जूते चप्पल की दुकान (Footwear Shop Business) से क्या आप वाकिफ हैं? पैरों का काम तो चलने का होता है, लेकिन रह में पड़े कंकड़ पत्थर काँटों इत्यादि से पैरों को सुरक्षित करने के उद्देश्य से कई प्रकार के फुटवियर बाज़ारों में उपलब्ध हैं । इसमें कोई दो राय नहीं की जब फुटवियर की खोज हुई होगी तो इसी उद्देश्य के लिए हुई होगी ताकि राह में आने वाले कंकड़, पत्थरों, काँटों इत्यादि से पैरों को सुरक्षा प्रदान की जा सके।
और काफी समय तक यह चलन चलता भी रहा, यही कारण है की पहले लोग चमड़े, प्लास्टिक, रबर इत्यादि से फुटवियर नहीं बनाते थे, बल्कि वे लकड़ी से निर्मित फुटवियर पहनते थे । लेकिन आज जिस दौर में हम हैं यहाँ पर कई तरह की सामग्री से कई डिजाईन और आकार के फुटवियर बनाये जाते हैं।
फुटवियर यानिकी पैरों में पहने जाने वाले जूते, चप्पल, सैंडिल इत्यादि। वर्तमान में मानव जीवनशैली ऐसी हो गई है की किसी भी मनुष्य के पास एक जोड़े से अधिक फुटवियर आसानी से देखने को मिल जाएँगे। एक गरीब से गरीब व्यक्ति के पास भी कम से कम जोड़ी जूते और एक जोड़ी चप्पल तो होती ही होती हैं ।
अब आप ही इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं की भारत जैसे जनाधिक्य वाले देश में जिसकी जनसँख्या सवा अरब से अधिक है वह फुटवियर के लिए कितनी बड़ी मार्किट है। इसलिए आज हम हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से फुटवियर शॉप बिजनेस शुरू करने की प्रक्रिया के बारे में बता रहे हैं ।
जूते चप्पलों की दुकान कैसे शुरू करें (Footwear Shop Kaise Khole):
यदि आप खुद का कोई ऐसा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं जिसमें आप कोई ऐसी वस्तु या उत्पाद बेच रहे हैं, जिसकी माँग सभी जगह समान रूप से व्याप्त है। तो हो सकता है की आपके दिमाग में स्वत: ही जूते चप्पल की दुकान शुरू करने का विचार आ जाए।
वह इसलिए क्योंकि जूते चप्पल की माँग सभी जगह हमेशा बनी रहती है। लेकिन उसके बाद आप यह भी सोच रहे होंगे की इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए आपको क्या क्या कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही कदमों के बारे में जो किसी इच्छुक उद्यमी को खुद का फुटवियर बिजनेस शुरू करने के लिए उठाने पड़ेंगे।
स्थानीय एरिया में माँग का जायजा लें
इसमें कोई दो राय नहीं की जूते चप्पलों की माँग हर एरिया में होती है। लेकिन आपको इस बिजनेस को शुरू करने से पहले जायजा इस बात का नहीं लेना है की जिस एरिया में आप यह बिजनेस करने जा रहे हैं उस एरिया में लोग जूते चप्पल खरीदते हैं या नहीं ।
वह इसलिए क्योंकि जूते चप्पल या अन्य फूटवियर न खरीदने का तो सवाल ही नहीं उठता है, बस जायजा इस बात का लेना है की उस एरिया में किस आर्थिक श्रेणी के लोग रहते हैं। क्योंकि ऐसे लोग जिनकी डिस्पोजेबल इनकम अधिक होगी वे ब्रांडेड और महंगे जूते चप्पल पहनना पसंद करेंगे, और जिनकी कम होगी वह सस्ते काम चलाऊ लोकल से भी काम चला लेंगे ।
इसलिए जिस भी एरिया में आप अपनी फुटवियर शॉप खोलने जा रहे हैं उस एरिया में आपको इसी बात का जायजा लेना है की वहां पर आप कौन सी और किस ब्रांड की फुटवियर बेचकर अधिक पैसा कमा सकते हैं।
ब्रांडेड बेचने हैं या लोकल
जब आप अपने पहले कदम में इस बात का जायजा ले लेते हैं की आप उस एरिया में किस तरह की फुटवियर बेच पाएंगे तो उसके बाद ही आप इस बात का निर्णय ले पाने में भी सक्षम होते हैं की आप शुरुआती दौर में अपनी दुकान में ब्रांडेड फुटवियर का माल भरें या फिर लोकल या कुछ सस्ती ब्रांडो का माल भरें।
ध्यान रहे की ब्रांडेड फुटवियर महंगे इसलिए होते हैं क्योंकि उन्हें उच्च गुणवत्ता मानकों का इस्तेमाल करके तैयार किया जाता है, इसके अलावा उन पर ग्राहकों का विश्वाश भी रहता है। यही कारण है की ग्राहक ब्रांडेड जूते चप्पलों पर अधिक खर्चा करने को भी तैयार रहते हैं।
लेकिन एक दुकानदार के रूप में आपको यह बात जाननी आवश्यक है की दुकानदार की जितनी कमाई किसी लोकल जूते चप्पल को बेचकर होती है, उतनी कमाई किसी ब्रांडेड जूते चप्पल को बेचकर नहीं हो पाती है।
इसलिए उद्यमी को उस एरिया में उपस्थित ग्राहक की पसंद के अनुसार ही इस बात का निर्णय लेना होता है की वह अपनी दुकान में ब्रांडेड माल बेचना चाहता है या फिर लोकल या फिर दोनों ।
फुटवियर शॉप के लिए दुकान का प्रबंध करें
जूते चप्पल की दुकान के लिए उपयुक्त लोकेशन की बात करें तो आपके गली मोहल्ले की स्थानी मार्किट और या फिर आपके नज़दीक कोई ऐसी मार्किट जो जूता चप्पल खरीदने वाले ग्राहकों के बीच लोकप्रियहो। यानिकी वहां पर जूते चप्पल बेचने वालों की एक नहीं कई सारी दुकानें हों और उस मार्किट में फुटवियर खरीदने के लिए दूर दूर से ग्राहक आते हों । उपयुक्त रहती है।
लेकिन ऐसी जगहों पर दुकान का किराया काफी महंगा होता है क्योंकि वहां पर कमाई की संभावना भी बहुत अधिक होती है। ऐसे में यदि आपके पास इस बिजनेस में लगाने के लिए अच्छा खासा बजट है तो आपको किसी बढ़िया स्थापित बाज़ार में ही इस तरह की दुकान (Footwear Shop) खोलनी चाहिए।
लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो फिर आप अपने विवेक के हिसाब से जहाँ पर भी आपको लगता हो की आप अपनी फुटवियर शॉप को अच्छे से संचालित करके कमाई कर सकते हैं, वही पर इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं ।
हालांकि इस बिजनेस को शुरूआती दौर में एक छोटी सी दुकान से भी आसानी से शुरू किया जा सकता है। और बाद में धंधा बढ़ जाने पर इसे एक बड़े फुटवियर स्टोर के रूप में तब्दील भी किया जा सकता है।
उद्यमी को अपने दुकान के इंटीरियर पर भी थोड़ा बहुत खर्चा करने की आवश्यकता होती है। इसमें उद्यमी को एक बिलिंग काउंटर के अलावा ग्राहकों को बैठने के लिए गद्दी लगे बेंच बनाने की भी आवश्यकता होती है । और दीवार पर लकड़ी से निर्मित छोटे छोटे खाने जिनमें फुटवियर को आसानी से रखा जाय और लोगों को दुकान सी फील आय उस पर भी खर्चा करने की आवश्यकता होती है।
जरुरी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्राप्त करें
वर्तमान में सुनने में आ रहा है की छोटे छोटे काम धंधे करने वालों पर भी जीएसटी टीम के छापे पड़ रहे हैं । वह शायद इसलिए हो रहा है क्योंकि कई ऐसे छोटे व्यवसाय हैं जिनका सालाना टर्नओवर जीएसटी में मिली छूट सीमा को आसानी से पार कर जाता है।
इसलिए बेहतर यही है की आप अपने फुटवियर शॉप बिजनेस को पूरी वैधानिकता के साथ करें, ताकि भविष्य में आपका बिजनेस रफ़्तार पकड़ने पर भी और रफ़्तार पकड़ता रहे ।
- आप अपने बिजनेस को प्रोप्राइटरशिप फर्म के तौर पर रजिस्टर कर सकते हैं।
- कर पंजीकरण के तौर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन करेंगे तभी आप अपने ग्राहकों को पक्का बिल दे पाएंगे ।
- व्यवसाय के नाम से पैन कार्ड और बैंक में चालू खाता भी अवश्य खोलें।
- स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस भी अवश्य लें।
- यदि आप चाहें तो अपने व्यवसाय का उद्यम रजिस्ट्रेशन भी कर सकते हैं।
फुटवियर शॉप में माल भरें
जब आप इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर लेते हैं तो अब अगला कदम दुकान में माल भरने का होता है। इसके लिए आप चाहें तो सीधे फुटवियर बनाने वाली कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं, औरयदि चाहें तो कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटर डीलर उस एरिया में स्थित सप्लायर इत्यादि से भी जूते चप्पल उचित दामों में खरीद सकते हैं।
शुरूआती दौर में उसी माल को अपनी दुकान का हिस्सा बनाये जिसका आपने जायजा लेते समय अच्छी तरह आकलन किया हो की इस तरह के माल के बिकने की संभावना अधिक है ।
बाद में जब आप फुटवियर शॉप चला रहे होते हैं तो आपको वहाँ पर किस तरह के जूते चप्पल अधिक बिक रहे हैं इसकी जानकारी प्राप्त हो जाती है। बाद में आप उसी हिसाब से अपनी दुकान में रिकॉर्ड मेन्टेन कर सकते हैं।
फुटवियर बेचें और कमाएँ
यदि आपकी दुकान किसी स्थानीय बाज़ार या भीड़ भाड़ वाली जगह पर है तो यकीन मानिये की आपकी डे वन से ही कुछ न कुछ सेल होनी शुरू हो जाएगी। लेकिन इसके बावजूद भी आपको लगातार अपनी बिक्री बढ़ाने के उपायों पर काम करना है, आपको अपने द्वारा बेचीं जा रही फुटवियर उनके ब्रांड और उनकी विशेषताओं के बारे में पता होना चाहिए।
क्योंकि यदि आपको फुटवियर की बारीकी से जानकारी होगी तो ही आप इनकी विडियो रिकॉर्डिंग करके विडियोज को अपनी फुटवियर शॉप के नाम से बनाये गए यूट्यूब चैनल पर दर्शकों को बता पाएंगे ।
यही नहीं आपको अपने फुटवियर शॉप बिजनेस का सोशल मीडिया पेज भी बनाना होगा, और उस पर भी रोज नई नई फुटवियर की विडियो एवं फोटो अपलोड करने होंगे। और कोई भी कोमेंट आने पर अपने ग्राहकों के साथ इंगेज रहना होगा, आप अपने एरिया को टारगेट करते हुए गूगल या फेसबुक में पीपीसी कैंपेन भी चला सकते हैं ।
फुटवियर शॉप खोलने में खर्चा
जैसा की हम पहले ही बता चुके हैं की यदि इसे आप एक बेहतरीन लोकेशन पर कुछ ब्रांडेड फुटवियर एवं कुछ लोकल के साथ शुरू कर रहे हैं । तो आपको इस बिजनेस (Footwear Shop Business In India) में कम से कम ₹4 लाख से ₹7 लाख तक खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है।
फुटवियर शॉप के खर्चा का विवरण | खर्चा रुपयों में |
प्रति महीने 9000 रूपये के हिसाब से तीन महीने का किराया | ₹27000 |
दुकान में रैक और अन्य इंटीरियर का काम कराने का खर्चा | ₹73000 |
दुकान में विभिन्न ब्रांड के फुटवियर खरीदने में आने वाला खर्चा | ₹3.2 लाख |
फुटवियर शॉप खोलने में आने वाला कुल खर्चा | ₹4.2 लाख |
मुख्य बाज़ारों में दुकान लेने के लिए आपको दुकान के स्वामी को एकमुश्त रकम देने की भी आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा आपका खर्चा इंटीरियर डिजाइनिंग और माल भरने में आता है ।
यद्यपि एनी लोकेशन पर जहाँ पर उद्यमी को दुकान के लिए एकमुश्त रकम देने की आवश्यकता नहीं होती इसे कम पैसों से भी शुरू किया जा सकता है। लेकिन इस बिजनेस (Footwear Shop Business) में आने वाला खर्चा उद्यमी की योजना, रणनीति, बिजनेस का आकार, उसकी लोकेशन इत्यादि बातों पर निर्भर करता है।
यह भी पढ़ें