेस पर विचार कर सकते हैं।

aluminium partition business
Image : Aluminum Ka Partition Business

एल्युमीनियम पार्टीशन बिजनेस के लिए बाज़ार

जैसे जैसे जनसँख्या बढ़ रही है वैसे वैसे नई नई रिहायशी कॉलोनीयों का निर्माण हो रहा है। और इन रिहायशी कॉलोनीयों में स्वास्थ्य क्लिनिक, स्कूल, दुकानें इत्यादि भी खुल रही है। वर्तमान में लगभग हर दुकान जिस पर बाहर से शटर है उसके अन्दर आपको एल्युमीनियम पार्टीशन देखने को मिल जाएगी। हालांकि बहुत अधिक भीड़ भाड़ वाले बाज़ारों में जहाँ पर दुकानदारों को बार बार सामान अन्दर और बाहर रखने की आवश्यकता होती है, वहां पर अभी ऐसे पार्टीशन का चलन नहीं है ।

लेकिन बाकी स्थानों पर उपलब्ध ऐसी दुकानों जिनमें बार बार सामान को अन्दर या बाहर रखने की आवश्यकता नहीं होती । इनमें हेयर सलून से लेकर कपड़े की दुकान तक सब कुछ शामिल हैं । किसी स्थानीय बाज़ार में उपलब्ध डॉक्टर का कोई क्लिनिक, नजर के चश्मे की दुकान, डेंटल क्लिनिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, किसी प्रॉपर्टी डीलर का ऑफिस इत्यादि में इस तरह के पार्टीशन की जरुरत होती है। यह पार्टीशन दरवाजे के रूप में भी लगाया जाता है और किसी बड़ी जगह को विभिन्न भागों में बाँटने के लिए भी एल्युमीनियम पार्टीशन का इस्तेमाल किया जाता है।

चूँकि यह देखने में तो सुन्दर लगती ही है और जरुरत पड़ने पर आसानी से उखाड़कर अन्य जगह को स्थानान्तरित भी की जा सकती है। इसके अलावा इसकी लागत किसी लकड़ी या ईट सीमेंट की पार्टीशन से बहुत कम आती है, इसलिए यह लोगों के बीच काफी प्रचलित हो रही है। एक ऐसी दुकान जिसका गेट 7×8 का हो, उसे ₹12-13 हज़ार में इस पार्टीशन से आसानी से कवर किया जा सकता है ।

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प्रमोटर की योग्यता

इसमें कोई दो राय नहीं की एल्युमीनियम पार्टीशन का यह बिजनेस सबके लिए नहीं है। इसे सिर्फ वही व्यक्ति सफलतापूर्वक चला सकता है, जिसे इस काम की अच्छी जानकारी हो । इसलिए वह उद्यमी जिसने एल्युमीनियम फेब्रिकेशन में डिप्लोमा या डिग्री हासिल की हो उसके लिए इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करना सही रहता है।

लेकिन जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की किसी भी बिजनेस को कोई भी व्यक्ति कर सकता है , इसमें कोई रोक टोक नहीं है। लेकिन यदि प्रमोटर को जो वह बिजनेस कर रहा है, उसकी जानकारी नहीं होगी तो जोखिम अधिक रहता है, और बिजनेस के असफल होने की संभावना अधिक हो जाती है।

एल्युमीनियम पार्टीशन का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Aluminum Partition Business in India)

यदि आप एल्युमीनियम पार्टीशन का बिजनेस शुरू करने के प्रति गंभीर हैं। तो सबसे पहले आपको एल्युमीनियम से पार्टीशन इत्यादि कैसे तैयार की जा सकती है काम सीखना होगा। वैसे तो आप बिना काम सीखे हुए भी कारीगरों को नौकरी पर रखकर भी इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं। लेकिन इससे आपको इस बिजनेस से लाभ कमाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा ।

इसलिए बेहतर होगा की आप इस काम की व्यवहारिक जानकारी प्रदान करें। इसके अलावा भी अन्य कई कदम आपको इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए उठाने की आवश्यकता हो सकती है।

काम की व्यवहारिक जानकारी प्राप्त करें

जैसा की हमने बताया की एल्युमीनियम का पार्टीशन करने का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको इस काम की व्यवहारिक जानकारी का होना अति आवश्यक है। क्योंकि एल्युमीनियम के फ्रेम बनाना, उनकी कटिंग करना, उनमें शीशे चढ़ाना, शीट चढ़ाना इत्यादि जैसे काम कोई भी नौसिखिया व्यक्ति जिसे इस काम की जानकारी ही न हो, वह नहीं कर सकता है।

ये ऐसे काम होते हैं जिनमें थोड़ी सी भी गड़बड़ होने पर ग्राहक आपके पूरे के पूरे पैसे देने से मना कर सकता है। यहाँ तक की माप में एक इंच या आधा इंच का फर्क भी आपको किसी दुकान के गेट पर पार्टीशन चढाने से रोक सकता है। इसलिए इतनी बारीकी से काम करने के लिए जरुरी है की आपको इसका व्यवहारिक ज्ञान पहले से ही प्राप्त हो।

ऐसे लोग जिन्होंने एल्युमीनियम फेब्रिकेशन में डिप्लोमा या अन्य कोई कोर्स किया हो और उन्हें इस काम की व्यवहारिक जानकारी भी हो उनके लिए इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना आसान तो होगा ही, साथ ही उनके बिजनेस की असफल होने की संभावना भी कम होगी।    

स्थानीय बाज़ार में शॉप किराये पर लें

यदि आपको इस काम की जानकारी प्राप्त हो गई हो और आपको अभी भी लगता हो की आप इस बिजनेस को सफलतापूर्वक चला पाएंगे, तो अब आपको उस एरिया की स्थानीय बाज़ार में एक छोटी सी शॉप किराये पर ले लेनी चाहिए। इसके लिए आपको बहुत अधिक जगह की आवश्यकता इसलिए नहीं होती क्योंकि आपको पहले से ही बहुत अधिक सामान अपनी दुकान में स्टोर करके नहीं रखना होता है । बल्कि सिर्फ उतना ही रखना होता है जितना आप अपने ग्राहक को सैंपल के तौर पर दिखा सकें।

लेकिन दुकान किराये पर लेते वक्त इसका रेंट एग्रीमेंट इत्यादि अवश्य बनवा लें, क्योंकि यह दस्तावेज आपके व्यवसाय के पता प्रमाण के तौर पर काम आ सकता है।    

माल के सप्लायर का चयन करें

माल के सप्लायर का चुनाव उसी एरिया में करें जहाँ से आप आधे घंटे या एक घंटे में जरुरत पड़ने पर कोई भी माल उठा सकें। क्योंकि वर्तमान में इस तरह का बिजनेस करने वाले उद्यमी अपनी दुकान में बहुत सारा सामान नहीं रखते हैं, केवल कुछ सामान सैंपल के तौर पर ही रखते हैं, बाकी वे चयनित सप्लायर से तभी उठाते हैं जब उन्हें किसी ग्राहक से आर्डर प्राप्त हो जाता है।

इसलिए उद्यमी को सप्लायर का चुनाव करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। की वह उसकी दुकान से बहुत अधिक दूरी पर न हो, बल्कि कुछ १० -१५ किलोमीटर के रेडियस में उपलब्ध हो। ताकि जब भी उसे ग्राहक से कोई आर्डर मिले तो वह एक दिन के अन्दर ही उस आर्डर में लगने वाले सामान की व्यवस्था कर सके।  

एल्युमीनियम पार्टीशन बिजनेस में प्रयुक्त होने वाले कच्चे माल के तौर पर शीशा, फ्रेम बनाने के लिए एल्युमीनियम से निर्मित फ्रेम, एल्युमीनियम शीट, सिटकनी, लॉक, कुंडी एवं स्क्रू इत्यादि की आवश्यकता होती है। मशीनरी के तौर पर उद्यमी को कई तरह की ड्रिल मशीन जैसे स्क्रू टाइट करने के लिए अलग ड्रिल मशीन, सख्त दीवार पर छेद करने के लिए अलग ड्रिल मशीन और अलग अलग ड्रिल बिट की आवश्यकता होती है।

इसके अलावा एल्युमीनियम के फ्रेम को काटने के लिए आरी मशीन और शीट को काटने क्ले लिए भी ब्लेड की आवश्यकता होती है। शीशे को उद्यमी शीशे वाले से उसी नाप का काटकर ला सकता है, जिस नाप का शीशा पार्टीशन में लगाना है ।

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कर्मचारियों की नियुक्ति करें   

एल्युमीनियम पार्टीशन करने का यह बिजनेस अकेले आदमी की बस की बात नहीं है। इसलिए उद्यमी को अपने बिजनेस के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति तो करनी ही होगी। लेकिन आप चाहें तो शुरूआती दौर में एक कारीगर के अलावा दो तीन ऐसे लड़कों को रख सकते हैं जो एल्युमीनियम पार्टीशन का यह काम सीखना चाहते हों।

इसमें आपका और काम सीखने की चाह रखने वाले लड़कों दोनों पक्षों का फायदा होगा। आपको मुफ्त में काम करने वाले लड़के मिल जाएँगे तो उन्हें मुफ्त में काम सीखने का मौका मिल जाएगा। लेकिन कम से कम एक कारीगर तो आपको रखना ही होगा। हालांकि यदि आप खुद यह काम अच्छी तरह जानते हैं तो आप कारीगर को न रखकर खुद उसकी जगह काम कर सकते हैं।        

स्थानीय बिल्डर, ठेकेदारों इत्यादि से संपर्क करें

अब यदि उद्यमी ने इस बिजनेस को शुरू करने के लिए सभी प्रकार की प्रक्रियाओं को पूर्ण कर दिया हो, तो अब उसका अगला कदम अपने बिजनेस के लिए ग्राहकों को ढूँढने का होना चाहिए। इस इंतजार में न रहें की ग्राहक आप तक पहुंचेंगे, बल्कि आपको ग्राहकों तक पहुँचने का हर संभव प्रयत्न करना चाहिए।

इसके लिए आप चाहें तो स्थानीय बिल्डर जो घर या भवन बनाने का कार्य करते हों, ठेकेदार जो निर्माण कार्यों का ठेका लेते हों, राजमिस्त्री इत्यादि भवन निर्माण से सम्बंधित कार्य करने वाले लोगों से संपर्क कर सकते हैं । क्योंकि जहाँ पर इन्होने पूरे काम का ठेका लिया होगा वहां पर ये आपसे काम करवा सकते हैं, और जहाँ पर नहीं लिया वहां पर घर या भवन स्वामी को आपका कांटेक्ट नंबर इत्यादि दे सकते हैं।   

एल्युमीनियम पार्टीशन बिजनेस में आने वाली लागत

यदि आपको एल्युमीनियम पार्टीशन के काम की पूर्ण जानकारी है तो यकीन मानिये इस तरह का बिजनेस शुरू करने में आपकी बहुत अधिक लागत नहीं आने वाली है। क्योंकि इस बिजनेस में आपको बहुत अधिक भारी या कीमती मशीनरी उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करना होता है। शीशा आपको सप्लायर से उसी माप का काटा हुआ लाना होता है, जिस माप का उसे साईट पर लगाना होता है। एल्युमीनियम शीट काटने के लिए एक पतली सी ब्लेड आती है।

एल्युमीनियम फ्रेम भी बने बनाये आते हैं हाँ इन्हें आवश्यक लम्बाई में और ढाँचा देने की आवश्यकता होती है, इन्हें काटने के लिए विद्युत् से चालित एक आरी मशीन आती है । ऐसे में कुल मिलाकर देखा जाय तो इस बिजनेस (Aluminum Partition Business) को ₹75000 से ₹150000 के निवेश के साथ आसानी से शुरू किया जा सकता है।   

एल्युमीनियम पार्टीशन बिजनेस शुरू करने के लिए प्रमोटर की क्या योग्यता होनी चाहिए?

यदि प्रमोटर ने एल्युमीनियम फेब्रिकेशन में कोई डिप्लोमा या डिग्री कोर्स किया हो तो बेहतर रहता है।

क्या इस बिजनेस में स्टाफ की नियुक्ति करना जरुरी है?

जी हाँ इसमें आपको ग्राहक की लोकेशन पर जाकर काम करना होता है, जिसके लिए कम से कम दो तीन स्टाफ की तो आवश्यकता होती ही होती है ।     

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