किसी भी बिजनेस के लिए सही लोकेशन कैसे चुनें ? 8 बढ़िया टिप्स |  

बिजनेस के लिए सही लोकेशन चुनना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जब कोई सामान्य व्यक्ति उद्यमिता की ओर अग्रसर होकर उद्यमी बनना चाहता है | तो जो सवाल उसके दिमाग में दूसरे नंबर पर कौंधता है वह यह है की वह अपने व्यापार को कहाँ शुरू करे अर्थात उसके लिए किस लोकेशन का चुनाव करे | आशंकित मत होइए पहला सवाल तो वित्त संबंधी हो सकता है, की क्या मैं मेरे बिज़नेस plan में लगने वाले पैसो का प्रबंध कर पाउँगा | वैसे तो business करने हेतु उठाया जाने वाला हर कदम किसी भी उद्यमी के लिए बहुत Important होता है | 

लेकिन business location का selection एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसका चयन बहुत सोच समझकर किया जाना अति आवश्यक है | हालाँकि India में बहुत सारे उद्यमियों का मानना है, की Location Selection से कोई फर्क नहीं पड़ता बस उद्यमी द्वारा उत्पादित उत्पाद बढ़िया होना चाहिए | जो की सही नहीं है, एक business को लाभकारी बिज़नेस बनाने के लिए अच्छी Location का Selection बहुत जरुरी है |

और कुछ नए नए उद्यमी लोकेशन का selection करते वक़्त उस Location का चयन करते हैं, जहाँ उन्हें जमीन सस्ते में उपलब्ध होती है | जी हाँ जमीन सस्ते में उपलब्ध होना, business के लिए सिर्फ एक फायदा हो सकता है, सारे नहीं |


उदाहरणार्थ : माना किसी उद्यमी ने सस्ती जगह जमीन लेकर अपना business ऐसी जगह स्थापित कर दिया, जहाँ बिजली supply कम होती है, परिवहन व्यवस्था सुचारू रूप से चालित  नहीं है, और Raw Materials की उपलब्धता भी नहीं है | तो जरां सोचिये उस उद्यमी को अपने business को सुचारू रूप से चलाने में कितनी कठिनाई आएगी | और क्या ऐसे स्थिति में वह उत्पादन करके इस प्रतिस्पर्धात्मक बाज़ार में अपनी जगह बना पायेगा? |

हाँ हम उद्यमियों से यह भी नहीं कहना चाहते की अच्छी लोकेशन पाने की लालसा में वे अपने सामर्थ्य से बाहर का खर्च करें | अच्छी Location selection से हमारा अभिप्राय तो उचित दामों (Affordable Price) उचित location को ढूँढना है |

इस आर्टिकल में जैसे जैसे आप अपना ध्यान  नीचे लिखे गए Tips पर केंद्रित करते जायेंगे, वैसे वैसे आपको अच्छी Location का अभिप्राय और business location selection की प्रक्रिया पूर्ण रूप से समझ में आ जाएगी | तो दोस्तों आइये जानते हैं, की हमारे पास किसी व्यापार की लोकेशन को select करने हेतु कौन कौन से Tips हैं |

#1 कच्चे माल की उपलब्धता (Raw Materials Availability):

यदि उद्यमी निर्माण क्षेत्र (Manufacturing Sector) में कोई business करना चाह रहा हो, तो location को select करते वक्त इस बात का ध्यान रखना जरुरी है, की उस लोकेशन पर Raw Materials आसानी से उपलब्ध हो जाये | क्योकि यदि उद्यमी को कहीं दूर से Raw Materials खरीदना पड़ेगा तो परिवहन शुल्क एवम अन्य खर्चे उसके उत्पाद की कीमत को बढ़ा देंगे |

जिससे उद्यमी का उत्पाद (Product) आज के प्रतिस्पर्धात्मक बाजार (Market) में जगह बनाने में असफल हो सकता है | इसके अलावा आस पास के क्षेत्रों में Raw Materials की उपलब्धता होने से उद्यमी बड़े से बड़ा Order बहुत कम समय में निबटा पायेगा, जिससे वह ग्राहकों को संतुष्ट कर पाने में कामयाब हो पायेगा  | इसके विपरीत दूर क्षेत्रों से Raw Materials मिलने पर जहाँ उत्पाद (Product) की कीमत बढ़ जाएगी, वही ग्राहकों को समय से delivery देना भी मुश्किल हो सकता है |

#2 बिजनेस लोकेशन मार्किट के करीब होनी चाहिए:

उद्यमी का business उसकी Target Market के नज़दीक होने का फायदा यह है, की वह अपने उत्पाद (Product) को आसानी से ग्राहकों तक पहुँचा सकता है | चाहे वह खुद से उत्पादित वस्तुओं को Reseller के माध्यम से ग्राहकों तक पहुँचा रहा हो, या फिर खुद ही | यदि उद्यमी Reseller अर्थात थोक या रिटेल विक्रेताओं के माध्यम से अपने उत्पाद को ग्राहकों तक पहुँचा रहा हो, तो विश्लेषण इस बात का किया जाना चाहिए की वह इन विक्रेताओं को अपना उत्पाद कैसे आसानी से पहुँचा सकता है |

और यदि खुद ही अपने उत्पाद को अपने ग्राहकों तक पहुंचाना है तो इसके लिए अलग से विश्लेषण की आवश्यकता होगी | इन्ही उपर्युक्त analysis के बाद उद्यमी (Entrepreneur) यह तय कर पाने में समर्थ हो पायेगा, की उसके business के लिए कौन सी Location best रहेगी |

#3 आधारभूत आधारिक संरचना (Consider basic Infrastructure) :

Business location के selection में basic infrastructure पर विचार किया जाना भी उतना ही जरुरी है, जितना उपर्युक्त दोनों पर | basic infrastructure से हमारा आशय बिजली, पानी, सड़क, परिवहन व्यवस्था इत्यादि से है | बिजली, पानी, सड़क इत्यादि के अभाव में या टूटी फूटी, संकरी सड़कें भी उद्यमी के business को प्रभावित कर सकती है | उद्यमी को  विभिन्न प्रक्रियाओं को करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है |

सड़कें  अच्छी न होने पर Raw materials देरी से पहुँच सकता है, अब जब कच्चा माल देरी से पहुंचेगा, तो उत्पादन भी देरी से होगा, और उत्पादन देरी से होगा तो  ग्राहकों को माल की डिलीवरी भी देरी से मिलेगी | इसके अलावा  बिजली के न होने से और वस्तु का उत्पादन जनरेटर, DG इत्यादि से करने पर वस्तु की उत्पादकता कीमत (Production Cost) बढ़ सकती है | क्योकि Generator या DG द्वारा उत्पादित उर्जा से Machinery and equipments को चलाना बिजली के मुकाबले महंगा पड़ता है |

#4 आर्थिक नीति और योजनायें (Economic Policy & Schemes) :

Economic Policy & Schemes से आशय उस गतिविधि से है, जिसमे राज्य सरकार या केंद्र सरकार राज्य या देश में व्यापार को प्रोत्साहित करने हेतु अनेकों Schemes चलाती हैं | ताकि अधिक से अधिक उद्यमी तैयार होकर अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करा सकें |  इसमें राज्य सरकार द्वारा राज्य में व्यापार का परिदृश्य तैयार करने हेतु उद्यमियों को तरह तरह की वित्तीय सहायता जैसे Tax rebate, cuts in Interest rate, subsidized loans और अन्य जैसे Cheap electricity, Affordable land in industrial area दी जाती हैं |

हालांकि केंद्र द्वारा संचालित Schemes का लाभ भारत के किसी भी राज्य से लिया जा सकता है | लेकिन यदि योजना एवम नियम राज्य सरकार ने अपने राज्य को ध्यान में रखते हुए बनाये हुए हों, तो बिजनेस लोकेशन का selection करते वक़्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए की कौन सा ऐसा राज्य है जो उद्यमियों को अधिक लाभ दे रहा है |

#5 उत्पाद सम्बन्धी जनसँख्या (Product Related Population):

Product related population उद्यमी के business को काफी हद तक प्रभावित कर सकती  है | उद्यमी के द्वारा उत्पादित उत्पाद (Product) या फिर बेचे जाने वाला उत्पाद यह स्वयं निर्धारित करेगा की वह किस प्रकार के Population में अधिक चल पायेगा | उदाहरणार्थ: यदि किसी व्यक्ति को अपना चाय का stall लगाना हो, तो वह यह सोचता है की किसी शहर के Bus stand, रेलवे स्टेशन या फिर किसी बड़ी फैक्ट्री के आगे यह stall लगाने का मौका मिल जाता, तो कितना अच्छा होता |

वह यह इसलिए सोचता है क्योकि वह जानता है, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर आने जाने वाले यात्री और Factory के बाहर फैक्ट्री के कर्मचारियों द्वारा उसकी चाय का सेवन किया जायेगा | ठीक उसी प्रकार यदि किसी व्यक्ति को फोटोकॉपी, स्टेशनरी का बिज़नस करना हो तो वह कोर्ट कचहरी, या फिर स्कूल कॉलेज वाला क्षेत्र का चयन करता है | क्योकि उसको पता है उसके business के लिए अन्य जगहों की तुलना में उसको अधिक ग्राहक (Customers) यही मिलेंगे | ठीक इसी प्रकार अपने उत्पाद की प्रकृत्ति और उपयोग जानकर अन्य उत्पादों के लिए भी Product Related Population का चयन हो सकता है |

#6 लोगों की मनोवृत्ति का आकलन (People’s Psychographics):

Psychographics का अर्थ लोगों की मनोवृत्ति, महत्वकांक्षाओं, एवम अन्य मनोभावों का अध्यन करने से लगाया जा सकता है | इसलिए लोगों की मानसिकता, आभा पर  भी लोकेशन का selection करते वक्त विचार करना जरुरी हो जाता है | उदाहरणार्थ : माना कोई ऐसा क्षेत्र है, जहाँ पर लोग बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू इत्यादि पीते खाते नहीं हैं |

अब अगर कोई व्यक्ति उस क्षेत्र में बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू इत्यादि के उत्पाद बेचने लगेगा तो क्या उसका business चल पायेगा? | इसी प्रकार उद्यमी को अपने उत्पाद के अनुरूप लोगो की मनोवृत्ति का अध्यन करके अपने business के लिए Location select करनी चाहिए |

#7 औद्योगिक क्लस्टर क्षेत्र (Industrial and Clusters areas):

Industrial area का अर्थ औद्योगिक क्षेत्र से तथा Cluster का अर्थ सम्बंधित उद्योगों के ग्रुप से या फिर एक ही तरह के उद्योगों के समूह से लगाया जा सकता है | बहुत सारे उद्यमी विशेष तौर पर निर्माण क्षेत्र के, अपना उद्योग औद्योगिक क्षेत्र (industrial area) में लगाना पसंद करते हैं | क्योकि औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग लगाने से जहाँ Infrastructure और सुविधाएँ अच्छी मिलती हैं | वही Industrial clusters area  में उद्योग लगाने से ग्राहक भी मिल सकते हैं, आइये जानते हैं कैसे |

चूँकि हमने उपर्युक्त वाक्य में बताया है की Industrial clusters area वह क्षेत्र होता है जहाँ एक दूसरे से सम्बंधित उत्पादों का उत्पादन किया जाता है | उदाहरणार्थ: एक गाडी बनाने वाली कंपनी के आस पास छोटे बड़े पेज पुर्जे (जो गाडी बनाने में उपयोग में लाये जाते हैं) के उद्योग होंगे तो उन छोटे बड़े पुर्जे बनाने वाले उद्योग अपना उत्पाद उस गाडी बनाने वाली कंपनी को आसानी से बेच सकते हैं | इसके अलावा यदि एक ही तरह के उद्योगों का समूह होगा तो वह उस बिज़नेस में प्रयोग होने वाली तकनिकी, कर्मचारी कौशल दक्षता इत्यादि को एक दूसरे के बीच साझा कर पाएंगे |

जिससे उनके द्वारा उत्पादित उत्पाद प्रतिस्पर्धात्मक बाज़ार में अपनी एक पहचान बनाने में कामयाब हो सके | इसलिए बिजनेस लोकेशन चुनने के समय Industrial cluster area पर विचार करना भी एक महत्वपूर्ण Step हो सकता है | हालांकि छोटे पैमाने पर business करने के विकल्प अन्य जगह भी है | लेकिन बड़े उद्योगों को सरकार द्वारा निर्देशित किया जाता है की वो उद्योग Industrial area में ही स्थापित करें |

#8 निर्यात अनुकूल क्षेत्र (Export Processing Zones):

यदि उद्यमी किसी ऐसे उत्पाद (Product) का उत्पादन करने की सोच रहा है, जिसे Export करने के विकल्प अधिक हैं | तो उद्यमी को अपना बिज़नस  Export processing Zones में शुरू करना चाहिए | Export processing Zones का निर्माण सरकार द्वारा निर्यात और आयात की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने हेतु किया जाता है |

इस तरह के क्षेत्र में उद्यमी का उद्यम होने पर उद्यमी परिवहन इत्यादि का खर्चा बचा सकता है | और Export करने के लिए उसके उत्पाद को बहुत काम समय में Clearance मिल सकती है | इसलिए यदि उद्यमी ऐसे business से जुड़ा हुआ है, जिस उत्पाद (Product) की मांग बाहरी देशों  में बहुत अधिक है तो business location का selection करते वक्त उद्यमी को इस पहलु पर भी विचार अवश्य करना चाहिए |

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