सामान्यतया कोई भी व्यक्ति being a share holder stock market में Invest करके शेयर बेचने और खरीदने की प्रक्रिया में शामिल होकर अपनी Kamai करना चाहता है | लेकिन being a share holder व्यक्ति को न सिर्फ शेयर खरीदने और बेचने का लाभ मिलता है, बल्कि ऐसे बहुत से benefits होते हैं जो किसी कंपनी द्वारा उसके Share holders को दिए जाते हैं | आज हम इसी विषय पर बात करेंगे की being a share holder एक व्यक्ति को क्या क्या लाभ (benefits) हो सकते हैं |
Dividends से आशय लाभांश से होता है यह लाभांश कंपनी द्वारा घोषित किये जाते हैं जिस पर being a share holder Investor का पूरा अधिकार होता है | यदि की शेयर होल्डर के पास कंपनी द्वारा निर्धारित की गई समयावधि तक कंपनी के शेयर विद्यमान हैं तो इस स्थिति में वह कंपनी द्वारा दिए जाने वाले dividends पाने का अधिकारी होता है |
2. कंपनी में स्वामित्व प्राप्त होता है
Being a share holder किसी व्यक्ति को सिर्फ शेयर खरीदने और बेचने का benefits नहीं अपितु वह कंपनी में भी भागीदार बन जाता है | जिसका अभिप्राय है की जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी के शेयर खरीदकर उसके शेयर होल्डर होने का तमगा पहनता है तो कंपनी उसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने हेतु होने वाली मीटिंग में बुलाती है, ताकि जो भी निर्णय हो उसमे Share holders की सहमती की भी मुहर लग सके | यह तो तय है की यह मालिकाना हक़ किस अनुपात में होगा यह सब व्यक्ति द्वारा ख़रीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करेगा |
अर्थात जिस व्यक्ति के पास अधिक शेयर होंगे उसे कंपनी मीटिंग में होने वाले निर्णयों के खिलाफ या साथ में अधिक वोट देने का अधिकार होगा, और जिसके पास शेयरों की संख्या कम होगी उन्हें कम वोट देने का |
being a shareholder company ownership से अभिप्राय यह बिलकुल नहीं है की यदि किसी व्यक्ति के पास किसी कंपनी के 1000-500 shares हैं तो वह ऑफिस में जाकर कंपनी चलाएगा, बल्कि एक विशेष कानून के अंतर्गत Share holders के भागीदारी संबंधी अधिकारों को प्रतिबंधित किया गया है, इसलिए यह कहा जा सकता है की being a shareholder व्यक्ति के पास सिमित अधिकार होते हैं |
3. सूचना का अधिकार प्राप्त होता है
कंपनी द्वारा अपने Share holders को समय समय पर कंपनी के कामकाज से जुड़ी information दी जाती है | इस सूचना का benefit यह होता है की व्यक्ति कंपनी से मिली अधिकारिक Information के बलबूते महत्वपूर्ण निर्णय लेने में कामयाब हो पाता है | हालाँकि जैसे की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की being a shareholder कोई भी व्यक्ति कंपनी के दैनिक कार्यों में हिस्सा नहीं लेता है|
लेकिन कंपनी द्वारा लिए जाने या लिए गए निर्णयों की Information उसको दी जाती है, ताकि जिन कार्यों को आगे बढाने के लिए एक Share holder की सहमती जरुरी होती है उन कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके |
इसके अलावा जब कोई कंपनी अपने शेयर होल्डर को कंपनी को आगे बढाने हेतु लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों और अन्य रिपोर्ट के बारे में उनको Information देती है तो इसका सबसे बड़ा benefit यह होता है की व्यक्ति अपने विवेक से यह निर्णय लेने में सक्षम हो पाता है की उसके द्वारा ख़रीदे गए शेयर को वह कब तक रखेगा, और कितने रखेगा, हो सकता है की शेयर होल्डर और शेयर ख़रीदे और यह भी हो सकता है की वह अपने सारे शेयर बेच दे |
Extra Share benefits से आशय कंपनी की उस क्रिया से है जिसमे कंपनियां समय समय पर अपने शेयर धारकों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ अतिरिक्त लाभ मुहैया कराती हैं | इनमे right issue और bonus share जैसे benefits प्रमुख हैं | right issue किसी कंपनी द्वारा केवल और केवल अपने वर्तमान Share holders के लिए जारी किया जाता है, इसमें कंपनी share holders को उसके शेयर तात्कालिक दामों से कम दामों में बेचती है और यदि कोई व्यक्ति being a share holder right issue खरीदने से मना कर देता है |
तब कंपनी उसको बाहर के व्यक्ति को बेचती है | इसके अलावा कंपनी Bonus issue जारी करके अपने share holders को उनके पास मौजूद शेयरों के मुताबिक bonus share देती है | उदाहरणार्थ : माना ABC नामक कंपनी अपना Bonus issue जारी करके प्रत्येक दो शेयर पर एक बोनस शेयर की घोषणा करती है तो इस स्थिति में जिस शेयर होल्डर के पास कंपनी के 100 शेयर हैं bonus shares को मिला के 150 हो जायेंगे |
5. मीटिंग में भाग लेने और वोटिंग का अधिकार मिलता है
किसी भी निर्णय को अंजाम तक पहुँचाने के लिए विचार विमर्श बेहद जरुरी होता है | यही कारण है की कंपनियों में भी निर्णय लेने से पहले अधिकारिक लोगों के बीच विचार विमर्श किये जाते हैं | कंपनी इन निर्णयों में विचार विमर्श का अधिकार अपने शेयर होल्डरों को उनके द्वारा लिए गए कंपनी के शेयरों के अनुपात के आधार पर प्रदान करती है |
हर साल कंपनी को अपने आप को आगे बढाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श की आवश्यकता पड़ती है और यदि कोई ऐसा मुद्दा जो विचार विमर्श के माध्यम से हल नहीं होता तो इस स्थिति में कंपनी शेयर होल्डर को वोट देने का अधिकार देती है | और उसी निर्णय को अंतिम रूप दे दिया जाता है जिस निर्णय के साथ अधिक निवेशक खड़े रहते हैं |
6. पोस्टल वॉलेट की सुविधा मिलती है
निवेशकों की समस्या को ध्यान में रखते हुए Postal wallet नामक concept प्रचलन में आया है, इस concept की खासियत यह है की being a shareholder कोई भी व्यक्ति कंपनी के महत्वपूर्ण निर्णयों में अपनी भागीदारी पोस्टल के माध्यम से भी कर सकता है | इसमें शेयर होल्डर को मीटिंग में उपस्थित होना जरुरी नहीं होता बल्कि वह अपना वोट पोस्ट ऑफिस के माध्यम से कंपनी को भेज सकता है |
और इसकी अहमियत भी उतनी ही होती है जितनी उपस्थित निवेशको के वोट की | कंपनी इस Postal wallet में निवेशकों को निर्णय सम्बन्धी सभी जानकारी जैसे निर्णय क्यों लिया जा रहा है इत्यादि details भेजती है | जिसमे being a share holder व्यक्ति अपने शेयरों की संख्या और पक्ष विपक्ष में वोट देकर वापस भेजता है |
उपर्युक्त benefits के अलावा being a share holder व्यक्ति को कंपनी विभिन्न benefits जैसे शेयरों की खरीद फरोख्त की आज़ादी अर्थात निवेशक चाहे तो अपने शेयर किसी भी कीमत पर बेच सकता है | और कंपनी के सरप्लस पर भी शेयरों के आधार पर हिस्सेदारी देती है |
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