टॉफी या कैंडी बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें।

Toffee making business plan in Hindi : वर्तमान में बाज़ारों में कई तरह के रंगों, आकारों, स्वाद इत्यादि में टॉफी या कैंडी उपलब्ध हैं। बच्चों को तो यह इतनी पसंद होती है की वह अपने सगे सम्बन्धियों या माता पिता से इन्हें दिलाने की जिद कर बैठते हैं। सबसे अच्छी बात यह है की किसी भी आर्थिक वर्ग से जुड़े माता – पिता, सगे सम्बन्धियों को बच्चों की इस जिद को पूरा करने में बहुत ज्यादा पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती। क्योंकि यह बाज़ार में ५० पैसे १ , २, ५, रूपये में आसानी से मिल जाती हैं।

कैंडीज या टॉफी सिर्फ बच्चों द्वारा ही नहीं बल्कि किशोरों, युवाओं, अधेड़ों, वृद्धों हर उम्र के लोगों द्वारा काफी पसंद की जाती है। आम तौर पर कैंडीज फलों के स्वाद एवं दूध के स्वाद के साथ उपलब्ध होती हैं। इनमें आम, लीची, संतरा, अंगूर इत्यादि फ्लेवर लोकप्रिय हैं। कई प्रकार की टॉफ़ी का इस्तेमाल मूड ठीक करने और माउथ फ्रेशनर के तौर पर भी किया जाता है। कुल मिलाकर देखा जाय तो यह दुकानों में बिकने वाली एक आम कन्फेक्शनरी आइटम है। इसलिए यदि इसे एक युनिक स्वाद और अच्छी गुणवत्ता के साथ तैयार किया जाय तो इसकी बिक्री की संभावना काफी अधिक है।

toffee banane ka business

टॉफ़ी बनाने के बिजनेस की चलने की संभावना

टॉफी या कैंडी आम तौर पर बच्चों, किशोरों एवं युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है। इसका सेवन कई कारणों के चलते किया जाता है, जहाँ बच्चे इसका सेवन इसके अनोखे स्वाद एवं मुहँ को मीठा करने के लिए करते हैं। वहीँ युवाओं द्वारा इसका इस्तेमाल साँसों को तरोताजा एवं माउथ फ्रेशनर के तौर पर किया जाता है। और सभी आयु वर्गों द्वारा इसका इस्तेमाल खाना खाने के बाद या डिनर के बाद मुहँ को मीठा करने के लिए भी किया जाता है । यही कारण है की वर्तमान में बाज़ारों में कई तरह की टॉफी उपलब्ध हैं।

वर्तमान में इनका इस्तेमाल मुहँ की दुर्गन्ध को दूर करने और जन्मदिन एवं अन्य पार्टियों में भी बड़ी मात्रा में किया जा रहा है। दूसरी बात यह की यह एक ऐसी आइटम होती है जिसे हर आर्थिक वर्ग से जुड़ा इन्सान आसानी से खरीद सकता है। इसलिए कैंडी का पैक बनाकर इन्हें उपहारों में भी दिए जाने का रिवाज चल निकला है। इसलिए यदि आप अच्छी गुणवत्तायुक्त एवं स्वाद वाली टॉफ़ी बनाते हैं, तो उसको बेचने में आपको बहुत अधिक परिश्रम करने की आवश्यकता शायद नहीं होगी ।

टॉफी बनाने का बिजनेस कैसे शुरू किया जा सकता है (How to start toffee making business in India)

कैंडी या टॉफी एक ऐसी सामान्य कन्फेक्शनरी आइटम है इसे कई लोग अपने घर में भी बनाते हैं । लेकिन जब बात इसका व्यवसायिक निर्माण करके कमाई करने की आती है, तो फिर उसमें मशीनों का इस्तेमाल करके इन्हें बनाया जाता है। यही कारण है की इस बिजनेस को शुरू करने के लिए कई तरह के कदम उठाने की आश्यकता होती है।

जमीन और बिल्डिंग (Land & Building):

एक ऐसा प्लांट जिसमें प्रतिवर्ष लगभग 60 हज़ार किलो टॉफी का उत्पादन किया जाता हो, उसके लिए कम से कम १२०० से १५०० वर्गफीट जगह की आवश्यकता होगी। क्योंकि इसमें उद्यमी को कच्चा माल स्टोर करने के लिए जगह, उत्पादित माल को स्टोर करने के लिए जगह, निर्माण एरिया के लिए जगह, विद्युत् उपयोगिताओं को इंस्टाल करने के लिए जगह, ऑफिस बनाने के लिए जगह और सिक्यूरिटी रूम के लिए भी जगह की आवश्यकता हो सकती है।

उद्यमी को चाहिए की वह अपने बिजनेस के लिए जगह की तलाश ऐसी लोकेशन पर करे जहाँ पर बिजली, पानी, सड़कों जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव न हो। और वहां पर उद्यमी को उचित दरों पर कर्मचारी एवं मजदूर भी आसानी से उपलब्ध हो जाएँ। यदि आप जमीन ले रहे हैं तो आप उसे लीज पर ले सकते हैं और बिल्डिंग को कराए पर लेकर भी इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं।

लाइसेंस और पंजीकरण (License)

टॉफ़ी बनाने की फैक्ट्री स्थापित करने के लिए उद्यमी को कई प्रकार के लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। जिनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • बिजनेस रजिस्ट्रेशन – प्रोप्राइटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि में से किसी एक के तहत अपने व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन।
  • टैक्स रजिस्ट्रेशन – यद्यपि जीएसटी रजिस्ट्रेशन एक निश्चित टर्नओवर के बाद ही अनिवार्य होता है, लेकिन आपके लिए शुरूआती दौर में ही इसे करा लेना फायदेमंद हो सकता है।
  • टॉफ़ी या कैंडी एक खाद्य वस्तु है, इसलिए इस व्यवसाय को करने के लिए FSSAI लाइसेंस की भी आवश्यकता होती है।
  • व्यवसाय के नाम से पैन कार्ड और बैंक में चालू खाता खोलने की भी आवश्यकता होती है।
  • स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस लेने की जरुरत होती है ।
  • यदि आप पाने ब्रांड नाम के साथ कैंडी बेचना चाहते हैं तो आपको अपने ब्रांड नाम को सुरक्षित करने के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता होती है ।
  • MSME के तौर पर अपने बिजनेस को रजिस्टर करने के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता होती है।    

मशीनरी और कच्चा माल (Machinery)

हालांकि जैसे जैसे टेक्नोलॉजी में परिवर्तन होता रहता है वैसे वैसे उत्पादों को बनाने वाली मशीनों में भी परिवर्तन होता है। लेकिन आज के समय में कैंडी बनाने के बिजनेस में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी और कच्चे माल की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • ३०० PPM क्षमता वाली रैपिंग मशीन
  • ५०० से २००० लीटर वाले पानी के स्टोरेज टैंक
  • नीडिंग मशीन
  • ५० किलों प्रति घंटे क्षमता वाली कैंडी वैक्यूम कुकर
  • रोप साईंजर
  • कुलिंग कन्वेयर
  • २०० क्षमता वाली कैंडी बैच फॉर्मर
  • रोटेटरी मौल्डिंग मशीन
  • सर्क्युलेटिंग वाटर टेबल

प्रमुख कच्चे माल की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • चीनी
  • लिक्विड ग्लूकोस
  • मिल्क पाउडर
  • पानी
  • फ्रूट फ्लेवर और अन्य
  • सिट्रिक एसिड  

मशीन के सप्लायर ढूँढने के लिए आप इंडियामार्ट, ट्रेडइंडिया जैसी वेबसाइट का सहारा ले सकते हैं। या अपने एरिया में स्थित किसी जिला उद्योग केंद्र से भी इस बारे में संपर्क किया जा सकता है। कच्चा माल तो आपको भारत में कहीं भी स्थानीय स्तर पर आसानी से उपलब्ध हो जाएगा।   

कर्मचारियों की नियुक्ति (Staff hiring)

शुरूआती दौर में कैंडी बनाने का बिजनेस छोटे स्तर पर भी शुरू करने के लिए उद्यमी को कम से कम ९ कर्मचारियों की आवश्यकता हो सकती है। मशीन संचालित करने के लिए एक प्रशिक्षण प्राप्त और कुशल मशीन ओपेरटर की आवश्यकता होती है। कुछ ऐसे हेल्पर की भी आवश्यकता होती है जो सामान जैसे कच्चे माल एवं उत्पादित माल को एक साथ से दुसरे स्थान ले जाने में कार्यरत होते हैं।

इसके अलावा एक सुपरवाईजर, एक ऐसा व्यक्ति जो अकाउंट के साथ साथ और प्रबंधन भी करे उसे आप मैनेजर कह सकते हैं। इत्यादि की भी आवश्यकता होती है। इस प्रकार से देखें तो कुल मिलाकर ८ या ९ लोगों की आवश्यकता उद्यमी को अपना बिजनेस संचालित करने के लिए हो सकती है।     

निर्माण प्रक्रिया (Manufacturing Process)

उपर्युक्त मशीनों की मदद से टॉफी बनाने की प्रक्रिया एक बेहद ही आसान प्रक्रिया है। सबसे पहले पानी और चीनी जिसे कैंडी दृव्यमान कह सकते हैं को वैक्यूम बैच कुकर में अच्छी तरह से पकाया जाता है। उसके बाद इस गरम और पके हुए द्रव्यमान को सर्कुलेटिंग वाटर कूलिंग टेबल पर एकत्र कर दिया जाता है। इसी दौरान इस द्रव्यमान में रंग, फ्लेवर एवं अन्य सामग्री को जोड़कर इसे एक समान करने के लिए रोटरी नीडिंग मशीन से पास कराया जाता है।

इस दौरान स्वच्छता का बहुत अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता होती है उसके बाद जब यह दृव्यमान एक समान होकर ठंडा हो जाता है। तो इसे बैच फॉर्मर मशीन में डाला जाता है जो इसे रोल के रूप में परिवर्तित करता है और इन रोल को बाद में रोप साइजर मशीन में भेजा जाता है । जहाँ से रस्सी के आकार में कैंडी निकलती है उसके बाद इस रस्सी की आकृति को कैंडी मोल्डिंग मशीन में भेजा जाता है। औरयही पर अलग अलग आकार में कैंडी बनाई जाती हैं। इन टॉफ़ीज को कुलिंग कन्वेयर पर डिस्चार्ज कर दिया जाता है, जिससे यह ठंडी हो जाती हैं। उसके बाद टॉफी को रैपिंग मशीन की मदद से रैप करके पैकिंग किया जाता है।

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