बिजनेस के लिए मार्केटिंग क्यों जरुरी होती है? 9 प्रमुख कारण।

जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की बिजनेस चाहे कोई भी हो उसमें उद्यमी अपने ग्राहकों को कुछ न कुछ चाहे वह कोई सेवा या फिर कोई प्रोडक्ट बेच रहा होता है। इसलिए जरां सोचिये की क्या होगा यदि आपके पास ग्राहकों को बेचने के लिए अच्छा एवं गुणवत्तायुक्त प्रोडक्ट एवं एक बेहतरीन सर्विस पड़ी हुई है। लेकिन कोई भी आपके उस उत्पाद या सेवा को खरीद नहीं रहा है ।

कहने का अभिप्राय यह है की आपके पास कितना भी अच्छा उत्पाद या सर्विस बेचने की योजना क्यों न हो लेकिन यदि लोगों को उसके बारे में पता ही नहीं होगा तो वे उसे खरीदेंगे कैसे? इसलिए उद्यमी को एक बात का विशेष ध्यान रखना होगा की व्यवसाय को स्थापित करना तो पहला कदम है लेकिन यदि व्यवसाय स्थापित करने के बाद उसके ग्राहक ही नहीं होंगे तो वह बिजनेस बंद हो जायेगा। इसलिए उद्यमी को अपने प्रोडक्ट या सर्विस की ओर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए मार्केटिंग की आवश्यकता होती है।

Marketing kyo jaruri hai

हालांकि बहुत सारे छोटे उद्यमी विज्ञापन एवं मार्केटिंग को एक ही समझने लगते हैं लेकिन सच्चाई यह है की मार्केटिंग विज्ञापन की तुलना में अधिक विस्तृत है। मार्केटिंग की बात करें तो यह किसी ग्राहक को उत्पाद या सर्विस प्रदान करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताता है। कहने का आशय यह है की मार्केटिंग के माध्यम से ही इस बात का निर्णय लिया जाता है की कौन से उत्पाद को कैसे, कहाँ और कितनी कीमत में बेचना है और इसे कहाँ कहाँ प्रमोट करना है।

इन्हीं सब बातों से स्पष्ट है की बिना मार्केटिंग के किसी भी बिजनेस की सफलता की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। इसलिए आज हम हमारे इस लेख में बिजनेस के लिए मार्केटिंग महत्वपूर्ण क्यों है के कारणों के बारे में जानने का प्रयत्न करेंगे।

1. मार्केटिंग ग्राहकों को आकर्षित करता है

इसमें कोई दो राय नहीं है की मार्केटिंग ग्राहकों को आकर्षित करने का एक प्रभावी तरीका है। जैसा की हम सबको विदित है की किसी भी व्यवसाय के लिए उसके ग्राहकों से जुड़े रहना अत्यंत आवश्यक होता है। और मार्केटिंग ग्राहकों से बातचीत जारी रखने का एवं उनसे संपर्क बनाये रखने का एक उपकरण है। हालांकि ग्राहकों को इन्गेंज़ रखना किसी ऑफर को बेचने से अलग है। ग्राहकों को इन्गेंज़ रखने से आशय उन्हें व्यवसाय एवं उत्पाद की प्रासंगिक जानकारी प्रदान करने से है।

मार्केटिंग के जरिये उद्यमी अपने ग्राहकों को आने वाले नए उत्पाद एवं सेवाओं की जानकारी भी देता है और उन्हें बताता है की वे उत्पाद या सेवा उनके जीवन में किस तरह से उनकी मदद करने में सक्षम है। ग्राहकों के साथ इंगेज रहने के लिए उद्यमी द्वारा सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा सकता है क्योंकि यहाँ पर उद्यमी मुफ्त में अपने ग्राहकों के साथ इन्गेंज़ हो सकता है। हालांकि कुछ व्यवसायिक संगठनों द्वारा अपने ग्राहकों को इंगेज रखने के लिए यूट्यूब विडियो, जिनमें मनोरंजन एवं हास्य का सम्मिश्रण हो का भी सहारा लिया जाता है।

2. मार्केटिंग से कंपनी की प्रतिष्ठा बनती है

वर्तमान में व्यवसाय की प्रतिष्ठा का प्रभाव ग्राहकों में किस तरह से पड़ता है शायद यह बात बताने की आवश्यकता नहीं है। उद्यमी के व्यवसाय की वृद्धि एवं उसका समय उसके व्यवसाय की प्रतिष्ठा से ही सम्बंधित है। इसलिए इस बात में कोई संदेह नहीं की व्यवसाय की प्रतिष्ठा ब्रांड इक्विटी के निर्धारण में अहम् भूमिका निभाती है। अधिकतर मार्केटिंग गतिविधयों को कंपनी की ब्रांड इक्विटी बनाने की दिशा में ही चलाया जाता है। ध्यान रहे किसी भी व्यवसाय की प्रतिष्ठा तब बनती है जब वह अपने ग्राहकों की अपेक्षाओं की पूर्ति प्रभावी ढंग से करता है।

जो व्यवसाय अपने ग्राहकों की अपेक्षाओं की पूर्ति प्रभावी ढंग से करते हैं उन्हें व्यवसायिक समुदाय में एक जिम्मेदार सदस्य के तौर पर जाना जाता है। यही कारण है की ग्राहकों को इन व्यवसायों के उत्पाद खरीदने में गर्व एवं ख़ुशी महसूस होती है। मार्केटर व्यवसाय की प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए प्रभावी संचार, ब्रांडिंग पीआर और सीएसआर रणनीतियों का उपयोग करते हैं।

3. मार्केटिंग ग्राहकों से सम्बन्ध बनाने में मदद करती है

व्यवसायों को अपने ग्राहकों के साथ सच्चे विश्वास एवं अच्छे समझ के सम्बन्ध बनाने की आवश्यकता होती है। जैसा की हम सबको विदित है की अधिकतर मार्केटिंग रिसर्च  जनसांख्यिकी, मनोविज्ञान और उपभोक्ता व्यवहार जैसे सेगमेंट पर आधारित होती है। इन सेगमेंटेशन के माध्यम से व्यवसाय अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा कर सकता है जिससे ग्राहकों का विश्वास उस व्यवसाय में बढ़ता जाता है।

उत्पाद टीम यह सुनिश्चित करती है की जिस प्रकार का उत्पाद व्यवसाय ने अपने ग्राहकों को देने का वादा किया है उन्हें वैसा ही उत्पाद मिले। गुणवत्तायुक्त प्रोडक्ट मिलने की वजह से ग्राहक ब्रांड के प्रति वफादार होते जाते हैं। जिन ग्राहकों को आपके ब्रांड पर विश्वास होगा वे और अधिक प्रोडक्ट खरीदेंगे व्यवसाय और ग्राहकों के बीच आपसी समझ एवं विश्वास उद्यमी के लिए और अधिक फलदायी साबित होगा।

4. मार्केटिंग संचार चैनल के तौर पर कार्यरत होकर ग्राहकों को सूचित करता है

मार्केटिंग उद्यमी या व्यवसाय के ग्राहकों को उन उत्पाद या सर्विस के बारे में सूचित करता है जिन्हें उद्यमी उन्हें प्रदान करना चाहता है। मार्केटिंग के माध्यम से ही ग्राहकों को उत्पाद या सर्विस का मूल्य, उनके उपयोग एवं अन्य जानकारी के बारे में पता चलता है। यह जानकारी ग्राहकों के लिए काफी सहायक होती है। किसी व्यवसाय के बारे में मार्केटिंग के माध्यम से दी जाने वाली जानकारी के माध्यम से ही ब्रांड जागरूकता बढती है और व्यवसाय को खड़ा होने में मदद मिलती है।

वर्तमान में बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा व्यापत है इसलिए उद्यमी को अपना व्यवसाय बढाने के लिए लगातार अपने ग्राहकों को मार्केटिंग के माध्यम से समझाने की कोशिश करती रहनी चाहिए। उद्यमी अपने ग्राहकों को छूट एवं अन्य प्रतिस्पर्धी ट्रिक के बारे में सूचित कर इसका फायदा उठा सकते हैं। संचार के माध्यम से मार्केटिंग उद्यमी के व्यवसाय को मार्किट लीडर बनने में मदद करता है ।

5. मार्केटिंग बिक्री को बढ़ाता है  

मार्केटिंग उद्यमी के उत्पादों एवं सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल करता है यानिकी उत्पादों एवं सेवाओं की बिक्री बढाने के लिए व्यवसायों द्वारा मार्केटिंग की विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है। जब किसी उत्पाद या सेवा की एडवरटाइजिंग की जाती है तो वह ग्राहकों की रडार पर आ जाता है जिससे उसकी बिक्री की संभावना बढ़ जाती है। हो सकता है की ग्राहक उद्यमी के उत्पाद या सेवा को आजमाकर ही उसे खरीदने का निर्णय ले पायें और मार्केटिंग इसमें सहायक है।

ध्यान रहे जब ग्राहक किसी भी व्यवसाय के उत्पाद या सेवाओं के बारे में खुश होते हैं तो वे बिना उद्यमी की जानकारी के उसके ब्रांड एम्बेसडर की भूमिका अदा कर रहे होते हैं। क्योंकि वे निःस्वार्थ रूप से आपके उत्पाद या सेवा के बारे में लोगों को बताते हैं जिससे उद्यमी की बिक्री बढती जाती है। इसलिए उद्यमी को एक बात सुनिश्चित करनी होती है की प्रदान किये जाने वाले उत्पाद एवं सेवाएं उच्च गुणवत्ता वाले हों।

6. मार्केटिंग जानकारी जुटाने में मदद करता है  

यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की प्रत्येक उत्पाद या सेवा का प्रत्येक व्यक्ति तो खरीदार नहीं हो सकता इसलिए हर मार्केटर यह अच्छी तरह से समझता है की सही दर्शकों को टारगेट करना कितना आवश्यक है। इसलिए उद्यमी के पास ऐसे दर्शकों के साथ साझा करने के लिए सही सामग्री का होना भी नितांत आवश्यक है।

इसलिए उद्यमी की मार्केटिंग रणनीति यह स्थापित करने में मददगार साबित हो सकती है की टारगेट ग्राहकों को कैसे आकर्षित किया जाएगा। इस स्थिति में एक मार्केटर को विभिन्न व्यवसायिक सन्देश जो टारगेट ग्राहकों को रिझाने में सहयक हों का परीक्षण करना होता है। इसके बाद ही मार्केटिंग प्रयासों के लिए को व्यवहार्य आधार मिल पाना संभव है । यह एक मैट्रिक के तौर पर कार्य करता है और एक वास्तविक जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है।

7. मार्केटिंग व्यवसाय को प्रासंगिक बनाये रखने में मदद करती है

हालांकि प्रत्येक मार्केटर की कोशिश किसी अन्य उत्पाद को खरीदने वाले ग्राहक को स्वयं का उत्पाद बेचने की होती है। लेकिन किसी भी उद्यमी को जल्दबाजी में इस मौके को हासिल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।हालांकि बहुत सारे व्यवसाय ऐसे भी हैं जो ये सोचते हैं की वे ग्राहकों का पसंदीदा ब्रांड बने रहेंगे वह इसलिए क्योंकि ग्राहकों ने कभी किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं की। इसलिए वे मार्केटिंग पर भी कम ध्यान देने लगते हैं।

लेकिन यह सोच गलत है सच्चाई यह है की उद्यमी को ग्राहक के दिमाग में सबसे ऊपर की जगह प्राप्त करने के लिए नई नई तरकीबें खोजनी चाहिए। ध्यान रहे बिजनेस में हर छोटे बड़े व्यवसायिक रिश्ते को बनाये रखना आवश्यक है और मार्केटिंग उद्यमी के व्यवसाय को प्रासंगिक बनाकर ग्राहकों के साथ अच्छे सम्बन्ध स्थापित करने में मदद करती है। इसलिए जब तक उद्यमी की क्षमता वर्तमान ग्राहकों को ही संतुष्ट करने की न हो तब तक नए ग्राहक प्राप्त करने की कोशिश निरर्थक है।

8. मार्केटिंग रेवेन्यु के विकल्प प्रदान करता है

स्टार्टअप चरण के दौरान जब उद्यमी के पास कैश इत्यादि की कमी होती है और कमाई के साधन भी सिमित होते हैं । लेकिन मार्केटिंग रणनीतियों के चलते जैसे ही अधिक ग्राहक एवं राजस्व के अवसर पैदा होते हैं तब रेवेन्यु के विकल्प पैदा होने शुरू हो जाते हैं। जब मार्केटिंग रणनीति की बदौलत उद्यमी के पास रेवेन्यु के और भी विकल्प पैदा होते हैं तो इससे उद्यमी को नए बाज़ारों में घुसने की एवं बिजनेस को विस्तृत करने की हिम्मत भी मिलती है।

मार्केटिंग के कारण ही उद्यमी इस बात की हिम्मत कर पाता है की जो ग्राहक उससे जुड़ा रहना नहीं चाहते वे सम्मान के साथ जा सकते हैं और उद्यमी नए ग्राहकों को मार्केटिंग के माध्यम से खोजने में सक्षम होता है।

9. मार्केटिंग प्रबंधन टीम को निर्णय लेने में मदद करता है

ध्यान रहे चाहे वह कोई भी व्यवसाय हो उसे किसी न किसी समस्याओं का सामना करना ही पड़ता है इसमें एक समस्या यह भी है की व्यवसाय को सोचना होता है की वह क्या, कब, कैसे, किसके लिए और कितना उत्पादन करे। बिजनेस को अस्तित्व को बनाये रखने के लिए उद्यमी को जटिल और थकाऊ प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ सकता है। परिणामस्वरूप व्यवसाय निर्णयों को बनाये रखने के लिए मार्केटिंग तंत्र पर भरोसा करते हैं।

क्योंकि मार्केटिंग तंत्र आपके व्यवसाय एवं समाज के बीच एक विश्वसनीय कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। वे लोगों के दिमाग को पढने का काम करते हैं, उन्हें प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में शिक्षित करते हैं और उन्हें खरीदने के लिए मनाते हैं। इसलिए प्रबंधन टीम को निर्णय लेने में काफी सहायता प्राप्त होती है।

ध्यान रहे जहाँ तक मार्केटिंग बिजनेस के लिए महत्वपूर्ण क्यों है? का सवाल है उसका जवाब तो हम उपर्युक्त में दे ही चुके हैं। लेकिन जरां सोचिये मार्किट में उपलब्ध आपका प्रतिद्वंदी आपसे अधिक बिक्री बिना किसी मार्केटिंग के कर पा रहा है? यदि नहीं तो फिर उद्यमी को यह घटना नहीं बताती है की उसके बिजनेस के लिए मार्केटिंग कितनी आवश्यक है। वर्तमान में प्रतिद्वंदियों से आगे निकलने के लिए एवं उनका डटकर मुकाबला करने के लिए आक्रामक मार्केटिंग बेहद जरुरी है।

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