पेंशनर्स अपने जीवित होने का प्रमाण कैसे जमा कर सकते हैं । How to submit life certificate.

Life Certificate : वर्तमान में पेंशनर्स को चाहे वह किसी भी प्रकार की पेंशन राज्य/केंद्र या अन्य किसी संस्थान की पेंशन ले रहा हो, उसे साल में एक बार अपने जीवित होने का प्रमाण उस बैंक में जमा करना होता है, जहाँ उसकी पेंशन आती है । आम तौर पर पेंशन उन लोगों को मिलती है जो किसी सार्वजनिक या निजी संस्थान में वर्षों काम करके रिटायर्ड हो चुके होते हैं।

हर किसी व्यक्ति को मिलने वाली पेंशन के प्रकार अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन इनमें जो एक चीज कॉमन है वह यह की, किसी भी प्रकार की पेंशन पाने के लिए पेंशनर्स को प्रत्येक वर्ष अपने जीवित होने का प्रमाण देना होता है।

जीवित प्रमाण पत्र क्या है (What is life certificate):

यह एक ऐसा दस्तावेज होता है जो किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस बात के लिए जारी किया जाता है की अमुक व्यक्ति अभी तक जीवित है। सक्षम प्राधिकारी से आशय उन लोगों या एजेंसीयों से हैं, जो कानूनन इस तरह का यह पत्र जारी करने के लिए प्राधिकृत हैं। इसलिए एक ऐसा दस्तावेज जिससे किसी व्यक्ति के जीवित होने का पता चलता है वही जीवित प्रमाण पत्र (Life Certificate) कहलाता है।

वैसे तो इस दस्तावेज को ऑफलाइन यानिकी पारम्परिक तरीकों जैसे किसी गजटेड ऑफिस के हस्ताक्षर करके एवं अन्य सक्षम प्राधिकारी व्यक्तियों के हस्ताक्षर करके भी बनाया जा सकता है। या फिर यदि पेंशनर्स उस बैंक में खुद उपस्थित हो जाता है जिस बैंक से उसे पेंशन मिलती है, तो इस चीज को बैंक खुद ही हैंडल कर लेता है।

लेकिन आज का इंडिया डिजिटल इंडिया है, यही कारण है की पेंशनर्स अपने जीवित होने का प्रमाण आसानी से जमा कर सकें इसके लिए भारत सरकार द्वारा एक पोर्टल (https://jeevanpramaan.gov.in/) को बनाया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट आसानी से जमा किया जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे इस पोर्टल के माध्यम से पेंशनर्स खुद का जीवित होने का प्रमाण पत्र जारी नहीं कर सकता, वह कैसे करना है हम आगे बताएँगे।

digital life certificate

डिजिटल जीवित प्रमाण क्या है (What is digital life certificate):

जीवित होने का एक ऐसा प्रमाणिक दस्तावेज जिसे पेंशनर्स के बायोमेट्रिक चिन्हों का इस्तेमाल करके ऑनलाइन जारी किया जाता है, उसे डिजिटल जीवित प्रमाण (Digital life certificate) कहा जाता है। सामान्य प्रमाण और डिजिटली प्रमाण में सिर्फ इतना फर्क है की जहाँ सामान्य प्रमाण को सक्षम प्राधिकारियों के ऑफिस के चक्कर काटकर बनवाया जाता है। वही डिजिटल जीवित प्रमाण को इसके अधिकारिक पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन बनाया जाता है।

पेंशनर्स के लिए जीवित होने का प्रमाण जमा करना क्यों जरुरी है

जैसा की हम सब जानते हैं की पेंशन के तहत सम्बंधित व्यक्ति को एक निश्चित राशि पैसों के रूप में प्रदान की जाती है। ऐसे में कई बार होता यह है की पेंशनर्स जो पेंशन पा रहा होता है, उसकी मृत्यु हो गई होती है, लेकिन इस बात का पता पेंशन देने वाले उपक्रम और बैंक को नहीं होती है। इसलिए उस व्यक्ति की पेंशन पहले की ही तरह हर महीने खाते में आती रहती है।

जबकि कई पेंशन ऐसी होती हैं जिन्हें पेंशनर्स की मृत्यु के बाद समाप्त किया जाना होता है, तो कई ऐसी भी होती हैं, जिन्हें परिवार के अन्य सदस्यों की ओर ट्रान्सफर किया जाना होता है। लेकिन जब पेंशन देने वाले उपक्रम और बैंक को पेंशनभोगी की मृत्यु की जानकारी हो नहीं होगी, तो यह सब कार्य भी नहीं हो पाएंगे। यही कारण है की पेंशनभोगियों को हर साल एक बार अपने जीवित होने का प्रमाण जमा करने की आवश्यकता होती है। ताकि उनकी पेंशन लगातार उनके खाते में आती रहे ।

अपने जीवित होने का प्रमाण कैसे जमा कर सकते हैं ( How pensioners can submit their life certificate)  

पेंशनभोगी अपने जीवित होने का प्रमाण कई तरीके से जमा कर सकते हैं, इनमें से कुछ प्रचलित तरीके इस प्रकार से हैं ।

बैंक में खुद उपस्थित होकर

पेंशनभोगी अपने जीवित होने का प्रमाण देने के लिए उस बैंक में खुद उपस्थित हो सकते हैं, जिस बैंक में उनकी पेंशन आती है। जब आप बैंक में स्वयं उपस्थित हो जाते हैं तो बैंक अधिकारीयों द्वारा आपके बायोमेट्रिक दर्ज कर लिए जाते हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं की आप अभी तक जीवित हैं । और आपकी पेंशन आपके खाते में पहले की तरह आती रहती है।

सक्षम प्राधिकारी से हस्ताक्षर करवाके

ऐसे पेंशनभोगी जो उस बैंक में स्वयं मौजूद होने की स्थिति में नहीं है, उनका जीवित होने का प्रमाण पत्र बनाया जा सकता है, जिसमें भारतीय पंजीकरण अधिनियम के तहत नियुक्त किये गए रजिस्ट्रार, कोई सरकारी गजेटेड अधिकारी, सब इंस्पेक्टर से लेकर इस रैंक से बड़ा कोई भी पुलिस अधिकारी, भारतीय रिज़र्व बैंक के क्लास १ ऑफिसर, पोस्ट मास्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, ग्राम पंचायत प्रमुख, सांसद, विधायक इत्यादि हस्ताक्षर करने के लिए प्राधिकृत हैं। इनमें से किसी भी सक्षम प्राधिकारी से हस्ताक्षर करे हुए प्रमाण पत्र को बैंक में जमा किया जा सकता है।

डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जमा करके

वर्तमान डिजिटल इंडिया में पेंशनभोगियों के लिए अपने जीवित होने का प्रमाण देने का यह सबसे आसान, सुगम एवं प्रचलित तरीका है। यह आपको बैंक या किसी अन्य कार्यालय के चक्कर काटने से बचाता है। कई रिटायर्ड पेंशनभोगी ऐसे हैं जो दुसरे शहरों में नौकरी करते थे, और आज वे किसी अन्य शहर या राज्य में बस चुके हैं। लेकिन उनकी पेंशन आज भी उनके पुराने बैंक खाते जो किसी अन्य शहर में उपलब्ध है, वहीँ आती है। ऐसे लोगों के लिए यह डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट वरदान साबित हुआ है। क्योंकि वे अब जहाँ हैं वहीँ से अपने जीवित होने का प्रमाण जमा कर सकते हैं।

लाइफ सर्टिफिकेट बनाने के लिए डाक्यूमेंट्स (Documents)

जैसा की हम बता चुके हैं की अब पेंशनर्स कहीं से भी अपने जीवित होने का प्रमाण (Digital life certificate) के माध्यम से जमा कर सकते हैं।इसके लिए उन्हें उनके नजदीकी जन सेवा केंद्र में जाने की आवश्यकता होती है, डिजिटल सर्टिफिकेट जनरेट करने के लिए कुछ डिटेल्स की आवश्यकता होती है जो निम्न है।

  • डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जनरेट करते समय जन सेवा केंद्र अधिकारी आपसे पेंशन पेमेंट आर्डर (PPO Number) माँग सकते हैं।
  • आपका आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर की भ आवश्यकता होती है।
  • जिस बैंक में आपकी पेंशन आती है उसका नाम एवं अकाउंट नंबर की भी आवश्यकता होती है ।
  • PPO नंबर न होने की स्थिति में उसकी जगह आधार कार्ड नंबर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।    

अपने जीवित होने का प्रमाण डिजिटली कैसे जमा करें (How to submit life certificate digitally):

यदि आप पेंशनभोगी हैं और उस शहर या राज्य को छोड़ चुके हैं जहाँ पहले आप कार्य किया करते थे। लेकिन आपकी पेंशन आज भी उसी पुराने बैंक खाते में आती है, जो आपके कार्यकाल के दौरान खुला हुआ था। तो ऐसे में आप यह जानने को उत्सुक होंगे की क्या कोई ऐसा तरीका है, जिसके माध्यम से आप जिस शहर में रह रहे हैं, वहीँ से अपना जीवित होने का प्रमाण (Life Certificate)  जमा कर दें।

जी हाँ बिलकुल है इसके लिए आप अपने नजदीकी CSC ( कॉमन सर्विस सेण्टर ) पर जा सकते हैं । चूँकि सरकार ने पेंशनभोगियों की इस समस्या को ध्यान में रखकर jeevanpramaan.gov.in के नाम से अधिकारिक पोर्टल लांच किया है। जिसके माध्यम से जन सेवा केंद्र संचालक बायोमेट्रिक का इस्तेमाल करके आपका जीवित होने का प्रमाण आसानी से जनरेट कर सकता है। सरकार ने इसके लिए किसी प्रकार का शुल्क निर्धारित नहीं किया है, लेकिन जन सेवा केंद्र संचालक आपसे इसके १० से ३० रूपये तक कुछ भी चार्ज कर सकता है।

अपने जीवित होने का प्रमाण डिजिटली कैसे जनरेट कर सकते हैं? यदि इस पर आपका अन्य कोई भी सवाल हो तो आप व्हाट्सएप्प के माध्यम से हमसे पूछ सकते हैं।

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