बुटीक बिजनेस कैसे शुरू करें। How to Start a Boutique Business in India.

वर्तमान में जब लोग अपने पहनावे को लेकर काफी सतर्क दिखाई देते हैं तो ऐसे में Boutique business सफलतापूर्वक कार्य करने वाला एवं मजे से भरा हुआ एक व्यवसाय हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि आजकल लोग नए एवं फैशनेबल परिधानों पर बहुत अधिक ध्यान देने लगे हैं।

हालांकि वर्तमान में चाहे महिला हो या पुरुष या फिर बच्चे सभी नए एवं फैशनेबल परिधान पहनना पसंद करते हैं। लेकिन खास तौर पर महिलाएं अपने पहनावे को लेकर काफी सजग एवं चिंतिति दिखाई देती हैं। इसलिए उद्यमी चाहे तो अपने बुटीक में महिलाओं से सम्बंधित परिधानों को प्राथमिकता दे सकता है।

चूँकि Boutique Business वर्तमान जीवनशैली से मेल खाता हुआ बिजनेस है इसलिए इसे शुरू करना कमाई की दृष्टि से लाभकारी हो सकता है। इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को बहुत अधिक निवेश करने की भी आवश्यकता नहीं होती है और यह महिलाओं के लिहाज से भी सबसे उपयुक्त व्यवसायों में से एक है। इसलिए यदि आप खुद का बुटीक स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, तो इसे आप दो से चार लाख तक के निवेश के साथ शुरू कर सकते हैं।

यद्यपि घर से आप इस Boutique Business को और भी कम निवेश यहाँ तक की कुछ हजार रुपयों के साथ भी शुरू कर सकते हैं। वर्तमान में बहुत सारी महिलाएं अपने घर से विभिन्न प्रकार के परिधानों को सफलतापूर्वक बेच भी रही हैं। इस डिजिटल दुनियां में हर उद्यमी के पास अपने उत्पाद या सेवा को ऑनलाइन बेचने का विकल्प मौजूद है जहाँ प्रतिदिन आपके उत्पाद या सेवा को हजारों लाखों लोग देख सकते हैं। अधिक माँग होने के कारण आप अपने उत्पाद या सेवा को आसानी से बेच सकते हैं।

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बुटीक व्यापार क्या है (What is Boutique Business in Hindi):

Boutique Business की यदि हम बात करें तो बुटीक का अर्थ एक ऐसे स्थान से लगाया जाता है जहाँ फैशनेबल कपड़े एवं फैशन सम्बन्धी अन्य सामग्री मिलती हो। कहने का अभिप्राय यह है की एक ऐसी दुकान जहाँ फैशनेबल कपड़े एवं फैशन से जुड़ी सामग्री बेची जाती हो को बुटीक कहा जा सकता है।

मनुष्य को हमेशा से ही अच्छे पहनने एवं अच्छे खाने पीने का शौक रहा है इसलिए वर्तमान में किसी भी भौगौलिक क्षेत्र में Boutique Business करना कमाई की दृष्टी से लाभकारी हो सकता है । जब किसी उद्यमी द्वारा फैशनेबल कपड़े या फैशनेबल सामग्री बेचने के लिए दुकान खोली जाती है तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह बिजनेस बुटीक व्यापार कहलाता है।

बुटीक बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to Start a Boutique Business in India in Hindi):

भारत में यदि कोई महिला या पुरुष इस तरह के बिजनेस को बेहद कम निवेश या छोटे स्तर पर शुरू करना चाहता है तो वह Boutique Business को अपने घर से भी शुरू कर सकता है।

इस व्यवसाय को उद्यमी चाहे तो केवल अपने बलबूते पर भी शुरू कर सकता है अर्थात उसे शुरूआती दौर में किसी भी व्यक्ति को कर्मचारी के तौर पर नियुक्त करने की आवश्यकता भी नहीं हो सकती है। लेकिन यदि उद्यमी इस बिजनेस को कुटीर उद्योग के तौर पर न शुरू करके घर के बाहर कहीं दुकान किराये पर लेकर या खरीदकर इस तरह का यह बिजनेस करना चाहता है तो उसे अनेकों कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है।    

1. बिजनेस के स्तर का निर्णय लें:

Boutique Business शुरू करने का इच्छुक उद्यमी को सर्वप्रथम इस बात का निर्णय लेना होगा की वह इस तरह के व्यवसाय को किस स्तर से शुरू करना चाहता है। क्योंकि उद्यमी चाहे तो इस तरह के बिजनेस को खुद के डिजाईन विकसित करके बनाये हुए कपड़ों को बेचकर भी शुरू कर सकता है या फिर उस एरिया में स्थित किसी अच्छे सप्लायर से नए फैशनेबल कपड़े खरीदकर उन्हें बेचकर भी अपनी कमाई कर सकता है।

और बुटीक का बिजनेस शुरू करने का एक अन्य तरीका यह है की उद्यमी चाहे तो किसी बने बनाये ब्रांड की फ्रैंचाइज़ी लेकर भी इसे शुरू कर सकता है। यही कारण है की इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को सर्वप्रथम इसी बात का निर्णय लेना होगा की वह खुद के डिज़ाइनर कपड़े बनाकर बेचना चाह रहा है या फिर बने बनाये कपड़े खरीदकर उन्हें बेचकर कमाई करना चाहता है।

जहाँ बने बनाये कपड़े खरीदकर उन्हें बेचने का काम केवल एक व्यक्ति द्वारा भी शुरू किया जा सकता है वहीँ खुद के डिज़ाइनर कपड़े बनाकर उन्हें बेचने के लिए उद्यमी को अनेकों कर्मचारियों सेल्स गर्ल, क्राफ्ट्स मैन, डिज़ाइनर इत्यादि को नियुक्त करना पड़ सकता है। इसलिए ऐसा कोई भी व्यक्ति जो Boutique Business शुरू करने के लिए उत्साहित हो उसे सर्वप्रथम इस बात का निर्णय लेना होगा की वह किस तरह से बुटीक का व्यापार शुरू करना चाहता है।       

2. जगह का प्रबंध करें (Location for Boutique business):

हालांकि वर्तमान में कुछ महिलाएं एवं पुरुष इस तरह के इस व्यापार को घर से शुरू करके  भी चला रहे हैं इसलिए यदि आपके पास भी घर का कोई कमरा इत्यादि खाली है और सिलाई इत्यादि में आपको अनुभव प्राप्त है तो आप शुरूआती दौर में Boutique Business को घर से भी शुरू कर सकते हैं। लेकिन यदि आप घर से बाहर इस तरह के बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं तो आपको किसी स्थानीय बाजार इत्यादि में एक दुकान किराये पर लेने या फिर खरीदने की आवश्यकता हो सकती है।

यद्यपि शुरूआती दौर में सिर्फ इसी बिजनेस के लिए दुकान खरीद लेना कोई समझदारी वाला फैसला नहीं है इसलिए यदि किसी स्थानीय मार्किट में आपकी पहले से कोई दुकान है तो ठीक है, अन्यथा Boutique Business के लिए दुकान किराये पर लेना ही उत्तम रहता है।  

3. वित्त की व्यवस्था करें:

यद्यपि यदि उद्यमी बने बनाये कपड़े खरीदकर इन्हें अपने बुटीक के माध्यम से बेचना चाहता है तो उसे दो से पांच लाख रुपयों तक की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए इतने कम निवेश के साथ Boutique Business शुरू करने के लिए उद्यमी वित्त की व्यवस्था स्वयं से भी कर सकता है। लेकिन जब बात कपड़े खुद डिजाईन एवं सिलाई करके बेचने की आती है तो इस तरह का यह बुटीक बिजनेस शुरू करने में अधिक निवेश करने की आवश्यकता हो सकती है।

क्योंकि इसमें उद्यमी को जगह भी बड़ी चाहिए होती है और कर्मचारियों की नियुक्ति भी करनी पड़ती है इसके लिए विभिन्न मशीनरी, उपकरण एवं कच्चा माल खरीदने की भी आवश्यकता होती है। इसलिए इस मॉडल पर यह बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को 10-15 लाख रुपयों की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए उद्यमी को अपनी योजना के मुताबिक वित्त की व्यवस्था करनी होगी।     

4. आवश्यक लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन (Required License & Registration for Boutique business):

बहुत सारे उद्यमी जो इस तरह के बिजनेस को घर से शुरू कर रहे हैं वे बिना किसी लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन के भी इस तरह के व्यवसाय को सफलतापूर्वक चला रहे हैं। वह इसलिए क्योंकि Boutique Business के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस एवं पंजीकरण की अनिवार्यता तो नहीं है।लेकिन यदि उद्यमी स्वयं का ब्रांड स्थापित करना चाहता है तो उसे अनेकों लाइसेंस एवं पंजीकरणों की आवश्यकता हो सकती है।

इसके अलावा इस बिजनेस के लिए आवश्यक लाइसेंस एवं पंजीकरणों की लिस्ट बिजनेस के सालाना टर्नओवर के आधार पर अलग अलग भी हो सकती है।

  • उद्यमी को किराये की दुकान का लीज एग्रीमेंट अवश्य करा लेना चाहिए इसका उपयोग पता प्रमाण के तौर पर किया जा सकता है।
  • उद्यमी को बिजनेस के नाम से पैन नंबर की आवश्यकता हो सकती है।
  • कर्मचारियों की सैलरी से टीडीएस काटने के लिए टेन नंबर की भी आवश्यकता हो सकती है।
  • जीएसटी रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होती है।
  • शॉप एंड एस्टाब्लिश्मेंट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है।
  • अपना ब्रांड स्थापित करने के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है।  

5. आवश्यक कर्मचारी नियुक्त करें:

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं की यदि उद्यमी बने बनाये फैशनेबल कपड़े खरीदकर उन्हें अपने बुटीक के माध्यम से बेचना चाहता है तो वह इस बिजनेस को बिना किसी कर्मचारी की नियुक्ति के भी शुरू कर सकता है। लेकिन यदि उद्यमी खुद के डिज़ाइनर कपड़े बनाकर खुद का ब्रांड स्थापित करके यह बिजनेस शुरू करना चाहता है तो उसे विभिन्न दक्ष कर्मचारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है।

शुरूआती दौर में Boutique Business कर रहे उद्यमी को कर्मचारियों की नियुक्ति के समय न केवल उनकी दक्षता देखनी होती है बल्कि विश्वसनीयता भी देखनी होती है। इसलिए ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति करें जो जरुरत पड़ने पर ओवरटाइम एवं हॉलिडे में भी काम करने का सामर्थ्य रखते हों। उद्यमी को निम्नलिखित कर्मचारियों की आवश्यकता हो सकती है।

  • क्राफ्ट्समैन
  • प्रोडक्शन स्टाफ
  • डिज़ाइनर
  • टेलर
  • कपड़ों पर प्रेस करने वाले
  • डायर

6. सप्लायर ढूंढें (Search Supplier for Boutique business) :

चाहे आप खुद का ब्रांड स्थापित कर रहे हों या पहले से स्थापित किसी ब्रांड के कपड़े अपने बुटीक के माध्यम से बेच रहे हों। दोनों स्थितियों में Boutique Business करने वाले उद्यमी को सप्लायर ढूँढने की आवश्यकता होती ही होती है। जब उद्यमी पहले से स्थापित किसी ब्रांड के कपड़े बेचने की सोचता है तो उसे कपड़े सप्लाई करने वाले सप्लायर की आवश्यकता होती है ।

जबकि जब उद्यमी खुद का ब्रांड स्थापित करके उसके तहत कपड़े बनाने एवं बेचने की सोच रहा होता है तो उसे कच्चा माल सप्लाई करने वाले सप्लायर की आवश्यकता होती है। सप्लायर ढूँढने के लिए उद्यमी अनेकों ऑनलाइन प्लेटफोर्म या स्थानीय कपड़े के दुकानदारों की मदद ले सकता है।    

7. मशीनरी उपकरण कच्चा माल एवं अन्य सामान खरीदें:

जहाँ तक Boutique Business के लिए मशीनरी एवं उपकरणों का सवाल है कुछ प्रमुख मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है।

  • सिलाई मशीन
  • एम्ब्रायडरी मशीन
  • सिंगल नीडल लॉक सिलाई मशीन
  • ओवर लॉक मशीन
  • शेल्विंग यूनिट
  • फ्लोर स्टैंड
  • साइनेज
  • कंप्यूटर/सॉफ्टवेयर
  • हैंगर
  • Mannequins
  • विंडो ड्रेसिंग मटेरियल
  • आभूषण एवं सहायक उपकरण रखने के शोकेस
  • रैक एवं अन्य आइटम के लिए शोकेस

Boutique Business शुरू करने के लिए उद्यमी को निम्नलिखित कच्चे माल की आवश्यकता हो सकती है ।

  • फैब्रिक एवं लिनन
  • बटन
  • जिपर
  • Clasps
  • इलास्टिक
  • धागा
  • सुई
  • एम्ब्रायडरी धागा
  • लेबल टैग एवं पैकेजिंग मटेरियल

8. मार्केटिंग करें (Marketing):

खुद के Boutique Business को बढाने एवं इसकी मार्केटिंग करने के अनेकों तरीके हैं । विज्ञापन के पारम्परिक माध्यमों की यदि हम बात करें तो इनमें प्रिंटिंग सामग्री, फ्लायर एवं स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन देना शामिल है। उद्यमी द्वारा प्रिंट सामग्री को राह चलते लोगों एवं आंशिक ग्राहकों दोनों को दिया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे अपने आस पास उपलब्ध लोगों को अपने बिजनेस के बारे में अवश्य बताएं क्योंकि मुहँ से निकले हुए शब्द इस तरह के बिजनेस में काफी प्रभावी सिद्ध होते हैं।

किसी स्थानीय अख़बार के रिपोर्टर से संपर्क करें और विकल्प तलाशें की क्या वह आपके Boutique Business पर कोई आर्टिकल लिख सकता है या नहीं। इसके अलावा इस बात का विशेष ध्यान रखें की वर्तमान में बुटीक उत्पादों के अधिकतर ग्राहक ऑनलाइन भी मौजूद हैं इसलिए अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के लिए अपनी बिजनेस की वेबसाइट अवश्य बनायें। और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफोर्म एवं गूगल एड के माध्यम से अपने Boutique Business की मार्केटिंग करें।      

ट्रेंड के अनुकूल बनें एवं कमाई करें:

Boutique Business कर रहे उद्यमी को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा की समय के साथ साथ कपड़ों का फैशन बदलता रहता है । अर्थात लोग जो आज पहनना पसंद करते हैं हो सकता है की कल वह उसी डिजाईन के कपड़े पहनना पसंद न करें। इसलिए इस बिजनेस में सफल होने के लिए उद्यमी को अपने बिजनेस को ट्रेंड के हिसाब से अपडेट करना होगा।

उद्यमी चाहे तो कोई नई डिजाईन भी अपने बुटीक के माध्यम से ग्राहकों को बेच सकता है। वर्तमान युग वैश्वीकरण का युग है और इन्टरनेट ने इसे और प्रोत्साहित किया है कहने का आशय यह है की उद्यमी चाहे तो इन्टरनेट के माध्यम से अपने उत्पाद को पूरी दुनिया में कहीं भी बेच सकता है। Boutique Business की सफलता इसी बात पर निर्भर करती है की लोग उसके द्वारा उत्पादित उत्पाद को कितना पसंद करते हैं। 

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