Chalk Making का कार्य विश्व में प्रागैतिहासिक काल से चला आ रहा है । चाक को वैसे Hindi में खड़ियां भी कहा जाता हैं । इनका उपयोग लगभग सारे सरकारी, गैर सरकारी, निजी शिक्षण संस्थानों जैसे विद्यालयों, कॉलेजों, प्रशिक्षण केन्द्रों इत्यादि द्वारा अधिकतर तौर पर किया जाता है । वैसे तो हर इलाके चाहे ग्रामीण हो या शहरी, में चाक बनाने का business चल सकता है । लेकिन फिर भी शहरी शिक्षण संस्थानों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों में chalk का उपयोग अधिक किया जाता है ।
चाक क्या होती है (What is Chalk):
चाक का अर्थ आप एक ऐसे पदार्थ से लगा सकते हैं । जो इंडिया में मुख्य रूप से प्लास्टर ऑफ़ पेरिस (POP) से निर्मित होती हैं । सामन्यतया Chalk पतली छड़ियों के आकार में होती हैं, जिनकी लम्बाई 3.15 इंच और गोलाई अर्थात मोटाई .35 इंच होती है । ये दिखने में सफ़ेद या रंग बिरंगी हो सकती हैं। और इनका उपयोग Black Board या अन्य रंग के बोर्ड में लिखने या रेखाचित्र बनाने हेतु किया जाता है। चूँकि शिक्षण संस्थानों में अधिकतर ब्लैक बोर्ड का उपयोग होता है। इसलिए इंडिया में सफ़ेद रंग की Chalk का उपयोग भी अधिक होता है ।
चाक का इतिहास:
हालाँकि Chalk का उपयोग प्रागैतिहासिक काल से रेखाचित्र इत्यादि बनाने के लिए होता आ रहा है । पुरातत्वविदों के अनुसार उस काल में चाक का उपयोग गुफा चित्र बनाने में किया जाता था । Chalk का इतिहास इतना पुराना होने के बावजूद 19 वीं शताब्दी तक Chalk शिक्षण संस्थानों का हिस्सा नहीं बनी थी । लेकिन जब स्कूलों के क्लास रूम में बच्चो की संख्या बढ़ने लगी, और अध्यापक सोचने लगे की ऐसा क्या हो जिससे उनकी बताई हुई शिक्षा एक बार में ही सारे विद्यार्थियों तक पहुंचे । उसके बाद उन्होंने बालकक बोर्ड और चाक को उपयोग में लाना शुरू किया । chalk और ब्लैकबोर्ड का उपयोग अधिकतर तौर पर विद्यार्थियों को अभ्यास कराने हेतु किया जाने लगा। क्योकि चाक का उपयोग पेन और पेन्सिल के मुकाबले अधिक सस्ता और सुविधाजनक था। चींजे गलत होने पर अक्षरों को कपड़े या डस्टर से आसानी से मिटाया जा सकता था ।
Business scope in Chalk Making:
जहाँ तक Chalk Making business में Scope की बात है । तो उसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है की, 2008-2009 में प्रसारित हुए एक आंकड़े के मुताबिक देश में 12,85,576 प्रारम्भिक स्कूल जिला शिक्षा प्रणाली से जुड़ चुके थे । और यह आंकड़ा वर्तमान में और बढ़ गया होगा। इसके अलावा लाखों लाख अन्य शिक्षण संस्थाओं में भी चाक का उपयोग किया जाता है | जो यह साफ़ इशारा करता है, की यदि किसी उद्यमी द्वारा उच्च गुणवत्ता की चाक का निर्माण किया जाता है । तो इस business में लाखों लाख शिक्षण संस्थान उसके ग्राहक बनने के लिए तैयार बैठे हैं ।
आवश्यक कच्चा माल (Raw Materials):
जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं । चाक प्रमुखतः Plaster of peris (POP) जो एक प्रकार का सफ़ेद रंग का पाउडर, जिप्सम (Gypsam) अर्थात चूने के पत्थर से उत्पादित उत्पाद है, से निर्मित होती हैं । इसलिए Chalk बनाने हेतु Raw Materials की लिस्ट में Plaster of peris (POP) मुख्य है । इसके अलावा आंशिक रूप से पानी, कुछ तेल और रंग बिरंगी चाक बनाने हेतु पिगमेंट्स भी Chalk बनाने की Raw Materials में शामिल हैं ।
Machinery and Equipments for chalk making:
- Gypsum Roaster (जिप्सम रोस्टर)
- Grinder Machine (जिप्सम पत्थर को पिसने वाली मशीन)
- Screening (छानने का उपकरण)
- Mixing Tank (मिश्रण बनाने का टैंक)
- Chalk Frame (सांचा)
हालाँकि यह उपर्युक्त दी गई मशीनरी और उपकरण तब चाहिए होंगे जब कोई उद्यमी व्यवसायिक तौर पर चाक उद्योग स्थापित करना चाहता हो । घर में Chalk Making के लिए बाज़ार में उपलब्ध Plaster of peris (POP) का इस्तेमाल किया जा सकता है ।
चाक निर्माण प्रक्रिया (Chalk Making Process in hindi):
चूँकि चाक का उपयोग प्राचीन काल से होता आ रहा है । इसलिए यह स्पष्ट है, की तब मशीनरी और उपकरणों का अभाव था। फिर भी लोग चाक बनाते थे, तो बिना मशीनरी के ही बनाते होंगे। कहने का तात्पर्य यह है की chalk Making बिना किसी मशीनरी को उपयोग में लाये भी आसानी से हो सकती है। Chalk Making के लिए आवश्यकतानुसार Plaster of peris (POP) में जरुरत के मुताबिक पानी डालकर इसको किसी लकड़ी से या अन्य उपकरण से हिलाते रहना चाहिए। और जब पानी और POP दोनों एक दुसरे में मिलकर Paste जैसी हो जाएँ । तो इस लेई को चाक फ्रेम में डाल दिया जाता है । लेकिन यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की कभी कभी यह मिश्रण चाक फ्रेम के निचले हिस्से में चिपका रह जाता है । इसलिए इससे बचने का उपाय यह है की मिश्रण भरने से पहले frame की सतह पर रुई की सहायता से कैरोसीन आयल, Mobil Oil या फिर मूंगफली का तेल लगाया जा सकता है। मिश्रण Chalk Frame में पड़ते ही लगभग आधे घंटे बाद सूख जाता है। अब जमी हुई chalk को frame से निकालकर धूप में सुखाने को रख दिया जाता है। और जब चाक अच्छी तरह सूख जाती है तो उसकी गुणवत्ता जानने हेतु उसे Blackboard पर चलाया जाता है। और जब chalk बिना टूटे, बिना अधिक घिसे अच्छा लिखने लगती है । तो समझ लेना चाहिए की एक अच्छी गुणवत्ता वाली चाक का निर्माण हुआ है ।
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sir ye chalk banane ke upkaran kaha se mileage jase chalk fream mikcher
Please sir mughe writing chalk Sacha tatha iska rawmaterial kaha se kharidu batane ki kosis kare aur iska project report bhi bataye . Thanks
GL evening boss,
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Mera name Harsh Patel he me chalk buisnees Karna chants hu Plz suggest me How I start chalk making and packing and what is the easy way of costing of chalk packet or cartoons plz help me at 9589873175 or mail to below email address. Thanks.
Sir mai chalk ka business karna chahti hu Lekin school ko chalk Kaise dena kitna profit h pls suggest me
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mera naam naresh kumar hai aur mujhe chalk banane ka kaam pasand aaya so please iske liye mujhe chalk molding ke bare mai batane ki kripa kare.
Sir good morning
Sir mai BA paas or both legs handicapped or sc se belong karta hu mujh bataye ki kya PMRY mai koi udyog handicapped ke liye or puri jankari ke kin se milna hoga