भारत को नहीं है मंदी का खतरा, जानिए इसके पीछे के कारण।

जहाँ 2020 से पूरी दुनिया कोरोना नामक महामारी के संकट से जूझ रही थी। वहीँ दो साल बाद 2022 में दुनिया को उम्मीद थी, की यह साल दुनियाभर की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा साल साबित होगा। लेकिन 2022 के शुरुआत से ही दुनियाभर में ऐसी घटनाएँ घटित हुई हैं। जो दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में अस्थिरता पैदा किये हुए हैं।

2022 के शुरुआत में कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट ने दस्तक दी, तो फरबरी आते आते रूस ने यूक्रेन पर हमले शुरू कर दिए। रूस और युक्रेन के इस युद्ध ने दुनिया को आर्थिक मंदी के चंगुल में लाकर खड़ा कर दिया। उससे भी हालत तब अधिक विकट हो गए जब यूरोपीय देशों ने रूस के पेट्रोलियम, तेल और ईधन उत्पादों का बहिष्कार करना शुरू कर दिया।

इससे दुनियाभर के देशों में महंगाई अपनी चरम पर पहुँच चुकी है। अब अंदाजा यह लगाया जा रहा है की दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को 2008 जैसी मंदी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन चूँकि भारत अपने घरेलु पैदावार के दम पर महंगाई को नियंत्रित कर पाने में कुछ हद तक सफल हुआ है। इसलिए उम्मीद यही की जा रही है की भारत मंदी के साये से अपने आप को सुरक्षित रख पाने में सफल होगा।

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मंदी से बचने में कामयाब रहेगा भारत

दुनिया और देश की कुछ रिसर्च एजेंसी जैसे ब्लूमबर्ग और SBI रिसर्च ने भारत को आर्थिक मंदी से सुरक्षित बताया है। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन से भी ज्यादा गति के साथ आगे बढ़ सकती है।

इसलिए भारत भी दुनियाभर के उन देशों में शामिल हो गया है, जो तरक्की की इस दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं। हाल ही में जारी हुई मार्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार 2022-23 में भारत एशिया में सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के तौर पर उभरकर सामने आ सकता है।

अन्य देशों की तुलना में भारत में महंगाई दर कम है

हालांकि एक आम आदमी को यह बात बिलकुल अच्छी नहीं लगेगी की भारत में महंगाई कम है। लेकिन वर्तमान में दुनियाभर के बाज़ारों की स्थिति को देखें, तो यह सच्चाई है की भारत में अन्य देशों की तुलना में महंगाई कम है।

जहाँ अमेरिका में महंगाई ने पिछले 40 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है, तो वहीँ भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ऐसा देश बनकर दुनिया के सामने आया है, जहाँ दुनियाभर में दुसरे नंबर पर सबसे ज्यादा महंगाई है। वहीँ यूरोपीय देशों जर्मनी, ब्रिटेन सहित सभी देशों में महंगाई ने लोगों की जेबों पर डाका डालने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।

भारत में महंगाई को कम करने की दिशा में भारतीय रिज़र्व बैंक ने तीन बार रेपो रेट में वृद्धि की है। और वर्तमान में भारत में महंगाई दर भारतीय रिज़र्व बैंक का टारगेट जो की 6% है, उससे थोड़ी ही अधिक है।         

मंदी से सुरक्षित रह पाने की वजह क्या है?

भारत को मंदी से सुरक्षित रखने की प्रमुख और सबसे बड़ी वजह यहाँ की घरेलु माँग है। मार्गन स्टेनली के अर्थशास्त्रीयों के मुताबिक भारत में उत्पादित होने वाले अधिकतर सामान की खपत इसके घरेलु बाज़ार में ही हो जाती है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की, देश में पहली तिमाही में कारों की बिक्री के जो आंकड़े आए हैं, वे अनुमान से भी कहीं अधिक हैं।

अर्थशास्त्रीयों के नए अनुमान के मुताबिक इस वित्तीय वर्ष में कारों की बिक्री पहले के मुकाबले 25 लाख अधिक हो सकती है। कुल मिलाकर देखा जाय तो वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में कारों की बिक्री 17-20% अधिक होने का अनुमान है। अगस्त से नवम्बर तक ही देश में लगभग 13 लाख कारों की बिक्री होने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिससे ऑटो सेक्टर का 1 लाख करोड़ तक का टर्नओवर संभावित है।

विकास दर कितनी रहेगी?

वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत की औसतन विकास दर 7% रहने का अनुमान लगाया गया है। भारत की विकास दर का एशियाई विकास दर में लगभग 28 फ़ीसदी का योगदान करने की उम्मीद है। वहीँ बताया जा रहा है की विश्व विकास दर में इसकी भागीदारी 22 फ़ीसदी हो सकती है।

मार्गन स्टेनली की रिपोर्ट में कहा गया है की भारत एक ऐसा देश है जो कोरोना महामारी में रुकी हुई माँग के दम पर अगले दस वर्षों तक सबसे तेज ग्रोथ करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक रहेगा। कोरोना महामारी के चलते रुकी हुई माँग के कारण ही भारत में कारों की बिक्री के आंकड़े अनुमान से भी अधिक आ रहे हैं। और ये आगे भी ऐसे ही बरकरार रहेंगे।  

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