मोबाइल एप्प डेवलपमेंट व्यवसाय कैसे शुरू करें? Mobile App Development Business.

वर्तमान में जब भारत में भी अधिकतर जनसँख्या के हाथ में स्मार्टफ़ोन उपलब्ध हैं तो ऐसे में Mobile App से शायद ही कोई व्यक्ति अपरिचित होगा । जी हाँ दोस्तों मोबाइल एप्प एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है और इसे मोबाइल फ़ोन, स्मार्टफ़ोन, पीडीए इत्यादि में इस्तेमाल के लिए विकसित किया जाता है। इसका इस्तेमाल आम तौर पर एक निर्धारित समय में विभिन्न गतिविधियों को फ्लेक्सिबिलिटी के साथ संचालन करने के उद्देश्य से किया जाता है। मोबाइल उपयोगकर्ता अपने स्मार्ट फ़ोन में Mobile App को इन्हीं के माध्यम से आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।

वर्तमान में अधिकतर मोबाइल एप्प डेवलपर अपनी एप्प को विकसित कर देने के बाद गूगल प्ले स्टोर एवं एप्पल स्टोर में रजिस्टर कराना पसंद करते हैं क्योंकि इन दोनों के पास मोबाइल एप्प यूजर का एक बहुत बड़ा हिस्सा है। इसके अलावा कुछ डेवलपर स्वयं की वेबसाइट के माध्यम से ही अपने यूजर को अपनी मोबाइल एप्प डाउनलोड करने का ऑफर देते हैं। मोबाइल एप्प एप्लीकेशन बनाने के पीछे कम्पनियों का मुख्य उद्देश्य अपनी सेवा या उत्पाद को दुनिया भर के लोगों को अवगत कराने से है। विभिन्न प्लेटफोर्म पर Mobile app में परिवर्तन करना, डेपलॉय करना और इन्हें बनाये रखना बेहद आसान है, इसलिए इन्हें एप्लीकेशन के इस्तेमाल के प्रमुख फायदों के तौर पर देखा जाता है।

लेकिन इसमें कुछ चुनौतियाँ जैसे प्लेटफार्म इंटीग्रेशन, फ्लेक्सिबिलिटी का नुकसान, सिक्यूरिटी और ग्राहक की पसंद के मुताबिक डिजाईन इत्यादि प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं। वर्तमान समय में दुनिया एवं भारत का रुख डिजिटलीकरण की तरफ बढ़ रहा है और कोडिंग एक लोकप्रिय उपकरण के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा रहा है इसी कोडिंग का एक लोकप्रिय स्वरूप एप्लीकेशन का निर्माण करना है। ऐसे एप्लीकेशन अधिक बनाये जा रहे हैं जो मोबाइल फ़ोन एवं टेबलेट इत्यादि उपकरणों में चलते हैं। आज एक स्मार्टफ़ोन केवल एक एप्प से नहीं बल्कि अनेकों Mobile App से सुसज्जित रहता है, कहने का आशय यह है की वर्तमान में हर स्मार्टफोन यूजर विभिन्न एप्प की एक श्रंखला अपने मोबाइल फ़ोन में इंस्टाल करके रखता है।

भारत की यदि बात करें तो एंड्राइड एप्प सबसे अधिक लोकप्रिय हैं और इनका निर्माण जावा कोडिंग लैंग्वेज और एंड्राइड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट के माध्यम से किया जाता है जो मैक, पीसी या लिनक्स इत्यादि ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलते हैं। इनका उपयोग करने के लिए एक IDE जैसे Eclipse की भी आवश्यकता होती है। एंड्राइड की तरह अन्य मोबाइल प्लेटफार्म भी हैं लेकिन वर्तमान में एंड्राइड, एप्पल आईओएस, विंडोज फ़ोन ही लोकप्रिय प्लेटफार्म की लिस्ट में शामिल हैं। यही कारण है की अधिकतर Mobile App Development  इन्हीं प्लेटफार्म पर केन्द्रित होती है।

Mobile app development business plan hindi
लेख की विषय वस्तु दिखाएँ

सर्विस और इसके अनुप्रयोग

वर्तमान समय की यदि हम बात करें तो Custom Mobile App की मांग निरंतर बढ़ रही है एक विश्वसनीय रिपोर्ट के अनुसार कस्टम मोबाइल एप्प का इस्तेमाल करके प्रति कर्मचारी प्रति हफ्ते लगभग 7.5 घंटे बचाए जा सकते हैं। जिसका अभिप्राय यह है की कस्टम मोबाइल एप्प का इस्तेमाल करके एक हफ्ते में प्रति कर्मचारी की एक दिन की सैलरी बचायी जा सकती है। यही कारण है की 82% से अधिक व्यापारी इस बात को मानते हैं की कस्टम मोबाइल एप्प के इस्तेमाल से उन्हें अतिरिक्त राजस्व कमाई करने में मदद मिली है।

कस्टम मोबाइल एप्प की बात करें तो ये अलग अलग व्यापरियों की व्यवसायिक आवश्यकताओं के अनुसार अलग अलग हो सकते हैं। इस प्रकार की एप्स को व्यापारियों की आवश्यकता के अनुरूप डिजाईन किया जाता है न की किसी विशेष ऑडियंस को संबोंधित करने के लिए। इसलिए इस प्रकार की एप्प व्यापरियों की उनकी व्यवसायिक आवश्यकता को व्यक्तिगत तौर पर पूर्ण करती हैं, यही कारण है की Custom Mobile App Development लगातार गति पकड़ता जा रहा है। और व्यवसायों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प सिद्ध हो रहा है।

औद्योगिक आउटलुक और ट्रेंड (Industry Outlook Of Mobile App):

इसमें कोई दो राय नहीं की Mobile App ने विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में विभिन्न व्यवसायों को बढाने में अपना अहम योगदान दिया है। इसे मार्केटिंग और बिजनेस डेवलपमेंट के विकास हेतु किये जाने वाले प्रयासों का एक विकल्प माना जाता रहा है ।

लेकिन आज यह किसी भी व्यवसाय की एक आवश्यकता बन गई है, वह इसलिए क्योंकि मोबाइल एप्प ब्रांड जागरूकता पैदा करने और बिक्री बढाने में सहायक होती हैं। इन्हीं सब कारणों के चलते मोबाइल एप्प का विकास जोरों शोरों पर है और एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2017 में 250 बिलियन से अधिक फ्री मोबाइल एप्प डाउनलोड की गई थी और आने वाले कई वर्षों तक यह वृद्धि ऐसी ही बनी रहेगी यह भी उम्मीद जताई गई थी।

क्योंकि इन दिनों लगभग सभी तरह के व्यवसाय चाहे वे छोटे हों, मध्यम हों या फिर बड़े हों सभी Custom Mobile App का लाभ उठाते हुए देखे जा सकते हैं, क्योंकि प्रतिस्पर्धा में बने रहने और उत्पादकता बढाने के लिए वर्तमान समय में यह जरुरी हो गया है।

कस्टम मोबाइल एप्प के फायदे  (Benefits of Custom Mobile app in Hindi):

Custom Mobile app के अनेकों फायदे हैं इनमें से कुछ का विवरण निम्नवत है ।

  1. कार्यकुशलता में सुधार – जैसा की हम सब जानते हैं की बिजनेस एप्लीकेशन व्यापारियों की व्यवसायिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं इसलिए ये विभिन्न कार्यों को करने वाले एक व्यापक एप्लीकेशन के तौर पर कार्य करती हैं। चूँकि ये एप्प उद्यमी की कार्यशैली के अनुरूप होते हैं इसलिए ये कर्मचारियों की उत्पादकता एवं कार्यकुशलता में सुधार करने में सहायक होते हैं।
  2. उच्च स्केलबिलिटी प्रदान करते हैं – रेगुलर एप्प की यदि हम बात करें तो इनका निर्माण सिमित संसाधनों और प्रक्रियाओं को सँभालने के उद्देश्य से किया जाता है। लेकिन जब व्यवसाय बढ़ जाता है तो हो सकता है की ये एप्प लोड को सहन नहीं कर पायें। इन्ही सब पैरामीटर को ध्यान में रखकर Custom Mobile app का निर्माण किया जाता है ताकि जरुरत पड़ने पर इन्हें आसानी से बढाया जा सके।
  3. एप्प डाटा की सुरक्षा – सामान्य बिजनेस एप्प की यदि हम बात करें तो इसमें विशेष सुरक्षा सुविधाएँ हो भी सकती हैं और नहीं भी हो सकती हैं। इससे व्यवसायिक डाटा की सुरक्षा जोखिम में पड़ सकती है लेकिन कस्टम मोबाइल एप्प को विशेष सुरक्षा सुविधाओं के साथ निर्मित किया जाता है।
  4. मौजूदा सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत किया जा सकता है – सामान्य बिजनेस एप्स मौजूदा सॉफ्टवेयर के साथ आसानी से कार्य करने में अक्षम भी हो सकते हैं। लेकिन कस्टम मोबाइल एप्प वर्तमान व्यवसायिक सॉफ्टवेयर को ध्यान में रखकर बनाये जाते हैं और इसलिए बिना किसी त्रुटी के अच्छी तरह से मौजूदा सॉफ्टवेयर के साथ एकीकृत हो सकते हैं।

मोबाइल एप्प डेवलपमेंट बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to Start a Mobile App Development Business):

Mobile App Development Business शुरू करने के लिए उद्यमी के पास न सिर्फ एप्लीकेशन डेवलपमेंट की जानकारी होनी चाहिए, बल्कि सेल्स और मार्केटिंग की भी उचित जानकारी होनी चाहिए। कहने का आशय यह है की यदि उद्यमी को मोबाइल एप्प डेवलपमेंट के अलावा मार्केटिंग और सेल्स की भी जानकारी हो तो यह उस व्यवसाय के लिए एक अतिरिक्त फायदा हो सकता है।

इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए भी उद्यमी को ऑफिस के लिए जगह, लाइसेंस एवं पंजीकरण, कर्मचारी, बिजली उपयोगिताओं जैसे यूपीएस, इनवर्टर, जनरेटर इत्यादि की आवश्यकता होती है। आइये जानते हैं की कैसे कोई इच्छुक व्यक्ति खुद का मोबाइल एप्प डेवलपमेंट बिजनेस शुरू कर सकता है।

1. ऑफिस का प्रबंध करें

Mobile App Development बिजनेस शुरू करने के इच्छुक उद्यमी को सबसे पहले अपने व्यवसाय के लिए ऑफिस का निर्माण यानिकी कार्यस्थल का प्रबन्ध करने की आवश्यकता होती है। उद्यमी किसी व्यवसायिक बिल्डिंग में अपने ऑफिस के लिए जगह किराये पर ले सकता है और उसमें फिक्सिंग एवं फर्नीचर का कार्य कम्पलीट करा सकता है । हालांकि छोटे स्तर पर इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को छोटी जगह की आवश्यकता होगी, लेकिन इस तरह का यह बिजनेस किसी महानगर जहाँ सैकड़ों व्यापारी उपलब्ध हों, वहां स्थापित किया जा सकता है।

चूँकि यह सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से जुड़ा हुआ बिजनेस है इसलिए यह किसी प्रकार का प्रदूषण उत्सर्जित नहीं करता है। इसलिए एक ऐसा क्षेत्र जहाँ बिजली, सड़क, कर्मचारियों की उपलब्धता हो वहां पर इस तरह का यह व्यवसाय स्थापित किया जा सकता है।   

2. आवश्यक लाइसेंस एवं पंजीकरण ( Required Registration for Mobile app Development Business)

वैसे उद्यमी चाहे तो अपने व्यवसाय को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर रजिस्टर करके भी शुरू कर सकता है। भारत में कंपनी रजिस्टर करने सम्बन्धी जानकारी के लिए उद्यमी चाहे तो कंपनी रजिस्ट्रेशन पर लिखा यह लेख पढ़ सकता है। लेकिन यदि उद्यमी बहुत सारी औपचारिकताओं से शुरूआती दौर में बचना चाहता है तो वह प्रोप्राइटरशिप के तौर पर अपने Mobile App Development Business को शुरू कर सकता है।

इसके अलावा टैक्स रजिस्ट्रेशन, बैंक में चालू खाता, ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन इत्यादि की आवश्यकता होती है। उद्यमी को अपने व्यवसाय के नाम से एक वेबसाइट बनानी होगी और उसमें अपने सर्विसेज के बारे में विस्तृत तौर पर जानकारी देनी होगी और किसी पेमेंट गेटवे से टाई अप करके या उसका प्लान खरीदकर अपने ग्राहकों को ऑनलाइन पेमेंट करने की सुविधा भी प्रदान करनी होगी।    

3. कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की खरीदारी करें

इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को एक नहीं बल्कि अनेकों कंप्यूटर एवं उससे जुड़ी सामग्री खरीदने की आवश्यकता होगी। ध्यान रहे ख़रीदे जाने वाले कंप्यूटर लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम से सुसज्जित होने चाहिए।

कहने का आशय यह है की Mobile App Development Business शुरू करने के लिए उद्यमी को लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम और हार्डवेयर के साथ चार या पांच कंप्यूटर की आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा एप्लीकेशन डेवलपमेंट के लिए एडवांस्ड सॉफ्टवेयर की भी आवश्यकता होती है। और उद्यमी को नेटवर्क इंस्टालेशन डिवाइस खरीदने की भी आवश्यकता होती है उद्यमी इन्हें किसी भी स्थानीय बाजार से आसानी से खरीद सकता है ।   

4. सॉफ्टवेयर डेवलपर एवं अन्य की नियुक्ति

खुद का Mobile App Development Business शुरू करने के लिए उद्यमी को अनेकों कर्मचारी नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है। इसमें उद्यमी को दो या तीन सॉफ्टवेयर डेवलपर जो विभिन्न लैंग्वेज जैसे पीएचपी, जावा इत्यादि में कोडिंग कर सकें। कम से कम एक कर्मचारी टेक सपोर्ट के तौर पर नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है जो सर्वर डाटा और होस्टिंग को मैनेज कर सके। एक और दो कर्मचारी सेल्स और मार्केटिंग एवं ऑफिसियल डाक्यूमेंट्स के लिए भी नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है। इस प्रकार से उद्यमी को शुरूआती दौर में ही 6-7 कर्मचारी नियुक्त करने की आवश्यकता होती है।     

5. मोबाइल एप्प डेवलपमेंट शुरू करें (Start Development process of Mobile App):

जहाँ तक Mobile App Development का सवाल है इसे विकसित करने के लिए उद्यमी के पास सॉफ्टवेयर डेवलपर उपलब्ध हैं । लेकिन ध्यान रहे एप्लीकेशन को उसके टारगेट कस्टमर को ध्यान में रखकर बनाया जाना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि टारगेट कस्टमर के प्रति स्पष्ट दृष्टी मोबाइल एप्लीकेशन की सफलता की दर को बढ़ाने में सहायक होती है।

ध्यान रहे मोबाइल एप्प निर्माण करने से पहले मोबाइल प्लेटफार्म और उपकरण को हार्डवेयर प्रदर्शन, बैटरी जीवन, असभ्यता और आवश्यक बाह्य उपकरणों के आधार पर चुना जाना चाहिए। इसके अलावा कवरेज, डिवाइस समर्थन, प्रदर्शन और अन्य विशेषताओं का ध्यान भी मोबाइल प्लेटफार्म का चुनाव करते समय रखा जाना अत्यंत आवश्यक है।

प्रश्नोत्तर (FAQ on Mobile App Development Business)

  1. प्रश्न : इस व्यापार को कौन कौन शुरू कर सकता है?

    उत्तर: वैसे देखा जाय तो Mobile App Development Business को ऐसा कोई भी व्यक्ति शुरू कर सकता है जो इस व्यवसाय में आने वाली लागत को वहन कर सके। लेकिन एक ऐसा व्यक्ति जिसे एप्लीकेशन डेवलपमेंट के साथ साथ सेल्स और मार्केटिंग की भी अच्छी जानकारी हो, उसके द्वारा इस व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने की अधिक संभावना होती है।

  2. प्रश्न: इस व्यापार का व्यापारिक मॉडल क्या है?

    उत्तर: व्यापारिक मॉडल की यदि हम बात करें तो उद्यमी इसमें दो तरह के मॉडल पर काम कर सकता है एक अपने ग्राहकों के लिए मोबाइल एप्प का निर्माण, और दूसरा खुद की ऐसी मोबाइल एप्प का निर्माण जो लोगों के एक समूह की समस्या का कोई समाधान करती हो।

  3. प्रश्न : इस व्यवसाय का रेवेन्यु मॉडल क्या होगा?

    उत्तर: जहाँ उद्यमी की टीम अपने ग्राहकों की आवश्यकता के मुताबिक उनके लिए Mobile App का निर्माण कर रही होगी वहाँ पर वे ग्राहकों से डायरेक्ट कमा सकते हैं। और जहाँ पर वे अपनी एप्प बनाकर गूगल प्ले स्टोर, एप्पल स्टोर इत्यादि प्लेटफोर्म पर डाल रहे हों वहाँ पर वे पेड एप्लीकेशन, एप्प फ्रीमियमस, विज्ञापन, सब्सक्रिप्शन, पे पर डाउनलोड इत्यादि के माध्यम से कमाई कर सकते हैं।

  4. प्रश्न : मोबाइल एप्प डेवलपमेंट व्यापार को शुरू करने में कितनी लागत आएगी?

    उत्तर: इस तरह का व्यापार शुरू करने में कितनी लागत आएगी यह इस बात पर निर्भर करेगा की उद्यमी कितने कंप्यूटर, कर्मचारियों और संगठन के कौन से रूप के साथ इसे शुरू करता है। यदि उद्यमी वन पर्सन कंपनी के तौर पर इसे शुरू करता है तो उसे शुरूआती दौर में 7-10 लाख रूपये निवेश करने की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि निवेश की मात्रा समय, स्थिति, लोकेशन इत्यादि के आधार पर अंतरित हो सकती है।

  5. प्रश्न : Mobile App Development Business को सुचारू रूप से कैसे चलायें?

    उत्तर: इस तरह के बिजनेस को सुचारू रूप से चलाने के लिए उद्यमी को अपने ग्राहकों को बिक्री के बाद भी अच्छी सेवा देनी होगी। क्योंकि हो सकता है कोई नॉन तकनिकी व्यक्ति ने उद्यमी से मोबाइल एप्प बनवाई हो, लेकिन अब उसे काफी दिक्कतें आ रही हों, ऐसे में यदि वह व्यक्ति उद्यमी से संपर्क करता है तो उसे जहाँ तक हो सके उसकी मदद अवश्य करनी चाहिए। जिससे लोगों के बीच उद्यमी के व्यवसाय के प्रति विश्वास बढेगा, और वे स्वयं उसके व्यवसाय को गति देने में सहायक होंगे। इसके अलावा टारगेट कस्टमर, सपोर्टेड डिवाइस, मोबाइल प्लेटफॉर्म्स, एप्लीकेशन परफॉरमेंस, मार्केटिंग इत्यादि भी व्यवसाय को प्रभावित करने वाले कारक हैं।  

यह भी पढ़ें