जहाँ पहले हमारे देश भारत में Hand Sanitizer का इस्तेमाल बेहद कम लोगों अर्थात कुछ जागरूक लोगों द्वारा ही किया जाता था । और बहुत सारे लोग तो ऐसे थे जिन्हें पता भी नहीं था की आखिर यह हैण्ड सैनीटाईजर होता क्या है और इसका इस्तेमाल क्यों होता है। लेकिन कोरोना नामक महामारी ने मास्क एवं इसकी उपयोगिता को बढ़ा दिया और हैण्ड सैनीटाईजर नामक इस शब्द से सभी लोग अच्छी तरह से अवगत हो गए।
यही कारण है की जब सम्पूर्ण विश्व के काम धंधे, व्यवसाय इस महामारी के भेंट चढ़ चुके थे उस समय Hand Sanitizer का यह धंधा जोरों शोरों पर चल रहा था और इसी दौरान देश विदेश में इस तरह के उत्पाद का उत्पादन करने वाली कई नई कम्पनियों का भी प्रादुर्भाव हुआ था। क्योंकि लोग अपने हाथों को कीटाणुरहित रखना चाहते थे ताकि कोई हानिकारक वायरस उनके हाथों के माध्यम से उनके शरीर में प्रवेश करके उन्हें बीमार न कर दे।
और आज जब इस महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है ऐसे में वे मास्क, हैण्ड सैनीटाईजर जैसे वैकल्पिक तरीकों से ही अपने देश के नागरिकों को इस बीमारी की चपेट में आने से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं की Hand Sanitizer के प्रति जितनी जागरूकता इस महामारी के काल के बढ़ी है उतनी पहले कभी नहीं बढ़ी।
इसलिए यह महामारी चाहे स्थायी रहे या न रहे लेकिन हैण्ड सैनीटाईजर के प्रति लोगों की जागरूकता अपने स्वास्थ्य की देखभाल हेतु हमेशा रहने की उम्मीद लगायी जा सकती है। ऐसे में इच्छुक व्यक्ति जो उद्यमी बनने की ओर अग्रसित हैं वे यह जानना चाहते हैं की वे हैण्ड सैनीटाईजर बनाने का बिजनेस कैसे शुरू कर सकते हैं। उनकी इसी अभिलाषा को ध्यान में रहते हुए आज हम इस लेख में इस संदर्भ में उचित जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं।
हैण्ड सैनीटाईजर क्या है (What is Hand Sanitizer):
Hand Sanitizer जिसे अन्य दो नामों हैण्ड एंटीसेप्टिक या हैण्ड रब के नाम से भी जाना जाता है इसका इस्तेमाल हाथों से रोग पैदा करने वाले कीटाणुओं, वायरस इत्यादि को हटाने के लिए किया जाता है। किसी भी मनुष्य प्राणी के लिए संक्रामक रोगों से अपने आपको बचाने का सबसे सार्थक उपाय अपने हाथों की स्वच्छता को बनाये रखना है क्योंकि किसी भी संक्रमण के कीटाणु एवं वायरस हमारे हाथों के माध्यम से ही मुहँ तक पहुँचते हैं।
हालांकि हाथों की स्वच्छता साबुन एवं पानी से भी की जा सकती है लेकिन जहाँ पानी एवं साबुन की उपलब्धता न हो, और किसी कारणवश बार बार हाथ धोना मुमकिन न हो इस स्थिति में हैण्ड सैनीटाईजर का ही इस्तेमाल किया जाता है। यद्यपि इस उत्पाद की प्रभावशीलता इसे बनाने में प्रयुक्त किये गए कच्चे माल के आधार पर अलग अलग हो सकती है।
लेकिन व्यापक रूप से इसका इस्तेमाल डे-केयर केंद्रों, स्कूलों, अस्पतालों, स्वास्थ्य देखभाल क्लीनिकों और सुपर बाजारों में संक्रमण नियंत्रण के लिए लोगों द्वारा किया जाता है। लोगों की अपने हाथों की स्वच्छता के प्रति बढती जागरूकता एवं इसके फायदों के परिणामस्वरूप Hand Sanitizer की मांग में लगातार वृद्धि देखी गई है। यह बाजार में झाग, जैल एवं लिक्विड स्वरूप में उपलब्ध होता है।
मार्किट परिदृश्य (Market Outlook of Hand Sanitizer)
एक आंकड़े के मुताबिक भारत की Hand Sanitizer Market का 2025 तक $43 मिलियन का आंकड़ा पार करने की संभावना है। जहाँ तक भारत में इसके बढ़ने का सवाल है वह इसलिए क्योंकि भारत के लोगों का स्वस्थ जीवन शैली एवं कल्याण के प्रति जागरूकता बढती जा रही है यही कारण है की उपभोक्ताओं की वरीयताओं में हाइजीन प्रोडक्ट भी शामिल हुए हैं। इसके अलावा बड़ी एवं प्रसिद्ध ब्रांड जिनके द्वारा हैण्ड सैनीटाईजर का निर्माण किया जाता है उनकी मार्केटिंग गतिविधियों के माध्यम से भी लोगों में इस उत्पाद के प्रति जागरूकता बढ़ी है।
और इस काल में COVID 19 इसकी मांग को बढाने के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार है। Hand Sanitizer की मार्किट को प्रमुख रूप से तीन श्रेणियों जैल, लिक्विड एवं स्प्रे में विभाजित किया जा सकता है। वर्ष 2019 की यदि हम बात करें तो हैण्ड सैनीटाईजर उत्पादन में पश्चिम भारत अग्रणी रहा है और आगे भी इस भौगौलिक क्षेत्र द्वारा इस औदयोगिक क्षेत्र में अपना प्रभुत्व बनाये रखने की उम्मीद है।
चूँकि भारत एक बहुत बड़ा बाजार है इसलिए यहाँ हर उत्पाद को निर्माण करने वाले सैकड़ों विनिर्माणकर्ता होते हैं। लेकिन इस क्षेत्र में कुछ प्रमुख नाम , रेकिट बेंकिज़र (इंडिया) लिमिटेड, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, डाबर इंडिया लिमिटेड, हिमालया ड्रग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड आईटीसी लिमिटेड, इत्यादि हैं।
हैण्ड सैनीटाईजर बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to Start a Hand Sanitizer Business in India)
हालांकि Manufacturing Business कोई सा भी हो उसे शुरू करना इतना आसान नहीं होता बल्कि उद्यमी को अनेकों तरह की परमिशन, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन कराने की आवश्यकता होती है। जहाँ तक Hand Sanitizer की बात है इस तरह का बिजनेस करने के लिए भी अनेकों औपचारिकतायें एवं एक बड़े निवेश की आवश्यकता हो सकती है। यदि उद्यमी उत्पादन क्षमता कम रखना चाहता है तो वह कुछ कम निवेश के साथ भी इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर सकता है।
कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल किये गए एक्टिव इनग्रीडेंट के आधार पर हैण्ड सैनीटाईजर को दो भागों अल्कोहल आधारित एवं अल्कोहल मुक्त सैनीटाईजर में वर्गीकृत किया जा सकता है। अल्कोहल आधारित सैनीटाईजर में इथेनॉल, इसोप्रोपानोल के रूप में 60 से 95 प्रतिशत तक अल्कोहल होता है। इसमें अल्कोहल प्रोटीन को तुरन्त निरुपित करती है और कुछ प्रकार के सूक्ष्मजीवों के प्रभाव को बेअसर करती है। अल्कोहल से मुक्त सैनीटाईजर कीटाणुनाशक पर आधारित होता है इनमें बेंज़ालकोनियम क्लोराइड (बीएसी), या ट्राईक्लोसन जैसे रोगाणुरोधी एजेंटों का इस्तेमाल किया जाता है।
इसलिए Hand Sanitizer Manufacturing Business शुरू करने से पहले उद्यमी को इस बात का निर्णय लेना होगा की वह अल्कोहलयुक्त सैनीटाईजर का निर्माण करना चाहता है अथवा अल्कोहलमुक्त सैनीटाईजर का। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए उठाये जाने वाले कुछ आवश्यक कदमों के बारे में संक्षेप में जानकारी इस प्रकार से है।
1. साईट का सिलेक्शन और निर्माण करें
जहाँ तक इस व्यवसाय के लिए साईट सिलेक्शन का सवाल है उद्यमी किसी भी ऐसी जगह जहाँ पर आधारभूत सुविधाओं जैसे बिजली, पानी, सड़क इत्यादि की उपयुक्त व्यवस्था हो, में सिलेक्शन कर सकता है। लेकिन यह फैक्ट्री निवासिय एरिया से थोड़ी दूर ही होनी चाहिए और इसके लिए यह भी जरुरी नहीं है की यह किसी भीड़ भाड़ वाली प्रसिद्ध जगह पर उपलब्ध हो। बल्कि उद्यमी चाहे तो मुख्य बाजार से 15-20 किलोमीटर के रेडियस में जहाँ उसे सस्ती जमीन या जगह इस काम के लिए मिल रही हो वह उसका सिलेक्शन कर सकता है ।
एक आंकड़े के मुताबिक इसके लिए उद्यमी को 700-1000 Square Meter जगह की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि यहाँ पर स्टोर से लेकर ऑफिस, प्रोसेसिंग हॉल इत्यादि सभी कुछ बनाने होते हैं। यदि उद्यमी जमीन किराये या लीज पर ले रहा हो तो लीज एग्रीमेंट इत्यादि बेहद जरुरी है।
यदि उद्यमी सिर्फ जमीन लेकर उस पर निर्माण कार्य शुरू कर रहा हो तो उसे इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से अवश्य राय लेनी चाहिए की उसे अपने प्लांट का आउटलेट किस प्रकार से विकसित करना है। और निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद Hand Sanitizer Business कर रहे उद्यमी को वाटर कनेक्शन, पॉवर कनेक्शन, पोल्यूशन क्लेअरेंस इत्यादि की भी आवश्यकता होगी।
2. वित्त का प्रबंध करें (Finance for Hand Sanitizer Business)
यद्यपि इसHand Sanitizer प्रोजेक्ट को शुरू करने में आने वाली लागत इस बात पर निर्भर करेगी की उद्यमी कितनी उत्पादन क्षमता का प्लांट लगाने की योजना बना रहा है। क्योंकि जितना बड़ा उत्पादन क्षमता का प्लांट होगा उद्यमी को उतना ही अधिक निवेश करने की आवश्यकता होगी। उद्यमी को जिन मुख्य चीजों पर खर्च करने की आवश्यकता होगी उनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत है।
- जगह एवं निर्माण पर आने वाला खर्चा यदि जगह किराये पर है तो महीने का किराया 12 हज़ार रूपये मान के चल सकते हैं।
- मशीनरी एवं उपकरणों पर आने वाला खर्चा उत्पादन क्षमता के आधार पर अंतरित हो सकता है। एक बड़े प्लांट के लिए मशीनरी एवं उपकरणों पर आने वाला खर्चा 12-13 लाख रूपये हो सकता है।
- इलेक्ट्रिफिकेशन, इंस्टालेशन, वाटर कनेक्शन, पैकेजिंग इत्यादि पर लगभग 1.5 लाख रूपये तक खर्च आ सकता है।
- ऑफिस फर्नीचर इत्यादि में 75 हज़ार रूपये तक का खर्चा आ सकता है।
- लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, परमिशन इत्यादि में भी 50-60 हज़ार रूपये का खर्चा आ सकता है।
- एक महीने का कच्चा माल खरीदने में भी 6-8 लाख रूपये का खर्चा आ सकता है।
- पांच छह कर्मचारियों की महीने की सैलरी भी 1-1.5 लाख रूपये हो सकती है।
कहने का आशय यह है की Hand Sanitizer Manufacturing Business को शुरू करने में कई लाखों रूपये का निवेश करने की आवश्यकता होती है। इसलिए कोई भी व्यक्ति इतनी मोटी रकम अपनी व्यक्तिगत बचत से लगाने में शायद अक्षम ही होगा। और उसे बैंक या वित्तीय संस्थानों से ऋण इत्यादि लेकर वित्त का प्रबंध करने की आवश्यकता हो सकती है।
3. आवश्यक लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन प्राप्त करें (License for Hand Sanitizer Manufacturing Business)
इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को विभिन्न प्रकार के लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन लेने की आवश्यकता हो सकती है। कुछ प्रमुख लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन जो Hand Sanitizer Manufacturing Business करने के लिए जरुरी हैं उनकी लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।
- रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनी के साथ कंपनी रजिस्ट्रेशन।
- स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस।
- फैक्ट्री एक्ट के तहत फैक्ट्री लाइसेंस।
- यदि उद्यमी सरकारी योजनाओं का लाभ लेना चाहता हो तो उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन।
- ड्रग एवं कॉस्मेटिक लाइसेंस।
- फायर लाइसेंस, BIS Certification।
- यदि उद्यमी अपने उत्पाद को बाहर देशों की ओर निर्यात करना चाहता हो तो IEC (Import Export Code) की भी आवश्यकता होगी।
4. आवश्यक मशीनरी उपकरण एवं कच्चे माल की खरीदारी करें
अब उद्यमी का अगला कदम मशीनरी एवं उपकरणों की खरीदारी का होना चाहिए लेकिन उससे पहले उद्यमी को विभिन्न सप्लायर से कोटेशन मंगाने की आवश्यकता होती है। जहाँ तक सप्लायर ढूँढने का सवाल है इन्हें उद्यमी इंडियामार्ट, ट्रेड इंडिया जैसी वेबसाइट के माध्यम से आसानी से ढूंढ सकता है। यदि मशीनरी एवं उपकरण प्रदान करने वाला कच्चा माल भी प्रदान करे तो अच्छा है, नहीं तो उद्यमी को कच्चे माल के लिए अलग सा ही सप्लायर ढूँढने की आवश्यकता होगी।
चूँकि Hand Sanitizer Manufacturing Business में काम आने वाली मशीनरी एवं उपकरण और कच्चे माल को खरीदने में उद्यमी को कई लाख रूपये खर्च करने की आवश्यकता होती है। इसलिए चुने हुए सप्लायर के बारे में हर जानकारी अच्छी तरह से जुटा लें, ताकि किसी भी प्रकार के धोखे से आप अपने आपको बचा सकें। इस बिजनेस में उपयोग में लायी जाने वाली कुछ प्रमुख मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है।
- यदि उद्यमी बड़े स्तर पर Hand Sanitizer का निर्माण करने की योजना बना रहा है तो उसे कच्चे माल जैसे अल्कोहल इत्यादि को स्टोर करने के लिए बड़े बर्तनों की आवश्यकता होगी।
- अल्कोहल को मैन्युफैक्चरिंग बर्तन में ट्रान्सफर करने के लिए ट्रान्सफर पंप की आवश्यकता होगी।
- मिक्स करने के लिए बर्तन की आवश्यकता होगी।
- बने हुए उत्पाद यानिकी Hand Sanitizer को स्टोर करने के लिए बर्तन।
- दो ट्रान्सफर पंप एक मैन्युफैक्चरिंग बर्तन से स्टोर बर्तन में ट्रान्सफर करने के लिए दूसरा स्टोर बर्तन से फिलिंग मशीन में ट्रान्सफर करने के लिए।
- फिलिंग मशीन, कैपिंग मशीन, लेबलिंग मशीन, बैच कोडिंग के लिए इंक जेट प्रिंटर इत्यादि की भी आवश्यकता होगी।
- वर्किंग प्लेटफोर्म, कण्ट्रोल पैनल, जरुरी पाइप, वाल्व एवं फ़िल्टर की भी आवश्यकता होगी।
- मापने या तौलने के लिए भार मापने की मशीन।
5. हैण्ड सैनीटाईजर बनाने में उपयोग होने वाला कच्चा माल खरीदें
हैण्ड सैनीटाईजर बनाने में इस्तेमाल में लाये जाने वाले प्रमुख कच्चे माल की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।
- इसोप्रोपानोल
- इथेनॉल
- हाइड्रोजन पेरोक्साइड
- ग्लिसरॉल
- डिस्टिल्ड वाटर
- खुशबूदार तेल खुशबु के लिए।
हालांकि Hand Sanitizer बनाने में इसोप्रोपानोल एवं इथेनॉल में से किसी एक का ही इस्तेमाल किया जाता है।
अल्कोहल आधारित Hand Sanitizer Manufacturing में 91-99% शुद्ध अल्कोहल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। और इसका निर्माण IS-4117:2008 दिए गए गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप ही होना चाहिए। सामान्य अल्कोहल आधरित हैण्ड सैनीटाईजर उसकी निर्माण तिथि के अगले दो सालों तक चलता है लेकिन यदि इसे उचित ढंग से स्टोर किया जाय तो इसे तीन सालों तक कुछ नहीं होता है। इसलिए इस तरह के उत्पाद के निर्माण के बाद उसमें इसकी एक्सपायरी इत्यादि का विवरण देना नितांत आवश्यक है।
जहाँ तक सैनीटाईजर बनाते वक्त कच्चे माल का अनुपात का सवाल है। उसका उत्तर यह है की मान लीजिये यदि किसी उद्यमी को 10 लीटर माल का उत्पादन करना है। तो इस स्थिति में 8.3 लीटर इसोप्रोपानोल या फिर इथेनॉल होना चाहिए बाकी 0.42 लीटर हाइड्रोजन पेरोक्साइड, 0.15 लीटर ग्लिसरॉल, 1 लीटर डिस्टिल्ड वाटर, 0.08 लीटर खुशबूदार तेल होने चाहिए।
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