खस्ता कचौरी का बिजनेस कैसे शुरू करें? प्रक्रिया, विधि, खर्चा, कमाई।

बड़े शहरों में स्ट्रीट फ़ूड में कचौरी व्यापार (Kachori Business) बड़ा प्रसिद्ध है। सिर्फ यही नहीं बल्कि शहरों में जब भी आप अपने घर से बाहर निकलते हैं तो आपको सड़क किनारे कई तरह के स्ट्रीट फ़ूड बेचने वाले वेंडर नजर आ जाते हैं । ऐसे में चाहे आप अपने घर से खाकर निकले हों, या फिर भूखे आपका मन भी कुछ न कुछ खाने को कर ही जाता है।

आप केवल अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जिनका मन घर से बाहर निकलते ही कुछ न कुछ खाने को कर जाता है । बल्कि अधिकतर लोग जब अपने घर से बाहर बाज़ारों में रहते हैं तो वे कुछ न कुछ स्ट्रीट फ़ूड का आनंद अवश्य लेते हैं। कचौरी भी एक ऐसा ही स्ट्रीट फ़ूड है, जिसे खाने के लिए आपको यह सोचने की जरुरत नहीं होती, की आप घर से खाकर निकले हैं, या नहीं।

कहने का आशय यह है की यदि आप खुद का कोई स्ट्रीट फ़ूड बिजनेस शुरू करने के बारे में विचार कर रहे हैं। तो आप चाहें तो अपना खुद का कचौरी का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं। अन्य फ़ूड स्टालों की तरह इस तरह के बिजनेस को शुरू करने में भी आपको बहुत अधिक निवेश करने की आवश्यकता नहीं होती है।

लेकिन जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की ऐसे व्यवसाय जो आम तौर पर राह चलते हुए लोगों पर निर्भर रहते हैं । उन व्यवसायों की सफलता के लिए यह जरुरी हो जाता है की उस एरिया में अधिक से अधिक लोग चहलकदमी करते हुए आएँ । जितने अधिक लोग किसी विशेष एरिया में किसी भी उद्देश्य के लिए आएँगे उतने ही लोगों की ग्राहकों में बदलने की संभावना अधिक होगी।

यदि आप भी खुद का यह व्यवसाय (Kachori Business) शुरू करना चाहते हैं, तो आप हमारे द्वारा बताई जा रही निम्न प्रक्रियाओं का अनुसरण कर सकते हैं ।

Kachori ka business
Image : Kachori Ka Business

कचौरी का बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to start Kachori Business In India)

यदि आपने कभी खस्ता कचौरी और आलू की सब्जी खाई है तो आपका हर हफ्ते इसे खाने का मन कर जाता होगा। कुछ लोग इसे अपने मुहँ का स्वाद बदलने के लिए खाते हैं, तो कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनकी बाहर का खाना खाने की मजबूरी होती है । इनमें अपने घर परिवारों से नौकरी या शिक्षा की वजह से दूर रह रहे युवा बड़े पैमाने में शामिल हैं।

तो चलिए जानते हैं की यदि कोई उद्यमी इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करना चाहता है, तो वह यह कैसे कर सकता है ।

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बढ़िया लोकेशन का चयन करें

बढ़िया लोकेशन से मतलब यह नहीं की वह लोकेशन जो प्राकृतिक रूप से दिखने में सुन्दर लोकेशन हो । बढ़िया लोकेशन से आशय एक ऐसी लोकेशन से है जहाँ पर आपको लगता है की आपकी कचौरी और सब्जी ज्यादा मात्रा में बिक सकती है। एक ऐसी लोकेशन जहाँ पर दिन में केवल 100-200 लोग ही विचरण करते हों, इस व्यवसाय के लिए बढ़िया लोकेशन नहीं हो सकती ।

आप ही अंदाजा लगा सकते हैं की एक ऐसी लोकेशन जहाँ पर दिन में केवल 200 लोग विचरण करते हैं, उनमें से यदि आप कन्वर्जन रेट 5% भी लगाते हैं, तो आप केवल 10 प्लेट कचौरियां बेचने में ही सफल हो पाएंगे। इसलिए आपको ऐसी लोकेशन का चुनाव करना होगा जहाँ पर दिन में लाखों व्यक्ति विचरण करते हों ।

वैसे आम तौर पर इस बिजनेस के लिए बस स्टॉप, टैक्सी स्टैंड, रेलवे स्टेशन, भीड़ भाड़ वाली मार्किट, बड़ी यूनिवर्सिटी या संस्थान का परिसर, इंडस्ट्रियल एरिया इत्यादि को आदर्श लोकेशन के रूप में देखा जाता है। यदि संभव हो तो आपको इन्हीं में से किसी एक एरिया का चुनाव इस बिजनेस को करने के लिए करना चाहिए।    

जगह या दुकान का प्रबंध करें

अब सवाल यह उठता है की आप इस बिजनेस (Kachori Business) को दुकान किराये पर लेकर शुरू करने वाले हैं, या फिर छप्पर ओढ़कर या फिक्स जगह में रेहड़ी लगाकर शुरू करने वाले हैं। आम तौर पर देखा गया है की किसी भीड़ भाड़ वाली जगह और स्थापित मार्किट में दुकान का किराया महंगा हो सकता है। इसलिए आप चाहें तो रेहड़ी या छप्पर ओढने के लिए जगह का प्रबंध कर सकते हैं ।

इस तरह की जगहों पर दैनिक या साप्ताहिक किराया देने की आवश्यकता हो सकती है । आप इसके बारे में जिससे आप यह जगह किराये पर ले रहे होते हैं, पता कर सकते हैं।   

जरुरी बर्तन खरीदें

यह बिजनेस भी खाद्य पदार्थ से जुड़ा हुआ बिजनेस है इसलिए इसके लिए भी मशीनरी के तौर पर कुछ बर्तनों एवं अन्य उपकरणों की आवश्यकता होती है।

  • खस्ता कचौरी बनाने के लिए मूंग दाल को भिगोने की आवश्यकता हो सकती है, दाल को भिगोने के लिए बड़े भगोने या पतीले की जरुरत होगी। इसकी कीमत ₹900 मान के चल सकते हैं ।
  • कचौरी को पूरी की तरह तलना होता है, इसलिए इसके लिए भी एक कढ़ाई और झारे की आवश्यकता होगी, दोनों की कीमत ₹1200 मान के चल सकते हैं ।
  • दाल को दरदरा पीसने की आवश्यकता होती है जिसके लिए अप मिक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसकी कीमत ₹1800 मान के चल सकते हैं।
  • मैदे को आटे की तरह गूँथना होता है, इसके लिए भी एक बड़ी परात या पतीले की आवश्यकता हो सकती है, इसकी कीमत ₹800 मान के चल सकते हैं।
  • मसाला तैयार करने के लिए एक कढ़ाई की आवश्यकता होती है, आप चाहें तो उसी कढ़ाई का इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें आप कचौरी तलने वाले हैं ।
  • कचौरी को आलू की सब्जी के साथ सर्व किया जाता है इसलिए सब्जी बनाने के लिए भी आपको कढ़ाई या पतीले की आवश्यकता होती है, इसकी कीमत भी आप ₹1000 मान के चल सकते हैं।
  • गैस चूल्हा, दो सिलिंडर, चाकू, मसालादानी, कुछ खाली डिब्बों की आवश्यकता होती है, जिनकी कीमत आप ₹7700 मान के चल सकते हैं ।  

उपर्युक्त सभी सामान आपको अपनी नजदीकी स्थानीय बाज़ार में आसानी से मिल जाएगा, जिसको खरीदने में आपको लगभग ₹13400 रूपये खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है।   

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कच्चा माल खरीदें

इस व्यवसाय को शुरू करने में इस्तेमाल में लाये जाने वाले कच्चे माल को आप अपनी नजदीकी ग्रोसरी स्टोर और सब्जी की दुकान से आसानी से खरीद सकते हैं। इसमें इस्तेमाल में लाये जाने वाला सारा का सारा कच्चा मनुष्य की दैनिक आवश्यकताओं से जुड़ा हुआ है।

  • इसमें आपको मैदा चाहिए होता है, जो किसी भी ग्रोसरी स्टोर में आसानी से उपलब्ध है ।
  • ममूँग दाल चाहिए होती है यह भी सभी जगह उपलब्ध है ।
  • थोड़ा बेसन और कचौरी को तलने के लिए तेल की आवश्यकता होती है।
  • सब्जियों में आलू, टमाटर, प्याज, हरा धनिया, हरी मिर्च इत्यादि की आवश्यकता हो सकती है ।
  • मसालों के तौर पर जीरा, बीज वाला धनिया, कस्तूरी मेथी, सौंफ, लाल मिर्च, नमक, अमचूर इत्यादि की आवश्यकता हो सकती है।     

कर्मचारियों की नियुक्ति करें

पहले यह तय कर लें की आप दिन में कम से कम कितने प्लेट कचौरी बेचने की योजना बना रहे हैं । शुरुआत में कर्मचारियों को नियुक्त करने में जल्दबाजी न करें। क्योंकि बिजनेस का शुरूआती दौर परिक्षण का दौर होता है। ऐसे में आप चाहें तो कचौरी घर से भी बनाकर ले जा सकते हैं, इसमें आप अपने पारिवारिक सदस्यों का सहयोग ले सकते हैं। लेकिन जब आपको लगे की वहां पर बिक्री होने की संभावना अधिक है तो आप कर्मचारी नियुक्त करने पर विचार कर सकते हैं।    

नियत समय में कचौरी बेचें

स्वाभाविक है की जब आप घर से कचौरी बनाकर किसी अलग भीड़ भाड़ वाले स्थान पर बेचने के लिए ले जा रहे हैं । तो आपको वहां पर उपलब्ध होने का एक निश्चित समय फिक्स करना होगा ताकि जो आपके स्थायी ग्राहक होंगे वे आपके टाइम टेबल से कंफ्यूज न हों ।

यह इसलिए भी जरुरी हो जाता है क्योंकि आपको घर पर कचौरी बनाने में भी समय लगेगा, इसलिए अपना एक नियत समय तय करें की आपको कितने बजे तक कचौरी बेचने के स्थान पर उपलब्ध होना है। और हफ्ते में किस दिन अपने स्टाल को बंद रखना है।

कचौरी बनाने की विधि

आप सोच रहे होंगे की आपको तो कचौरी बनाना आता ही नहीं तो फिर आप इस बिजनेस (Kachori Selling Business) को कैसे शुरू कर सकते हैं। कोई बात नहीं आप पहले घर में कचौरी बनाने का अभ्यास शुरू कर सकते हैं, उसके बाद इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं। कचौरी बनाने की एक आसान विधि हम आपके लिए नीचे दे रहे हैं।

  1. खस्ता कचौरी में इस्तेमाल में लाया जाने वाली मूँग दाल को आवश्यक मात्रा में लेकर एक बड़े भगोने में लगभग तीन घंटों तक पानी में भिगाने के लिए रख दिया जाता है।
  2. उसके बाद जब इस दाल को भीगे हुए कम से कम तीन घंटे पूरे हो चुके होते हैं तो इसे मिक्सी में मोटा यानिकी दरदरा पीस लिया जाता है, और इस दाल को एक अलग बर्तन में ढककर रख देते हैं।
  3. अगली प्रक्रिया मैदे को गूँथने की होती है आवश्यकतानुसार मैदा लेकर उसे अच्छी तरह गूँथ लिया जाता है ध्यान रहे की यह ज्यादा गिला नहीं होना चाहिए। इसलिए पानी की मात्रा इसमें आराम आराम से मिलाने की आवश्यकता होती है, लेकिन उससे पहले इसमें कुछ टेबलस्पून यानिकी एक किलो मैदे में लगभग एक टेबलस्पून तेल रखने की भी जरुरत होती है।
  4. उसके बाद कचौरियों के लिए मसाला तैयार करने वाली प्रक्रिया शुरू होती है। इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए चूल्हे में कढ़ाई रखकर उसमें जितना तेल सब्जी बनाने के लिए रखते हैं, उतना तेल रखने की आवश्यकता होती है।
  5. और जब यह तेल गरम हो जाता है तो इसमें जीरा, सौंफ एवं अन्य मसाले डालकर इसे अच्छी तरह हिलाया जाता है, और उसके बाद इसमें दरदरी पीसी हुई दाल को डाला जाता है। और इसे फिर चम्मच से हिलाते रहना है इसी बीच इसमें स्वाद के अनुसार नमक, मिर्च और थोड़ा अमचूर पाउडर भी मिलाने की आवश्यकता हो सकती है। जब दाल के दाने पककर सख्त और अलग अलग हो जाते हैं, तो आप इसकी आँच को बंद कर दें और इसे ठंडा होने दें।
  6. अब अगली प्रक्रिया में आपको कचौरी को तलने की तैयारी करनी होती है, इसलिए आपको गूंथे हुए मैदे की छोटी छोटी लोई बनाकर तैयार रखनी होती है और इन्हें हथेली से चपटा करके इनके बीच दाल के मसाले को भरकर इनका मुहँ ऊपर से बंद करना होता है।
  7. उसके बाद इन्हें बेलन से बेलकर पूरी से भी थोड़ी छोटी आकृति बनाकर तेल में पूरी की तरह तलने के लिए डाल दिया जाता है । और जब यह यह तलकर पक जाती है, तो बड़े झारे से इन्हें तेल से बाहर निकाल दिया जाता है ।
  8. आलू की सब्जी बनाने की प्रक्रिया ठीक वैसी ही है जैसे घर में कोई और सब्जी बनाते हैं। कचौरी के साथ खाई जाने वाली आलू की सब्जी तरी वाली होती है, इसलिए आप चाहें तो इसके ऊपर हरे पत्ते वाली कस्तूरी मेथी चूरकर डाल सकते हैं, इससे सब्जी में खुशबु अच्छी आती है ।                   

कचौरी बिजनेस में आने वाली लागत

अब तक आप यह तो जान ही चुके होंगे की कचौरी का व्यापार (Kachori Business)  शुरू करने में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों को खरीदने में आपको लगभग कितने पैसे खर्चा करने की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन अब बात आती है की एक दिन में उद्यमी को लगभग 400 कचौरियाँ बनाने के लिए कितने पैसे खर्च करने की आवश्यकता होगी ।

  • 400 कचौरियाँ बनाने के लिए लगभग 13 किलो मैदे की आवश्यकता हो सकती है यदि हम एक किलो मैदे की कीमत 32 रूपये भी मान के चलते हैं, तो इस पर ₹416 का खर्च आना संभावित है।
  • लगभग 20 किलो मूंगदाल को खरीदने में आने वाला खर्चा 100 रूपये प्रति किलो के हिसाब से ₹2000 हो सकता है।
  • 15 किलो आलू की आवश्यकता हो सकती है जिन्हें 20 रूपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदने में ₹300 की आवश्यकता हो सकती है।
  • नमक, मिर्च, हल्दी, कस्तूरी मेथी, जीरा, सौंफ, दोना, गैस इत्यादि मसाले और अन्य सब्जियों का खर्चा आप ₹900 मान के चल सकते हैं ।
  • जहाँ पर कचौरी बेचने की योजना है उस जगह का प्रतिदिन का किराया बिजली पानी सहित ₹250 रूपये मान के चल सकते हैं ।
  • दो दिहाड़ी कर्मचारियों की प्रतिदिन 400 रूपये के हिसाबी से मजदूरी ₹800 मान के चल सकते हैं।

 अब आप इन खर्चों को एक साथ जोड़ेंगे तो आप पाएंगे की 400 कचौरी प्रतिदिन बनाने के लिए किसी व्यक्ति को लगभग ₹4666 खर्चा करने की आवश्यकता होती है। इसमें बर्तनों और गैस चूल्हा इत्यादि को खरीदने में आने वाली वन टाइम लागत शामिल नहीं है।  

कचौरी बिजनेस से कमाई कितनी होगी?

इस बिजनेस से होने वाली कमाई भी इसी बात पर निर्भर करती है की उद्यमी एक प्लेट कचौरी कितने रूपये में बेच रहा है । लेकिन सामान्य तौर पर देखा गया है की एक प्लेट कचौरी में दो कचौरी और आलू की सब्जी होती है, और इसके लिए उद्यमी अपने ग्राहकों से 30 रूपये वसूलता है । इस हिसाब से देखें तो एक कचौरी की कीमत 15 रूपये आती है ।

यदि हम एक कचौरी की कीमत 15 रूपये भी मान के चलते हैं, तो उद्यमी एक दिन में लगभग 400 कचौरी बेच रहा होता है, जिन्हें बेचकर उसकी कुल कमाई 15×400 = 6000 होती है । ऐसे में यदि हम कुल कमाई से कुल खर्चों को घटा दें (6000 – 4666 =  ₹1334)  तो उद्यमी को प्रतिदिन ₹1334 का शुद्ध मुनाफा होता है। यदि हफ्ते में एक छुट्टी भी लेता है तो भी वह 26 दिन में 26×1334 = ₹34684 कमाता है ।

FAQ (सवाल/जवाब)

कचौरी बेचने का बिजनेस कहाँ पर शुरू करना चाहिए?

कचौरी बेचने का बिजनेस किसी भीड़ भाड़ वाली जगह में शुरू करना फायदेमंद होता है।

कचौरी बेचकर व्यक्ति कितनी कमाई कर सकता है?

एक दिन के लगभग 200 प्लेट कचौरी बेचकर आप महीने के ₹34684 तक कमा सकते हैं ।

तो दोस्तों इस तरह से देखें तो इस छोटे से बिजनेस (Kachori Business) से भी कोई इच्छुक एवं मेहनती व्यक्ति एक अच्छी लोकेशन पर ₹34684 तक शुद्ध मुनाफा कमा सकता है।