सामन्यतया Lipstick का उपयोग महिलाओं द्वारा अपने होंठो को सुन्दर बनाने, आकर्षक बनाने एवं सजाने के लिए किया जाता है | सौन्दर्य प्रसाधनो में Lipstick का अहम् योगदान है क्योंकि एक महिला द्वारा अनेकों रंग की लिपस्टिक उपयोग करने के लिए खरीदी जाती है | यही कारण है की बाज़ार में इनकी बिक्री हमेशा होती रहती है |
Lipstick केवल होंठो को सुन्दर, आकर्षक एवं सजाने का कार्य ही नहीं करती है अपितु एक गुणवत्तायुक्त लिपस्टिक होंठो को फटने से रोककर उन्हें मुलायम बनाने का भी कार्य करती है | इस उत्पाद को बहुत कम मात्रा अर्थात 3-5 ग्राम में पैक किया जाता है इसलिए इसकी कीमत भी कम होती है और समाज के हर वर्ग की महिलाओं द्वारा इसे आसानी से ख़रीदा जा सकता है | कहने का आशय यह है की लिपस्टिक एक ऐसा उत्पाद है जो आर्थिक रूप से समाज के हर वर्ग की पहुँच में आने वाला उत्पाद है |

Lipstick बनाने का व्यापार क्या है
Lipstick सौन्दर्य प्रसाधन के रूप में महिलाओं द्वारा उपयोग में लायी जाने वाली एक प्रमुख वस्तु है | इसको बनाने में मोमों, तेलों एवं रंगों इत्यादि का उपयोग किया जाता है | वर्तमान में विभिन्न रंगों की Lipstick Market में देखने को मिलती है | यही कारण है की एक महिला द्वारा एक से अधिक लिपस्टिक अपने होंठों पर उपयोग में लाने के लिए खरीदी जाती हैं | Lipstick Manufacturing में beeswax या carnauba wax में आवश्यकतानुसार तेलों में घुलनशील मिलाकर पिघलाया जाता है फिर इन्हें उपयुक्त सांचों में भरकर रख लिया जाता है |
जब यह ठंडा हो जाता है तो इन पर लगी छड़ी को निकाल दिया जाता है उसके बाद प्लास्टिक या एलुयूमिनियम के tube में इन्हें फिट कर लिया जाता है | जब किसी उद्यमी द्वारा अपनी कमाई करने हेतु व्यवसायिक तौर पर Lipstick का निर्माण किया जाता है तो कहा जा सकता है की वह उद्यमी Lipstick manufacturing Business में संलिप्त है |
लिपस्टिक की बिकने की संभावना
रंग सम्बन्धी सौन्दर्य प्रसाधन हमेशा से ही बाज़ार में बहुतायत डिमांड में रहे हैं | लेकिन वर्तमान में शहरीकरण एवं लोगों के जीवन स्तर में हो रहे सुधारों के कारण लोगों में सौन्दर्य प्रसाधनो के प्रति चेतना का प्रचार प्रसार हुआ है | इन दिनों देखा गया है की खास तौर पर शहरों में रहने वाली महिलाएं अपने होंठों, आँखों, बालों, दांतों इत्यादि का कुछ ज्यादा ही ध्यान रखने लगे हैं यही कारण है की महिलाओं द्वारा अपने होंठों को आकर्षक एवं सुन्दर बनाने हेतु Lipstick का उपयोग किया जाता है |
वहीँ ग्रामीण इलाकों में लिपस्टिक लगाना भले ही महिलाओं की रोजमर्रा की प्रक्रिया में शुमार न हो लेकिन किसी खास आयोजन एवं इधर उधर रिश्तेदारी में जाने के अवसर पर ग्रामीण इलाकों में निवासित महिलाओं द्वारा भी Lipstick का उपयोग किया जाता है यही कारण है की ग्रामीण इलाकों की महिलाओं द्वारा भी लिपस्टिक अवश्य खरीदी जाती है |
इसके अलावा जहाँ ग्रामीण इलाकों में दूर संचार के साधनों में कमी दिखाई देती थी लेकिन वर्तमान में लगभग हर कोने में बिजली की पहुँच होने के कारण ग्रामीण इलाकों में भी हर घर में टेलीविज़न इत्यादि देखे जा सकते हैं | और चूँकि सौन्दर्य प्रसाधनो का प्रचार प्रसार कंपनियों द्वारा टेलीविज़न, अख़बारों इत्यादि के माध्यम से किया जाता है जिससे सामान्य लोगों में सौन्दर्य प्रसाधनो के प्रति जागरूकता बढती है और जरुरत पड़ने पर वो उन्हें बाज़ार से खरीद भी लेते हैं |
आवश्यक मशीनरी और कच्चा माल :
Lipstick Manufacturing business में उपयोग में लाया जाने वाला मुख्य कच्चा माल Bees Wax (एक प्रकार का मोम) रेंडी का तेल, Isopropyl myristate , Lanolin or coco butter एवं इयोसीन रंग है | मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है |
- Mixing Machine
- सांचे (Moulds)
- Furnace (भट्टी)
- Melting Tank
- घोल बनाने का बर्तन
Lipstick manufacturing business में प्रयुक्त होने वाली Raw Materials की लिस्ट नीचे दी गई है |
- Bees Wax
- Castor Oil
- Isopropyl myristate
- Lanolin or coco butter
- Pigments
- Stearic Acid
विनिर्माण प्रक्रिया (Manufacturing Process of Lipstick):
यद्यपि विभिन्न Ingredients के आधार पर उद्यमियों द्वारा लिपस्टिक बनाने की अलग अलग विधि प्रयोग में लायी जाती है | और जिस प्रकार के Ingredients lipstick बनाने में प्रयुक्त किये जाते है उसी आधार पर लिपस्टिक की कीमत भी तय की जाती है | यही कारण है की बाज़ार में कुछ महँगी तो कुछ सस्ती लिपस्टिक हमेशा विद्यमान रहती हैं | Lipstick Manufacturing process में सर्वप्रथम Melting Tank में मोम को पिघला दिया जाता है और उसमे रंग घोल दिया जाता है |
उसके बाद Mixing Machine की मदद से रेंडी का तेल इत्यादि सामग्री इस मशीन में डालकर इसे अच्छी तरह मिला लिया जाता है | जब सारी सामग्री अच्छी से मिल जाती है तो इस मिश्रण को Mould अर्थात सांचों में डाल दिया जाता है | उसके बाद सांचों में डाले गए मिश्रण को ठोस करने हेतु इसे ठंडा किया जाता है ताकि मिश्रण से नमी उड़कर मिश्रण ठोस हो जाय |
जब मिश्रण साँचो के आकार में एकदम ठोस हो जाता है तो उन्हें सांचों से हटाया जाता है और प्लास्टिक या एलुमिनियम की tube में फिट कराया जाता है | उसके बाद इन्हें पैकिंग करके मार्किट में बेचकर कमाई की जा सकती है |
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mahila grah udyog ka ragistration kaise le plzz guide me and pura procedure kya hai bataye.
Hi
Kya aap koi training centre ka address pata Sakte hai jaha se me nail polish banane ki traning le saku mene search Kiya but mujhe online koi institute nhi Mila
Plz suggest.
Great job sir
Thank you