National Saving Certificate (NSC) in Hindi : यह एक बेहद प्रचलित डाकघर द्वारा चालित कर बचत योजना है कहने का आशय यह है की इस स्कीम के तहत किया जाने वाला निवेश कर से मुक्त है। इस योजना के तहत निवेशकर्ता को पांच साल के बाद एक निश्चित अमाउंट मिलता है।
जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में भी बता चुके हैं। की इस स्कीम के तहत किया जाने वाला निवेश भारतीय आयकर अधिनियम धारा 80C के अंतर्गत कर से मुक्त है इसलिए इसे ऐसे नौकरीपेशा, बिज़नेसमैन इत्यादि के बीच बेहद प्रचलित है जो कर प्रणाली के दायरे में आते हैं।
यद्यपि जब बचत करने की बात सामने आती है तो लोगों के पास निवेश करने के बहुत सारे विकल्प सामने आने लगते हैं। जो विकल्प सामने आते हैं इनकी कुछ विशेषताएं जैसे आकर्षक ब्याज, आयकर अधिनियम की धारा 80C के अंतर्गत कर में छूट सम्मिलित हैं।
राष्ट्रीय बचत पत्र क्या है :
National Saving Certificate (NSC) kya hai : यह भारत सरकार द्वारा चालित एक कर बचत योजना है। कोई भी व्यक्ति जो इस योजना के अंतर्गत निवेश करके इन्हें खरीदना चाहता है वह अपने नजदीकी डाकघर से इस कार्य को अंजाम दे सकता है। कहने का आशय यह है की इस योजना के अंतर्गत NSC को डाकघर से ख़रीदा जा सकता है।
इस स्कीम के अंतर्गत कोई भी भारतवासी चाहे वह नौकरीपेशा हो, बिज़नेस मैन हो, मजदूर हो, किसान हो कोई भी इस स्कीम के अंतर्गत राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र खरीद सकता है।
कहा जाता है की इसकी शुरुआत भारत के स्वतंत्र होने के तुरंत बाद अर्थात उसके शुरूआती दशक में ही हो गई थी उस समय भारत सरकार ने स्वतंत्र भारत में धन जुटाने के लिए बचत करने वालों को डाकघरों के माध्यम से बचत प्रमाणपत्र जारी करना शुरू कर दिए थे। आज भी इस स्कीम के अंतर्गत जब किसी व्यक्ति द्वारा निवेश किया जाता है तो उसे डाकघर द्वारा राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।
एनएससी के लाभ (Benefits of NSC in Hindi)
जैसा की हम सबको विदित है की भारत में भारतीय डाक का नेटवर्क बहुत विशालकाय नेटवर्क है जो लगभग सभी शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक फैला हुआ है। चूँकि इस योजना के अंतर्गत डाकघरों में निवेश किया जा सकता है। इसलिए इसका विशालकाय नेटवर्क होने के कारण लोग यहाँ तक आसानी से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा अन्य Benefits भी हैं जिनका संक्षिप्त वर्णन कुछ इस प्रकार से है।
- यद्यपि इस स्कीम के अंतर्गत मजदूर से लेकर किसान तक कोई भी निवेश कर सकता है लेकिन यह योजना सरकारी कर्मचारियों, बिजनेसमैन एवं अन्य नौकरीपेशा लोगों को ध्यान में रख के बनाई गई है खासकर वे लोग जो करदाता हैं।
- इसका दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है की इसमें निवेश करने की कोई अधिकतम सीमा निश्चित नहीं है।
- इस निवेश में किसी प्रकार का कोई TDS नहीं कटेगा।
- इस योजना के अंतर्गत किये गए निवेश पर जो NSC मिलती है उसे बैंकों से ऋण लेने के लिए Collateral Security के रूप में रखा जा सकता है ।
- इस स्कीम के अंतर्गत ट्रस्ट एवं हिन्दू अविभाजित परिवार निवेश नहीं कर सकते ।
- पांच साल के लिए हर महीने राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एनएससी) खरीदें – परिपक्वता पर पुन: निवेश करें और आराम करें – सेवानिवृत्ति पर एनएससी की परिपक्वता के रूप में निवेशकर्ता को मासिक पेंशन मिल जाएगी।
- किसी वयस्क द्वारा अपने या किसी नाबालिग के लिए एकल धारक (Single Holder) प्रकार का प्रमाण पत्र ख़रीदा जा सकता है।
- जमा धनराशी आयकर अधिनियम की धारा 80 C के अंतर्गत कर से मुक्त होगी।
- सालाना अर्जित ब्याज आयकर अधिनियम धारा 80 C के अंतर्गत पुनः निवेश किया जाता है।
- सालाना 1.5 लाख तक के निवेश पर आयकर अधिनियम धारा 80 C के अंतर्गत कर में छूट ।
- कम से कम 100 रूपये और अधिक से अधिक अपनी क्षमता के आधार पर NSC ख़रीदा जा सकता है।
- इस स्कीम के अंतर्गत आकर्षक ब्याज दर का प्रावधान किया गया है वर्तमान में यह दर 90% सालाना है।
राष्ट्रीय बचत पत्र के प्रकार
Types of National Saving Certificate in Hindi : इस स्कीम के अंतर्गत दो प्रकार के Certificates होते हैं जो लगभग सभी डाकघरों में उपलब्ध हैं।
NSC VIII:
यह Certificate उनको जारी किया जाता है जो पांच सालों के लिए इस तरह का निवेश करते हैं। इस श्रेणी के अंतर्गत प्रमाण पत्र हिन्दू अविभाजित परिवार एवं ट्रस्ट को छोड़कर सबके लिए उपलब्ध हैं। इसमें भी निवेशकर्ता रूपये 100 से लेकर 10000 तक denominations के Certificate खरीद सकता है। इस श्रेणी के अंतर्गत दी जाने वाली ब्याज की दर भी NSC IX के मुकाबले कम होती है।
NSC IX:
यह सर्टिफिकेट भी रूपये 100 से लेकर 10000तक के denominations में उपलब्ध हैं। इसमें निवेश की परिपक्वता पांच सालों में नहीं अपितु दस सालों में होती है इसलिए इसमें मिलने वाला ब्याज NSCVIII से थोडा बेहतर यानिकी अधिक होता है।
एनएससी खातों के प्रकार
सामान्य तौर पर यदि हम इसके होल्डिंग प्रकारों की बात करें तो यह मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती हैं जिनका संक्षिप्त वर्णन कुछ इस प्रकार से है।
- Single Holder: यह प्रकार किसी एक वयस्क व्यक्ति के नाम या किसी एक नाबालिग के नाम से होता है। यदि खाता नाबालिग से समबन्धित होता है तो अभिभावक का नाम दर्ज कराना बेहद जरुरी है।
- Joint A Type NSC: यह प्रकार तब जारी किया जाता है जब राष्ट्रीय बचत पत्र योजना के अंतर्गत निवेश करने वाले दो व्यक्ति हों। जैसे यदि कोई पति-पत्नी, पिता –पुत्र, दो दोस्त इत्यादि साझेदारी में निवेश करना चाह रहे हों। तो इस प्रकार के यह सर्टिफिकेट दोनों साझेदारों के नाम से जारी किये जाते हैं, परिपक्वता पर मिलने वाली धनराशि दोनों में समान रूप से वितरित होगी।
- Joint B Type NSC: इस प्रकार में भी किन्ही दो वयस्क व्यक्तियों द्वारा निवेश किया जाता है यानिकी इसका यह प्रकार भी दो वयस्क व्यक्तियों के नाम से जारी किये जाते हैं। लेकिन Joint A में जहाँ परिपक्वता पर मिलने वाला पैसा दोनों को बराबर मिलता है। इसमें यह पैसा किसी एक व्यक्ति को ही मिलेगा यह किसको मिलेगा यह NSC खरीदते वक्त तय किया जायेगा।
राष्ट्रीय बचत पत्र कैसे खरीदें? (How to invest in NSC in Hindi)
इस योजना के अंतर्गत निवेश करने की चाह रखने वाले व्यक्ति को वैसे तो अपने नजदीकी डाकघर में जाना होगा। लेकिन चूँकि डाकघर से एनएससी खरीदने से पहले निवेश करने की चाह रखने वाले व्यक्ति को कुछ तैयारियां करनी पड़ेंगी जिससे की कम से कम चक्कर लगाकर उसका काम हो जाय इन तैयारियों में ज्यादा कुछ नहीं अपितु निवेश किये जाने वाले पैसे एवं आवश्यक दस्तावेज सम्मिलित हैं। जो निवेशकर्ता को डाकघर में जाते समय अपने साथ ले जाने होते हैं।
क्या क्या दस्तावेज चाहिए :
इन्हें खरीदने के लिए जहाँ तक आवश्यक दस्तावेजों की बात है। इनमें मुख्य रूप से पहचान प्रमाण पत्र जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड इत्यादि एवं पता प्रमाण पत्र में भी पैन कार्ड को छोड़कर अन्य दस्तावेज एवं उसके अलावा राशन कार्ड भी उपयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा निवेशकर्ता को अपनी पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ भी साथ में ले जानी पड़ेगी।
जहाँ तक भुगतान के विकल्पों अर्थात Payment Options की बात है निवेशकर्ता चाहे तो नकद, चाहे तो चेक, चाहे तो डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति का डाकघर में पहले से कोई खाता है तो उस खाते से NSC मूल्य के बराबर धनराशि ट्रान्सफर करके भी इन्हें ख़रीदा जा सकता है।
राष्ट्रीय बचत पत्र योजना से जुड़े नियम
Rules and Guidelines related to National Saving Certificate in Hindi.
- कोई सोसाइटी या कंपनी इस योजना के अंतर्गत निवेश नहीं कर सकती है। इसके अलावा कोई अनिवासी भारतीय भी इस स्कीम के तहत निवेश नहीं कर सकते हैं। हालांकि यदि किसी व्यक्ति द्वारा NRI बनने से पहले NSC खरीदी गई हो तो वह परिपक्व होने तक कार्य करती रहेगी।
- राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र खाताधारक की यदि मृत्यु हो जाती है तो इस स्थति में नामित व्यक्ति या महिला को धनराशि मिल सकती है।
- राष्ट्रीय बचत पत्रों को देश के अंतर्गत किसी भी डाकघर से किसी अन्य डाकघर में ट्रान्सफर किया जा सकता है। लेकिन यदि किसी व्यक्ति द्वारा ऐसा किया जाता है तो उसे ट्रान्सफर सर्टिफिकेट संभाल के रखना चाहिए ताकि परिपक्वता के समय वह उस प्रमाण पत्र को दिखा सके।
- यदि किसी व्यक्ति की NSC खो जाती है तो वह अपनी पहचान प्रमाणित करके duplicate certificate बनवा सकता है।
- यदि किसी खाता धारक की मृत्यु हो गई हो, या फिर एनएससी को तीन साल से अधिक का समय हो गया हो तो यह पैसा परिपक्वता के पहले भी निकाला जा सकता है।
- यदि किसी व्यक्ति को आपातकाल में कोई पैसा चाहिए हो तो वह इसे सिक्यूरिटी के तौर पर रखकर ऋण भी ले सकता है।
यदि परिपक्वता पूर्ण होने पर National Saving Certificate Scheme के अंतर्गत जमा हुआ पैसा निकाला नहीं जाता है। तो यह स्वत: ही अगले समय के लिए Renew नहीं होता बल्कि उसे पुनः निवेश करना पड़ता है। अन्यथा उस चालित खाते पर सामान्य बचत खाते के माफिक ब्याज चलता रहेगा ।
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