माइक्रोसॉफ्ट सह संस्थापक बिल गेट्स की जीवनी और सफलता की कहानी।

क्या आप माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक की सफलता की कहानी (Success story of Bill Gates) के बारे में जानने को उत्सुक हैं। अमेरिका ही नहीं दुनिया के सबसे प्रसिद्ध बिजनेसमैन में बिल गेट्स का नाम शामिल है । और एक बार वे लम्बे समय तक इस दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति भी रह चुके हैं।

वर्तमान में बिल गेट्स को एक बिजनेस लीडर, टेक्नोलॉजिस्ट और परोपकारी के व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। वह इसलिए क्योंकि यह अपनी कमाई का कुछ हिस्सा परोपकार के कार्यों में खर्च करते रहते हैं। कहा जाता है की बिल गेट्स अमेरिका, वाशिंगटन के सिएटल में एक ऐसे परिवार में पले बढे हैं। जिन्होंने बचपन से ही इनकी कंप्यूटर के प्रति रूचि को प्रोत्साहित करने का काम किया था।

बिल गेट्स की बचपन से ही कंप्यूटर के प्रति विशेष रूचि थी, और इसमें उन्हें अपने परिवार का भी भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ। परिवार ने समय समय पर कंप्यूटर के प्रति उनकी इस रूचि को प्रोत्साहित किया, जिसका नतीजा यह हुआ की कॉलेज के समय उन्होंने अपने दोस्त पॉल एलन के साथ माइक्रोसॉफ्ट खुद की कम्पनी शुरू करने के लिए कॉलेज तक छोड़ दिया ।

कहने का आशय यह है की कंप्यूटर के प्रति उनकी रूचि को जूनून में बदलने में उन्हें अपने परिवार का भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ। आज बिल गेट्स बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के माध्यम से समाज से कमाई हुई सम्पति को समाज के कार्यों में ही दान देने का काम कर रहे हैं। इसलिए ये बिजनेसमैन के साथ साथ परोपकारी व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल हैं ।

success story of bill gates
Image: Success story of Bill Gates

बिल गेट्स का संक्षिप्त परिचय

प्रख्यात नामबिल गेट्स
पूरा नामविलियम हेनरी गेट्स III
जन्मस्थानसीएटल. वाशिगटन, अमेरिका
जन्म तारीख28, अक्टूबर, 1955 (उम्र 67 वर्ष)
उच्च शिक्षा प्राप्त कीहार्वर्ड यूनिवर्सिटी (ड्रापआउट)
व्यवसायबिजनेसमैन
किसके लिए जाने जाते हैंमाइक्रोसॉफ्ट की स्थापना के लिए
परोपकारी फाउंडेशन का नामबिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन
पत्नी का नाममेलिंडा फ्रेंच (1994 में शादी, 2021 में तलाक)
वैवाहिक स्थितितलाकशुदा
बच्चे कितने हैं
पिताजी का नामविलियम हेनरी गेट्स सीनियर
माताजी का नाममैरी मैक्सवेल
वेबसाइट का नामGatesnotes.com

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बिल गेट्स का प्रारम्भिक जीवन   

बिल गेट्स का जन्म सीएटल, वाशिंगटन, अमेरिका में 28 अक्टूबर 1955 को हुआ था। इनके पिता का नाम विलियम हेनरी गेट्स सीनियर था जो एक लॉयर थे। और इनकी माताजी का नाम मैरी मैक्सवेल गेट्स था जिन्होंने फर्स्ट इंटरस्टेट बैंक सिस्टम और यूनाइटेड वे ऑफ़ अमेरिका जैसे संगठनों में बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की भूमिका निभाई थी।

कहते हैं की जब बिल गेट्स सात साल के थे तो तब सीएटल के सैंड पॉइंट इलाके में जिस घर में ये परिवार के साथ रहते थे वह बवंडर के चलते क्षतिग्रस्त हो गया था।

यद्यपि अपने प्रारम्भिक जीवन में गेट्स को ऐसा महसूस हुआ की उनके माता पिता चाहते हैं की वे अपना करियर लॉ में बनाएँ, वह इसलिए क्योंकि इनके पिताजी खुद एक लॉयर थे। यह भी कहा जाता है की गेट्स का शारीरिक विकास उनके उम्र के मुताबिक नहीं हुआ था जिससे उनके सहपाठी एवं दोस्त उन्हें इस बात को लेकर चिढाते थे ।

जिससे वे कभी कभी तंग हो जाते थे लेकिन उनका परिवार इस स्थिति में उन्हें सांत्वना देता था।

टेक्नोलॉजी के प्रति लगाव

कहते हैं की पूत के पाँव पालने में ही दिख जाते हैं, बिल गेट्स का भी टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर के प्रति झुकाव बचपन से ही था । इसलिए १३ साल की उम्र में जब उन्होंने एक प्राइवेट स्कूल लेकसाइड प्रेप में दाखिला लिया, तो उसी समय उन्होंने अपना पहला सॉफ्टवेयर प्रोग्राम लिखा था।

और इनके बारे में यह भी कहा जाता है की इसी स्कूल में पढ़ते वक्त जब वे कक्षा आठवीं में पढ़ रहे थे तो उन्होंने अपनी पिछली कक्षाओं की कॉपी किताबों की रद्दी को बेचकर जो पैसे प्राप्त किये उससे उन्होंने टेलेटाइप मॉडल 33 एएसआर टर्मिनल और एक जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) कंप्यूटर में ब्लाक खरीदने के लिए किया था।

उन्होंने इसी मशीन में अपना पहला प्रोग्राम टिक टैक टो लिखा था जो उपयोगकर्ताओं को कंप्यूटर पर गेम खेलने की सुविधा प्रदान करता था । उस समय बिल गेट्स को ये सब एक चमत्कार लगता था की मशीन सॉफ्टवेयर कोड को पूरी तरह से निष्पादित करके एकदम सही परिणाम कैसे पेश कर देती हैं। यही कारण है की इसके प्रति उनकी जिज्ञासा और रूचि बढती रही।

गेट्स और उनके साथी विद्यार्थियों ने स्कूल प्रसाशन से डीईसी पीडीपी मिनीकंप्यूटर पर काम करने के लिए समय माँगा था। इनमें से एक सिस्टम का नाम PDP-10 जिसमें गेट्स और उनके कई मित्रों पॉल एलन, रिक वेईलैंड और केंट इवास को ऑपरेशन सिस्टम में बग एक्सप्लॉइट करते हुए पकड़ा गया था, उसके बाद इन लोगों को इस सिस्टम में काम करने के लिए गर्मियों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया।

पैसे कमाने के लिए लेकसाइड प्रोग्राम्स क्लब का गठन किया

उसके बाद इन चार छात्रों ने पैसे कमाने के लिए लेकसाइड प्रोग्राम्स नामक एक क्लब का गठन किया था। जब इन पर उस सिस्टम में काम करने का प्रतिबंध हट गया तो उसके बाद इन्होने कंप्यूटर सेण्टर कारपोरेशन (CCC)  के सॉफ्टवेयर में बग खोजने की पेशकश शुरू की। इस काम को करने के लिए गेट्स ने टेलेटाइप का इस्तेमाल न करके, इस कंपनी के कार्यालय में जाकर फोरट्रान, लिस्प एवं मशीन भाषा को मिलाकर सिस्टम पर चलने वाले बहुत सारे प्रोग्राम के सोर्स कोड का अध्यन किया।

और इस तरह का यह काम  कंप्यूटर सेण्टर कारपोरेशन के साथ तब तक जारी रहा, जब तक 1970 में कंपनी ने अपना बिजनेस समेट नहीं लिया।

इसके अगले साल लेकसाइड के ही एक अध्यापक ने गेट्स और इवांस को अपने स्कूल के क्लास शेड्यूलिंग सिस्टम को ऑटोमेट करने की जिम्मेदारी दी, और बदले में उन्हें कंप्यूटर के लिए समय और रॉयल्टी प्रदान की जाने की पेशकश की । इन दोनों ने इस प्रोग्राम को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत की, लेकिन दुर्भाग्यवश गेट्स के सहपाठी इवांस की एक पर्वतारोहण दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

हालांकि गेट्स के लिए यह दुःख असहनीय था, लेकिन उन्हें इस प्रोग्राम को पूरा भी करना था, इसके लिए वे अपने सहपाठी एलन को लेकर फिर से इस प्रोग्राम को पूरा करने के काम में जुट गए।

बिल गेट्स एक अव्वल छात्र थे

हालांकि बिल गेट्स के बारे में अक्सर लोग यह कहते हैं की वे कॉलेज ड्रॉपआउट हैं। इसलिए लोगों की उनके प्रति धारणा यह बन जाती है की वे कम पढ़े लिखे हैं। जबकि सच्चाई यह है की गेट्स बचपन से ही पढने में बहुत होशियार थे, और यही कारण था की जब उन्होंने 1973 में लेकसाइड स्कूल से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी तो तब वे एक नेशनल मेरिट स्कॉलर थे। कहा यह जाता है की एक टेस्ट स्कोलास्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (SAT) में उन्होंने कुल 1600 अंकों में से 1590 अंक प्राप्त किये थे।

इन्होने मात्र 17 साल की उम्र में ट्राफ-ओ-डेटा नाम से अपने साथी एलेन के साथ अपना एक उद्यम स्थापित कर दिया था, जो इंटेल 8008 प्रोसेसर पर आधारित ट्रैफिक काउंटर बनाने के लिए था। उसके बाद 1973 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था, और दो साल बाद अपनी पढाई बीच में ही छोड़ दी थी।

गेट्स ने हार्वर्ड कॉलेज में भी एक अल्गोरिदम तैयार किया था, उसके बाद वे लगातार पॉल एलन के संपर्क में रहे । वर्ष 1975 में Intel 8080 CPU के आधार पर MITS Altair 8800 को जारी किया गया था, ऐसे में इन दो नवयुवकों को लगा की अब उन्हें खुद की सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू करनी चाहिए।

और यही कारण रहा की उन्हें हार्वर्ड की पढाई को बीच में हीओ छोड़ना पड़ा, और जब उन्होंने अपने खुद की कंपनी शुरू करने की बात अपने माता पिता से की, तो उन्होंने भी उनकी इस बात का पूरा समर्थन किया।

हालांकि आज जब बिल गेट्स से उनके इस निर्णय के बारे में पुछा जाता है तो उनका यही कहना होता है की उन्होंने उस समय हार्वर्ड की पढाई को पूरी तरह नहीं छोड़ा था, बल्कि वे ऐसा मानते हैं की उन्होंने वहाँ से छुट्टी ली थी। और उनका यह भी कहना था की अगर उस वक्त चीजें उनकी सोच के मुताबिक काम नहीं करती, तो वे फिर से अपनी पढाई ज्वाइन कर सकते थे।

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माइक्रोसॉफ्ट का उद्य (Success story of Bill Gates in Hindi)

कहते हैं की गेट्स ने जनवरी 1975 में प्रकाशित पॉपुलर इलेक्ट्रॉनिक्स का एक लेख पढ़ा था जिसमें Altair 8800 के बारे में बताया गया था। उसके बाद इन्होने इसकी कंपनी माइक्रो इंस्ट्रूमेंटेशन एंड टेलीमेट्री सिस्टम्स (MITS) को संपर्क किया और उन्हें सूचना दी की वे और उनके मित्र उस प्लेटफोर्म के लिए एक आधारभूत इंटरप्रेटर बनाने पर काम कर रहे हैं । लेकिन हकीकत यह थी की वे इस पर कोई काम नहीं कर रहे थे, लेकिन वे इस पर MITS की रूचि जानना चाह रहे थे।

लेकिन भाग्यवश MITS के अध्यक्ष एड रोबर्ट्स उनसे मिलने के लिए सहमत हो गए, और कुछ हफ़्तों में ही इन्होने एक अल्टेयर एमुलेटर विकसित कर दिया था जो मिनीकंप्यूटर पर चलता था। और अच्छी बात यह थी की उनके द्वारा विकसित किये गए इस एमुलेटर का प्रदर्शन MITS के कार्यालय अल्बुकर्क, न्यू मैक्सिको में आयोजित कराया गया था, और यह उसे पसंद आया, और उसके बाद अल्टेयर बेसिक को वितरित करने के लिए एलन का MITS के साथ एक सौदा हुआ था।

बिल गेट्स ने इसी प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए 1975 में हार्वर्ड की पढाई छोड़ दी थी, उसके बाद गेट्स और एलन ने 26 नवम्बर वर्ष 1976 में अपनी कंपनी Microsoft के नाम से पंजीकृत की थी । इन्होने अपनी कंपनी के पहले कर्मचारी के तौर पर अपने हाई स्कूल के सहपाठी रिक वीलेंड को रखा था।

उसके बाद इन्होने अपने बिजनेस में कभी मुड़कर नहीं देखा और यही कारण था की बिल गेट्स जो हार्वर्ड से छुट्टी लेकर आए थे, उसके बाद कॉलेज ज्वाइन करने कभी वापस नहीं गए।

आईबीएम के साथ साझेदारी

उस समय कंप्यूटर उपकरणों के क्षेत्र में IBM मार्किट लीडर हुआ करता था। वर्ष 1980 में आईबीएम ने माइक्रोसॉफ्ट से उसके आगामी व्यक्तिगत कंप्यूटर के लिए सॉफ्टवेयर हेतु संपर्क किया। लेकिन कहा यह जाता है की जब आईबीएम ने माइक्रोसॉफ्ट से उनके कंप्यूटर के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में बात की तो गेट्स ने उन्हें उस समय चलने वाले CP/M ऑपरेटिंग सिस्टम की निर्माता कंपनी डिजिटल रिसर्च से संपर्क करने की सलाह दी।

लेकिन आईबीएम की डिजिटल रिसर्च से बात नहीं बन पाई। उसके बाद आईबीएम के प्रतिनिधि जैक सैम्स ने गेट्स के साथ मीटिंग करके उनसे यह जानने की कोशिश की, की क्या उनकी कंपनी उनके लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित कर सकती है। कुछ सप्ताह बाद एलन और गेट्स ने आईबीएम को 86 DOS का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया था जिसे सिएटल कंप्यूटर प्रोडक्ट्स के टिम पैटर्सन ने ऐसे ही हार्डवेयर के लिए बनाया था जो कंप्यूटर में इस्तेमाल में लाया जाता है ।

इस समय माइक्रोसॉफ्ट अपने आपको 86 DOS का एजेंट के तौर पर पेश कर रहा था। लेकिन बाद में जब माइक्रोसॉफ्ट ने टिम पैटर्सन को अपने कर्मचारी के तौर पर नियुक्त कर दिया, तो वह इसका स्वामी हो गया। और उसके बाद उसने PC DOS को $50,000 वन टाइम फीस लेकर IBM को प्रदान कर दिया।

हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं की इस समझौते में माइक्रोसॉफ्ट ने आईबीएम से कोई मोटी फीस नहीं वसूली थी, लेकिन उस समय के कंप्यूटर उपकरणों में मार्किट लीडर के कंप्यूटर में अब माइक्रोसॉफ्ट का ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल होने वाला था, यही बात माइक्रोसॉफ्ट को एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में तब्दील करने वाली थी।

उसके बाद माइक्रोसॉफ्ट में MS DOS बनाया जिसे न केवल IBM को बल्कि अन्य ग्राहकों को भी बेचा गया । वर्ष 1981 में जब माइक्रोसॉफ्ट का पुनर्गठन हुआ, तो तब बिल गेट्स को कंपनी का अध्यक्ष और पॉल एलन को उपाध्यक्ष बनाया गया। लेकिन बाद में पॉल एलन को एक बीमारी हॉजकिन लिंफोमा हो गई थी जिसका वर्ष 1983 में उपचार कर दिया गया था, इसी वर्ष पॉल एलन ने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी छोड़ दी थी। उसके बाद औपचारिक रूप से गेट्स और एलन की बिजनेस पार्टनरशिप को समाप्त कर दिया गया था।

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माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की उत्पति

माइक्रोसॉफ्ट ने 20 नवम्बर 1985 को माइक्रोसॉफ्ट विंडोज नाम का अपना पहला रिटेल प्रसंस्करण लांच किया था । यह इस तरह से बनाया गया था की कोई भी इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकता था, यही कारण है की इस ऑपरेटिंग सिस्टम ने बहुत कम समय में ही उपयोगकर्ताओं को अपने कब्जे में ले लिया था। जब तक गेट्स माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ बने रहे तब तक विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम डॉस पर ही आधारित था।

लेकिन गेट्स के सीईओ पद छोड़ने के एक साल बाद कंपनी ने विंडोज XP एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित किया जो डॉस पर आधारित नहीं था। वर्तमान में विंडोज को दसवां वर्जन विंडोज 10 चल रहा है।

बिल गेट्स का व्यक्तिगत जीवन

दुनिया के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक बिल गेट्स को पढने का शौक है, उन्होंने अपने घर पर ही एक लाइब्रेरी बनाई हुई है, जिसकी छत पर बैठकर उन्हें पढ़ना अच्छा लगता है। इसके अलावा वे विभिन्न खेलों को जैसे ब्रिज, टेनिस और गोल्फ खेलने में भी रूचि रखते हैं।

वर्तमान में गेट्स एक तलाकशुदा व्यक्ति हैं, इन्होने 1 जनवरी 1994 को मेलिंडा फ्रेंच से शादी की थी। कहा जाता है की इनकी मुलाकात तब हुई थी जब मेलिंडा ने 1987 में माइक्रोसॉफ्ट में काम करना शुरू किया था। बिल गेट्स और मेलिंडा के तीन बच्चे जेनिफर, रोरी और फोबे हैं। 2 अगस्त 2021 को इनका इनकी पत्नी के साथ तलाक हो गया है। इनकी सफलता की कहानी (Success story of bill gates) अभी भी जारी है।  

FAQ (सवाल/जवाब)   

बिल गेट्स की सम्पति कितनी है?

US $10320 करोड़

बिल गेट्स के बच्चों का क्या नाम है?

जेनिफर, रोरी और फोबे बिल गेट्स के तीन बच्चे हैं।  

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