बीन बैग बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? प्रक्रिया, खर्चा, लाइसेंस, कमाई।

बीन बैग बनाने का व्यापार (Bean Bag Making Business) हो सकता है की आपके लिए नया बिजनेस हो । लेकिन यदि आप किसी शहर से हैं तो यह प्रोडक्ट आपके लिए नया नहीं होगा। बल्कि आपने कई ऑफिस, घरों इत्यादि में बीन बैग चेयर का इस्तेमाल होते हुए बखूबी देखा होगा । आपको क्या लगता है की इस तरह के ये बीन बैग केवल आरामदायक और एर्गोनोमिक हैं? ये खूबियाँ तो इनमें हैं ही, लेकिन इन खूबियों के अलावा ये मनोरंजक, रोमांचक और अन्य फर्नीचर के मुकाबले सस्ती भी होती हैं।

शायद यही कारण है की वर्तमान में कई रंगों एवं डिजाईन के आकर्षक बीन बैग हमें बाज़ारों में दिखाई देते हैं । हालांकि कौन सा बीन बैग किस कीमत का होगा यह तय करने के लिए इनकी डिजाईन और रंग से ज्यादा यह बात महत्वपूर्ण होती है की बीन बैग को बनाने में कौन सी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। और बीन बैग के अन्दर जो मनकों की फिलिंग की जाती है वह कौन सी की जा रही है।

जैसा की आजकल हम देखते हैं की घरों और ऑफिस में परम्परागत फर्नीचर की तुलना में आधुनिक फर्नीचर का इस्तेमाल बढ़ गया है। और आधुनिक फर्नीचर के तौर पर बीन बैग का इस्तेमाल भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। क्योंकि इन ढीले ढाले बीन बैग का इस्तेमाल करना बहुत आसान होता है, और एक आम कुर्सी की तुलना में इनमें बैठना ज्यादा आरामदायक भी होता है ।

बीन बैग के मनकों (Beads) के तौर पर मानव निर्मित प्लास्टिक जिसे एक्सट्रूडेड पॉलीस्टाइनिन (EPS) नामक सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। यह मानव निर्मित प्लास्टिक सामग्री कुछ हद तक स्टायरोफोम के जैसी ही होती है । इस सामग्री की खासियत यह होती है की यह हलकी और लम्बे समय तक अपने आकार को बनाये रखने में सक्षम होती है यही कारण है की सबसे सस्ती बीन बैग बनाने के इस्तेमाल में इसी सामग्री (EPS) का इस्तेमाल किया जाता है।

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Image: Bean Bag Making Business
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बीन बैग के उपयोग और बाज़ार    

बीन बैग का इस्तेमाल ऑफिस एवं घरों में आधुनिक कुर्सियों के तौर पर किया जाता है। चूँकि इनके अन्दर इस्तेमाल होने वाली सामग्री हवा भरकर बनी हुई होती है । इसलिए आम तौर पर ये सामान्य कुर्सियों की तुलना में ज्यादा आरामदायक होती हैं ।

चूँकि भारत में इनका अविष्कार हुए बहुत ज्यादा समय नहीं हुआ है, यही कारण है की लोग इन्हें अपने ऑफिस और घरों में आधुनिक फर्नीचर के तौर पर इस्तेमाल में ला रहे हैं। अच्छी बात यह है की यह बाज़ार में अनेकों रंग, डिजाईन और शेप में उपलब्ध हैं, इसलिए इच्छुक व्यक्ति इन्हें अपने मौजूदा फर्नीचर से मेल खाते हुए रंग और डिजाईन में भी खरीद सकता है।

भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ी जनसँख्या वाला देश है और यहाँ पर अभी भी एक बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही है । लेकिन इस आबादी में से हर साल एक बड़ी जनसँख्या ऐसे लोगों की है जिनके जीवन में बदलाव के कारण वे गरीबी रेखा से ऊपर उठ रहे हैं। इसी के चलते उनकी जीवनशैली में बदलाव हो रहे हैं ।

और इस जीवनशैली में फर्नीचर का महत्व क्या है इससे तो आप अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। कहने का आशय यह है की भारत में यह तो बीन बैग के इस्तेमाल का शुरूआती चरण है। अभी अधिकतर जनता तो इसके उपयोग और कीमत के बारे में तक नहीं जानती हैं । लेकिन इतना जरुर है की आधुनिक फर्नीचर में इसका इस्तेमाल इसलिए भी बढ़ता जा रहा है क्योंकि इसकी कीमत भी तुलनात्मक रूप से कम है।

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बीन बैग बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to start Bean Bag Making Business in India):  

बीन बैग बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए इच्छुक उद्यमी को कई तरह की प्रक्रियाओं से होकर गुजरने की आवश्यकता हो सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं की बीन बैग का इस्तेमाल आधुनिक फर्नीचर के तौर पर किया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में अज भी लोग इस प्रोडक्ट से अंजान हो सकते हैं। ऐसे में इच्छुक उद्यमी को इस तरह का यह बिजनेस शहरी जनता को ध्यान में रखकर ही शुरू करना चाहिए । तो आइये जानते हैं की कोई इच्छुक व्यक्ति इसे कैसे शुरू कर सकता है।       

परियोजना रिपोर्ट तैयार करें

आप चाहें तो अपने इस बिजनेस की पूरी व्यापारिक योजना भी तैयार कर सकते हैं। लेकिन यदि आप पूरा बिजनेस प्लान तैयार नहीं भी करना चाहते तो आपको अपना यह बिजनेस (Bean Bag Making) शुरू करने के लिए इसमें आने वाली अनुमानित लागत के बारे में तो पता होना ही चाहिए, ताकि आप उसी के आधार पर पैसों का प्रबंध कर पायें ।

एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट में आपके प्रस्तावित परियोजना की लगभग सभी डिटेल्स जैसे प्रोडक्ट क्या है? उसके उपयोग हैं? मार्किट में उसके बिकने की संभावना क्या है? कौन कौन सी ऐसी बातें हैं जो उस प्रोडक्ट की माँग बढ़ने के संकेत देती हैं? परियोजना को संचालित करने के लिए कितनी जमीन, कर्मचारियों, लाइसेंस रजिस्ट्रेशन इत्यादि की आवश्यकता होगी ।

यही नहीं पैसों का प्रबंध कहाँ से होगा? कच्चे माल की उपलब्धता, मशीनरी और उपकरणों की लिस्ट और कीमत उस पूरी परियोजना को शुरू करने में आने वाली अनुमानित लागत और अनुमानित कमाई का भी ब्यौरा होना चाहिए। यदि परियोजना जटिल नहीं है तो उद्यमी इसे खुद भी तैयार कर सकता है। लेकिन यदि परियोजना जटिल है तो उसे इसे इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से बनवाना चाहिए।

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पैसों का प्रबंध करें

किसी भी बिजनेस को धरातल पर शुरू करने के लिए जो सबसे अहम् और मुख्य उपकरण होता है वह पैसा या वित्त होता है। बिना पैसों के किसी का भी कोई बिजनेस आईडिया मूर्त रूप नहीं ले पाता है । इसलिए जब आप बीन बैग बनाने के बिजनेस के लिए अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर लेते हैं, तो आपको इस बात का पता लग जाता है की आपके इस बिजनेस को शुरू करने में कितना खर्चा होने वाला है।

यही कारण है की अब उद्यमी का अगला कदम इस बिजनेस के लिए वित्त का प्रबंध करने का होना चाहिए। वैसे देखा जाय तो बीन बैग बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को बहुत अधिक पैसों की आवश्यकता नहीं होती है। इस पूरी परियोजना की लागत लगभग ₹8 लाख तक हो सकती है ।

इस ₹8 लाख का इंतजाम उद्यमी चाहे तो अपनी बचत से बचत से पैसे कम पड़ रहे हों, तो बाकी पैसों का प्रबंध अपने पारिवारिक सदस्यों , दोस्तों, रिश्तेदारों इत्यादि से भी कर सकता है । इन अनौपचारिक स्रोतों से पैसे एकत्रित करने का फायदा यह होता है की हो सकता है की ये लोग आपको बिना ब्याज के कुछ समय के लिए ऋण दे दें ।

लेकिन यदि उद्यमी इन स्रोतों से भी पैसों का प्रबंध नहीं कर पा रहा है तो फिर उसे औपचारिक स्रोतों जैसे बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों से ऋण के लिए आवेदन करना चाहिए । लेकिन उससे पहले सरकार द्वारा शुरू की गई किसी सब्सिडी योजना के बारे में भी जानकारी अवश्य जुटा लें।    

जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करें

जब आप किसी उत्पाद को बनाने की फैक्ट्री स्थापित कर रहे होते हैं, तो उस परिसर में आपको सिर्फ विनिर्माण करने के लिए या मशीनरी इंस्टाल करने के लिए जगह नहीं चाहिए होती है। बल्कि आपको कच्चे माल और उत्पादित माल को स्टोर करने के लिए स्टोर रूम बनाने, सिक्यूरिटी रूम बनाने, पोलिशिंग एरिया और एक छोटा सा ऑफिस स्थापित करने के लिए भी जगह की आवश्यकता हो जाती है।

ऐसे में उद्यमी को कुल मिलाकर 1200 से 1500 वर्गफीट जगह की आवश्यकता हो सकती है। जरुरी नहीं है की उद्यमी किसी महंगी या भीड़ भाड़ वाली जगह में या फिर किसी महंगी इंडस्ट्रियल एरिया में ही इस बिजनेस के लिए जगह या बिल्डिंग का प्रबंध करे। बल्कि उद्यमी चाहे तो शहर से थोड़ी दूर किसी सस्ती जगह पर कोई बनी बनाई बिल्डिंग किराये पर या लीज पर भी ले सकता है। यहाँ पर हम किराया ₹25000 प्रति महीने मान के चल रहे हैं।      

आवश्यक लाइसेंस और पंजीकरण कराएँ

भारत में क़ानूनी रूप से कोई भी बिजनेस शुरू करने के लिए विभिन्न लाइसेंस और पंजीकरणों की आवश्यकता होती है। उद्यमी को बीन बैग बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए जिन लाइसेंस और पंजीकरणों की आवश्यकता हो सकती है, उनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • सर्वप्रथम अपने बिजनेस को प्रोप्राइटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म, वन पर्सन कंपनी, हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि में से किसी एक तहत रजिस्टर कराएँ।
  • टैक्स रजिस्ट्रेशन के तौर पर जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कराएँ।
  • अपने व्यवसाय के नाम से पैन कार्ड बनाएँ और बैंक में चालू खाता खोलें ।
  • लोकल अथॉरिटी जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस प्राप्त करें।
  • अपने बिजनेस को फैक्ट्री अधिनियम के तहत रजिस्टर कराएँ।
  • एमएसएमई योजनाओं का फायदा लेने के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन कराएँ।
  • यदि बीन बैग को अपने ब्रांड नाम के साथ बेचना चाहते हैं तो ब्रांड नाम की सुरक्षा के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कराएँ ।       

मशीनरी और कच्चा माल खरीदें

इस बिजनेस में इस्तेमाल में लाये जाने वाले मशीनरी और कच्चे माल को खरीदने से पहले , उद्यमी को चाहिए की वह कम से कम ५ विक्रेताओं से इनकी कोटेशन मंगा ले, और फिर इन कोटेशन का तुलनात्मक विश्लेषण करने के बाद कोई तीन कोटेशन को कंसीडर करके, वेंडर से सर्विस और कीमत में नेगोशियेशन करे। उसके बाद जो नई कीमतें वेंडर्स द्वारा प्रदान की गई है उनका विश्लेषण करके अपने बिजनेस के लिए कोई अच्छे सप्लायर का चुनाव करें।  

बीन बैग बनाने में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी की लिस्ट

  • फैब्रिक कटिंग के लिए कटर दो कटर की आवश्यकता हो सकती है, एक कटर की कीमत लगभग ₹40000 हो सकती है, तो दो कटर की कीमत लगभग ₹80000 होगी।
  • डबल सुई वाली ओवरलॉक मशीन एक की कीमत ₹55000 हो सकती है तो चार मशीन की कीमत लगभग ₹220000 हो सकती है ।
  • बीन बैग फिलिंग मशीन जिसकी कीमत लगभग ₹75000 हो सकती है।
  • अन्य उपकरण जिनकी कीमत लगभग ₹50000 हो सकती है ।

इस तरह से देखें तो एक ऐसा प्लांट जिसकी उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 50 बीन बैग बनाने की है, लेकिन शुरुआत के प्रथम वर्ष में 30% उत्पादन के साथ प्लांट शुरू करना है तो ऐसे में उद्यमी को मशीनरी और उपकरणों पर लगभग ₹425000 खर्चा करने की जरुरत हो सकती है।

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बीन बैग बनाने के लिए कच्चे माल की लिस्ट  

  • फैब्रिक जिससे बीन बैग तैयार किये जाएँगे
  • ईपीएस पालीस्ट्रीन बीड्स जिन्हें बीन बैग के अन्दर भरा जाएगा
  • लॉक और ज़िपर्स
  • निशान लगाने डिजाईन बनाने के लिए रूलर और पेन्सिल

कर्मचारियों की नियुक्ति करें

इस बिजनेस को अच्छे ढंग से संचालित करने के लिए उद्यमी को निम्नलिखित कर्मचारियों को काम पर रखने की आवश्यकता हो सकती है।

  • मशीन चलाने वाले दो मशीन ऑपरेटर की आवश्यकता हो सकती है।
  • दो कुशल और अकुशल श्रमिक चाहिए होते हैं।
  • कम से कम तीन हेल्पर की जरुरत हो सकती है ।
  • कम से कम एक अकाउंटेंट कम सुपरवाईजर चाहिए हो सकता है।
  • एक सेल्स मैन की आवश्यकता होती है।
  • रात को एक सिक्यूरिटी गार्ड की भी आवश्यकता हो सकती है ।    

कुल मिलाकर शुरूआती दौर में ही उद्यमी को इस बिजनेस (Bean Bag Making Business) को अच्छे ढंग से संचालित करने के लिए 9-10 कर्मचारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है ।   

बीन बैग बनाना शुरू करें      

उपर्युक्त बताई गई मशीनरी को कच्चे माल से बीन बैग बनाने की प्रक्रिया कोई जैकेट या गारमेंट सिलने जैसा ही आसान होता है। हालांकि यदि आप उपर्युक्त बताई गई मशीनरी की मदद से बीन बैग के निर्माण की प्रक्रिया जानना चाहते हैं तो आप जिन विक्रेताओं से इन्हें खरीद रहे हैं, उन्हें इस प्रक्रिया का प्रशिक्षण देने के लिए भी कह सकते हैं ।

आम तौर पर मशीनरी और कच्चा माल विक्रेता इनसे बीन बैग तैयार करने की प्रक्रिया को बताने के लिए फ्री प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराते हैं, जिसमें आप या आपके कर्मचारी प्रतिभाग कर सकते हैं। बीन बैग बनाने की संक्षिप्त प्रक्रिया का वर्णन इस प्रकार से है।

  • उपयुक्त कच्चा माल खरीद लिया जाता है।
  • उसके बाद बीन बैग बनाने के लिए सामग्री तैयार की जाती है ।
  • उसके बाद जिस फैब्रिक से बीन बैग बनना है उसकी कटिंग की जाती है।
  • उसके बाद डिजाईन के अधर पर उसे सिल दिया जाता है।
  • अब बीन बैग में फिलिंग प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है।
  • फिलिंग करने के बाद इस पर चेन और सेफ्टी लॉक लगाये जाते हैं।
  • उसके बाद बीन बैग को अच्छी तरह से साफ़ कर दिया जाता है, जिससे यह बेचने के लिए तैयार हो जाता है।         

बीन बैग बनाने का बिजनेस शुरू करने में आने वाली लागत

अन्य मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़े व्यवसायों की तुलना में बीन बैग बनाने के बिजनेस में कम खर्चा आता है । लेकिन फिर भी आने वाला खर्चा पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी एक दिन में लगभग कितने बीन बैग का उत्पादन करना चाहता है। जैसे हम यहाँ पर मान के चल रहे हैं की यदि कोई उद्यमी एक दिन में 50 बीन बैग उत्पादन क्षमता का प्लांट लगा रहा है, तो उसे इस व्यवसाय को स्थापित करने में निम्न मदों पर खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है।

  • मशीनरी और उपकरणों पर आने वाली लागत लगभग ₹4.25 लाख है ।
  • तीन महीने का यदि हम 25000 प्रति महीने के हिसाब से किराया मान के चलें तो यह ₹75000 होता है।
  • फर्नीचर फिक्सिंग इत्यादि पर आने वाला खर्चा ₹70000 मान के चल सकते हैं ।
  • अन्य कार्यकारी लागत जैसे सैलरी, कच्चा माल, बिजली पानी इत्यादि बिल्स का खर्चा ₹3 लाख मान के चल सकते हैं ।

इस प्रकार से देखें तो बीन बैग बनाने का बिजनेस शुरू करने में आने वाली कुल लागत लगभग ₹8.7 लाख रूपये होती है ।

बीन बैग बनाने का बिजनेस शुरू करने से कितनी कमाई होगी

बीन बैग बनाने के बिजनेस से होने वाली कमाई भी इसी बात पर निर्भर करती है की उद्यमी अपनी फैक्ट्री द्वारा उत्पादित सभी बीन बैग को बेच पाने में सफल हो पाता है या नहीं। और वह अपने बीन बैग को किस कीमत पर मार्किट में बेचता है। हालांकि यदि उद्यमी चाहता है की इस प्रतिस्पर्धा के माहौल में वह टिका रहे, तो उसे अपने बीन बैग की प्रतिस्पर्धात्मक कीमत तय करनी होगी।

इस तरह की कीमत निर्धारित करने के लिए उद्यमी को अपने प्रॉफिट में से कुछ हिस्से का ग्राहकों को सीधे फायदा देना पड़ता है। लेकिन इतना जरुर ध्यान रखना होता है की निर्धारित कीमत लागत से एक निश्चित प्रतिशत में अधिक होनी ही चाहिए। इस तरह की रणनीति को अपनाकर भी उद्यमी इस बिजनेस (Bean bag making Business) से प्रथम वर्ष में ही ₹3 लाख तक का शुद्ध लाभ अर्जित कर सकता है।    

FAQ (सवाल/जवाब)

उत्पादित बीन बैग को कहाँ बेच सकते हैं?

आम तौर पर लोग बीन बैग खरीदने आधुनिक फर्नीचर की दुकानों में जाते हैं, आप फर्नीचर की दुकानों एवं बाज़ार में उपस्थित अन्य स्टोरों को इन्हें बेच सकते हैं।

बीन बैग बिजनेस के लिए मशीनरी और उपकरण कहाँ से खरीदें?

इस तरह के उत्पाद को बनाने में उपयोग होने वाले सभी मशीनरी और उपकरण भारत के बड़े शहरों में आसानी से मिल जाते हैं। उद्यमी चाहे तो ऑनलाइन भी मशीन और उपकरण विक्रेताओं के बारे में ढूंढ सकते हैं।

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