जॉब एवं बिजनेस की लाभ एवं हानियाँ । Advantages and Disadvantages of Job and Business.

दुनिया में कमाई के स्रोतों को प्रमुख रूप से दो भागों नौकरी एवं व्यापार में विभाजित किया जा सकता है । कहने का आशय यह है की दुनिया में मनुष्य अपनी आजीविका चलाने के लिए प्रमुखत: दो श्रेणियों के तहत ही विभिन्न गतिविधियाँ करता है। यहाँ जो किसी दुसरे के लिए काम करता है और बदले में उसे दैनिक, साप्ताहिक, मासिक आधार पर उसका पारिश्रमिक दिया जाता है तो वह काम जॉब यानिकी नौकरी के तहत ही आता है । जबकि ऐसा कोई भी काम जो मनुष्य खुद की क्षमता, खुद के निर्णयों द्वारा खुद के लिए करता है उस गतिविधि को व्यापार अर्थात बिजनेस के अंतर्गत रखा जा सकता है।

यही कारण है की यह बहस आज भी एकदम नई सी लगती है की किस व्यक्ति के लिए रोजगार का कौन सा स्वरूप बेहतर हो सकता है । कुछ लोगों को लगता है की किसी और व्यक्ति के अधीन काम करने से बेहतर तो अपना काम शुरू करना है अर्थात ऐसे व्यक्ति बिजनेस के बारे में सोचते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनकी सोच इनके ठीक विपरीत है अर्थात वे नौकरी को व्यापार से बढ़िया मानते हैं। अपना व्यवसाय करने के अपने फायदे नुकसान हैं तो वहीँ जॉब या नौकरी के साथ भी ऐसा ही है यही कारण है की यह बहस रुकने का नाम ही नहीं लेती है।

चाहे किसी मल्टीनेशनल कंपनी की बढ़िया नौकरी हो, या बढ़ता हुआ बिजनेस इन दोनों पर बहस करना सदाबहार विषयों में से एक रहा है। दुनिया में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिन्हें नौकरी करना पसंद होता है तो वहीँ बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जिन्हें खुद का व्यवसाय शुरू करना पसंद है। हालांकि हमारी राय में व्यक्ति को वही करना चाहिए जिसमें उसकी रूचि हो।

क्योंकि वर्तमान में एक अच्छी नौकरी भी व्यक्ति को एक अच्छी ठाट बाट वाली लाइफस्टाइल प्रदान कर सकती है जो एक सफल बिजनेस प्रदान करता है। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से जॉब और बिजनेस के लाभों एवं नुकसानों के बारे में जानने का प्रयत्न कर रहे हैं।

Advantages and Disadvantages of Job and Business hindi

बिजनेस के लाभ (Advantages of Business):

अपना व्यवसाय शुरू करने के अनेकों लाभ होते हैं इनमें से कुछ की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • खुद का व्यवसाय शुरू करने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है की इसमें उद्यमी खुद का बॉस होता है। अर्थात वह खुद के बनाये गए नियमों पर चलकर खुद का साम्राज्य बनाता है।
  • अपना व्यवसाय करने वाला उद्यमी खुद निर्णय लेने एवं उन्हें लागू करने के लिए स्वतंत्र रहता है।
  • यदि उद्यमी ऑफिस पहुँचने में लेट भी हो जाता है तो उसे डांट नहीं पड़ती है।
  • काम से निकाले जाने का खतरा नहीं होता अर्थात उद्यमी को उसके काम से कोई भी नहीं निकाल सकता।
  • उद्यमी चाहे तो अपने व्यक्तिगत कामों या गतिविधियों के लिए भी समय निकाल सकता है।
  • अपना व्यवसाय शुरू कर रहे व्यक्ति को बिजनेस में होने वाला पूरा लाभ का फायदा मिलता है।
  • चूँकि उद्यमी को विभिन्न विभागों को प्रबंधित करना होता है जो उसे और अधिक सीखने का अवसर प्रदान करते हैं।
  • इसमें उद्यमी को अपने द्वारा की गई मेहनत एवं प्रयास के प्रति संतुष्टि होती है ।
  • दूसरों द्वारा निर्धारित नियमों का अनुसरण करने के लिए बाध्य नहीं होता बल्कि स्वयं के नियम निर्धारित करने की अथॉरिटी होती है ।
  • बिजनेस कर रहा व्यक्ति अन्य लोगों को रोजगार दे रहा होता है ।
  • यदि उद्यमी को बिजनेस में नुकसान हुआ है तो उस पर कर कटौती में छूट मिल सकती है।
  • चूँकि उद्यमी खुद एक बॉस होता है इसलिए उस संस्थान में उसका नाम प्रतिष्ठित होता है।
  • खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को अनिवार्य तौर पर किसी भी शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं होती है । जिसका अभिप्राय यह है की एक अशिक्षित व्यक्ति भी खुद का व्यवसाय शुरू कर सकता है।

बिजनेस की हानियाँ (Disadvantages of Business )

जिस प्रकार इस ब्रहमांड में कोई भी मनुष्य बिना किसी अवगुण के नहीं है ठीक उसी प्रकार हर वस्तु या गतिविधि के कुछ फायदे होते हैं तो कुछ नुकसान भी होते हैं। अपना व्यापार शुरू करने के कुछ प्रमुख नुकसान निम्नलिखित हैं।

  • व्यापार का सबसे बड़ा नुकसान यही है की एक अच्छा बिजनेस शुरू करने के लिए बड़े निवेश की आवश्यकता होती है।
  • व्यापार के सर्वाइवल स्टेज पर उद्यमी के नुकसान उठाने की संभावना अधिक होती है।
  • व्यवसाय में उद्यमी को अंतिम लाभ प्राप्त करने के लिए जोखिम उठाने की आवश्यकता होती है क्योंकि व्यापार का सिद्धांत ‘’जितना जोखिम उतना लाभ’’ पर आधारित है।
  • उद्यमी को कई विभागों एवं कई कार्यों का एक साथ प्रबंधन के कारण मानसिक तनाव हो सकता है।
  • खुद का व्यवसाय शुरू करने वाले व्यक्ति को भावनाओं के आवेश में न आकर लोगों को हटाने एवं आराजकता इत्यादि से निबटने के लिए कड़े एवं अवांछनीय कार्यों को भी करना पड़ता है।
  • क्लाइंट से काम पूरा करने को लेकर जो डेडलाइन मिली होती है उस तनाव को भी झेलना होता है।
  • खुद का व्यवसाय कर रहे व्यक्ति की नियमित आय की कोई गारंटी नहीं होती है। हो सकता है किसी महीने अपनी बचत से ही पैसे खर्च करने पड़ जाएँ।
  • व्यवसाय में आय एवं व्यय के बीच संतुलन बनाये रखने के लिए विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
  • तरह तरह के लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन इत्यादि के लिए क़ानूनी दस्तावेजों की पूर्ति करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है।
  • उद्यमी को अपने प्रतियोगियों के साथ कड़ा मुकाबला करने के लिए अनेक रणनीतियों को अपनाने की आवश्यकता होती है।
  • अपना व्यवसाय शुरू करने वाले व्यक्ति को लाभ प्राप्त करने के लिए गन्दी व्यापारिक राजनीती में भी लिप्त होना पड़ता है। 

नौकरी के फायदे (Advantages of Job in Hindi):  

नौकरी के कुछ प्रमुख फायदों की लिस्ट निम्नवत है।

  • नौकरी कर रहे व्यक्ति को उसके काम के माहौल में हमेशा विविधता दिखाई देती है जिससे उसका उत्साह काम में बना रहता है ।
  • नौकरी में व्यक्ति को एक निश्चित समय आम तौर पर केवल आठ घंटे ही ड्यूटी करने की आवश्यकता होती है।
  • निश्चित वेतन के अलावा व्यक्ति को बीमा एवं बोनस का भी फायदा अधिकतर कम्पनियों द्वारा दिया जाता है ।
  • व्यक्ति के बैंक खाते में हर महीने एक निर्धारित वेतन भेज दिया जाता है यानिकी नौकरी के माध्यम से व्यक्ति को नियमित आय की प्राप्ति होती है ।
  • नौकरी के दौरान व्यक्ति को उसकी परफॉरमेंस के आधार पर प्रमोशन पालिसी के तहत प्रमोशन मिलता रहता है।
  • नौकरी कर रहा व्यक्ति कम्पनी की पालिसी के आधार पर छुट्टी ले सकता है और यदि उसकी छुट्टियाँ बची हुई थी तो कंपनी उसे उन छुट्टियों का भी भुगतान करेगी जो उसने ली थी।
  • चूँकि नौकरी कर रहे व्यक्ति को एक निर्धारित समय तक ही काम करना होता है इसलिए उसके बाद वह आज़ाद पंछी की तरह कुछ भी कर सकता है।  

नौकरी के नुकसान (Disadvantages of Job)

नौकरी के कुछ प्रमुख नुकसानों की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • किसी भी संस्थान या कंपनी में प्रमोशन एवं काम की मान्यता के लिए घोर प्रतिस्पर्धा व्यापत होती है इसमें लोग बॉस को खुश करने के लिए अपने सामान्य नैतिकता को भी भूल जाते हैं।
  • नौकरी करने का नुकसान यह होता है की यहाँ कार्यस्थल में भी राजनीती होती है इसलिए कभी कभी ईमानदार एवं कर्मठ लोग उतनी तरक्की नहीं कर पाते। जितनी तरक्की शातिर एवं चापलूस लोग कर जाते हैं।
  • नौकरी में हो सकता है की व्यक्ति के किसी अच्छे आईडिया की भी सराहना न की जाय।
  • किसी संस्थान या कंपनी को संचालित करने की कार्यप्रणाली ऐसी होती है की इसमें बहुत सारे बॉस हो जाते हैं। और जितने सारे बॉस उतने सारे नियम यही कारण है की कभी कभी नौकरी कर रहा व्यक्ति शंकित हो जाता है उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
  • जॉब करने वाले व्यक्ति के पास सिमित अवसर होते हैं यही कारण है की इनमें विकास या वृद्धि भी सिमित ही होती है।
  • व्यक्ति एक बार जिस विभाग में प्रवेश कर गया उसे ताउम्र उसमें ही नौकरी करनी पड़ती है क्योंकि जॉब स्विच करना आसान नहीं है।
  • नौकरी से रिटायरमेंट या सेवानिवृत्ति के बाद व्यक्ति को फिर से एक नई यात्रा शुरू करनी पड़ती है जो उम्र में उस पड़ाव में आसान नहीं होती है।
  • किसी भी जॉब पाने के लिए एक निश्चित शैक्षणिक योग्यता, व्यवसायिक पाठ्यक्रम और अनुभव की आवश्यकता होती है।

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