deen dayal upadhyaya grameen kaushalya yojana in Hindi : दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय की देखरेख में Placement से जुड़ा हुआ कौशल प्रशिक्षण Program है। इस स्कीम की घोषणा 25 September 2014 को की गई थी, भारत सरकार की महत्वकांक्षा 2022 तक इस देश के अधिकतम युवाओं में कौशल पैदा करके विश्व को पड़ने वाली Work force की आवश्यकता को पूर्ण करना है। बहुत सारे देशों में उम्र बढ़ने की समस्या लगातार बनी हुई है इसलिए भविष्य में इन देशों में काम करने वाले लोगों की भारी कमी हो सकती है।
इस योजना का लक्ष्य India में दक्ष श्रमिकों की फौज तैयार करना है ताकि आने वाले समय में इंडिया को एक Skill hub के रूप में देखा जाय, और विश्व में आने वाली दक्ष श्रमिकों की आवश्यकता को पूर्ण किया जा सके। 2011 की जनगणना के अनुसार भारतवर्ष में 15-35 वर्ष के बीच लगभग 5 करोड़ 50 लाख गरीब ग्रामीण युवाओं को आंशिक workers के रूप में देखा जा चूका है, जिन्हें नियमित रोजगार देने के उद्देश्य से उन्हें दक्ष बनाना है।
इस प्रकार जहाँ यह योजना गरीबी उन्मूलन में सहायक होगी वही मेक इन इंडिया कार्यक्रम में भी इसका प्रमुख योगदान होगा। इस योजना के तहत प्रशिक्षण देने हेतु मानकों का निर्धारण किया जायेगा ताकि प्रशिक्षणार्थी को Standard Operating Procedure (SOP) के आधार पर प्रशिक्षण प्राप्त हो सके। शायद यह पहली Yojana है जो प्रशिक्षण हेतु Operating Procedure के मानकों को अधिसूचित करती है। यह Yojana कुछ प्रमुख सिद्दांतों पर आधारित है जिनका वर्णन कुछ इस प्रकार से है।
- ग्रामीण इलाकों में निवासित गरीब जनता की कार्यक्षमता, दक्षता को प्रशिक्षण के माध्यम से बढ़ाकर उन्हें आर्थिक अवसर प्रदान करके आर्थिक गतिविधियों में उनकी भागीदारी को बढ़ाना।
- यह तो सभी जानते हैं की जनसँख्या की दृष्टि से भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा देश है बस इसी जनसांख्यिकी अधिक्य को जनसांख्यिकी लाभ में परिवर्तित करना भी दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का प्रमुख सिद्दांत है।
- उपर्युक्त लक्ष्य हासिल करने हेत मजबूत संस्थानों का नेटवर्क बनाना।
- वैश्विक परिदृश्य को ध्यान में रखकर प्रशिक्षण की गुणवत्ता एवं मानक तय करना ताकि Trained व्यक्ति विदेशों में भी आसानी से काम कर सके।
ग्रामीण कौशल्य योजना की विशेषताएं:
Features of Deen Dayal Upadhyay Kaushlya Yojana in Hindi : इस योजना के मुख्य features निम्नवत हैं।
- प्रशिक्षनार्थी को प्रशिक्षण से करियर उन्नति की ओर ले जाने में विशेष जोर दिया जायेगा। इसके अलावा Job पर बने रहने वाले लोगों के लिए Incentive का प्रावधान भी किया गया है।
- प्रशिक्षण पास करने वाले व्यक्ति को कैरिएर उन्नति के साथ विदेशों की ओर Placement की सेवा भी मुहैया करायी जाएगी।
- प्रशिक्षण लेकर दक्ष हो चुके लोगों में से कम से कम 70% लोगों को Guaranteed Placement देना भी दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की प्रमुख विशेषता है।
- प्रशिक्षण को हाशिये पर रह रहे गरीब लोगों के लिए उपलब्ध कराना।
- देशी और विदेशी बाज़ार में workers की मांग के आधार पर Skill Training कार्यक्रमों की संचरचना।
- यह प्रशिक्षण कार्यक्रम Public Private Partnership (PPP) Mode में चलाया जायेगा, और प्रत्येक Project Implementation Agency (PIA) को अपने द्वारा प्रशिक्षित कम से कम 75% उम्मीदवारों को रोजगार का आश्वासन देना होगा।
- Standard Operating Procedure (SOP) प्रशिक्षण की जरुरी गुणवत्ता को निश्चित करता है।
- 50% SC/ST, 33% Women और 15% Minority की भागीदारी को अनिवार्य किया गया है।
- Placement होने के बाद भी सरकार द्वारा Migration Support और पूर्व छात्रों का एक नेटवर्क तैयार किया जायेगा।
- इस योजना के अंतर्गत जम्मू कश्मीर राज्य के युवाओं के लिए ‘’हिमायत’’ नामक अलग से उप योजना को क्रियान्वित किया गया है, इसके अलावा उग्रवाद प्रभावित नौ राज्यों के 27 जिलों में ग्रामीण परिवार के युवाओं के लिए रोशनी नामक विशेष कार्यक्रम की संरचना की गई है।
- इस Scheme के बारे में Feedback या Suggestion देने के लिए feedback@ddugky@gov.in पर ईमेल किया जा सकता है ।
Skilling and Placement under DDUGKY in Hindi:
इस कौशल्य योजना के अंतर्गत Skilling और Placement में निम्नलिखित Steps सम्मिलित हैं।
- समुदायों में अवसरों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
- ग्रामीण इलाकों से गरीब युवाओं की पहचान करना।
- रूचि रखने वाले ग्रामीण युवाओं को संगठित करना।
- जागरूकता के साथ साथ माता पिता और बच्चों को रोजगार की ओर प्रोत्साहित करने वाली Counseling देना।
- योग्यता के आधार पर चयन।
- Industry Linked मनोवृत्ति और ज्ञान प्रदान करना।
- Trained व्यक्ति को Placement के बाद भी Support ताकि वह नौकरी में बना रहे।
- व्यक्तिगत समीक्षा के आधार पर Job Provide करना जिसमे Minimum Wages से थोडा बढ़कर Salary दिए जाने का प्रावधान है।
ग्रामीण कौशल्य योजना में ग्रामपंचायत की भूमिका:
इस योजना को सफलता पूर्वक क्रियान्वित करने के लिए ग्राम पंचायत की मुख्य भूमिका है, ग्राम पंचायत अपने अधिकार क्षेत्र में निर्धन लोगों की पहचान, लोगों में Skilling के प्रति जागरूकता, युवाओं को संगठित करने में योगदान, आवश्यकतानुसार अर्थात जिस प्रकार की दक्षता की आवश्यकता हो का Skill database तैयार करना और Project Implementation agency (PIA) को Job Mela आयोजित कराने में मदद करेगी।
इसके अलावा ग्राम पंचायत अपने अधिकार क्षेत्र में यह सुनिश्चित करेगी की इस दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का लाभ समाज के सबसे कमजोर वर्ग और महिला वर्ग को मिले, एवं आंशिक उम्मीदवार और उसके माता पिता इस योजना की संभावनाओं के प्रति परामर्श देने में भी ग्राम पंचायत की अहम् भूमिका रहेगी।
Skill Training के दौरान ग्राम पंचायत चाहे तो उम्मीदवार की उन्नति रिपोर्ट का Track रख सकती है । इसके अलावा कार्यान्वयन में आने वाली समस्याओं से भी ग्राम पंचायत जिला एवं राज्य अथॉरिटी को बता सकती है। Training ख़त्म होने के बाद उम्मीदवारों को मिलने वाली Placement और अन्य पहलुओं को track करना एवं उनके निवारण हेतु सम्बंधित विभाग से बातचीत करना भी ग्राम पंचायत की भूमिका में शामिल है।
योजना के पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria):
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना में ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े हुए गरीब परिवारों के 15-35 वर्ष के युवा पात्रता रखने के योग्य हैं। इसके अलावा खास कमजोर वर्ग,महिला वर्ग, विकलांगता, पुनर्वासित बंधुआ मजदूर, HIV पीड़ित, तस्करी से पीड़ित इत्यादि 45 वर्ष तक पात्रता रखने के योग्य हैं ।
गरीब लोगों की पहचान एक प्रक्रिया जिसका नाम Particiaptory Identification of Poor (PIP) है के माध्यम से की जाएगी। इसके अलावा BPL, MGNREGA में पिछले वित्त वर्ष में 15 दिनों तक काम करने वाले परिवार को गरीब की श्रेणी में रखा जायेगा। अन्तोदय अन्न योजना, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड धारक को भी Skill program के अंतर्गत Eligible माना जायेगा । शारीरिक रूप से विकलांगो, अल्पसंख्यको, अनुसूचित जाति/जनजाति को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अंतर्गत वरीयता प्रदान की जाएगी।
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