Drinking straws से हमारा आशय द्रव पीने वाली प्लास्टिक की एक नली से है | स्ट्रॉ का उपयोग विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थ को पीने में किया जाता है | कहते हैं की वर्ष 1888 में मार्विन स्टोन नामक व्यक्ति ने स्पाइरल बाइंडिंग प्रक्रिया से स्ट्रॉ बनाने की निर्माण विधि को पेटेंट कराया था | स्टोन नामक यह व्यक्ति पहले से सिगरेट के बाहर लगने वाले कागज़ का निर्माणकर्ता था | उसी को पहली बार कागज से स्ट्रॉ बनाने का विचार आया था उससे पहले राई घास से निर्मित स्ट्रा उपयोग में लाये जाते थे | स्टोन द्वारा पहली बार Drinking straws का निर्माण पेंसिल के चारों ओर एक पेपर लपेटकर बाद में उसे चिपकाकर किया गया था चूँकि पेपर की स्ट्रॉ का उपयोग करने पर वह गीली एवं ढीली हो जा रही थी इसलिए उसने अगला प्रयोग पैराफिन लगे मनिला पेपर पर किया जो की कामयाब भी रहा Drinking Straws का जो सबसे बड़ा फायदा लोगों को हुआ वह यह हुआ की विभिन्न पेयों में अम्लीय गुण विद्यमान होते हैं जो दांतों को नुकसान पहुंचा सकते थे Drinking Straws के आने से अब वे दांतों के संपर्क में ही नहीं आते थे |
Drinking Straw Manufacturing Business kya hai:
जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में पहले भी बता चुके हैं की Drinking Straws एक द्रव पीने वाली नलिका होती है | यद्यपि पहले घास की, बाद में पेपर की, तो अब प्लास्टिक polypropylene से निर्मित drinking straws का उपयोग किया जाता है | इस प्रकार प्लास्टिक से निर्मित यह Drinking Straws इन दिनों बेहद प्रचलित हैं इनको मुख्य रूप से कोल्ड ड्रिंक जैसे कोका कोला, फलों का जूस, रोज मिल्क, कोल्ड कॉफ़ी, लस्सी इत्यादि को पीने के उपयोग में लाया जाता है | इस प्रकार की यह स्ट्रॉ बेहतर प्रदर्शन, हल्के वजन, मनभावन रंग, हैंडलिंग में आसानी, पैकिंग और परिवहन के अनुकूल मानी जाती हैं | अब जब किसी उद्यमी द्वारा अपनी कमाई करने के उद्देश्य से Drinking Straws बनाने का काम किया जाता है तो हम कह सकते हैं की वह व्यक्ति इसी का व्यवसाय करता है |
Market Potential in Drinking Straws business:
आये दिनों बाज़ारों में ठन्डे पेय पदार्थों की संख्या बढती जा रही है और आये दिनों जीवन स्तर में हो रहे सुधार के कारण लोग स्ट्रॉ लगाकर ठंडा पेय पीना पसंद करते हैं | इसके अलावा कुछ पेय पदार्थों की पैकिंग ऐसी होती है जिन्हें सिर्फ स्ट्रॉ लगाकर ही पीया जाता है इनमे बाज़ार में मिलने वाले जूस और Frootie सम्मिलित हैं | इस प्रकार के प्रोडक्ट की विशेषता यह है की इसे सिर्फ एक ही बार उपयोग में लाया जा सकता है और हर बार नई नई स्ट्रॉ उपयोग में लायी जाती है इसलिए इनके उपयोग होने की मात्रा किसी स्थान विशेष में बहुत ज्यादा हो सकती है | ऐसे लोग जिन्हें ठंडे पेय से दांतों में Sensitivity होती है उनके द्वारा भी स्ट्रॉ का उपयोग बहुतायत तौर पर किया जाता है ताकि पेय उनके दांतों को स्पर्श न करे | इसलिए इस Drinking Straws नामक उत्पाद की मान Cool Bars, Fast Food Restaurants, Retail Outlets में बढती जा रही है |
Required Machinery and raw Materials for Drinking Straws:
Drinking Straws Manufacturing Business में मुख्य रूप से काम आने वाला Raw Material polypropylene के दाने, रंग एवं अन्य additive हैं | मुख्य रूप से काम आने वाली मशीनरी की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है |
- Thermoplastic Extrude fitted with Eddy current Coupling
- 4 solid state temperature controls ampere meters,
- contactors,
- Pilot switches with thermocouples
- Star head and die
- Water tank
- Roller conveyor
- Rotary cutter driven in conjunction with roller conveyor
- Miscellaneous equipment and essential spares
Raw Materials की लिस्ट इस प्रकार से है |
- Polypropylene Granules
- Colours
- additives
- Packing materials
Manufacturing Process of Drinking Straw:
Polypropylene drinking straws को extrusion process के माध्यम से अंजाम दिया जाता है | सामान्यतया एक 30mm Extruder के साथ Dies, Cooling and cutting की व्यवस्था छोटे स्तर पर उत्पादन करने के लिए चाहिए हो सकती है | बड़े स्तर पर उत्पादन के लिए 35mm से 50 mm तक के Extruder और एक 20 mm सहायक Extruder का अनेकों कलर की drinking straws बनाने के उपयोग में लायी जा सकती हैं | Drinking Straws की मैन्युफैक्चरिंग इस तरह से की जा सकती है |
- Polypropylene Granules को Extruder में डाला जाता है |
- Extruder डाय के माध्यम से लगातार लंबाई में स्ट्रॉ पाइप का Extrusion |
- Water Bath की तरफ पास करके पाइप को ठंडा करना |
- आटोमेटिक कटर से Drinking Straw को निश्चित लम्बाई में काटना |
- कट किये हुए स्ट्रॉ को एक कंटेनर में एकत्र किया जाता है |
Drinking Straws की निर्माण विधि संपन्न होने के बाद इसे विभिन्न गुणवत्ता के लिए निर्धारित मानकों पर मूल्यांकित किया जाता है, गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरने के बाद इन्हें प्रति पैकेट में 100-500 के आधार पर पैक किया जाता है, और बाज़ार में इन्हें बेचकर उद्यमी द्वारा अपनी कमाई की जाती है |
laghu udyog lagana chahta hun 5lakh ke bajat me start kerne ka tarika batayen
Kya bissuness karu samajh me nahi aa raha hai tips de
Mug Business ke bare me bataye. Kaise Mug Printing Business kaise Start kar sakte hai.
sir mujhe koi kam pese se suru ho jaye aesa business btaye plz
Bahut Hi Accha Lekh Likha Hai Aapne
सर इस discussion को पढ़कर समझ में आ गया है। मुझे क्या करना चाहिए।
इस जानकारी और support के लिए आपका आभार।
धन्यवाद।