हालांकि Book Publishing व्यवसाय शुरू करना भारत में एक लाभकारी बिज़नेस हो सकता है लेकिन इस तरह की कंपनी शुरू करना भ्रामक एवं थका देने वाला हो सकता है । वर्तमान में जैसा की हम देखते हैं की इन्टरनेट की पहुँच अधिकतर क्षेत्रों तक हो गई है इसलिए इन्टरनेट भी ज्ञानवर्धन करने का एक अहम मंच बन गया है । इसलिए अक्सर आम आदमी सोचता है की इन्टरनेट के विस्तृत होने से पुस्तकों की बिक्री होना कम हो गई होगी, लेकिन यह सच्चाई नहीं है बल्कि इन्टरनेट के आने से लोग आसानी से e book खरीद सकते हैं ।
यही कारण है की इस तरह की इस इंडस्ट्री की नेट वर्थ 38000 करोड़ रूपये से भी अधिक आंकी गई है । भारत में किताब पढने वालों की श्रेणी में अधिकतर बच्चे एवं नौजवानों की संख्या शामिल है । भारत में ISBN जारी करने के लिए जिम्मेदार एजेंसी राजा राममोहन रॉय एजेंसी द्वारा अब तक कुल 385360 ISBN जारी किये गए हैं ।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की Book Publishing नामक यह बिज़नेस वर्तमान में लाखों उद्यमियों की कमाई का स्रोत बना हुआ है । इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से Publishing business के बारे में भरपूर जानकारी देने की कोशिश करेंगे । तो आइये सर्वप्रथम यह जानते हैं की यह बिज़नेस होता क्या है ।
Book publishing बिज़नेस क्या होता है
पब्लिशिंग का हिंदी में शाब्दिक अर्थ प्रकाशन से लगाया जाता है इसलिए प्रकाशन की प्रक्रिया की बात करें तो इसमें प्रिंटेड, पढने योग्य या फिर ग्राफिक सामग्री को जनता के बीच बेचने या वितरण के लिए जारी किया जाता है । कहने का अभिप्राय यह है की एक पब्लिशिंग हाउस का काम प्रिंटेड, पढने योग्य, ग्राफिक सामग्री इत्यादि को जनता के लिए जारी करने का होता है ।
हालांकि वर्तमान में प्रिंटिंग, बाइंडिंग, डिलीवरी इत्यादि लागत को कम करने के लिए e book publish हो रही हैं जो पब्लिशर्स एवं ग्राहक दोनों के हिसाब से उपयुक्त हैं । Book Publishing से आशय किताबों के प्रकाशन से है इसलिए किताबों के प्रकाशन का काम ही Book Publishing Business कहलाता है ।
पब्लिशिंग हाउस कैसे शुरू करें (How to Start Book Publishing Business):
जैसा की हम सबको विदित है की किसी भी बिज़नेस को शुरू करने के लिए निवेश करने की आवश्यकता होती है इसलिए उद्यमी उस पर आने वाले खर्चे को लेकर सबसे अधिक चिंतित रहता है । Book Publishing Business शुरू करने के लिए भी उद्यमी इस पर आने वाला खर्चा जानने के इच्छुक रहते हैं।
यहाँ पर हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं की इस बिज़नेस में आने वाला खर्चा बिज़नेस मॉडल पर निर्भर करता है अर्थात यदि उद्यमी सभी कार्य इनहाउस वह भी खास तौर पर प्रिंटिंग इत्यादि इनहाउस करता है तो शुरूआती दौर में Book Publishing Business में आने वाली लागत बढ़ सकती है। इसलिए उद्यमी चाहे तो इस तरह का कार्य शुरुआत में आउटसोर्स भी कर सकता है ।
इसके अलावा जहाँ तक रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट की बात है यह पूरी तरह से बिक्री की गई मात्रा पर निर्भर करती है अर्थात किताबों की बिक्री की संख्या जितनी अधिक होगी उतनी जल्दी इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न प्राप्त होगा। तो आइये जानते हैं की भारत में कोई व्यक्ति कैसे Book Publishing Business शुरू कर सकता है।
1. सर्वप्रथम निर्णय लें :
Book publishing करने के इच्छुक व्यक्ति अक्सर इसी असमंजस में रहते हैं की वे इस व्यापार को शुरू करें या नहीं करें। इसलिए सर्वप्रथम उन्हें इस असमंजस से निकलकर इस बात का निर्णय लेना ही होगा की वह इस तरह के व्यापार को करने के लिए गंभीर हैं या नहीं। यदि उद्यमी गंभीर है तो उसे अपने बिज़नेस के लिए टॉपिक एवं ऑडियंस का भी निर्धारण करना होगा। कहने का अभिप्राय यह है की उद्यमी को इस बात का निर्णय लेना होगा की वह अपने Book Publishing House से किस किस प्रकार की पुस्तकें प्रकाशित करेगा ।
इनमे विषयक ज्ञान सम्बन्धी पुस्तकें, कथा कहानी की पुस्तकें, या अन्य पुस्तकों की श्रेणियां शामिल हो सकती हैं। इसमें उद्यमी को इस बात का ध्यान रखना होगा की वह बिज़नेस के लिए किताबों का प्रकाशन करेगा न की अपनी एक आदत के तौर पर । इसलिए जब उद्यमी इन सब बातों का निर्णय ले पायेगा तभी वह इस बिज़नेस में गंभीरता से निवेश करने के लिए तैयार हो पायेगा।
2. रिसर्च करें :
Book Publishing Business शुरू कर रहे उद्यमी को राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय आकड़ों को ध्यान में रखकर रिसर्च करनी चाहिए की किस प्रकार की किताबें अधिक बिकती हैं । और जिस क्षेत्र में वह अपना व्यवसाय शुरू करना चाहता है वहां वह किस तरह की पुस्तकें अधिक बेच सकता है । हालांकि वर्तमान में वैश्विक स्तर पर ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से किताबें आसानी से बेचीं जा सकती हैं लेकिन फिर भी वह क्षेत्र जहाँ उद्यमी यह बिज़नेस शुरू करना चाहता है में उद्यमी को लाइब्रेरी, बुक स्टोर इत्यादि पर भी रिसर्च करनी चाहिए ।
और उनमें जाकर उनसे यह जानने की कोशिश की जानी चाहिए की उस एरिया में किस प्रकार की किताबें अधिक बिकती हैं । हालांकि इस लेख में आगे हम इस बिज़नेस के लिए आवश्यक लाइसेंस एवं पंजीकरणों की बात करेंगे लेकिन कभी कभी स्थानीय नियम अलग अलग हो सकते हैं इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह इस बात की भी रिसर्च करे की उस क्षेत्र विशेष में Book Publishing व्यवसाय के लिए किन किन लाइसेंस एवं पंजीकरण की आवश्यकता होगी।
3. बिज़नेस प्लान तैयार करें:
एक बिज़नेस प्लान किसी भी बिज़नेस का ब्लू प्रिंट होता है अर्थात यह एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमे सम्पूर्ण बिज़नेस की दशो दिशा तय की जाती है। इसलिए खुद का Book Publishing Business शुरू करने से पहले उद्यमी को यह निर्धारित करना होगा की वह प्रत्येक वर्ष कितनी किताबें प्रकाशित करेगा, एडवरटाइजिंग इत्यादि के लिए क्या बजट होगा, मार्केटिंग प्लान क्या होगा इत्यादि बातों का निर्धारण बिज़नेस प्लान में होता है । इसके अलावा उद्यमी इस दस्तावेज में सभी लागतों एवं लक्ष्यों को भी शामिल करता है।
एक प्रभावी बिज़नेस प्लान कैसे बनायें।
4. जगह का प्रबंध करें:
एक Book publicizing House के लिए उद्यमी को 180-250 Square Feet जगह की आवश्यकता हो सकती है इसमें उद्यमी को ऑफिस, पब्लिशिंग हाउस, स्टोर इत्यादि की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए उद्यमी को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए जगह का प्रबंध करने की आवश्यकता होती है ।
उद्यमी चाहे तो किसी स्थानीय बाजार या अन्य प्रमुख सड़क पर इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए जगह का प्रबंध कर सकता है। ध्यान रहे यदि उद्यमी इस जगह को किराये पर ले रहा हो तो उसे Lease Agreement अवश्य तैयार कर लेना चाहिए क्योंकि इसकी बदौलत ही उद्यमी अपने बिज़नेस के नाम से बैंक अकाउंट एवं इस पते पर अपने व्यवसाय को रजिस्टर करा पाने में सक्षम हो पायेगा।
5. आवश्यक लाइसेंस एवं पंजीकरण कराएँ:
अब जब उद्यमी ने अपने व्यवसाय के लिए जगह का प्रबंध कर लिया हो तो उसका आगे का कदम आवश्यक लाइसेंस एवं पंजीकरण लेने का होना चाहिए। इसके लिए सर्वप्रथम उद्यमी को विभिन्न Business Entities में से किसी एक का चयन करके अपनी कंपनी रजिस्टर करनी होगी। कंपनी रजिस्टर करने की जानकारी इस लेख में दी गई है।
उसके बाद उद्यमी को ISBN (International Standard Book Number) के लिए अप्लाई करना होगा। ISBN Apply करने की प्रक्रिया भी बेहद सरल है इसके लिए उद्यमी चाहे तो इसकी अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन भी आवेदन कर सकता है। इन सबके अलावा उद्यमी को प्रत्येक किताब को प्रकाशित करने से पहले उसे कॉपीराइट एक्ट के तहत रजिस्टर कराना बेहद जरुरी है ताकि उस किताब में उपलब्ध सामग्री की कोई चोरी न कर सके ।
6. आवश्यक मशीनरी उपकरण एवं सामग्री खरीदें:
Book Publishing business के लिए उद्यमी को विभिन्न प्रकार की मशीनरी एवं उपकरणों को खरीदने की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि यदि प्रिंटिंग का कार्य उद्यमी किसी प्रिंटिंग कंपनी को आउटसोर्स करता है तो उसे कम मशीनरी एवं उपकरणों की आवश्यकता हो सकती है।
कहने का अभिप्राय यह है की उद्यमी को ऑफिस के लिए फर्नीचर, कंप्यूटर, प्रिंटर्स, सॉफ्टवेर, पेपर, गत्ते इत्यादि की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन यदि उद्यमी प्रिंटिंग का काम आउटसोर्स करना चाहता है तो वह भारी मात्रा में कागज़ एवं विभिन्न प्रकार के प्रिंटर्स खरीदने से बच सकता है।
7. कर्मचारी नियुक्त करें :
Book Publishing Business शुरू कर रहे उद्यमी को अनेकों प्रकार के पेशेवर लोगों को नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है। इसमें उद्यमी को बुक एडिटर, ग्राफिक डिज़ाइनर, टाइप करने वाले लोगों की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए शुरूआती दौर में उद्यमी को चाहिए की वह कम से कम स्टाफ को नियुक्त करके ही काम चलाने का प्रयत्न करे और जैसे जैसे उद्यमी का बिज़नेस ग्रो करते जाय वैसे वैसे स्टाफ की बढ़ोत्तरी भी करते रहे।
8. बिज़नेस की वेबसाइट इत्यादि तैयार करें:
वर्तमान में ऑनलाइन प्लेटफोर्म पर बहुत ज्यादा किताबें बिकती हैं इसलिए उद्यमी को वर्तमान समय के मुताबिक अपने Book Publishing Business के लिए अपने बिज़नेस के नाम से डोमेन बुक कर देना चाहिए।
उद्यमी चाहे तो हर एक्सटेंशन जैसे .com .net .in इत्यादि पर डोमेन ख़रीदे और इन सबको प्राथमिक डोमेन पर पॉइंट करे ताकि कोई भी नाम डालने पर प्राथमिक डोमेन ही खुले। उद्यमी चाहे तो किसी वेब डेवलपमेंट कंपनी से संपर्क करके भी इस बारे में और अधिक जानकारी ले सकता है।
9. लेखकों के बारे में पता करें:
अब उद्यमी को उस शैली में लेखकों के बारे में पता करना होगा जो शैली उसने अपने Book Publishing business के लिए चुनी हो। उद्यमी का लक्ष्य अपनी चुनी हुई शैली से सम्बंधित लेखको के बारे में पता करना होगा यदि पब्लिशिंग हाउस को किसी प्रसिद्ध लेखक का साथ मिल गया तो उसका बिज़नेस जल्दी ही प्रचलित हो सकता है। इसके अलावा उद्यमी को प्रत्येक लेखक से एग्रीमेंट करना चाहिए और उसमे रॉयल्टी रेट, पेमेंट फ्रीक्वेंसी, अधिकार एवं अन्य विकल्पों का पूर्ण विवरण होना चाहिए।
10. प्रकाशित करें बेचें और कमायें:
Book Publishing Business कर रहे उद्यमी का अगला एवं अंतिम कदम किताबें प्रकाशित करने का होना चाहिए । बुक लांच करने के समय उद्यमी चाहे तो किसी प्रसिद्ध व्यक्ति को बुला सकता है ताकि यह कार्यक्रम मीडिया की नज़र में आये।
और प्रकाशित होने वाली किताब की मार्केटिंग हो पाए, मार्केटिंग करने के लिए उद्यमी वर्तमान में प्रचलित अनेकों ऑनलाइन एवं ऑफलाइन तकनीकों का सहारा ले सकता है। ध्यान रहे प्रकाशित किताब की जितनी अधिक कॉपी बाजार में बिकेंगी, Book Publishing Business कर रहे उद्यमी की कमाई भी उतनी अधिक बढ़ेगी।
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