टिश्यू पेपर [Paper Napkin] बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें |

Paper napkin Making business की बात करें, तो Starting में इसे 2-5 लोगों द्वारा small scale पर आसानी से क्रियान्वित किया जा सकता है। Tissue paper यानिकी Napkins वर्तमान में एक ऐसी वस्तु बन गई है जिसका उपयोग सर्वत्र जैसे रेस्टोरेंट, ढाबा, रेहड़ी, ऑफिस कैंटीन, वाशरूम लगभग सभी जगहों पर होने लगा है। Paper napkin Making business start करने के लिए अन्य बिज़नेस के मुकाबले Manpower की भी कम आवश्यकता होती है।

जहाँ तक पेपर नैपकिन बनाने वाली मशीन का सवाल है यह 4-5 लाख तक की कीमत में बाज़ार में आसानी से उपलब्ध है, जो की इस Business को Start करने में आने वाला मुख्य और सबसे बड़ा खर्चा है। जो उद्यमी वर्तमान में Paper Napkin Making Business कर रहे हैं उनके मुताबिक  Electricity Cut एवं Skilled Manpower न मिलना उनकी प्राथमिक समस्याएं है, लेकिन इन समस्याओं के बावजूद फिर भी वे अपने बिज़नेस को नई बुलंदियों तक ले जाने के लिए प्रयत्नशील हैं ।

कुछ कंपनिया जो Tissue paper making machine बनाती और बेचती हैं, वे उद्यमियों को इसको Operate करने की Training भी देती हैं। इसके अलावा यदि उद्यमी चाहे तो राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC) Incubation Training Program join करके भी training ले सकता है।

Paper napkin Making business

Paper Napkin बनाने का व्यापार क्या है:

Paper Napkin से तो आप अवगत ही होंगे, अगर नहीं हैं तो यह जान लें की Paper napkin को आप tissue paper का एक टुकड़ा कह सकते हैं, जिसका उपयोग हाथ एवं मुहँ पोछने या साफ़ करने के लिए किया जाता है। कई प्रकार से उपयोग में लाये जाने के कारण Paper Napkins खान पान से समबन्धित व्यवसाय में अधिक प्रचलित थे ।

लेकिन वर्तमान में इनकी उपयोगिता के मद्देनज़र इन्हें हर जगह जैसे ऑफिस, होटल ढाबों, घरों, स्कूल कॉलेजों में भी उपयोग में लाया जाने लगा है | अभी इनका मुख्य रूप से use सभी प्रकार की कैंटीनों और हर प्रकार के वाशरूम में किया जाता है | Paper Napkin making business से हमारा आशय किसी उद्यमी द्वारा Kamai करने की उस प्रक्रिया से है, जब वह इनको बनाकर Market में बेच रहा होता है | अर्थात Paper Napkins का व्यवसायिक रूप से निर्माण करना ही Paper napkin Making business कहलाता है |

पेपर नैपकिन की बिकने की संभावना

Paper Napkins नामक यह Product जहाँ पहले केवल खान पान के व्यवसाय में उपयोग में लाया जाता था, और dining table पर ही अधिकतर तौर पर दिखता था | वर्तमान में लोगों के खान पान और जीवनशैली में हो रहे परिवर्तन के कारण इसको किसी ऑफिस के बॉस की working table और washroom में भी जगह मिल गई | अब यह जरुरी नहीं है की होटल ढाबों  या फिर कोई रेहड़ी पर ही आपको Tissue Paper देखने को मिलेंगे |

आप किसी भी ऑफिस के वाशरूम में चले जाइये किसी कंपनी के बॉस के केबिन में चले जाइये, या फिर किसी भी ऑफिस की कैंटीन में चले जाइये आपको यह Napkin नामक वस्तु दिखाई ही दिखाई देगी |

इन्ही सब बातों से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं, की Paper Napkin Making business के लिए Indian Market में क्या संभावनाएं हैं | Pizza hut, domino’s food sector की इत्यादि बड़ी कंपनियां तो अपने नाम से Customized paper Napkins का निर्माण कराती हैं इसलिए उद्यमी के पास किसी ऐसी ही बड़ी कंपनी के साथ बिज़नेस करने के भी अवसर बराबर विद्यमान हैं |

टिश्यू पेपर (Paper Napkin) बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें:

वैसे Paper napkin making business start करने से पहले उद्यमी को चाहिए की वह उन उद्यमियों से मिले जो पहले से ही इस व्यवसाय को करके अपनी Kamai कर रहे हों | ताकि उद्यमी को और कुछ पता चले न चले इस बिज़नेस को चलाने में आने वाली कठिनाइयों इत्यादि के बारे में तो पता चल ही जायेगा |

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की Tissue paper making machine खरीदते वक्त Suppliers से एक बात अवश्य पूछ लेनी चाहिए की क्या वह मशीन Operate करने की Training उद्यमी को देगा, इसके अलावा उद्यमी चाहे तो NSIC Incubator training program भी Join कर सकता है |

1. Paper Napkin बिजनेस के लिए लोकेशन चयन करें :

Location selection करते वक्त खास तौर पर उद्यमी को कच्चे माल की उपलब्धता का बेहद ध्यान रखना होगा, चूँकि कच्चे माल के तौर पर उद्यमी को Tissue paper 21 GSM चाहिए होगा | इसलिए इसकी उपलब्धता और सम्बन्धित क्षेत्र में इसकी कीमत का विश्लेषण करना अनिवार्य है | यदि उद्यमी Paper napkin making business ग्रामीण इलाके से Start करना चाहता है तो, उसे कच्चे माल कम कीमत पर खरीदना होगा क्योंकि Paper napkins के अंतिम ग्राहक ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरों में अधिक होते हैं |

इसलिए यदि उद्यमी उच्च कीमत पर कच्चा माल खरीदेगा तो उसकी Manufacturing cost बढ़ सकती हैं,  और उत्पाद को अंतिम ग्राहक तक पहुँचाने में उसके उत्पाद की कीमत अन्य बाज़ार में उपलब्ध उत्पादों की तुलना में अधिक हो सकती है, जो की इस प्रतिस्पर्धात्मक बाज़ार के अनुरूप नहीं होंगी |

वैसे उद्यमी चाहे तो Manpower cost इत्यादि के माध्यम से Manufacturing cost में संतुलन बनाये रख सकता है क्योंकि शहरों के मुकाबले गाँव में worker कम मजदूरी पर मिल जाते हैं |इसलिए उद्यमी चाहे ग्रामीण इलाके में Location Selection करे, या फिर शहरों में | आधारभूत सुविधायें जैसे बिजली, पानी, सड़कें इत्यादि होनी ही होनी चाहिए |
Read: How to select a good location for business in Hindi.

2. बिजनेस शुरू करने के लिए जगह किराए पर लें

चूँकि उद्यमी को Starting में एक Tissue paper making machine से Start करना चाहिए, इसलिए शुरूआती दौर में कोई भी दुकान यानिकी 8-10 हज़ार rent वाली Shop भी चलेगी, जिसमे इतनी जगह मिल जाय की उद्यमी मशीन के अलावा कच्चा माल एवं तैयार माल भी रख सके | और एक टेबल अपने नित्य प्रतिदिन के लेन देन का लेखा जोखा रखने के लिए भी लगा सके |

और जैसे जैसे उद्यमी का बिज़नेस बढ़ने लगे वह मशीन एवं जगह दोनों बढ़ा सकता है | जगह किराये पर लेते वक्त एक बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए की अधिकारिक कामों में जुबान नहीं, अपितु दस्तावेज मांगे जाते हैं | इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह जगह किराये पर लेते वक्त Rent Agreement बनवा ले, ताकि उसी address पर वह अपने Paper Napkin Making business को रजिस्टर करा सके |

3. Paper Napkin Business के लिए लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन प्राप्त करें :

यद्यपि India में Paper Napkin बनाने का काम Unorganized Sector के द्वारा भी किया जाता है, लेकिन वर्तमान में MSME को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार ने अनेक योजनायें जैसे Single point registration Scheme इत्यादि शुरू की हैं |

अब उद्यमी को चाहिए की वह अपने बिज़नेस को Starting में Proprietorship या One Person Company के अंतर्गत Registrar of companies में पंजीकृत कराकर, नगर निगम एवं जिला उद्योग केंद्र जैसी स्थानीय निकाय से संपर्क करके पता करे, की उसे यह बिज़नेस करने के लिए क्या क्या औपचारिकतायें पूरी करनी होगी, राज्य के Pollution Control Department से NOC लेना भी समझदारी पूर्ण निर्णय हो सकता है  |

इसके अलावा उद्यमी को अपने Business के लिए PAN/TAN इत्यादि के लिए भी आवेदन करना पड़ सकता है | उद्यमी चाहे तो उद्योग आधार में भी अपने बिज़नेस को पंजीकृत करा सकता है |

4. एक बिजनेस प्लान तैयार करें

Business चाहे कोई भी हो, उसके लक्ष्य एवं उनकी पूर्ति हेतु उठाये गए क़दमों का समय समय पर मूल्यांकन होना जरुरी होता है | कल्पना कीजिये की एक लक्ष्यविहीन मनुष्य जो लगातार चलता जा रहा है चलता जा रहा है उसे पता ही नहीं है की उसे जाना कहाँ है, का क्या हाल होगा | Business Plan के बिना भी बिज़नेस का यही हाल होता है, चाहे बिज़नेस सफल हो रहा हो या असफल हो रहा हो |

लेकिन इसके अभाव में उद्यमी यह पता लगाने में पशोपेश में पड़ जाता है की आखिर उसका बिज़नेस जा कहाँ रहा है, और उसे कौन से जरुरी कदम उठाने की आवश्यकता है | इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह Paper Napkin making business के लिए  छमाही या वार्षिक आधार पर बिज़नेस प्लान बनाये, और समय समय पर उसका विश्लेषण करता रहे जरुरी हो तो उचित निर्णय भी ले |  Read : How to make an effective business plan in Hindi

5. आवश्यक मशीनरी और उपकरण खरीदें

Paper Napkin Making business में मुख्य रूप से काम आने वाली मशीन नैपकिन बनाने वाली मशीन ही है | जो एक दिन में लगभग 1200-1500 Napkins बनाने का सामर्थ्य रखती है, इस प्रकार की मशीन अलग आकार, भार एवं कीमत पर बाज़ार में उपलब्ध हैं | इसके अलावा उद्यमी को Testing equipment, Hand tools इत्यादि भी खरीदने पड़ सकते हैं | Machinery Suppliers से machine operate करने की Training के बारे में अवश्य बात करनी चाहिए |

6. कर्मचारी नियुक्त करें (Hire Workers):

Starting में Paper Napkin making business एक Skilled worker, दो Unskilled worker, 1 Pantry cum peon एवं एक Supervisor रखकर Start किया जा सकता है | इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह किसी अनुभवी जो इस व्यवसाय में या फिर किसी और Manufacturing unit में पहले भी काम कर चुके हों का चयन कर उन्हें काम पर रखे |

यद्यपि यदि उद्यमी के पास बजट की कमी है तो वह Fresher जिनमे सीखने की ललक हो को भी काम पर रखकर Machine operate करने की Training देकर अपनी फैक्ट्री में प्रोडक्शन शुरू करा सकता है ,  |
Read: How to make an effective budget plan

7. मार्केटिंग करें और टिश्यू पेपर बेचें

शुरूआती दिनों में स्थानीय बाज़ार की मांग को ध्यान में रखकर ही Production एवं Marketing की जाय तो बेहतर साबित हो सकता है | शुरूआती दिनों में किसी Retailer या Whole-seller को अपना प्रोडक्ट बेचना काफी कठिनाइयों से भरा हुआ होता है, क्योकि वे पहले से ऐसे उत्पाद को बेच रहे होते हैं जो Brand बाज़ार में पहले से उपलब्ध है  | 

अपने Area के होटल ढाबों एवं कार्यालयों में जहाँ आपको लगता है की Paper napkins का ज्यादा उपयोग होता हो उनके पास जाएँ और उन्हें अपने प्रोडक्ट की गुणवत्ता एवं कीमत के बल पर रिझाने का प्रयास करे | भले ही मुफ्त में Demo देना पड़े तो दें | क्योकि एक बार आपके प्रोडक्ट की गुणवत्ता एवं कीमत लोगों को भा गई तो समझ लेना की आपके Paper napkin Making business को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता |

जैसा की हमने पहले भी कहा है अब भी कह रहे हैं शुरुआत में इतनी कठिनाइयाँ आएँगी की हो सकता है आपका पूरा माल बेचकर whole-seller या Retailer payment देने में आनाकानी करते रहें | अपनी प्रोडक्ट की और सफल मार्केटिंग के लिए आप विभिन्न मार्केटिंग के तरीकों का उपयोग कर सकते हैं |
Read: Best techniques for marketing in Hindi

Paper Napkin business कर रहे उद्यमी को स्थानीय लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित करने में अपना योगदान अवश्य देना चाहिए | क्योंकि Paper Napkins बनाने में लगने वाला Raw Material (कागज़) पेड़ों की लुगदी से बनाया जाता है, पेड़ जीव मात्र के लिए अहम् हैं इसलिए हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए की हमें सिर्फ पेड़ काटने ही नहीं है, बल्कि जितना हो सके लगाने भी है तभी व्यवस्थित ढंग से दुनिया चल पायेगी |

दुनिया के बाजारों में लगातार बढ़ रही है टिश्यू पेपर की माँग

जैसा की हम सब जानते हैं की देश में छोटे छोटे उद्यमों को स्थापित करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रधानमन्त्री मुद्रा योजना के तहत ऋण भी प्रदान किये जा रहे हैं । सिर्फ मुद्रा योजना ही नहीं बल्कि कई अन्य योजनाएँ भी हैं, जिनके तहत छोटे बिजनेस को स्थापित करने के लिए आर्थिक मदद दी जाती है।

Paper Napkin भी एक ऐसा ही उत्पाद है, जिसकी माँग समय के साथ वैश्विक बाज़ारों में बढती जा रही है । यूरोपीय एवं ठन्डे जलवायु के देशों में तो टिश्यू पेपर का इस्तेमाल पहले से ही बहुत अधिक हो रहा था। लेकिन अब भारत में भी इसका इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है।

यही कारण है की जो उद्यमी वर्तमान में Paper Napkin बनाने का बिजनेस कर रहे हैं। वे इस व्यवसाय से अच्छी खासी कमाई कर भी रहे हैं।

देश में इस उत्पाद की बढती खपत के चलते और निर्यात के लिए भी पूर्ण अवसर होने के कारण, यदि आप चाहें तो अपना खुद का Paper Napkin बनाने का प्लांट स्थापित कर सकते हैं। और अच्छी बात यह है की अन्य व्यवसायों की तुलना में इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने में लागत भी कम आती है।

Paper Napkin Making Machine खरीदने में कितना खर्चा आएगा

यदि आप नहीं जानते हैं, तो आपको बता देना चाहेंगे की इंडियामार्ट एवं ट्रेड इंडिया इत्यादि ऐसे प्लेटफॉर्म भी हैं। जहाँ पर आप कच्चे माल और मशीनरी के सप्लायर की लिस्ट और इनकी कीमत भी देख सकते हैं। इंडियामार्ट पर मौजूद एक सप्लायर के अनुसार Paper Napkin बनाने के लिए दो तरह की मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है।

इनमें पहली मशीन सेमी आटोमेटिक है, यह आटोमेटिक मशीन की तुलना में सस्ती होती है। एक ऐसी सेमी आटोमेटिक Paper Napkin बनाने वाली मशीन जिसमें एक घंटे में 100/500 पीस का उत्पादन किया जा सकता है। उसकी कीमत लगभग 5 लाख रूपये बताई गई है।

जबकि दूसरी आटोमेटिक मशीन जिसकी प्रति घंटा उत्पादन क्षमता 2000/2500 रोल बताई गई है, उसकी कीमत 11-12 लाख रूपये है। इसलिए यह पूरी तरह उद्यमी पर निर्भर करता है की, वह अपने बिजनेस के लिए कौन सी मशीन का इस्तेमाल करता है।

कमाई कितनी होगी  

जानकारी के मुताबिक Paper Napkin का छोटा प्लांट स्थापित करके, जिस प्लांट की क्षमता एक साल में लगभग 1.50 लाख किलोग्राम के टिश्यू पेपर बनाने की होगी। उसका सालाना टर्नओवर एक करोड़ रूपये से भी अधिक हो सकता है। क्योंकि बाज़ार में टिश्यू पेपर को 65 रूपये या इससे अधिक प्रति किलो के हिसाब से आसानी से बेचा जा सकता है।

हालांकि हम सब जानते हैं की टर्नओवर का मतलब यह बिलकुल नहीं है की आप एक साल में एक करोड़ से अधिक पैसे कमाएंगे । बल्कि एक करोड़ के टर्नओवर में आप साल में 9-10 लाख रूपये सारे खर्चों को निकालकर बचा सकते हैं।   

क्या कहीं से आर्थिक मदद या ऋण मिलेगा?

देखिये आपकी प्रोजेक्ट कास्ट का 100% ऋण तो आपको कोई भी नहीं देगा। इसलिए सबसे पहले आपको यह जानना चाहिए की आप अपने Paper Napkin Business के लिए खुद से कितना फण्ड एकत्रित कर सकते हैं। यदि आप इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन करना चाहते हैं।

तो आपके पास लगभग 3.5 लाख रूपये स्वयं की पूँजी होनी चाहिए, उसके बाद ही कोई बैंक या वित्तीय संस्थान आपको इस योजना के तहत 3.10 लाख रूपये तक का टर्म लों और 5.30 लाख रूपये तक का वर्किंग कैपिटल लोन प्रदान कर पाएगा।

यह भी पढ़ें

Leave a Comment