कॉपीराइटिंग क्या होती है, और कॉपीराइटर कैसे बनें।

Copywriting क्या होती है? कॉपीराइटर का काम क्या होता है? और भारत में कोई कॉपीराइटर कैसे बन सकता है? जैसे विषयों की पूर्ण जानकारी इस लेख में दी जा रही है।

प्रोडक्ट या सर्विस की मार्केटिंग के लिए एडवरटाइजिंग का विशेष योगदान होता है। लेकिन कभी कभी क्या होता है की एडवरटाइजिंग आपको वह परिणाम नहीं दे पाती जो आप चाहते हैं ।

आपने भी देखा होगा की कई कंपनियों के विज्ञापन इतने मशहूर हो जाते हैं की लोगों के दिमाग और होंठों से झट से उनका नाम आ जाता है। लेकिन कई ऐसे विज्ञापन भी होते हैं जो विशेष स्थान नहीं बना पाते हैं।

आपको क्या लगता है की एक बढ़िया ढंग से लिखी हुई मार्केटिंग ईमेल, विज्ञापन का बढ़िया टैगलाइन, सोशल मीडिया पर लिखी बढ़िया पोस्ट बिक्री बढाने में सहायक नहीं होती है ।

यदि आप ऐसा सोचते हैं तो गलत सोचते हैं सच्चाई यह है की अच्छे ढंग से न लिखी गई मार्केटिंग ईमेल, सोशल मीडिया पोस्ट और एक विज्ञापन की टैगलाइन आपकी बिक्री को घटा सकती हैं।

ऐसे में आप कोई भी समान या सेवा बेच रहे हों तो उसके विज्ञापन सामग्री और मार्केटिंग सामग्री को अच्छे से लिखा हुआ होना आवश्यक होता है। कहने का आशय यह है की कंटेंट लिखने की कला भी आपके बिजनेस को बढाने में सहायक होती है।

और इसी वजह से मार्केटिंग, विज्ञापन जैसी इंडस्ट्री में कॉपीराइटिंग की एंट्री होती है। तो आइये जानते हैं की यह होती क्या है।

copywriting kya hai
Image : About Copywriting

कॉपीराइटिंग क्या होती है (Copywriting Kya hai)

कॉपीराइटिंग ऐसे प्रेरक शब्दों को लिखने की कला है जो ग्राहकों/लोगों को कोई विशिष्ट कार्यवाही करने के लिए प्रेरित करती हैं । वर्तमान में एडवरटाइजिंग और मार्केटिंग में इसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है।

जब आप रेडियो में आप कोई गाना सुन रहे होते हैं तो बीच में जो विज्ञापन आता है उसमें आप जो सुनते हैं, टेलीविजन देख रहे हैं विज्ञापनों में जो आप सुनते देखते हैं, किसी वेबसाइट पर कुछ खरीदने गए हैं, या किसी अख़बार/मैगजीन में कोई विज्ञापन देख रहे हैं तो इनके ऊपर जो कुछ लिखा है वह कॉपीराइटिंग है।

कहने का आशय यह है की आपको कॉपीराइटिंग हर फॉर्मेट चाहे वह प्रिंट हो, टेक्स्ट हो, ग्राफ़िक हो, ऑडियो फाइल हो, विडियो हो हर तरह के फॉर्मेट में देखने को मिल जाएगी।

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कॉपीराइटर कौन होते हैं

जैसा की हमने बताया की वर्तमान में मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग में कॉपीराइटिंग का बड़ा महत्व है। लेकिन सवाल यह उठता है की कॉपीराइटिंग के पीछे कौन होता है? या यूँ कहें की कॉपी राइटिंग लिखता कौन है?

हर एक कॉपीराइटिंग के पीछे एक कॉपीराइटर होता है। एक ऐसा व्यक्ति जो कॉपीराइटिंग लिखता या बनाता है उसे कॉपीराइटर कहते हैं।  

ये वे होते हैं जो शब्दों को इस तरह से गढ़ना जानते हैं ताकि ऑडियंस उनके साथ आसानी से कनेक्ट हो सके। सिर्फ इतना ही नहीं इनकी कोशिश यह रहती है की टारगेट ऑडियंस न सिर्फ उन शब्दों, या विज्ञापन सामग्री के साथ कनेक्ट रहे बल्कि वह एक्शन भी ले जो वह उससे कराना चाहते हैं।  

एक कॉपीराइटर करता क्या है?

एक कॉपीराइटर विज्ञापनों और मार्केटिंग के लिए कुछ ऐसे शब्दों को लिखता है जो टारगेट ऑडियंस को कनेक्ट करें और उन्हें कोई एक खास एक्शन लेने के लिए प्रेरित करें ।

यद्यपि इसके कई प्रकार हो सकते हैं लेकिन इसका मुख्य आधार कुछ विशेष ऑडियंस के बारे में जानने, उनका अध्यन करने और उनकी जरूरतों और इच्छाओं को समझने पर आधारित है ।

क्योंकि जब एक कॉपीराइटर किसी एक विशेष ऑडियंस की आवश्यकताओं और इच्छाओं को समझेगा, तभी वह अपने शब्दों के जरिये उनसे कनेक्ट कर पाने में और और उन्हें इस बात का विश्वास दिला पाने में सक्षम होगा की उनकी समस्याओं का हल इसी में छिपा है।

एक कॉपीराइटर एक नहीं बल्कि कई तरह के एसेट जैसे वेबपेज, ब्लॉग, आर्टिकल, विज्ञापन, सोशल मीडिया पोस्ट, पोस्टर, बिल बोर्ड, गाइड्स, केस स्टडीज इत्यादि के लिए कॉपीराइटिंग कर सकता है।

कॉपीराइटर कैसे बनें (How to become a Copywriter in India)

यद्यपि एक सफल कॉपीराइटर बनने के लिए किसी डिग्री की नहीं बल्कि शब्दों को तोड़ने, मरोड़ने की कला चाहिए होती है ताकि उन शब्दों के जरिये कॉपीराइटर लोगों से उसके मनमुताबिक एक्शन लेने के लिए प्रेरित कर सके।

लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता की इस क्षेत्र से सम्बंधित कोई कोर्स या शिक्षा प्राप्त कर लेने से कॉपीराइटर बनने की राह आसान हो जाती है।

कॉपीराइटर बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता प्राप्त करें

यदि आप कॉपीराइटर बनना चाहते हैं तो इसकी तैयारी भी आप बारहवीं कक्षा से ही कर सकते हैं बारहवीं में अंग्रेजी विषय होने से आपको ग्रामर और शब्दकोष समझने में आसानी होगी।

आम तौर पर ऐसे लोग जिन्होंने जर्नलिज्म, मास कम्युनिकेशन इंग्लिश लिटरेचर में कोई बैचलर या मास्टर डिग्री अर्जित की हो, वे कॉपीराइटर बनने के लिए पात्र माने जाते हैं।

कहने का आशय यह है की कॉपीराइटिंग नामक यह करियर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा से भरा हुआ क्षेत्र है। ऐसे में कंपनियों द्वारा ऐसे उम्मीदवारों को ही इस पद के लिए योग्य समझा जाता है जिन्होंने मार्केटिंग, जर्नलिज्म, मास कम्युनिकेशन और लिटरेचर में बैचलर या मास्टर डिग्री अर्जित की हो।

कॉपीराइटिंग के आधार के बारे में जानें

सिर्फ शैक्षणिक योग्यता ही काफी नहीं होती है, बल्कि जब तक आपको यह पता नहीं चलेगा की एक कॉपीराइटर का काम क्या होता है? और कोई कंपनी आपको किस काम के लिए रखती हैं तब तक आप यह कैसे कर पाएंगे।

ऐसे में आपको कॉपी राइटिंग के बेसिक के बारे में जानकारी होनी चाहिए, आप किस प्रकार की कॉपीराइटिंग के लिए एक अच्छे उम्मीदवार हो सकते हैं यह भी आपको पता होना चाहिए।

एडवरटाइजिंग, मार्केटिंग इत्यादि के लिए आप अच्छी कॉपी तभी लिख पाएंगे जब आपको उस विशेस श्रेणी के लोगों की प्रवृत्ति, इच्छाएँ, आवश्यकताएं और मनुष्य के मनोविज्ञान के बारे में जानकारी होगी।

ऐसे में आपको रचनात्मक लिखने का प्रयास करना चाहिए, और जो आपके द्वारा लिखी गई कॉपी है उसे टारगेट ऑडियंस कितना गंभीरता से ले रही है। इसका भी आकलन करना होगा।

अपने लिखने के कौशल को बढ़ाएं

हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं की कॉपीराइटिंग ऑडियो और विडियो फॉर्मेट में भी हो सकती है । लेकिन जिस दिमाग की यह उपज होती है वह अपने शब्दों को उकेरता तो कागजों पर ही है ।

इसलिए यदि आप कॉपीराइटर बनने के प्रति गंभीर हैं, तो आपको अपने लिखने के कौशल को बढाने पर ध्यान देना होगा । लिखने का कौशल यूँ ही नहीं बढेगा मेरे दोस्त, आप जिस भी भाषा में कॉपीराइटिंग करने पर विचार कर रहे हैं उस भाषा की गहरी समझ होना आपके लिए अति आवश्यक है ।

चूँकि अंग्रेजी एवं वैश्विक भाषा है इसलिए अधिकतर विज्ञापन और मार्केटिंग अभियान इसी भाषा में चलाये जाते हैं, इसलिए आप चाहें तो अंग्रेजी भाषा में अपनी पकड और मजबूत कर सकते हैं ।

इस पकड़ को मजबूत करने के लिए आपको अंग्रेजी शब्दकोष के अलावा अंग्रेजी साहित्य का भी ज्ञान होना चाहिए। और आप अंग्रेजी में लिखी अन्य किताबें भी पढ़ सकते हैं। तभी आप अपने लिखने के कौशल में सुधार कर पाने में सक्षम हो पाएंगे।

कॉपीराइटिंग के प्रकार का चयन करें

विज्ञापनों या मार्केटिंग अभियानों के लिए लिखना ही कॉपीराइटिंग नहीं होती, बल्कि इसके अन्य स्वरूप जैसे शिक्षण संस्थानों के लिए लिखना, टेक्निकल दस्तावेज लिखना, प्रोडक्ट descrption लिखना इत्यादि जैसे कई स्वरूप हो सकते हैं ।  

यही कारण है की एक इच्छुक व्यक्ति जो कॉपीराइटर बनना चाहता है उसको अपनी रूचि के मुताबिक कॉपीराइटिंग के प्रकार का चयन करना होगा। यह व्यक्ति को उसका मजबूत पोर्टफोलियो बनाने में तो मदद करेगा ही साथ में उस पर और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा।

अपना पोर्टफोलियो बनाएँ

जैसा की हमने पहले भी बताया है की इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बहुत है इसलिए कंपनियां सही उम्मीदवार का चयन करने के लिए उसका वर्क सैंपल देखना चाहती हैं ।  

जब आप कॉपीराइटिंग के प्रकार का चयन कर लेते हैं तो उसके बाद आपको उस स्वरूप में अपनी लेखन शैली के कुछ सैंपल तैयार करने चाहिए। जो आपके उस विशेष डोमेन में ज्ञान को लोगों या फिर नियोक्ता के सामने प्रदर्शित कर सकें।

अपने राइटिंग सैंपल को एक पोर्टफोलियो के रूप में संग्रहित करें और जरुरत पड़ने पर अपने रिज्यूमे के साथ इन्हें संग्लन करें ।

कॉपीराइटिंग जॉब के लिए अप्लाई करें   

बहुत सारे उम्मीदवार क्या करते हैं की वे जैसे ही किसी जॉब वेकेंसी में कॉपीराइटिंग शब्द पढ़ते हैं तो वे उसी जॉब के लिए अप्लाई कर देते हैं । वह यह भी नहीं देखते की यह जॉब उनकी स्पेसिफिक डोमेन के हिसाब से है या नहीं।

केवल उसी कॉपीराइटिंग जॉब के लिए अप्लाई करें जिसमें आपको विशेष रूचि और ज्ञान हो। और अप्लाई करने से पहले जॉब डिस्क्रिप्शन को पूरी जरुर पढ़ लें।

और जैसे जैसे आप अपने स्किल और अनुभव में बढ़ोत्तरी करते जाएँ वैसे वैसे अपना रिज्यूमे भी अपडेट करते रहें । एक अपडेटेड रिज्यूमे जॉब प्राप्त करने में मदद करता है।

कॉपीराइटर की जॉब डिस्क्रिप्शन

एक कॉपीराइटर के कई काम हो सकते हैं इनमें से कुछ प्रमुख जॉब डिस्क्रिप्शन की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • प्रेरणा देने, जानकारी देने या फिर शैक्षणिक उद्देश्य के लिए कंटेंट लिखना ।
  • पाठकगणों को किसी विशेष एक्शन लेने की ओर प्रेरित करने वाली कॉपी लिखना।
  • ब्रांड के बारे में जानकारी, कीवर्ड्स, विषय, आंकड़े इत्यादि प्राप्त करने के उद्देश्य रिसर्च करना।
  • किसी लिखी हुई कॉपी की सटीकता, ग्रामर, स्टाइल, रीडएबिलिटी, आवाज इत्यादि की एडिटिंग और प्रूफरीडिंग करना।
  • पब्लिशिंग, रिवाइजिंग, एडिटिंग, राइटिंग जैसे प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट मेनेजर के तौर पर काम करना।   

FAQ (सवाल/जवाब)

इंटरव्यू के दौरान कॉपीराइटर से क्या पूछते हैं?

जैसा की हमने बताया एक कॉपीराइटर का काम एडवरटाइजिंग, मार्केटिंग एवं अन्य गतिविधियों के लिए लिखने का काम करना होता है। ऐसे में इंटरव्यू के दौरान उनसे कुछ प्रेरित करने वाले शब्द या वाक्य लिखने को कहा जा सकता है।  

क्या कॉपीराइटर खुद का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं?

जी हाँ क्योंकि वर्तमान में लगभग सभी छोटी बड़ी बिजनेस इकाइयों को विज्ञापन और मार्केटिंग करने की आवश्यकता होती है, जिसमें कॉपीराइटर का अहम् योगदान होता है।     

कॉपीराइटर कितना कमाते हैं

वर्तमान में Copywriting का इस्तेमाल सबसे ज्यादा एडवरटाइजिंग और मार्केटिंग गतिविधियों के चलते हो रहा है। चूँकि एक कॉपीराइटर किसी बिजनेस या औद्योगिक इकाई की बिक्री को बढ़ा सकता है। इसलिए कंपनियां अनुभवी कॉपीराइटर को अच्छी खासी सैलरी ऑफर करती हैं।

लेकिन भारत में इनकी औसतन सैलरी लगभग ₹3.5 लाख रूपये सालाना है, सच्चाई यह है की एक अनुभवी और क्वालिफाईड कॉपीराइटर को साल में ₹8 लाख या इससे अधिक की सालाना सैलरी भी प्राप्त हो सकती है।

कुछ लोग Copywriting और copyright  को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन भले ही यह उच्चारण में एक लगते हों, लेकिन यह दोनों अलग अलग टर्म हैं। Copywriting क्या होती है इसके बारे में तो हम बता ही चुके हैं। लेकिन Copyright क्या होता है यह हमने इस लेख में बताया हुआ है।

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