मेडिकल क्षेत्र से जुड़े बिजनेस आइडियाज। Medical Business Ideas in Hindi.

मेडिकल उद्योग औद्यौगिक जगत में एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ पर कभी भी मंदी नहीं आती है। लोगों में अपने स्वास्थ्य के प्रति बढ़ी जागरूकता ने हेल्थकेयर के क्षेत्र को रफ़्तार प्रदान की है। कोरोना जैसी महामारी ने साबित कर दिया है की मनुष्य के लिए सब बातों से ऊपर उसका जीवन और स्वास्थ्य है । वर्तमान में इस कारण भी मेडिकल क्षेत्र से जुड़े बिजनेस में काफी बढ़ोत्तरी एवं मुनाफा देखा गया है।

कोरोना नामक वैश्विक महामारी से पहले जहाँ लोग पैसे को सर्वोपरी समझकर इसे कमाने के लिए कभी कभी अपना स्वास्थ्य तक संकट में डालने से नहीं झिझकते थे। लेकिन इस वैश्विक महामारी ने लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति और अधिक सचेत रहने की ओर प्रोत्साहित किया है।

इसके अलावा लोगों के जीवन में बढ़ते तनाव और असमय खान पान के चलते वर्तमान में लोगों में बेहद कम उम्र में ही कई तरह की बीमारियों का संचार हो जा रहा है। इस कारण भी उन्हें कई बार कई तरह की मेडिकल सुविधाएँ लेने की आवश्यकता होती है। इसलिए आज हम इस लेख में टॉप १० मेडिकल क्षेत्र से जुड़े बिजनेस आइडियाज के बारे में बताने वाले हैं।

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टॉप १० मेडिकल बिजनेस आइडियाज इन हिंदी

मेडिकल क्षेत्र से जुड़े बिजनेस की सबसे अच्छी बात यह है की इन बिजनेस में कभी भी मंदी नहीं आती । ये ऐसे व्यवसाय होते हैं जिनमें हमेशा कमाई के अवसर उपलब्ध होते हैं। इस वैश्विक महामारी में जब सारे काम धंधे ठप पड़े थे, तो इस उद्योग का कामकाज तब भी चल रहा था। और पहले की तुलना में अधिक तीव्र गति से चल रहा था। तो आइये जानते हैं ऐसे कौन से टॉप १० मेडिकल से जुड़े बिजनेस हैं, जो उद्यमी की कमाई का बेहतरीन जरिया बन सकते हैं।  

डायबिटिक केयर सेण्टर

टेक्नोलॉजी और औद्यागिकीकरण ने मनुष्य को आरामदायक जीवन तो प्रदान किया है। लेकिन इसने मनुष्य के शारीरिक गतिविधियों को सिमित कर दिया है। शहरों में कामकाजी लोगों की जीवनशैली भी अपने ऑफिस से लेकर घर तक और घर से लेकर ऑफिस तक सिमित हो गई है । शारीरिक गतिविधियों में कमी होने के कारण मनुष्य को कई तरह की बीमारियों का शिकार होना पड़ता है।

वर्तमान में भारत में ही नहीं अपितु दुनियाभर में डायबीटीज यानिकी मधुमेह एक आम बीमारी बन चुकी है। और इस बीमारी से ग्रसित होने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चूँकि मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति यदि संयमित एवं नियत्रित जीवन जीए तो वह सामान्य जीवन आराम से जी सकता है। यही कारण है की वर्तमान में लगभग हर छोटे बड़े शहर में डायबिटिक केयर सेण्टर खोले जा रहे हैं।

इन मधुमेह देखभाल केन्द्रों से लोग परामर्श लेकर एवं उनके अनुसार आचरण करके अपना सामान्य जीवन बीता भी रहे हैं। चूँकि मधुमेह से ग्रसित लोग आपको भारत में हर राज्य शहर में मिल जाएँगे, इसलिए इस तरह का यह बिजनेस कहीं भी किया जा सकता है।          

फिटनेस सेण्टर

पहले फिट रहने का शौक किशोरों और युवाओं को ही रहता था । लेकिन वर्तमान में लोग हॉस्पिटल, दवाइयों एवं स्वास्थ्य के नुकसान से बचने के लिए अपनी फिटनेस का ध्यान रखते हैं । इसके लिए वे अपने नजदीकी फिटनेस सेण्टर या जिम जाना पसंद करते हैं। यद्यपि इस तरह का यह बिजनेस छोटे नगरों की तुलना में बड़े महानगरों में सफलतापूर्वक चलाया जा सकता है।

आप चाहें तो इस बिजनेस को किसी लोकप्रिय फिटनेस सेण्टर की फ्रैंचाइज़ी लेकर भी शुरू कर सकते हैं । और यदि चाहें तो खुद का अपना ब्रांड स्थापित करके भी इसे शुरू कर सकते हैं। आम तौर पर यह बिजनेस शहरों में अच्छी कमाई के लिए जाना जाने लगा है। क्योंकि वहां पर रहे लोग शारीरिक गतिविधयों से लगभग दूर ही हो गए हैं, इसलिए वे अपने फिटनेस को लेकर काफी जागरूक हो गए हैं।     

प्रजनन केंद्र (Fertility Center):

आज वैसे देखा जाय तो मनुष्य के पास सब कुछ है, लेकिन और अधिक पाने की होड़ में हर मनुष्य एक कभी ख़त्म नहीं होने वाली दौड़ में शामिल है। इसी दौड़ में आगे रहने के लिए मनुष्य कई तरह के तनाव अपने दिमाग में पाल लेता है। और यही मानसिक तनाव कई शादीशुदा जोड़ों में बांझपन का कारण बन रहा है। कहने का आशय यह है की इस भागदौड़ और तनाव भरी दुनिया में ऐसे शादीशुदा जोड़ों की संख्या बढती जा रही है, जो बांझपन का शिकार है।

इनका ईलाज और इनके घर नन्हे बच्चों की किलकारी गूंजे उसके लिए प्रजनन केंद्र कार्य करते हैं। इसलिए यदि आप कोई मेडिकल क्षेत्र से जुड़ा लाभकारी बिजनेस करने के बारे में विचार कर रहे हैं, तो आप फर्टिलिटी सेण्टर भी खोल सकते हैं । इस बिजनेस की सबसे अच्छी बात यह है की किसी भी शादीशुदा जोड़े का ईलाज बड़े लम्बे समय तक चलता है, जो आपको इस बिजनेस में लम्बे समय तक बने रहने में मदद करता है।     

पशु चिकित्सा क्लिनिक

यद्यपि कुछ दशकों पहले पशुओं को गाँव से जोड़कर देखा जाता था, क्योंकि शहर में तो लोग पशुपालन करते नहीं थे। लेकिन आज शहरों में एक पालतू पशु कुत्ता, बिल्ली इत्यादि रखने का एक चलन सा हो गया है। और अच्छी बात यह है की जो लोग इन्हें पालते हैं वे इनका अपने परिवार के किसी सदस्य की तरह की ख्याल रखते हैं। कुत्ता, बिल्ली या अन्य कोई पालतू पशु के बीमार होने पर वे उन्हें पशु चिकित्सक से उसका ईलाज कराना नहीं भूलते ।

यदि आप शहर में इस तरह का यह बिजनेस शुरू नहीं करना चाहते तो आप गाँव में भी इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं। यहाँ पर तो पशुपालन बड़े पैमाने पर किया जाता है। गाँव में आज भी लोग कई तरह के पालतू जानवरों गाय, भैस, बैल, घोड़े, बकरी इत्यादि को पालते हैं। जिनके अस्वस्थ होने पर वे किसी पशु चिकित्सक की राय लेना भी नहीं भूलते हैं।         

रिटेल फार्मेसी बिजनेस

दुसरे शब्दों में इसे मेडिकल स्टोर भी कहा जा सकता है। जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की एक तरफ जहाँ लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए हैं, और वे अपनी हेल्थ को फिट रखने के लिए कई तरह की गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। दूसरी तरफ इस प्रतिस्पर्धी युग में बढती महत्वकांक्षा के चलते हो रहे तनाव, मिलावटी और असमय खान पान, अव्यवस्थित जीवन शैली के चलते हो रही बीमारियों से भी मनुष्य अछूता नहीं है ।

यही कारण है की आज लगभग हर मनुष्य को कभी न कभी या नियमित रूप से डॉक्टर या हॉस्पिटल जाने की आवश्यकता होती है। और डॉक्टर को किसी भी बीमारी का ईलाज करने के लिए बीमार को दवाइयां लिखकर दी ही जाती हैं। इसके अलावा कई बीमारियाँ ऐसी भी होती हैं, जिनमें लगभग मरते दम तक दवाइयां खाने की आवश्यकता होती है। यही कारण है की रिटेल फार्मेसी का बिजनेस भी वर्तमान में बेहद लाभकारी व्यवसायों की लिस्ट में शामिल है ।      

पैथोलॉजी लैब बिजनेस

कोई भी डॉक्टर बिना आपकी जांच किये आपको लम्बे समय के लिए दवाइयां नहीं प्रदान करता है। जैसे ही आप डॉक्टर को अपनी समस्या बताते हैं वह आपको कोई न कोई जांच कराने के लिए अवश्य बोलते हैं। यह नार्मल खून की जाँच से लेकर आपकी समस्या के हिसाब से कुछ भी हो सकती है।

वर्तमान में ईलाज करने की प्रक्रिया में काफी परिवर्तन हो गया है, जहाँ पहले कुछ दिनों की दवाइयां देकर यह कहकर मरीज को भेज देते थे, की ये दवाइयां खाकर देखो फायदा नहीं होता है तो फिर दिखाना। लेकिन वर्तमान में मरीज का रोग जानने के लिए वे जांच के लिए कहते हैं, और जांच के बाद ही वह उस रोग की दवा दे पाने में सक्षम हो पाते हैं। यही कारण है की वर्तमान में पैथोलॉजी लैब की आवश्यकता लगभग हर छोटे बड़े शहर में उपलब्ध है ।      

नजर के चश्मों का बिजनेस

एक ज़माना था जब नज़र के चश्मों का जिक्र करते समय हमें किसी अधेड़ या वृद्ध की छवि नज़र आ जाती थी । लेकिन वर्तमान में आपने ध्यान दिया हो या नहीं, लेकिन मैंने ध्यान दिया है छोटे छोटे बच्चों एवं किशोरों को भी नज़र के चश्मे लगाये हुए देखा है।

इसका मतलब यह हुआ की जहाँ पहले इस बिजनेस के लक्ष्यित ग्राहक के रूप में केवल अधेड़ एवं वृद्ध हुआ करते थे वर्तमान में हर उम्र के लोग चाहे वे बच्चे हों, किशोर हों, युवा हों, अधेड़ हों या वृद्ध सभी उम्र के लोगों की आँखों में नज़र के चश्मे लगे हुए मिल जाएँगे।

अच्छी बात यह है की इस बिजनेस को आप किसी छोटे शहर, नगर इत्यादि की स्थानीय मार्किट में भी शुरू कर सकते हो।  

डेंटल क्लिनिक

मनुष्य सिर्फ अपने स्वास्थ्य के प्रति ही नहीं बल्कि रंग, रूप, सौन्दर्य एवं दिखावे के प्रति भी काफी जागरूक हो गया है । चाहे स्त्री हो या पुरुष इनकी छवि एवं सुन्दरता में दांतों का अहम् योगदान होता है। कैसा लगेगा की एक सुन्दर रंग रूप की स्त्री के दांत पीले या टेढ़े मेढ़े नज़र आते हों।

हमें क्या लगेगा उससे कोई फर्क नहीं पड़ता फर्क इस बात से पड़ता है, की उसे क्या फर्क पड़ रहा है जो इस समस्या से जूझ रहा है । दांतों की समस्याएँ सिर्फ यही तक सिमित नहीं है, बल्कि आए दिनों लोगों के दांतों में दर्द होता रहता है, और यह दर्द असहनीय होता है। इस दर्द से निजात पाने के लिए लोग डेंटल क्लिनिक का रुख करते हैं।

यह बिजनेस ऐसा है की जहाँ भी मनुष्य है वहां इसे शुरू किया जा सकता है, क्योंकि दांत प्रकृत्ति द्वारा सबको प्रदान किये गए हैं। और जहाँ दांत हैं वहां दांतों से सम्बंधित समस्याएँ भी हैं एक डेंटल क्लिनिक में आप आम तौर पर दांतों की सफाई, दांतों के दर्द का ईलाज, दांतों का टेढ़ापन दूर करने जैसी लोगों की कई समस्याओं का समाधान कर रहे होते हैं।     

नर्सिंग होम /हॉस्पिटल बिजनेस

हालांकि नर्सिंग होम और हॉस्पिटल दोनों अलग अलग बिजनेस हैं, लेकिन आप इन दोनों में से कोई भी बिजनेस शुरू करके अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। हॉस्पिटल में जहाँ लोग किसी बीमारी का ऑपरेशन, ईलाज, दुर्घटना के कारण आई चोट का ईलाज इत्यादि कराने के लिए भारती होते हैं। और यहाँ पर इन्हें कुछ लघु अवधि के लिए ही रखा जाता है, यानिकी तब तक जब तक मरीज को लगातार डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ की देख रेख में रखने की जरुरत होती है तब तक।

जबकि नर्सिंग होम में मरीज को घर जैसी सुविधाएँ प्रदान करके मरीज का ईलाज किया जाता है। इसमें आम तौर पर बुजुर्ग लोगों जिन्हें लम्बे समय तक ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है, उन्हें भारती किया जाता है। कहने का आशय यह है की एक नर्सिंग होम में मरीज को लम्बे समय तक घर जैसी सुविधाएँ देकर ईलाज प्रदान किया जाता है।       

मेडिकल उपकरण स्टोर बिजनेस

अस्पतालों, क्लिनिक इत्यादि में कई तरह के मेडिकल उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें सिरिंज, सर्जिकल ग्लव्स, थर्मामीटर, सर्जिकल मास्क, स्टेथोस्कोप इत्यादि कई सारे उपकरण हैं, जिनकी आवश्यकता हर प्रकार के क्लिनिक, हॉस्पिटल एवं अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों में होती रहती है।

इस बिजनेस को करने का फायदा यह है की इनमें बहुत सारे ऐसे मेडिकल उपकरण होते हैं जो सिंगल यूज यानिकी केवल एक बार के इस्तेमाल के लिए होते हैं । इसलिए इनकी माँग बाज़ार में बड़े पैमाने पर होती है।

निष्कर्ष

मनुष्य के लिए उसका स्वास्थ्य हमेशा से सबसे प्राथमिक विषय रहा है। लेकिन इस प्रतिस्पर्धी दुनिया और भाग दौड़ भरी जिन्दगी में मनुष्य पैसे कमाने के पीछे भी भागता रहा है । और इस दौड़ में शामिल होना किसी की मजबूरी तो किसी का शौक रहा है। लेकिन यह दौड़ मनुष्य को अनावश्यक तनाव की ओर ले जाती है, और तनाव मनुष्य को बीमारी को ओर। बीमारी और तनाव से निजात दिलाने के उद्देश्य से ही कई मेडिकल क्षेत्र से जुड़े बिजनेस आइडियाज का उद्गम होता है।   

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