Money Disorder के बारे में आपने इससे पहले सुना हो या नहीं सुना हो लेकिन कमाई टिप्स की इस श्रेणी में इस पर बात करना इसलिए जरुरी हो जाता है क्योंकि यह पैसे से जुड़ा हुआ मामला है । हालांकि दुनिया में कोई भी मनुष्य हो वह अपने जीवन में कोई न कोई काम करके पैसे तो अवश्य कमाता है। लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो अपनी कमाई के अनुरूप पैसे का प्रबंधन कर पाने में सफल होते हैं तो वहीँ कई लोग ऐसे भी होते हैं जो महीने में कितना भी कमा लें लेकिन अंत में वे पैसे को तरसते रहते हैं।
अर्थात उनके पास पैसा आता तो है लेकिन उनकी कमजोर मैनेज स्किल के कारण ज्यादा देर पैसा उनके पास टिक नहीं पाता है। यद्यपि आम बोलचाल में इसे किसी भी नाम से नहीं जाना जाता है लेकिन वित्तीय मामलों के जानकारों के अनुसार जिन लोगों में पैसे को ठीक से प्रबंधित या सँभालने की दक्षता नहीं होती वे संभवत: Money Disorder के शिकार हो सकते हैं।
इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से इस विषय पर विस्तृत तौर पर जानने का प्रयास करेंगे। हम मनी डिसऑर्डर के उन लक्षणों के बारे में भी जानने की कोशिश करेंगे जिनका उल्लेख प्रसिद्ध वित्तीय मनोवैज्ञानिक Brad Klontz ने अपनी पुस्तक Mind Over Money में किया है। तो इससे पहले की हम इस विषय पर और वार्तलाप करें आइये जानते हैं की यह मनी डिसऑर्डर होता क्या है?
मनी डिसऑर्डर क्या है (What is Money Disorder)
चाहे कोई व्यक्ति कितना भी बोल दे की पैसा उसके लिए ज्यादा महत्व नहीं रखता लेकिन सच्चाई यह है की अधिकतर लोगों के जीवन में तनाव सिर्फ पैसे के कारण ही पैदा होता है। कहने का अभिप्राय यह है की पैसा किसी के भी जीवन में हलचल पैदा करने की क्षमता रखता है इसलिए मनुष्य जीवन में इसका बड़ा महत्व है।
आम तौर पर Money Disorder को एक ऐसे लगातार चलने वाला पैटर्न कहा जा सकता है जिसमें मनुष्य कमाता भी है लेकिन इसके बावजूद उसके निजी प्रबंधन एवं सीमाओं से बाहर जाकर खर्च करने की आदत के कारण उसके लिए पैसे बचाना मुश्किल हो जाता है। यानिकी पैसे का सही ढंग से प्रबंधन न होना और हमेशा पैसे के लिए परेशान रहना मनी डिसऑर्डर के लक्षण हो सकते हैं।
कहीं आपको भी यह वित्तीय व्याधि तो नहीं है आइये जानते हैं उन लक्षणों के बारे में। यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की पैसे का न टिकना तो मनी डिसऑर्डर हो सकता है लेकिन पैसे से जरुरत से अधिक लगाव एवं आवश्यकता की चीजों पर भी पैसे खर्च न करना भी Money Disorder हो सकता है।
मनी डिसऑर्डर के लक्षण एवं उपचार (Symptoms and Treatment of Money Disorder)
जैसा की हम उपर्युक्त वाक्यों में बता चुके हैं की केवल ऐसे लोग जो कमाते तो हैं लेकिन फिर भी पैसे को लेकर हमेशा तनाव में रहते हैं और उनके पास पैसा टिक नहीं पाता सिर्फ वे ही Money Disorder का शिकार नहीं हो सकते। बल्कि ऐसे लोग जिनके पास पैसे होते हुए भी जो आवश्यक जरूरतों पर पैसे खर्च नहीं करते वे भी इस वित्तीय व्याधि का शिकार हो सकते हैं। आइये आगे इस लेख में हम मनी डिसऑर्डर के लक्षणों एवं इनके उपचार के बारे में जानने का प्रयत्न करते हैं।
1. फाइनेंसियल डिनायल
फाइनेंसियल डिनायल को आप वित्तीय गतिविधियों के प्रति उदासीनता भी कह सकते हैं जब कोई व्यक्ति बेहद आवश्यक चीजों पर भी खर्च नहीं करता है। या फिर क्रेडिट कार्ड का बिल भरने में भी उसे पैसे होते हुए भी दिक्कत होती हो। पैसे को बैंक में पड़े रहने के अलावा कहीं निवेश नहीं करता हो। इसके अलावा टैक्स रिटर्न भरने की तारीख को हमेशा बढ़ाते रहता हो पोर्टफोलियो को मैनेज नहीं करता है । कुल मिलाकर व्यक्ति अपने जरुरी वित्तीय कार्यों के प्रति उदासीन रहता हो तो यह लक्षण Money Disorder का हो सकता है।
उपचार
फाइनेंसियल डिनायल से ग्रसित व्यक्ति को अपनी सभी वित्तीय गतिविधियों के लिए तारीख सुनिश्चित करनी चाहिए। इसके लिए व्यक्ति चाहे तो अपने फोन में रिमाइंडर इत्यादि सेट का कर सकता है । इसके अलावा निवेश करने पर चिंता होने पर किसी वित्तीय मनोवैज्ञानिक से भी संपर्क किया जा सकता है।
2. फाइनेंसियल रिजेक्शन
ऐसे व्यक्ति जो कमाते तो अच्छा हैं लेकिन इन सबके बावजूद उनके पास पैसे नहीं बचते या फिर यूँ कहें की उन्हें पैसे बचाने में ग्लानि महसूस होती है। या वे जान कर के अपने पैसे किसी दूसरे को दे देते हैं। और ठीक ठाक कमाने के बावजूद भी महीने के अंत में उनके पास पैसे नहीं बच पाते। जिससे उन व्यक्तियों के वित्तीय लक्ष्य पूरे नहीं हो पाते हैं। तो ऐसे लोग भी Money Disorder का शिकार हो सकते हैं।
उपचार
यदि व्यक्ति फाइनेंसियल रिजेक्शन का शिकार है तो उसे अपना वेतन अपने पति या पत्नी के हाथों में देना चाहिए। ताकि पैसे अच्छे ढंग से निवेश हो सकें। इसके अलावा आप अपने सारे पेमेंट को आटोमेटिक मोड पर भी रख सकते हैं जिससे व्यक्ति के खाते में वेतन आते ही वह सही जगह निवेशित हो जाय।
3. आवश्यक चीजों पर भी पैसा खर्च न करना
यदि कोई व्यक्ति पैसे होते हुए भी बेहद बेकार जिन्दगी सिर्फ इसलिए जी रहा है क्योंकि उसे जरुरी चीजों पर भी पैसे खर्च करना फिजूलखर्ची लगती है। तो उसे भी Money Disorder हो सकता है इस स्थिति में व्यक्ति अपने एवं अपने परिवार की आधारभूत जरूरतों को भी पैसा होने के बावजूद भी पूरा नहीं करता है।
उपचार:
ऐसे व्यक्ति को चाहिए की वह अपनी वित्तीय जिम्मेदारियां अपने पति या पत्नी को दे। ताकि वह उसकी एवं परिवार की आधारभूत जरूरतों पर पैसा खर्च करके जिन्दगी आसान बना सके। इसके अलावा व्यक्ति चाहे तो किसी वित्तीय सलाहकार या मनोवैज्ञानिक की सलाह भी ले सकता है।
4. अत्यधिक जोखिम
यदि व्यक्ति ने भारी मात्रा में डेब्ट में निवेश किया हो तो वह अत्यधिक जोखिम की स्थिति में होता है और उसे इक्विटी के माध्यम से भी अधिक फायदे की उम्मीद इसलिए नहीं होती क्योंकि इस स्थिति में व्यक्ति जोखिम लेने की स्थिति में नहीं होता है। जो व्यक्ति के पोर्टफोलियो को लम्बी अवधि में प्रभावित कर सकता है इस स्थिति को भी Money Disorder कहा जाता है।
उपचार
व्यक्ति को सम्पति आवंटन के बारे में सीखना चाहिये और अपने लक्ष्यों, उम्र, जोखिम लेने की क्षमता के अनुरूप इक्विटी में निवेश करना चाहिए।
5. जमाखोरी की आदत
Money Disorder का यह लक्षण तब प्रकट होता है जब व्यक्ति किसी भी चीज की जमाखोरी शुरू कर सकता है अर्थात वह अपनी जमाखोरी की आदत को रोक नहीं सकता। सिर्फ चीजों या वस्तुओं की ही जमाखोरी नहीं बल्कि वह पैसों को भी जमा करने लग जाता है और उसे पैसों या अन्य वस्तुओं को दूर करने में दुःख होता है। जमाखोरी का यह जूनून जब इस हद तक बढ़ जाता है की इससे परिवार के अन्य लोग प्रभावित होने लगते हैं तो इसे Money Disorder कहा जा सकता है।
उपचार
ऐसे व्यक्ति को अपने सारे निवेश आटोमेटिक कर देने चाहिए ताकि उसके खाते में वेतन पहुँचते ही सारे निवेश के लिए पैसे आटोमेटिक कट जाएँ।
6. काम की लत लग जाना
हालांकि काम करना बहुत ही अच्छी बात है लेकिन जब पैसे कमाने के वशीभूत होकर यह आदत लत में तब्दील हो जाती है तो इसे भी Money Disorder कहा जाता है। जब कोई भी व्यक्ति बिना आराम किये लगातार इसलिए काम करता है क्योंकि वह जितना हो सके उतना धन अर्जित करना चाहता है। चूँकि मनुष्य के भीतर यह भाव वित्तीय असुरक्षा के कारण उपजा होता है ऐसे में वह जितना अधिक पैसे कमाता है उसे उतना ही अच्छा लगता है। इस काम की लत के कारण उसका निजी जीवन काफी प्रभावित हो सकता है।
उपचार
इस स्थिति से निबटने के लिए व्यक्ति को अपने वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने चाहिये और तय करना चाहिए की उसे कितनी राशि की आवश्यकता होगी। उसके बाद व्यक्ति को निर्धारित राशि इकट्ठा करने का प्रयास करना चाहिए और जब उतना पैसा एकत्रित हो जाय तो उसके बाद व्यक्ति आराम कर सकता है।
7. पैथोलॉजिकल गैंबलिंग
यदि किसी व्यक्ति को पैसे से इतना प्यार हो जाता है की वह पैसे कमाने के लिए अनावश्यक जोखिम लेने से भी नहीं हिचकता तो यह भी एक प्रकार का Money Disorder हो सकता है। इस स्थिति में व्यक्ति को लगता है की वह बहुत ज्यादा पैसे एक साथ कमाएगा इसलिए व्यक्ति भाग्य आजमाने के लिए व्यापार, जुआ, सट्टेबाजी या फिर लाटरी खरदीने लगता है ।
उपचार
पैसे कमाना अच्छी बात है लेकिन पैसे कमाने के प्रति जूनून कभी कभी गलत रास्तों की तरफ भी धकेल देता है। इसलिए इस स्थिति से बचने के लिए व्यक्ति को अपने आप को ऐसे स्किल अर्थात कौशल से सुसज्जित करना होगा जो उसे अधिक पैसे कमाने में मदद कर सकें।
8. ज्यादा खर्च करने की लत
बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जिन्हें चीजों को खरीदने पर खर्च करने में प्रसन्नता महसूस होती है। कहने का आशय यह है की वे चीजों की खरीदारी इसलिए नहीं करते क्योंकि उन्हें इनकी आवश्यकता है बल्कि वे इसलिए खरीदारी करते हैं क्योंकि खरीदारी करने से उन्हें खुशी मिलती है। लेकिन यह ख़ुशी क्षणिक होती है और फिर से यह प्रक्रिया चलती रहती है। कहीं न कहीं यह स्थिति भी Money Disorder को दर्शाती है।
उपचार
इस स्थिति में व्यक्ति को किसी मनोवैज्ञानिक से उपचार लेने की आवश्यकता होती है।
9. वित्तीय वेवफाई
अपने जीवनसाथी से पैसे के बारे में झूठ बोलना या वित्तीय लेन देन को छुपाना चाहे वह बचत करने के मकसद से किया गया हो, खर्च करने या निवेश करने के मकसद से किया गया हो अपने साथी से पैसे के बारे में झूठ बोलना भी Money Disorder का लक्षण हो सकता है।
उपचार
इस स्थिति से निबटने के लिए पति पत्नी को एक टीम के रूप में कार्य करना बेहद जरुरी है ।
यद्यपि Money Disorder के कुछ और भी लक्षण हो सकते हैं लेकिन यहाँ पर हमने कुछ प्रमुख लक्षणों का ही उल्लेख किया है।
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