Byju’s लर्निंग एप्प के संस्थापक बायजू रवीन्द्रन की सफलता की कहानी।

Byju Raveendran biography in Hindi:  बायजू के बारे में यदि आप नहीं जानते तो आपको बताना चाहेंगे की, ये भारत में प्रचलित एवं लोकप्रिय लर्निंग एप्प BYJUS’s के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हैं। आज हम हमारी इस कहानी में आपको बताने वाले हैं की कैसे एक शिक्षक सफल उद्यमी बन गया।

आज भले ही हमें यह सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है की, एक मध्यमवर्गीय परिवार में पला बढ़ा बालक पहले शिक्षक बना, और फिर उसकी महत्वकांक्षाओं को पंख लगे तो वह एक अरबपति उद्यमी बनकर दुनिया के सामने आया।

जी हाँ सफलता की कहानी किसी भी उद्यमी चाहे वह बायजू रवीन्द्रन की हो या किसी अन्य की, इसका मकसद लोगों को मोटिवेट और प्रेरणा देकर उनको उनके लक्ष्य तक पहुँचाने के लिए उत्साहित करना होता है।

दुनिया में ऐसे कई असाधारण व्यक्ति और उद्यमी पैदा हुए हैं, जिन्होंने बेहद गरीबी और अभावों में जन्म लेकर अपनी सफलता की एक नई ईबारत लिख डाली। यदि आप भी जानना चाहते हैं की, कैसे एक शिक्षक ने इस डिजिटल युग का फायदा उठाते हुए BYJU’s जैसी लर्निंग एप्प की कल्पना करके उसे मूर्त रूप दे डाला। तो आपको बायजू रवीन्द्रन की यह सफलता की कहानी अंत तक पढनी होगी।

byju raveendran

Byju Raveendran की जीवनी

नामबाईजू रवीन्द्रन (Byju Raveendran)
जन्म तिथि6, जुलाई 1981
जन्म स्थानआजहीकोड़े, कन्नूर, केरल (भारत)
शैक्षणिक योग्यताबीटेक
शैक्षणिक संस्थानगवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, कन्नूर
व्यवसायबिजनेस
वैवाहिक स्थितिवैवाहिक
पत्नी का नामदिव्या गोकुलनाथ
शौकफुटबॉल खेलना, क्रिकेट और टेबल टेनिस खेलना
नेट वर्थ$1 बिलियन

बायजू का प्रारम्भिक जीवन

बायजू रवीन्द्रन का जन्म भारत के केरल राज्य के एक छोटे से गाँव अझिकोड में 6 जुलाई 1981 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। इनकी माता का नाम शोभनवल्ली और पिता का नाम रवीन्द्रन है। इनकी माता गणित की और पिता भौतिक विज्ञान के शिक्षक थे। माता पिता के शिक्षक होने का पूरा फायदा बायजू को मिलता रहा, यही कारण है की वे पढाई में हमेशा अव्वल आते रहे।

Byju Raveendran Success Story in Hindi: बायजू ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गाँव के ही स्कूल और इंजीनियरिंग भी सरकार कॉलेज कन्नूर से पूर्ण की। बायजू की खेलों में रची बचपन से ही थी, यही कारण है की वे अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में फुटबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन और टेबल टेनिस जैसे खेल खेला करते थे ।

कहा जाता है की उनके माता पिता ने उन्हें न सिर्फ पढाई करने की ओर प्रोप्त्साहित किया, बल्कि खेलों को खेलने और उनके महत्व पर भी जोर दिया। कहा जाता है की बायजू ने CAT में 100% स्कोर हासिल किया था। इसके बाद देश के टॉप IIM से उन्हें कॉल आया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया, क्योंकि उन्हें MBA करने में रूचि नहीं थी।

मेडिकल या इंजीनियरिंग में करियर बनाना चाहते थे

चूँकि बायजू रवीन्द्रन के माता पिता स्वयं भौतिक विज्ञान एवं गणित के शिक्षक/शिक्षिका थे। इसलिए उनके मार्गदर्शन में ये भी पढाई में काफी निपुण और होशियार थे। और ये चाहते थे की ये इंजीनियरिंग या मेडिकल क्षेत्र में अपना करियर बनाएँगे। यही कारण है की उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने का फैसला लिया।

इंजीनियरिंग की पढाई पूर्ण करने के बाद उन्हें एक बहु राष्ट्रीय कंपनी में नौकरी भी मिल गई थी। यह एक शिपिंग कंपनी थी, जिसमें इन्होने सर्विस इंजिनियर के तौर पर जिम्मेदारी संभाली।

इसी बीच चूँकि वे पढाई लिखाई में बेहद अच्छे और मेधावी छात्र थे। इसलिए उनके मित्र अपनी पढाई या कोर्स में मदद लेने के लिए उनके पास पहुँच जाते थे। यही कारण है की उन्होंने अपने कुछ दोस्तों को गणित इत्यादि विषय पढ़ाना शुरू कर दिया।

अपनी कोचिंग क्लास शुरू की

जब बायजू रवीन्द्रन बहुराष्ट्रीय शिपिंग कंपनी में नौकरी कर रहे थे, तब उनके कुछ दोस्त IIM जैसे दाखिला पाने के लिए CAT परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। और यही दोस्त उस परीक्षा को पास करने के लिए बायजू से पार्ट टाइम में कोचिंग भी ले रहे थे। कहा यह जाता है की मस्ती मस्ती में बायजू ने भी अपने दोस्तों के साथ CAT परीक्षा में शामिल होने की ठानी।

और जब परीक्षा का परिणाम आया, तो सभी हैरान थे, क्योंकि बायजू रवीन्द्रन को उस परीक्षा में 100% अंक प्राप्त हुए थे। उसके बाद कहा जाता है की उनके पास देश के टॉप IIM से कॉल आये, लेकिन MBA में रूचि न होने की वजह से उन्होंने मना कर दिया।

उसके बाद उनके कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों ने उन्हें कोचिंग क्लास शुरू करने और छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने का सुझाव दिया। जो उन्हें पसंद भी आया और उन्होंने बहुराष्ट्रीय कंपनी में अपनी जॉब से त्यागपत्र दे दिया। उसके बाद बायजू रवीन्द्रन ने अपने दोस्त की छत पर अपने कोचिंग क्लास के बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया ।

क्लासरूम से ऑडिटोरियम तक का सफ़र

शुरू में बायजू ने केवल MBA की प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे छात्रों को पढ़ाना शुरू किया। इसलिए वे उन्हें अपने दोस्त की छत में पढ़ा रहे थे । लेकिन उसके बाद उन्होंने पूर्णकालिक क्लास के लिए क्लासरूम का प्रबंध किया, और वहां से बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। कहा यह जाता है की बायजू रवीन्द्रन ने उस समय मात्र 2 लाख रूपये लगाकर अपना कोचिंग व्यवसाय शुरू किया ।

जिस CAT परीक्षा में उन्होंने 100% अंक हासिल किये थे, उस परीक्षा के लिए उन्होंने 2009 में  एक विडियो आधारित शिक्षण कार्यक्रम शुरू किया था। और यह लोगों को काफी पसंद आया था यही वह अवसर था जब बायजू ने पहली बार इस क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया था।

जैसे जैसे छात्रों की संख्या बढती गई, वे कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी अपने साथ जोड़ते गए। और सन 2011 में उन्होंने Byju नाम से अपनी एजुकेशन टेक्नोलॉजी फर्म शुरू की । इसमें उनके उन छात्रों ने बड़ी मदद की, जो नए नए MBA Pass out थे। इस एजुकेशन टेक्नोलॉजी फर्म को ‘’Think and learn Private ltd’’के तहत ByJu के नाम से शुरू किया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराना था ।

इनकी कोचिंग पढ़ाने का तरीका बहुत लोकप्रिय हुआ, और एक समय वह भी आया जब इनके पास विभिन्न शहरों से 20000 से ज्यादा छात्र थे।

2015 में Byjus लर्निंग एप्प शुरू की  

2011 में खुद की कंपनी शुरू करने के बाद Byjus Learning app जो आज Byju Raveendran का प्रमुख उत्पाद है, को बनाने में 4 सालों का समय लग गया । उन्होंने अपने इस एप्प को 2015 में लांच किया।

यह लर्निंग एप्प प्रमुख रूप से विभिन्न प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं जैसे CAT, NEET, GMAT, JEE, GRE इत्यादि के लिए कोचिंग प्रदान करती है। वर्तमान में इस शिक्षण एप्प का प्रमुख उद्देश्य कक्षा 4 से बारहवीं कक्षा तक के छात्र/छात्राओं को ऑनलाइन कोचिंग मुहैया कराना है।

इसके अलावा Byjus Learning app कैट, आईएएस, जेईई, एनईईटी, जीआरई और जीमैट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी कोचिंग की सुविधा प्रदान करती है। शिक्षण के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का यह उपयोग नया और अनोखा था, इसलिए बायजू रवीन्द्रन का यह स्टार्टअप एक सफल उद्यमों में से एक है।

Byju Raveendran की कंपनी में किस किस ने निवेश किया   

भले ही Byjus Learning app की शुरुआत 2015 में हुई हो, लेकिन कोचिंग पढ़ाने का यह काम 2009 से ही चल रहा था। बायजू रवीन्द्रन की कोचिंग क्लास में पहला निवेश 2013 में मोहनदास पई और रंजन पई ने 50 करोड़ रुपयों का किया था। इसके बाद सितम्बर 2016 में फेसबुक के संस्थापक और उनकी पत्नी प्रिसिला चान ने भी इसमें $50 मिलियन का निवेश किया था।

एक आंकड़े के मुताबिक बायजू की कंपनी का टर्नओवर साल दर साल बड़ी तीव्र गति से बढ़ता गया। वर्ष 2011-12 में जहाँ यह 4 करोड़ रूपये था, वहीँ  वित्तीय वर्ष 2012-13 में बारह करोड़ और सिलसिलेवार ढंग से 20 करोड़, 48 करोड़, 120 करोड़ और वित्तीय वर्ष 2016 – 17 में यह 260 करोड़ रूपये का आंकड़ा पार कर चुका था। आज इनकी नेट वर्थ $1 बिलियन पर पहुँच चुकी है।

बायजू रवीन्द्रन की करियर टाइमलाइन

नौकरी – मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई पूरी करने के बाद, बायजू ने एक बहुराष्ट्रीय शिपिंग कंपनी में सर्विस इंजिनियर के तौर पर नौकरी शुरू कर दी। उन्होंने इस कंपनी में कुछ सालों तक नौकरी की।

कोचिंग शुरू की

नौकरी के साथ साथ ही अपने दोस्तों की मदद करने के लिए उन्होंने उन्हें पढ़ाना शुरू कर दिया। जिन बच्चों को उन्होंने पढाया वे CAT में अच्छे अंक लेकर आए । स्वयं बायजू ने भी वह परीक्षा दी और 100% अंक प्राप्त किये।

Byju Classes का जन्म

CAT में उनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चों यानिकी उनके दोस्तो द्वारा अच्छा प्रदर्शन करने पर, उनके दोस्तों और रिश्तेदारों ने उन्हें कोचिंग क्लास शुरू करने की सलाह दी । और 2011 में इन्होने खुद की कंपनी स्थापित की।

Byju’s Learning App का जन्म –

जब बायजू क्लासेस को लोग पसंद करने लगे और इनके पढ़ाने का तरीका लोगों को पसंद आने लगा। तो 2015 में बायजू रवीन्द्रन ने Byjus Learning App को लांच कर दिया । और 2018 तक इस एप्प का विस्तार कई अन्य देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन इत्यादि अंग्रेजी बोली वाले देशों में भी कर दिया गया।

आकाश इंस्टिट्यूट का अधिग्रहण- भारत में आकाश सबसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थाओं में से एक है।  इसके पूरे भारत में 215 से अधिक सेण्टर हैं। इसके अधिग्रहण में बायजू ने प्रमुख भमिका निभाई थी।

बायजू रवीन्द्रन की उपलब्धियाँ और पुरस्कार  

इसमें कोई दो राय नहीं की बायजू रवीन्द्रन ने शैक्षणिक क्षेत्र में प्राद्यौगिकी का इस्तेमाल करके एक नए भारत की परिसंकल्पना को साकार बनाने में मदद की है। यही कारण है की उन्हें कई पुरस्कार भी मिले हैं, जिनका विवरण नीचे दिया जा रहा है।

  • 2019 में मनोरमा न्यूज़ द्वारा उन्हें मनोरमा न्यूज़मेकर अवार्ड प्रदान किया गया।
  • Ernst & Young द्वारा उन्हें वर्ष 2020 में Ernst & Young Finalist (Entrepreneur of the Year) के अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • Ernst & Young द्वारा ही उन्हें वर्ष 2020 में बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन अवार्ड भी प्रदान किया गया।
  • वर्ष 2020 में फॉर्च्यून पत्रिका द्वारा 40 अंडर 40 का अवार्ड दिया गया।
  • वर्ष 2021 में फोर्ब्स इंडिया द्वारा फोर्ब्स इंडिया लीडरशिप अवार्ड एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया।
  • इस शैक्षणिक मोबाइल एप्प के एंड्रॉइड के प्ले स्टोर पर 100 मिलियन से अधिक डाउनलोड हैं।

अन्य जानकारी

  • बायजू का खेलों के प्रति विशेष लगवा है, और उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर कई खेल खेले भी हैं।
  • Byju Raveendran एक अच्छे अध्यापक हैं, उनके पढ़ाने का तरीका लोगों को इतना पसंद आया की वे पहले ही कई शहरों में अपने लेक्चर दे चुके हैं।
  • बायजू के एप्प को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक केस स्टडी में शामिल होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
  • बायजू की कंपनी भारतीय क्रिकेट द्वारा पहनी जाने वाली जर्सी की भी अधिकारिक प्रायोजक है। यद्यपि इसमें बदलाव होता रहता है ।

इसमें कोई दो राय नहीं की Byju Raveendran एक मेधावी छात्र थे, और बाद में वे एक बेहद सफल शिक्षक भी साबित हुए। और उन्होंने अपने इसी सामर्थ्य को पहचानते हुए, बहु राष्ट्रीय कंपनी की जॉब का भी त्याग कर दिया। और शिक्षा में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके न सिर्फ उन्होंने लाभ कमाया, बल्कि समाज को भी इससे लाभन्वित किया।

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