नीम का तेल बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें। Neem Oil Making Business Plan.

नीम के पेड़ से तो आप सभी अच्छी तरह से अवगत होंगे लेकिन हो सकता है की नीम के तेल (Neem Oil) से बहुत कम लोग अवगत हों । जी हाँ दोस्तों हम उसी नीम की बात कर रहे हैं जिसके एक नहीं बल्कि अनेकों औषधीय गुण बताये गए हैं और रोजमर्रा की जिन्दगी में हम इन्हें इस्तेमाल में भी लाते हैं। जैसे शरीर में खाज खुजली होने पर हम पानी में नीम के पत्ते डालकर उस पानी से नहाते हैं तो वहीँ नीम का दातून भी करते हैं।

इसके अलावा भी इसके और भी अनेकों औषधीय उपयोग हैं जिनसे हो सकता है की हम सब अनभिज्ञ हों। लेकिन इसके तेल की यदि हम बात करें तो अह एक अखाद्य तेल है अखाद्य तेल से से हमारा आशय खान- पान में इस्तेमाल न लाये जाने वाले तेल से है। जी हाँ इस तेल का इस्तेमाल हम खाद्य तेल के तौर पर तो नहीं कर सकते लेकिन इस तेल के औषधीय गुणों के चलते इसे विभिन्न समस्याओं का समाधान करने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

नीम का यह तेल नीम के फल और बीजों से बनाया जाता है नीम एक सदाबहार वृक्ष है जो उष्णकटिबंधीय एवं कई अन्य क्षेत्रों में भी पाया जाता है।  यह तेल  नीम के फलों और बीजों से निर्मित एक विशेष उत्पाद है, जिसका इस्तेमाल विभिन औषधीय गुणों के लिए किया जाता है।

इसलिए आज हम इस लेख के माध्यम से नीम का तेल बनाने के बिजनेस के बारे में जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उससे पहले आइये जानते हैं की इसके इस्तेमाल और लाभ क्या क्या हो सकते हैं।

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लोग नीम का तेल क्यों खरीदेंगे

इस बिजनेस को  शुरू करने वाले उद्यमी के दिमाग में यह प्रश्न आना स्वभाविक है की उसके उत्पाद को लोग भला क्यों खरीदेंगे? तो जब भी हमें किसी उत्पाद की उपयोगिता के बारे में बात करनी होती है तो सबसे पहले इसके लाभों के बारे में जान लेना चाहिए। और जब हम उस उत्पाद से होने वाले लाभों के बारे में जान लेते हैं तो हमें अपने आप ही पता चला जाता है की भला लोग उस उत्पाद को क्यों खरीदेंगे। नीम के तेल के इस्तेमाल एवं इससे होने वाले लाभों की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • यह एंटी-एजिंग उत्पादों के लिए एक प्राकृतिक विकल्प तो है ही, इसके अलावा यह मनुष्य की त्वचा को यूवी किरणों से होने वाले नुकसान से भी बचाता है।
  • यह त्वचा में इलास्टिसिटी और मोइस्चर को बढाने और चिकनी झुर्रियाँ, कोलेजन उत्पादन को ठीक करने  के लिए गहराई से प्रवेश करता है और सूखेपन के कारण त्वचा में उभरी दरारों को भी ठीक करता है।
  • यह त्वचा से लाल धब्बों को कम करता है और त्वचा में स्वस्थ चमक लाने में सहायक होता है।
  • यह तेल  त्वचा में कोई चिकने अवशेष छोड़े बिना चिड़चिड़ी त्वचा से रोम छिद्रों को बंद करने का सामर्थ्य रखता है और मुहांसों को ठीक करने का भी एक प्रभावी एजेंट के तौर पर कार्य करता है।
  • यह तेल त्वचा से मुहांसे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करता है, अशुद्धियों को शुद्ध करता है, रोम छिद्रों को बंद करता है और त्वचा को कोमल बनाकर चमक बढ़ाता है।
  • इस तेल में ऐसे घटक भी होते हैं जो फंगल संक्रमण को रोकने का भी कार्य करते हैं।
  • नीम के तेल में कई इन्ग्रीडेंट जैसे वसायुक्त अम्ल, लिमोनोइड, विटामिन ई, ट्राइग्लिसराइड्स, एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम इत्यादि होते हैं।

नीम के तेल का बाजार (Market of Neem Oil)

नीम के तेल की मांग वर्ष 2013 में 503.5 USD मिलियन आंकी गई थी और अनुमान लगाया गया था की वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2020 तक यह 14.8% की CAGR दर से आगे बढेगा। 2020 में भी यह बाजार स्थिर गति से आगे बढ़ते हुए देखा गया और इसके गुणों और वर्तमान समय में इसके बढ़ते उपयोग के चलते भविष्य में इसकी और तीव्र गति से बढ़ने की उम्मीद जताई गई।

चूँकि नीम के तेल  का इस्तेमाल विभिन्न उद्योगों जैसे पर्सनल केयर, फार्मास्यूटिकल, एनिमल फीड और कृषि इत्यादि में किया जाता है इसलिए इसकी मांग में और तीव्र गति से बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। इसके अलावा जैसे जैसे लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है वैसे वैसे वे नीम और इससे उत्पादित उत्पादों का भी महत्व समझ रहे हैं।

इसलिए कहा जा सकता है की इस तेल की बिक्री की अपार संभावनाएं हैं जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की वर्तमान में आर्गेनिक खेती को काफी महत्व दिया जा रहा है, और इस आर्गेनिक खेती में नीम आयल  का इस्तेमाल एक कीटनाशक के तौर पर भी किया जा सकता है। कहने का आशय यह है की नीम के तेल के खरीदार के तौर पर आम आदमी से लेकर किसान और औद्योगिक इकाइयाँ भी हैं इसलिए इसके इस्तेमाल का क्षेत्र बड़ा व्यापक है।

नीम का तेल बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Neem Oil Making Business):

नीम आयलविनिर्माण बिजनेस शुरू करने के लिए भी उद्यमी को वे सभी प्रक्रियाएं करनी होंगी जो किसी अन्य विनिर्माण बिजनेस को शुरू करने के लिए करनी पड़ती हैं। लेकिन इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए सबसे पहले उद्यमी को किसी ऐसी लोकेशन का चुनाव करना अत्यंत आवश्यक है जहाँ नीम के पेड़ अधिक हों या यूँ कहें जहाँ व्यवसायिक तौर पर लाभ प्राप्त करने के लिए नीम की खेती या नीम के पेड़ उगाये गए हों।

क्योंकि नीम का तेल बनाने के लिए प्रमुख कच्चे माल के तौर पर नीम के बीज या फिर फल चाहिए होते हैं और ये नीम के पेड़ों से ही प्राप्त हो सकते हैं। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई इच्छुक व्यक्ति खुद का नीम आयल उत्पादन करने का प्लांट  शुरू कर सकता है।

उपयुक्त लोकेशन का चयन करें

वैसे तो हम उपर्युक्त वाक्य में भी स्पष्ट कर ही चुके हैं की इस बिजनेस  को सिर्फ ऐसे एरिया में ही शुरू किया जाना उचित और लाभकारी हो सकता है जहाँ नीम के पेड़ों की अधिकता हो। या वहां के लोगों द्वारा व्यवसायिक लाभ प्राप्ति के लिए जान बुझकर नीम के पेड़ों को उगाया हो, यदि आप ऐसे ही किसी क्षेत्र से हैं तो नीम का तेल बनाने का व्यवसाय आपकी जिन्दगी बदलने वाला निर्णय हो सकता है।

वह इसलिए क्योंकि यह एक ऐसा उत्पाद है जिसकी मांग बहुत अधिक है और जब कच्चा माल उचित दरों पर मिल जाए तो उद्यमी को अपने उत्पाद को प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पर भी बाजार में उतारने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली है। इसलिए नीम का तेल बनाने के लिए उपयुक्त लोकेशन वही है जहाँ पर उद्यमी को कच्चा माल उचित दामों पर आसानी से प्राप्त हो सके।    

जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करें

एक औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए उद्यमी को विनिर्माण स्थल के लिए जगह, इन्वेंटरी रूम के लिए जगह, बिजली आपूर्ति उपयोगिताओं जैसे जनसेट इत्यादि के लिए जगह और ऑफिस स्थापित करने के लिए जगह की आवश्यकता होती है। इस प्रकार से देखे तो इस व्यापार को शुरू करने के लिए उद्यमी को 700-900 Square Feet जगह की आवश्यकता हो सकती है।

उद्यमी चाहे तो खुद की गैर कृषि योग्य भूमि पर कंस्ट्रक्शन कार्य शुरू करवा सकता है या फिर कोई बिल्डिंग किराये पर लेकर भी इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर सकता है। बिल्डिंग का किराया और जमीन की कीमत शहर, नगर इत्यादि के आधार पर अलग अलग हो सकती है।    

वित्त का प्रबंध करें

उद्यमी के पास अपने व्यवसाय के लिए वित्त का प्रबंध करने के लिए अनेकों स्रोत जैसे किसी सरकारी योजना के तहत सब्सिडी ऋण, बैंक ऋण, नाते रिश्तेदारों या अपनी व्यक्तिगत बचत से वित्त का प्रबंध इत्यादि विकल्प मौजूद हैं।

लेकिन कितने वित्त का प्रबंध करना है यह बात उद्यमी को उसके व्यवसाय की प्रोजेक्ट रिपोर्ट से ही पता चल पायेगी, इसलिए यह  बिजनेस करने की इच्छा रखने वाले उद्यमी को चाहिए की वह अपने व्यवसाय की एक व्यवहारिक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैया करे और उसी के अनुसार वित्त का भी प्रबंध करे।  

लाइसेंस और पंजीकरण प्राप्त करे

नीम आयल प्लांट  शुरू करने के लिए उद्यमी को निम्नलिखित लाइसेंस और पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है।

  • प्रोप्राइटरशिप, पार्टनरशिप या कम्पनी के तौर पर रजिस्ट्रेशन।
  • जीएसटी रजिस्ट्रेशन।
  • फैक्ट्री और ट्रेड लाइसेंस।
  • बैंक में व्यवसाय के नाम से चालू खाता।
  • कॉस्मेटिक एवं ड्रग एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन।
  • उद्यम पोर्टल रजिस्ट्रेशन।
  • ब्रांड नाम और ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन।  

मशीनरी कच्चे माल की खरीदारी करें

इस तेल का विनिर्माण करने में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी और उपकरणों की लिस्ट प्लांट की उत्पादन क्षमता के आधार पर अंतरित हो सकती है लेकिन एक औसत क्षमता वाला प्लांट स्थापित करने में मशीनरी को खरीदने में आने वाला खर्चा 5-6 लाख रूपये हो सकता है।

इसलिए उद्यमी को मशीनरी की खरीदारी करने से पहले विभिन्न सप्लायर से कोटेशन मंगाकर उनसे नेगोशिएसन करके फाइनल रेट मंगाकर उनका तुलनात्मक विश्लेषण करना चाहिए और उसके बाद रेट और अन्य शर्तों को आधार मानकर किसी अच्छे सप्लायर का चुनाव करना चाहिए। इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली प्रमुख मशीनरी और उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है।

  • आयल एक्सपेलर
  • कुकिंग केतली
  • फ़िल्टर प्रेस
  • बायलर
  • इलेक्ट्रिक मोटर
  • आयल डेकोरटीकेटर
  • केज सेट, फ़िल्टर क्लॉथ सेट
  • वी बेल्ट, पाइपलाइन इत्यादि  

तेल के  निष्कर्षण या विनिर्माण के लिए कच्चे माल की बात करें तो इसमें प्रयुक्त होने वाला प्रमुख कच्चा माल नीम का बीज है। नीम का बीज एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है जिसे नीम के पेड़ से प्राप्त किया जाता है यह अपने कीटनाशक गुणों के लिए जाना जाता है यही कारण है लोग इसे दातून के लिए भी इस्तेमाल में लाते हैं। नीम के बीज के अलावा कुछ केमिकल की भी आवश्यकता होती है जिनकी लिस्ट इस प्रकार से है।

  • लिनोलिक एसिड
  • ओलेक एसिड
  • पामिटिक एसिड
  • स्टीयरिक अम्ल    

नीम के तेल का विनिर्माण शुरू करें   

नीम के तेल का नीम के बीजों से एक्सट्रैक्शन अनेकों पद्यतियों से किया जा सकता है। कहने का आशय यह है की उद्यमी चाहे तो कोल्ड प्रेस प्रक्रिया के माध्यम से भी नीम के तेल का निष्कर्षण कर सकता है। एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें 40 डिग्री सेल्सियस और 50 डिग्री सेल्सियस पर तापमान को नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है। और इससे उत्पादित नीम के तेल को कोल्ड प्रेस्ड नीम का तेल कहा जाता है।  

इसके अलावा साल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्रक्रिया के माध्यम से भी नीम के बीजों से नीम के तेल का निष्कर्षण किया जा सकता है हालांकि साल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्रक्रिया के माध्यम से निकाला गया तेल कोल्ड प्रेस्ड प्रक्रिया की तुलना में कम गुणवत्तायुक्त होता है। साल्वेंट एक्सट्रैक्शन प्रक्रिया में नीम केक एक उप- उत्पाद होता है जिसका इस्तेमाल कृषि में होता है एक आंकड़े के मुताबिक नीम के बीजों से 20-25% तक तेल निकाला जा सकता है।

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