साइनेज बोर्ड बनाने का बिजनेस। आज कल बहुत फल फूल रहा है यह बिजनेस।

Signage Board Business Plan in Hindi:  मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग में साइनेज बोर्ड का बड़ा महत्व है। वर्तमान परिदृश्य में हर छोटे बड़े संगठन संस्थान अपने ऑफिस के बाहर, दुकान के बाहर, फैक्ट्री के बाहर, हॉस्पिटल के बाहर, कॉलेज के बाहर तरह तरह के साइनेज बोर्ड लगवाते हैं। ताकि आगंतुक एवं अन्य लोग उनके संगठन या कंपनी के नाम परिसर में आसानी से प्रविष्ट हो सकें।

यद्यपि साइन बोर्ड के तौर पर अनेकों मटेरियल जैसे Exteded Polystrene (EPS), Glass इत्यादि का भी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन वर्तमान में जो सबसे लोकप्रिय सामग्री इस तरह के बोर्ड बनाने में इस्तेमाल में लायी जाती है वह है ऐक्रेलिक। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से ऐक्रेलिक साइन बोर्ड बनाने के विषय पर ही बात करने वाले हैं।

ऐक्रेलिक साइनेज बोर्ड लम्बे समय तक चलने वाले होते हैं क्योंकि ये वाटरप्रूफ होने के साथ साथ वैदरप्रूफ भी होते हैं। जिसका मतलब यह है की इस पर पानी और मौसम का कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है। इस तरह के इन बोर्ड को ग्राहक की पसंद के अनुसार पारदर्शी, अपारदर्शी, राऊटर कट इत्यादि भिन्नताओं के साथ आसानी से बनाया जा सकता है।

यह सामग्री अपने अन्दर प्रकाश को प्रवेश करने की अनुमति देती है, यही कारण है की ऐक्रेलिक साइनेज पर छपे अक्षरों को धुंध इत्यादि में भी आसानी से देखा जा सकता है। इसकी चिकनाहट और स्पष्टता साइनेज को एक नया स्वरूप प्रदान करती है।

साइनेज बोर्ड

साइनेज बोर्ड की खपत कहाँ होती है (Uses of Signage Board):   

ऐक्रेलिक साइन बोर्ड प्रजेंटेशन बोर्ड होते हैं, जिनपर विभिन्न रंगों एवं आकार के ऐक्रेलिक शब्दों एवं डिजाईन का इस्तेमाल करके इन्हें बेहद आकर्षक बना दिया जाता है। इन साइन बोर्ड का इस्तेमाल कंपनियाँ एवं संगठन अपनी ब्रांडिंग और मार्केटिंग आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए करते हैं।

एक्रेलिक साइनेज बोर्ड की खासियत यह है की इन्हें कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है, और इन्हें हैडर पैनल, डिजाईन किये गए पैनल शीट एवं पोस्टर के साथ आसानी से संसाधित किया जा सकता है। लगभग सभी प्रकार के साइनेज बोर्ड को पूर्ण रूप से ग्राहक की साईट पर जाकर ही पूर्ण रूप प्रदान किया जाता है।

इस सामग्री की यदि हम बात करें तो यह पारम्परिक कांच का एक बेहतरीन तत्व है। यही कारण है की ओस्का इस्तेमाल लॉबी साइनेज के रूप में, डायरेक्शनल साइनेज और आर्किटेक्चरल साइनेज के तौर पर बड़े पैमाने पर किया जाता है। वर्तमान में संगठन एवं कंपनियों द्वारा 3D लैटर साइनेज बोर्ड की माँग भी बड़ी मात्रा में की जा रही है, जो सामान्य लैटर की तुलना में और अधिक कमाल का दिखता है।

चूँकि वर्तमान में हर कंपनी एवं संगठन अपने प्रतिस्पर्धी से आगे निकलने की दौड़ में शामिल है, और इस दौड़ में मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग का अहम् योगदान है। जब से भारत में आर्थिक निति का उदारीकरण हुआ है, उसके बाद घरेलू बाज़ार में भी हर छोटी बड़ी उपभोक्ता वस्तुओं को बेचने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली है।

और यदि संगठनों एवं कंपनियों में इस प्रतिस्पर्धा में बने रहना है तो उन्हें अपने व्यवसाय का विज्ञापन करने की आवश्यकता होती है। साइनेज बोर्ड ऑफलाइन मार्केटिंग की सबसे अहम् कड़ी है। सिर्फ विज्ञापन के लिए ही नहीं बल्कि अपनी ब्रांडिंग इत्यादि के लिए लगभग सभी संगठन एवं कंपनियाँ अपने कार्यालय के आगे अपने कंपनी के नाम का साइनेज बोर्ड अवश्य लगाते हैं।

साइनेज बोर्ड बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें

How to Start Signage Board Business in Hindi : वर्तमान परिदृश्य में जब देश में उद्योग धंधों की संख्या लगातार बढती जा रही है। और प्रत्येक वस्तु और सेवा का व्यापार में प्रतिस्पर्धा भी लगातार बढती जा रही है। ऐसे में कंपनियों को ऐक्रेलिक साइनेज बोर्ड की आवश्यकता पड़ती रहती है।

ऐसे में इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना किसी भी इच्छुक उद्यमी के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है। लेकिन चूँकि इस तरह के काम के लिए भी विशेष कौशल की आवश्यकता होती है, इसलिए आइये जानते हैं की कोई इच्छुक व्यक्ति कैसे इस तरह का बिजनेस शुरू कर सकता है।

आवश्यक कौशल का आकलन करें

ऐक्रेलिक साइनेज बोर्ड बनाने का काम इतना भी आसान नहीं है, की कोई नौसिखिया व्यक्ति भी इसे आसानी से बना ले। क्योंकि एक्रेलिक लैटर बनाना, उनमें कंपनी के Logo इत्यादि के हिसाब से रंग और डिजाईन करना ऐसा काम है की इसे कोई ऐसा व्यक्ति ही अंजाम दे सकता है। जिसे इस तरह के काम की पूर्ण जानकारी के साथ अनुभव भी प्राप्त हो।

इसलिए जो भी उद्यमी अपना साइनेज बनाने का बिजनेस शुरू करना चाहता है, उसे सर्वप्रथम इस काम के प्रति उसकी जानकारी और अनुभव का आकलन करना होगा । यदि उसे इस काम की कोई जानकारी या अनुभव नहीं है, तो सबसे पहले उसे इसका प्रशिक्षण प्राप्त करने पर विचार करना चाहिए।

प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आप चाहें तो किसी सरकारी कार्यक्रम जैसे कौशल विकास योजना या किसी अन्य स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम के तहत एनरोल कर सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो किसी साइनेज बनाने वाली कंपनी में कुछ महीने या साल भर नौकरी करके इस व्यवसाय से जुडी हर प्रकार की जानकारी लेने के बाद इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर सकते हैं।      

उचित शहर में उचित लोकेशन का चुनाव करें

चूँकि इस बिजनेस में आपके ग्राहक के तौर पर कॉर्पोरेट जगत से जुडी कंपनियाँ रहने वाली है। इसलिए हम इसे ऐसा बिजनेस नहीं मानते की इसे कहीं से भी शुरू कर दें। बल्कि साइनेज बनाने के बिजनेस को कुछ चुनिन्दा शहरों जैसे दिल्ली/एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर, हैदराबाद, अहमदाबाद इत्यादि जहाँ उद्योगों की संख्या अधिक हो में सफलतापूर्वक चलाया जा सकता है ।

इसलिए उद्यमी को किसी उचित शहर का चुनाव करके वहां पर उचित लोकेशन का चुनाव करना होगा। हालांकि एक ऐसा शहर जहाँ उद्योग धंधों की अधिकता हो, उस शहर के किसी भी मार्किट या अन्य एरिया में इस तरह का यह व्यापार शुरू किया जा सकता है।     

जरुरी लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्राप्त करें

ध्यान रहे इस बिजनेस में आपको कंपनियों एवं अन्य संगठनों से ही डील करने की आवश्यकता होती है। और व्यक्तिगत व्यक्ति के तौर पर आपके ग्राहक बहुत कम या न के बराबर होंगे। और कंपनियाँ हमेशा एक रजिस्टर्ड उद्यम से ही डील करना पसंद करती हैं। इसलिए आप चाहें तो शुरूआती दौर में अपने व्यवसाय को वन पर्सन कंपनी या पार्टनरशिप फर्म के तहत रजिस्टर करा सकते हैं।

कंपनी रजिस्ट्रेशन के अलावा आपको टैक्स रजिस्ट्रेशन के तौर पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन, पैन कार्ड, बैंक में चालू खाता और अपने उद्यम को लघु उद्यम के तौर पर पहचान दिलाने के लिए उद्यम रजिस्ट्रेशन करने की भी आवश्यकता हो सकती है। स्थानीय निकाय जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस की भी आवश्यकता हो सकती है।     

आवश्यक मशीनरी एवं कच्चा माल खरीदें

खुद का ऐक्रेलिक साइनेज बनाने के बिजनेस के लिए आपको कौशल के अलावा कई तरह के कच्चे माल और मशीनों की भी आवश्यकता होती है। हो सकता है की जो मशीन बेचने वाले विक्रेता हों, उन्हीं से आपको इसके लिए कच्चा माल भी उपलब्ध हो जाए।

मशीन और कच्चा माल खरीदने से पहले उद्यमी को चाहिए की वह विभिन्न सप्लायर से इनकी कोटेशन मंगा ले, और उसके बाद इनका विश्लेषण करे । विश्लेषण केवल कीमत पर आधारित नहीं होना चाहिए, यह मशीन का ब्रांड, उत्पादन क्षमता, वारंटी/गारंटी, मेंटेनेंस सर्विस, बिक्री के बाद की सेवा, गुणवत्ता इत्यादि बातों पर आधारित होनी चाहिए।

मशीन और कच्चे माल के सप्लायर ढूँढने के लिए आप इंडियामार्ट, ट्रेडइंडिया जैसे ऑनलाइन प्लातेफ़ोर्म का भी इस्तेमाल कर सकते हैं । इस व्यवसाय में शामिल संभावित मशीनरी और कच्चे माल की लिस्ट निम्नवत है।

कच्चा माल

  • ऐक्रेलिक शीट
  • एल्युमीनियम कम्पोजिट पैनल
  • एलईडी
  • रंगों का मिश्रण
  • चिपकाने के लिए गोंद
  • पॉवर सप्लाई ड्राईवर

मशीनरी और उपकरण

  • चैनल बेन्डिंग मशीन
  • सीएनसी राऊटर मशीन
  • युवी कर्रिंग मशीन      

कर्मचारियों की नियुक्ति करें

ऐसे बहुत कम बिजनेस हैं, जिसे केवल एक आदमी भी आसानी से चला सकता है। लेकिन दुर्भाग्यवश साइनेज बोर्ड बनाने का बिजनेस इनमें शामिल नहीं है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको कम से कम एक मशीन ऑपरेटर, एक हेल्पर और एक मार्केटिंग और सेल्स पर्सन की आवश्यकता होती है। यद्यपि यह आपके व्यापार की योजना पर निर्भर करता है, की आपको इससे और अधिक कर्मचारियों की आवश्यकता है या नहीं।

मशीन ऑपरेटर जिस पर आप आर्डर मिलने पर साइनेज बोर्ड बनाने की जिम्मेदारी डालने वाले हैं, उस पद पर आप किसी अनुभवी व्यक्ति को ही नियुक्त करें। हेल्पर और सेल्स पर्सन के तौर पर आप किसी फ्रेशर को भी नियुक्त कर सकते हैं। कोशिश करें की ग्राहकों से जो भी फाइनल डील हों वह आपके माध्यम से ही हों ।      

आर्डर लायें और निर्माण करें

जिस शहर में आपने आपना साइनेज बोर्ड बनाने वाला बिजनेस शुरू किया हो, उस शहर में उपलब्ध लगभग सभी ऑफिस चाहे वे सरकारी हो, या फिर निजी में भ्रमण करें। और सम्बंधित विभाग आम तौर पर इस तरह के कामों की जिम्मेदारी एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की होती है। लेकिन किसी ऑफिस में इस तरह के काम कराने की जिम्मेदारी मार्केटिंग डिपार्टमेंट की भी हो सकती है।

आपको हर ऑफिस में जाकर सम्बंधित विभागों के अधिकारीयों से मिलना होगा, और अपने काम के बारे में और उनकी आवश्यकता के बारे में जानना होगा। यदि उन्हें उस समय कोई साइनेज नहीं बनवाना है तो कोई बात नहीं, आप उनके पास अपना विजिटिंग कार्ड छोड़ सकते हैं।

यदि किसी संगठन ने कुछ भी खरीदने के लिए Central Procurement Team (CPT) का गठन किया है, तो आपको उनसे मिलकर भी अपना विजिटिंग कार्ड छोड़ना होगा। क्योंकि कंपनियाँ जब भी कोई सामान खरीदती हैं तो वह उसके लिए कम से कम तीन चार वेंडर से कोटेशन तो अवश्य मंगाती है।

इसलिए यदि आपने उनके पास अपना विजिटिंग कार्ड छोड़ा होगा, तो जरुरत पड़ने पर वे आपको अवश्य कॉल करेंगे। साइनेज बोर्ड का निर्माण आप तभी कर पाएंगे जब आपको आपके ग्राहक से आर्डर प्राप्त होगा।

उपर्युक्त बताई गई मशीनों की मदद से साइनेज बोर्ड बनाने की प्रक्रिया बेहद आसान है। सबसे पहले आपको ग्राहक द्वारा वह जगह दिखाई जाती है, जहाँ के लिए साइनेज बोर्ड बनना है। उसके बाद उद्यमी द्वारा उस जगह का माप लिया जाता है। माप लेकर उद्यमी अपने ऑफिस में आ जाता है ।

Signage Board Business in Hindi: अब उद्यमी को ग्राहक की डिजाईन और शब्दों के अनुसार कंप्यूटर में डिजाईन तैयार करना होता है। और इसे एक विशेष शीट पर प्रिंट आउट लेना होता है । ऐक्रेलिक लैटर को डिजाईन के अनुसार ढालने के लिए चैनल बेन्डिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता है । और फिर इन लैटर को काटने के लिए सीएनसी राऊटर मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।

जब लैटर को आवश्यक डिजाईन में काट लिया जाता है, तो उसके बाद इन शब्दों को लगभग 2 घंटे तक युवी कर्रिंग मशीन में रखा जाता है। और उसके बाद ये क्लाइंट की साईट पर ले जाने के लिए तैयार हो जाते हैं।  

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