उड़ीसा में प्रति वर्ष 40 लाख टन क्षमता वाली एल्यूमिना रिफाइनरी लगाएँगे गौतम अडानी।

हाल ही में भारत के दिग्गज उद्योगपति गौतम अडानी को एशिया का सबसे अमीर व्यक्ति होने का गौरव हासिल हुआ है । यही नहीं गौतम अडानी दुनिया के सबसे 10 अरबपतियों की लिस्ट में चौथे स्थान पर पहुँच चुके हैं, जिस स्थान पर आज तक भारत का कोई भी उद्योगपति नहीं पहुँच पाया है।

अब खबर यह आ रही है की एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी एक और नए बिजनेस में किस्मत आजमाने की तैयारी में जुट गए हैं। खबर यह है की गौतम अडानी की कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज जल्द ही उड़ीसा में एक प्रति वर्ष 40 लाख टन क्षमता वाला एल्यूमिना रिफाइनरी स्थापित करने वाली है।

यद्यपि इसका जिक्र उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने अपने एक ट्वीट में की, जहाँ पर अडानी इंटरप्राइजेज को इस परियोजना की मंजूरी के बारे में कहा गया। हालांकि अभी अडानी इंटरप्राइजेज के तरफ से इस बारे में कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

Adani group will setup aluminium refinery in odisha

नए नए सेक्टर में इन्वेस्टमेंट कर रहा है अडानी समूह

हाल के दिनों में अडानी समूह केवल पोर्ट, पॉवर, FMCG तक ही सिमट कर नहीं रह गया है। अडानी समूह की कंपनियाँ नए नए सेक्टर में निवेश को लेकर उत्साहित हैं। हाल ही में सम्पन्न हुई 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी में भी अडानी समूह की कंपनी ने हिस्सा लिया था, सीमेंट व्यवसाय में भी इनका प्रवेश नया ही था, अब यह सेक्टर भी उसके लिए नया था।

अब खबर आ रही है की गौतम अडानी एल्युमीनियम सेक्टर में भी प्रवेश करके कुछ बड़ा करने की तैयारी में हैं। हालांकि एल्युमीनियम सेक्टर में इनका प्रवेश दिसम्बर 2021 में तब हो गया था। जब इन्होने मुंद्रा एल्युमीनियम लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई थी। लेकिन यह कंपनी इतने बड़े प्रोजेक्ट के साथ एल्युमीनियम सेक्टर में प्रवेश करेगी, यह बात शायद कोई नहीं जानता था।

41000 करोड़ रूपये से ज्यादा का निवेश संभावित

उड़ीसा के मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार अडानी समूह को रायगड जिले में 40 लाख टन एल्युमिना रिफाइनरी और 3 करोड़ टन लौह अयस्क का प्लांट स्थापित करने की मंजूरी दी गई है। एल्युमिना की यदि हम बात करें तो इसे एल्युमीनियम ऑक्साइड के तौर पर जाना जाता है। यह एल्युमीनियम और ऑक्सीजन का केमिकल कंपाउंड होता है।

अडानी समूह के इस प्रोजेक्ट में लगभग 5.2 अरब डॉलर यानिकी 41000 करोड़ रूपये का निवेश संभावित है। और इस एल्युमिना रिफाइनरी की कुल वार्षिक क्षमता 40 लाख टन निर्धारित की गई है।

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने उड़ीसा के मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा है की, उन्होंने देश और उड़ीसा को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जो कदम उठाये हैं वे उनकी सराहना करते हैं। उड़ीसा हमेशा से अडानी समूह के लिए रणनीतिक राज्यों में से एक रहा है। यही कारण है की हमने यहाँ निवेश किया भी है और निवेश करना आगे भी जारी रखेंगे।

उन्होंने अपनी बात को बढाते हुए कहा की धातु में भारत को आत्मनिर्भर होना जरुरी है। जिन परियोजनाओं को राज्य सरकार ने मंजूरी दी है, वे राज्य और भारत को धातु में आत्मनिर्भर बनाने में काफी सहायक सिद्ध होंगी।

इन परियोजनाओं एल्युमिनियम रिफाइनरी और लौह अयस्क प्लांट से लगभग 9300 लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। तो वहीँ हजारों लोग अप्रत्यक्ष तौर पर भी इनसे रोज्गारित होंगे।

आदित्य बिड़ला समूह और वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड से टक्कर

भारत के मेटल सेक्टर पर वर्तमान में आदित्य बिड़ला ग्रुप और वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड का दबदबा है। जनवरी में अडानी इंटरप्राइजेज ने दक्षिण कोरिया की प्रसिद्ध स्टील कंपनी पास्को के साथ साझेदारी की थी, इन दोनों दिग्गजों की योजना भारत में ग्रीन स्टील मिल लगाने की थी। और वर्ष 2021 में अडानी समूह ने एक सब्सडायरी कंपनी मुंद्रा एल्युमिनियम लिमिटेड की भी स्थापना की थी।

मेटल सेक्टर में प्रवेश करने के बाद अडानी, आदित्य बिड़ला ग्रुप और वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड में सीधी टक्कर होगी। क्योंकि अभी भारत के मेटल सेक्टर में इन्हीं दो कंपनीयों का दबदबा है।

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