वनीला की खेती कैसे शुरू करें? (प्रक्रिया, जलवायु, खर्चा, कमाई, रिस्क)

क्या सच में वनीला का उत्पादन वनिला की खेती (Vanilla Farming) के माध्यम से होता है? कई लोग यह सोचते होंगे की वनिला कोई खेत में उगाने वाली चीज न होकर किसी फैक्ट्री में बनने वाली कोई विशेष सुगन्धित खाद्य वस्तु होगी। वह शायद इसलिए क्योंकि आपने वनिला फ्लेवर का और कुछ खाया हो या फिर न खाया हो, आइसक्रीम तो अवश्य खाई होगी। जी हाँ आम तौर पर वनिला फ्लेवर की आइसक्रीम इंडिया में ही नहीं वैश्विक तौर पर काफी फेमस है।    

लेकिन क्या आप जानते हैं की भारत में भी वनीला की खेती की जाती है, और इससे किसान अच्छा खासा मुनाफा भी कमा सकते हैं। यदि आप एक किसान है, तो आप अपनी अधिक कमाई करने के लिए वनिला की खेती शुरू कर सकते हैं।

हालांकि इस खेती को लेकर आपके दिमाग में कई सारे प्रश्न जैसे इस खेती के लिए उपयुक्त जलवायु क्या है? उपयुक्त मिटटी क्या होती है? बीज की बुआई की प्रक्रिया है ? एक एकड़ में इस तरह की खेती करने की लागत क्या होती है? इसकी फसल कितने समय में परिपक्व होती है? इत्यादि कई सारे प्रश्न होंगे।

इसलिए आज इस लेख के माध्यम से हम इन सभी प्रश्नों का सटीक उत्तर प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं।

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Image : Vanilla Farming Business
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वनीला क्या होता है?

वनिला और कुछ नहीं वनीला आर्किड पौधे का एक फल है, यह गहरे भूरे सेम की फली के रूप में पौधों में बढ़ता है। इस तरह के ये पौधे उष्णकटिबंधीय जलवायु में उगाये जाते हैं। यही कारण है की इसकी खेती मॉरीशस, मेक्सिको, युगांडा, इंडोनेशिया, टोंगो इत्यादि कई देशों में बड़े पैमाने पर की जाती है।

भारत में आम तौर पर वनिला को आइसक्रीम बनाने के सामान्य इस्तेमाल के तौर पर देखा जाता है। लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ आइसक्रीम बनाने में नहीं, बल्कि सॉस, सिरप, पेय पदार्थ एवं कई तरह की मिठाई बनाने में स्वाद बढ़ाने और खुसबू फ़ैलाने के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।

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वनीला की खेती कैसे करें (How to start Vanilla Farming in India):

चूँकि वनिला की फलियों का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्रियों में स्वाद जोड़ने के लिए किया जाता है। इसलिए वैनिला एक महंगी फसल है यदि आप इसकी खेती करना चाहते हैं तो आप उसके लिए नीचे दी गई जानकारी अवश्य चाहते होंगे।  

वनीला की खेती के लिए जलवायु

जैसा की हम बता चुके हैं की वनिला की खेती उष्णकटिबंधीय जलवायु में की जा सकती है। इसका मतलब यह है की वनिला फलियों को विकसित होने के लिए गरम और नमी वाले मौसम की आवश्यकता होती है। इसके अलावा इस फसल को साल में 150 से 350 सेमी. बारीश की भी आवश्यकता हो सकती है।

वनीला की खेती के लिए 25®C से 34®C का तापमान आदर्श माना जाता है। यद्यपि इस फसल को 45% से ज्यादा शेड की आवश्यकता होती है, लेकिन फिल्टर्ड लाइट के तहत इसे अच्छे से उगाया जा सकता है। जिन क्षेत्रों में वनिला उत्पादन के लिए जलवायु अनुकूल नहीं होती वहां पर शेड हाउस बनाकर इस तरह की खेती की जा सकती है ।

वनीला की खेती के लिए मिटटी कैसी चाहिए?

वनीला की खेती करने के लिए मिटटी में जैविक सामग्री की आवश्यकता अधिक होती है। और इसके उत्पादन के लिए ढीली और भुरभुरी मिटटी को अच्छा माना जाता है। यानिकी यदि आप चाहते हैं की वनिला की खेती से वनिला की फलियों का उत्पादन अच्छा हो तो ढीली और भुरुभुरी मिटटी में जैविक सामग्री की मात्रा बढानी पड़ेगी ।

इस तरह की खेती के लिए मिटटी का Ph स्तर 6.5 से 7.5 तक मेंटेन करने के लिए मिटटी से पानी की निकासी जरुरी हो जाती है। भारत में पश्चिमी घाटों के क्षेत्र को वनिला की खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है क्योंकि यहाँ पर उपलब्ध मिटटी में जैविक सामग्री की प्रचुरता के साथ नमी भी होती है।

वनीला की खेती के लिए खेत की तैयारी

खेत में पिछली फसल के जो भी अवशेष बच जाते हैं उन्हें खेत से हटाने और खेत की मिटटी को भुरभुरी करने के लिए कई बार जुताई की आवश्यकता हो सकती है । मिटटी को इस तरह से तैयार किया जाना चाहिए की मिटटी में पानी रुकने न पाय और पानी की अच्छी निकासी हो सके।

यदि जहाँ पर आप यह खेती (Vanilla Farming) कर रहे हैं आपको लगता है की वहाँ पर जैविक पदार्थों की कमी है, तो आप उस खेत में जैविक खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं।

चूँकि वनिला की बेल होती है जिस पर वनिला की फलियाँ लगती हैं इसलिए इस बेल को फैलने के लिए सपोर्ट की जरुरत होती है। आप लकड़ी या फिर लोहे के पिलर इत्यादि से इन्हें सपोर्ट देकर फैलने में इनकी सहायता कर सकते हैं। तभी वनिला की फलियों का उत्पादन अच्छा हो पाएगा।

वनीला की खेती कितने समय की होती है

वनीला के पौधों को उगाने में 8 से 10  महीनों का समय लग जाता है, यही नहीं जब प्लांटिंग किये हुए लगभग तीन वर्ष पूरे हो जाते हैं उसके बाद जनवरी और फरबरी के महीनों में इस बेल से फूल आना शुरू होते हैं। कहा यह जाता है की फूल आने के समय से एक दो महीने पहले यानिकी दिसम्बर से ही इसकी सिंचाई बंद कर देनी चाहिए।

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वनीला के बीजो की बुआई कैसे की जाती है

यदि आप वनिला की खेती शुरू करना चाहते हैं तो आप यह जानने के भो इच्छुक अवश्य होंगे की इसकी खेतों में बुआई कैसे की जाती है। इसकी बुआई के दो तरीके हैं एक तरीका यह है की आप इसके बीज को खेत को तैयार करके बुआई कर दें, लेकिन इस प्रक्रिया में बड़ा लम्बा समय लग जाता है। और बुआई के लगभग तीन साल बाद बेलों पर फूल आना शुरू होते हैं।

दूसरा तरीका यह है की इसकी स्वस्थ बेल को काटकर रोपाई के माध्यम से रोपाई की जाय, इस प्रक्रिया में बेलों से फूल आने की प्रक्रिया जराँ जल्दी शुरू हो जाती है । यही कारण है की इस खेती के लिए इस तरीके को ही पसंद किया जाता है।

वनीला का बीज कहाँ मिलेगा?

यदि आप पहली बार वनीला की खेती करने पर विचार कर रहे हैं, और जानना चाहते हैं की आपको इस तरह की खेती को करने के लिए बीज या फिर इसकी बेल कहाँ मिलेगी । तो आपको बता देना चाहेंगे की भारत के कई राज्यों में लघु और सीमान्त किसानों द्वारा वनिला की खेती की जा रही है।

इसमें भारत के केरल राज्य का एर्नाकुलम जिला इसके उत्पादन के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन आज भी यहाँ पर प्राकृतिक वनिला का उत्पादन किया जाता है। इसलिए आप चाहें तो यहाँ से भी इसका बीज मँगा सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे यह एक महंगी फसल है इसलिए अपनी सारी रिसर्च करने के बाद ही कोई उचित कदम उठाएँ।

वनीला की खेती से उत्पादित बीजों को कहाँ बेचते हैं

वनीला के बीजों का इस्तेमाल स्वाद बढ़ाने और इसकी खुशबु के चलते कई तरह के खाद्य पदार्थों में किया जाता है। यही कारण है की बाज़ारों में इसकी माँग हमेशा बनी रहती है। वनिला के बीजों के लिए घरेलू बाज़ार में ही संभावनाएँ नहीं है, बल्कि गुणवत्ता वाले वनिला के बीजों को बाहर देशों को ओर निर्यात भी किया जा सकता है।

यद्यपि महंगी फसल होने के कारण और भारत में हर जगह इसका उत्पादन न होने के कारण इसके लिए हर जगह स्थापित बाज़ार तो उपलब्ध नहीं है। लेकिन इसकी माँग देशी, विदेशी बाज़ारों में बहुत अधिक है।

वनीला की खेती के लिए श्रमिको की आवश्यकता

वनीला की खेती करने के लिए कृषि मजदूरों की आवश्यकता होती है। हालांकि यह आवश्यकता स्थायी नहीं है, यानिकी जैसे खेत की तैयारी के समय, बुआई के समय, निराई गुड़ाई पिलर खड़े करते समय, हार्वेस्टिंग के समय अलग अलग चरणों में कृषि मजदूरों की आवश्यकता हो सकती है।

और किस चरण पर कितने कृषि मजदूरों की आवश्यकता होगी, यह इस बात पर निर्भर करेगा की आप किस स्तर पर वनीला की खेती (Vanilla Farming Business) कर रहे हैं।     

वनीला की खेती करने में कितना खर्चा आता है

एक आंकड़े के मुताबिक एक एकड़ भूमि में लगभग 1000 वनीला के पौधे लगाये जा सकते हैं। और इस खेती को करने में जो सबसे ज्यादा खर्चा आता है वह होता है कृषि मजदूरी पर । इसलिए भारतीय किसानों को विशेषज्ञ सलाह देते हैं की वे एकदम एकड़ भूमि से वनीला की खेती शुरू न करें ।

बल्कि पहले छोटे स्तर पर 100-50 पौधों से ही इसकी शुरुआत करें, ताकि आप इस खेती को कम निवेश के साथ आसानी से शुरू कर सकें । यदि आप 100-50 पौधों के साथ इस बिजनेस मो शुरू करते हैं तो आप इसे ₹50000 तक के निवेश के साथ आसानी से शुरू कर पाएंगे।

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वनीला खेती से कितनी कमाई होती है

एक आंकड़े के मुताबिक एक एकड़ भूमि से लगभग ₹8 लाख तक इस खेती से ग्रोस इनकम हो सकती है। लेकिन सीधे एक एकड़ से इस बिजनेस को शुरुआत करने का नुकसान यह है की इसमें आपको कृषि मजदूरी पर बहुत अधिक खर्चा करने की आवश्यकता हो जाती है।

इसलिए यदि आप कृषि मजदूरी पर लगने वाली लागत को बचाने में कामयाब हो जाते हैं तो आप इस खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं । क्योंकि वनीला केसर के बाद दूसरी सबसे महंगी फसल है जो बाज़ार में ₹30000- ₹40000 किलो बिकती है ।

वनीला की खेती में रिस्क

बड़े स्तर पर इस खेती (Vanilla Farming) को शुरू करने का सबसे बड़ा नुकसान यह है की आपको परिणाम तो तीन चार सालों में आएंगे, लेकिन आपको मजदूरी एवं अन्य चीजों पर भारी खर्चा करने की आवश्यकता हो जाती है। इसके अलावा इस फसल पर कीट लगने का भी खतरा हमेशा बना रहता है।

एक और रिस्क जो इस खेती के साथ जुड़ा हुआ है वह कृत्रिम वनीला, जी हाँ प्राकृतिक वनीला की कीमत बहुत ज्यादा है। यही कारण है की इसके विकल्प के रूप में बाज़ार में कृत्रिम वनीला आ गया है जो प्राकृतिक वनीला की तुलना में काफी सस्ता है, इसलिए यह भी संभव है की जो किसान बड़ी मेहनत करके प्राकृतिक वनीला का उत्पादन कर भी दे तो वह न बिके। क्योंकि वनीला के विकल्प के रूप में कृत्रिम वनीला बाज़ार में उपलब्ध है।    

वनीला खेती करने में कौन कौन सी जैविक खाद का इस्तेमाल करें?

गाय का गोबर, वर्मीकम्पोस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।  

वनीला के बीज बाज़ार में किस कीमत पर बिकते हैं?

वनीला के बीज ₹30000 -₹40000 प्रति किलो बिकते हैं।

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