हालांकि यह सत्य है की लोग अपनी कमाई करने के वशीभूत होकर ही स्टॉक मार्केट में निवेश करते भी हैं और करने की इच्छा भी रखते हैं | लेकिन सच्चाई यह है की यह जरुरी नहीं है की हर व्यक्ति इसमें निवेश करके अपनी कमाई ही करेगा बल्कि बहुत सारे लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी मेहनत से कमाई गाढ़ी कमाई को स्टॉक मार्केट में निवेश करके गँवा देते हैं | इसलिए इसमें निवेश करने की प्रक्रिया को जुआ खेलने की प्रक्रिया से जोड़ा जाय तो कुछ गलत नहीं होगा खास तौर पर तब जब निवेशक दैनिक आधार पर अस्थिर ट्रेडिंग करता हो |
कहने का अभिप्राय यह है की स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए लोग ऑनलाइन या ऑफलाइन एक ऐसी जगह जाते हैं जहाँ शेयर ख़रीदे या बेचे जाते हैं | हालांकि निवेशक की हर बार यह कोशिश रहती है की वह शेयर कम दाम में ख़रीदे एवं अधिक दाम में बेच दे जिससे वह अपनी अधिक से अधिक कमाई कर सके, लेकिन कभी कभी निवेशक को हानि भी उठानी पड़ती है |
इन्हीं बातों को आधार मानकर कहा जा सकता है की जहाँ स्टॉक मार्केट में निवेश के फायदे होते हैं वहीँ इसके नुकसान भी होते हैं | इसलिए आज हम हमारे इस लेख के जरिए स्टॉक मार्केट में निवेश करने के फायदे एवं नुकसान के बारे में वार्तालाप करेंगे |
स्टॉक मार्केट में निवेश करने के फायदे (Advantages of investing in Stock Market In Hindi):
स्टॉक मार्केट में निवेश करने के अनेकों फायदे हैं जिनमें से कुछ मुख्य फायदों का उल्लेख नीचे किया गया है |
1. कम अवधि में अच्छी कमाई होने की संभावना:
स्टॉक मार्केट में निश्चित कुछ नहीं है, अर्थात यह अनिश्चिताओं का खेल है इसलिए इसमें कोई दो राय नहीं है की आज जो शेयर किसी निवेशक ने ख़रीदा हो | कल उसकी कीमत कितनी बढ़ जाय, इसलिए स्टॉक मार्केट में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है की यहाँ आपको अच्छे रिटर्न प्राप्त करने के लिए वर्षों इंतजार ही करना पड़ेगा यह जरुरी नहीं है |
बल्कि बेहद कम अवधि यहाँ तक पांच दिन, दस दिन, महीने में भी आपको अच्छे रिटर्न प्राप्त हो सकते हैं | कहने का मतलब यह है की स्टॉक मार्केट में निवेश करके आप अपने आपकों रिस्क में तो डालते ही हैं लेकिन इस रिस्क के बदले बहुत अच्छा रिटर्न प्राप्त होने की भी संभावना होती है |
2. कंपनी में स्वामित्व:
कोई भी निवेशक जिस कंपनी के शेयर खरीदता है अर्थात जिस कंपनी में निवेश करता है वह अल्प रूप से ही सही लेकिन उसका स्वामी बन जाता है | हालांकि जो बात हम यहाँ पर कह रहे हैं वह सुनने में असाधारण सी लगती है की कैसे कोई आम व्यक्ति को किसी प्रसिद्ध कंपनी का स्वामित्व प्राप्त हो जाता है |
लेकिन यह सच्चाई है क्योंकि कोई भी व्यक्ति जब किसी प्रतिष्ठित कंपनी के शेयरों को खरीदने में पैसा लगाता है तो वह कंपनी का हिस्सा बन जाता है | भले ही उस व्यक्ति का सम्बंधित कंपनी में बेहद छोटा हिस्सा हो | इसलिए रिस्क कम करने के लिए निवेशक चाहे तो अलग अलग स्टॉक में पैसे लगा सकता है और जब चाहे अपनी मर्जी से अपने स्टॉक बेचकर कमाई कर सकता है |
3. स्टॉक मार्केट में निवेश से निवेशक को मतदान का अधिकार प्राप्त होता है |
जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की स्टॉक मार्केट में निवेश करने से निवेशक उस सम्बंधित कम्पनी में हिस्सेदार बन जाता है | और यह हिस्सेदारी निवेशक को कम्पनी की बोर्ड मीटिंग इत्यादि में लिए जाने वाले निर्णयों के अनुरूप या खिलाफ मतदान करने का अधिकार प्राप्त करती है | ऐसे में यदि कंपनी द्वारा कोई ऐसा निर्णय लिया जा रहा हो जो निवेशकों के खिलाफ हो तो निवेशक इस निर्णय के खिलाफ अपना मतदान कर सकते हैं |
4. उचित निर्णयों से उचित कमाई:
स्टॉक मार्केट में निवेश करके निवेशक अपने उचित निर्णयों के माध्यम से अकूत सम्पति प्राप्त कर सकता है इसके एक नहीं कई उदाहरण हमारे सामने बीते कुछ वर्षों में प्रस्तुत हुए हैं |
कहने का मतलब यह है की स्टॉक मार्केट में निवेश करके एवं उचित समय पर उचित निर्णय लेके निवेशक न सिर्फ कमाई कर सकता है बल्कि अपने सपनों को भी इस मंच के माध्यम से उड़ान दे सकता है | और इसी के माध्यम से वह एक दिन बहुत बड़ा अमीर आदमी भी बन सकता है | जानिए कैसे स्टॉक मार्केट के जरिए राकेश झुनझुनवाला ने कमाई अकूत सम्पति |
स्टॉक मार्केट में निवेश करने के नुकसान (Disadvantages of Investing in Stock Market) :
जैसा की हम सबको विदित है की दुनिया में कोई भी वस्तु या सेवा जिसके अनेकों फायदे होंगे उसके कुछ न कुछ नुकसान भी अवश्य होंगे | कहने का अभिप्राय यह है की दुनिया में शायद ही ऐसा कुछ हो जिसके सिर्फ फायदे फायदे हों | ठीक इसी तरह स्टॉक मार्केट में निवेश करने के भी अनेकों नुकसान हैं जिनका संक्षिप्त वर्णन कुछ इस प्रकार से है |
1. स्थिरता का अभाव:
यद्यपि हम पहले भी बता चुके हैं की स्टॉक मार्केट में किया गया निवेश अस्थिर होता है अर्थात आप अनुमान नहीं लगा सकते हैं की शेयरों की कीमत बढ़ेगी या घटेगी या फिर कितनी घटेगी बढ़ेगी | एक दिन में एक ही कंपनी के शेयरों की कीमतों में बहुत बार उतार चढ़ाव देखने को मिलता है | इस तरह के उतार चढ़ाव कई बार अप्रत्याशित होते हैं जिसके कारण निवेशक को भारी हानि उठानी पड़ सकती है |
2. लाभांस में कमी:
निवेशक स्टॉक मार्केट में इसलिए निवेश करता है ताकि वह अपनी कमाई कर सके इसलिए वह किसी प्रतिष्ठित एवं अच्छा कारोबार करने वाली कंपनी का चुनाव अपनी सूझ बूझ से करता है | लेकिन जब कंपनी अच्छा लाभ प्राप्त करती है तो एक निवेशक उस कंपनी से लाभ प्राप्त करने वाला अंतिम व्यक्ति होता है | क्योंकि लाभ का अधिकतर हिस्सा कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं, लेनदारों और इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है । उसके बाद ही जो बचता है उसे निवेशकों में वितरित किया जाता है |
3. अधिकारों में कमी:
यद्यपि यह सत्य है की किसी कंपनी के शेयर खरीदकर निवेशक उस कंपनी का आंशिक तौर पर मालिक बन जाता है | लेकिन वह कंपनी के सभी प्रकार के अधिकारों एवं स्वामित्व का हकदार नहीं होता है | कंपनी का कोई भी शेयर धारक किसी कंपनी के कार्यालय में प्रविष्ट होकर उस कंपनी का वित्तीय विवरण एवं प्रगति रिपोर्ट नहीं मांग सकता है | ताकि वह यह पता लगा सके की कंपनी किस दिशा की ओर अग्रसित हो रही है |
4. शेयरों की खरीदारी में ब्रोकरेज शुल्क:
स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए जब भी निवेशक द्वारा शेयर ख़रीदे जाते हैं और उनके दाम बढ़ने पर कमाई के लिए जब भी वे बेचे जाते हैं दोनों स्थितियों में निवेशक को ब्रोकरेज कंपनी को ब्रोकरेज शुल्क देना होता है | या यूँ कहें की खरीद फरोख्त कराने वाली कंपनी स्वयं ही अपना ब्रोकरेज शुल्क काट लेती है तो गलत नहीं होगा इससे निवेशक को मिलने वाले लाभ में कमी आती है |
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